नारियल के 90 चमत्कारी फायदे, औषधीय गुण, उपयोग, दुष्प्रभाव : Nariyal ke Fayde aur Nuksan in Hindi

Last Updated on May 23, 2024 by admin

नारियल क्या है ?  : Coconut in Hindi

नारियल ताड़ सदृश बहुत ऊँचा जाने वाला वृक्ष है। यह शुभ का प्रतीक माना जाता है। इसके पत्ते ताड़ सदृश और उसी तरह ऊँचाई पर लगते हैं। फल मजबूत डंठल के साथ वृक्ष के ऊपर सिर पर ही गुच्छों में लगते हैं। कच्चा फल एकदम हरा, बाहरी भाग चिकना, अंदर की गिरी मजबूत कवच के अंदर सुरक्षित रहती है। कच्चे फल में नारियल पानी रहता है, जो उत्तम पेय के रूप में पिया जाता है। यह पानी सूखने के साथ-साथ गिरी परिपक्वता ग्रहण करती जाती है। पकने पर बाहर के रेशेदार कवच को हटाकर अंदर के कठोर कवच को तोड़कर गिरी निकाल ली जाती है। इसी को नारियल गिरी या गोला कहते हैं। कच्चे तथा पके, दोनों प्रकार के नारियल का मांगलिक कार्यों में बड़ा महत्त्व है।

नारियल समुद्र किनारे, केरल, पं. बंगाल, उड़ीसा, दमन-द्वीप में खूब पैदा होता है। अंडमान में भी यह खूब उगाया जाता है। गोवा इसकी उपज का प्रमुख केंद्र है। भारत के दक्षिणी राज्यों में बड़े पैमाने पर उगाया जा रहा है। नारियल के लगभग सभी अंग-उपांग काम आते हैं।

नारियल का विविध भाषाओं में नाम :

  • अंग्रेजी – Coconut
  • कन्नड़ – टेंगू
  • गुजराती – नारियल
  • तमिल – तेन्नमारम
  • तेलुगू – नारिकेलमु
  • पंजाबी – नरेल, गोला
  • बँगला – नारिकेल
  • मराठी – नारल
  • मलयालम – तेंगा
  • संस्कृत – नारिकेल
  • हिंदी – खोपरा, गोला, नारियल

नारियल के औषधीय गुण : nariyal ke gun hindi me

  1. आयुर्वेदाचार्यों की सम्मति में नारियल शीतल, देर से पचनेवाला, मूत्राशय शोधक, ग्राही, पुष्टिकारक, बलकारक, रक्त-विकारनाशक, दाहशामक एवं वात-पित्तनाशक है।
  2. कच्चा नारियल पित्त ज्वर तथा पित्त विकारों को नष्ट करनेवाला है।
  3. नारियल पानी हल्का, तृषाशामक, पित्तनाशक, मधुर एवं मूत्र संस्थान के रोगों में उपयोगी है।
  4. यह शीतल, अग्निदीपक एवं वीर्यवर्धक कहा गया है।
  5. इन सबके अलावा नारियल भारी, चिकना, ठंडा, मसाने को साफ करनेवाला, बलकारक, पुष्टिकारक, वीर्यवर्धक, कफकारक एवं काबिज है।
  6. सूखा नारियल दाहकारक, मल को रोकनेवाला, बल-वीर्य एवं रुचि को उत्पन्न करनेवाला है।
  7. सूखे नारियल में पोषक तत्त्व 6, वसा 57.4, कार्बोहाइड्रेट्स 31.8 खनिज-पदार्थ कुछ मात्रा में तथा जल या नमी 12 प्रतिशत होती है।

नारियल के पोषक तत्व :

कच्चे नारियल के पानी में विभिन्न प्रकार के खनिज लवण पाये जाते हैं:

तत्वमात्रातत्वमात्रा
नियांसिन0.64 मिलीग्राम/100 ग्रामलौह0.1 मि0ग्राम/100 ग्राम
राइबोफ्लेविन0.01 मि0ग्राम/100 ग्रामफास्फोरस37 मि0ग्राम/100 ग्राम
पाइरिडॉक्सिनअल्प मात्रा मेंकैल्शियम29 मि0ग्राम/100 ग्राम
बायोटिन0.02 मि0ग्राम/100 ग्राममैग्नीशियम30 मि0ग्राम/100 ग्राम
पेण्टोथिनिक अम्ल0.52 मि0ग्राम/100 ग्रामकॉपर0.04 मि0 ग्राम /100 ग्राम
क्लोरीन183 मि0ग्राम/100 ग्रामसल्फर24 मि0ग्राम/100 ग्राम
सोडियम105 मि0ग्रा/100 ग्रामपोटैशियम312 मि0ग्राम/100

नारियल के उपयोग हिंदी में : nariyal ke upay hindi me

  • नारियल के लगभग सभी अंग-फल, फूल, गिरी, तेल, पत्ता, छाल एवं जड़ किसी-न-किसी काम अवश्य आते हैं।
  • कच्चे फल का पानी ठंडे पेय के रूप में पिया जाता है।
  • कच्ची गिरी शौक से खाई जाती है।
  • पकी गिरी विभिन्न पक्वान्नों, मिष्टान्नों एवं व्यंजनों में उपयोगी है।
  • हलुवा, खीर, गुझिया, लड्डू आदि पारंपरिक व्यंजनों एवं आइसक्रीम, चॉकलेट, बिस्कुट आदि में इसकी भारी खपत है।
  • धार्मिक मंगल कार्यों में इसका उपयोग सर्वाधिक है।
  • किसी भी कार्य के शुभारंभ में नारियल फोड़कर देवता पर चढ़ाया जाता है।
  • विवाह-शादियों में भी इसका विशेष महत्त्व है।
  • फल के खोल से रेशे निकालकर चटाई, गद्दा, खस, सोफा, कुरसियाँ एवं बस-कार आदि की गद्दियाँ बनाने में उपयोग होता है।
  • नारियल की झाड़ प्रत्येक घर की दैनिक जरूरत है।
  • नारियल गिरी से तेल निकाला जाता है। यह उत्तम खाद्य तेल है।
  • सरसों के तेल की जगह बालों में लगाया जाता है।
  • दक्षिण भारत में रसोई में यह विभिन्न रूपों में उपयोग किया जाता है।

नारियल के फायदे : nariyal ke fayde hindi me

1. ज्वर (बुखार) में प्यास का लगना: नारियल की जड़ों को जलाकर गर्म पानी में डालकर रख दें। ठंड़ा हो जाने पर छानकर देने से रोगी को लाभ मिलता है।

2. पेट में दर्द (उदर शूल) :

  • हरे नारियल के पानी को पीने से पेट दर्द और जलोदर (पेट में पानी का भरना) में आराम मिलता है।
  • नारियल को दिन में तीन बार थोड़ा-थोड़ा खाने से लाभ होता है।
  • नारियल के पानी में सेंधानमक डालकर पीने से पेट के दर्द में आराम होता है।

3. सभी प्रकार के दर्द में:

  • 1 साफ नारियल में थोड़ा-सा छेद करके उसमें नमक भर दें, फिर उसको बाहर से मिट्टी लगाकर सुखा दें। सूख जाने के बाद उसे धीमी आग पर पकाएं। फिर नारियल के खोपरे को नमक के साथ पीसकर चूर्ण बना लें। इस बने चूर्ण को पीपर (पीपल) के चूर्ण के साथ सेवन करने से सभी प्रकार के दर्द मिट जाते हैं।
  • नारियल की गिरी 12-24 ग्राम, अदरक और घी के साथ दिन में 3 बार दे सकते हैं।

4. बालों का गिरना:

  • नारियल के तेल की सिर में मालिश करने से बालों का गिरना बन्द हो जाता है।
  • मेथी और आंवले के चूर्ण को नारियल के तेल में उबालकर सिर पर लगाने से लाभ मिलता है।

5. लू (गर्म हवा) का लगना: लू लगने पर नारियल के पानी को बार-बार पिलाना चाहिए।

6. डी-हाइड्रेशन (पानी की कमी होना):

  • नारियल के पानी में नींबू का रस (स्वादानुसार) मिलाकर बच्चों को हर 5 मिनट पर 1 चम्मच की मात्रा में पिलाने से लाभ मिलता है। इससे बच्चे के मल में कृमि (कीड़े) मल के रास्ते बाहर निकल जायेंगे, उल्टी होना बन्द हो जाएगी। बड़ों को 1 चम्मच के बदले पूरे नारियल का पानी दे सकते हैं।
  • नारियल का पानी थोडा़-थोड़ा करके पीने से शरीर में पानी की कमी दूर हो जाती है।

7. शिशुओं को दूध पचना: दूध में नारियल के पानी को मिलाकर शिशुओं को पिला दें, जिन शिशुओं को दूध नहीं पचता, उन्हें नारियल के पानी को दूध में मिलाकर पिलाने से बच्चे आसानी से दूध को पचा सकते हैं।

8. सिर में दर्द:

  • नारियल की सूखी गिरी 25 ग्राम और मिश्री 25 ग्राम को मिलाकर सुबह-शाम सेवन करने से सिर में दर्द होना बन्द हो जाता है।
  • ताल मिश्री के साथ सूखे नारियल को मिलाकर सेवन करने से सिर का दर्द दूर हो जाता है।

9. नकसीर (नाक से खून आना):

  • गर्मियों के मौसम में लगभग 100 मिलीलीटर नारियल का पानी दिन में कई बार पीने से नकसीर (नाक से खून बहना) का रोग नहीं होता है।
  • सुबह उठते ही खाली पेट नारियल खाने से नकसीर (नाक से खून बहना) बन्द हो जाती है।

10. मोटापा बढ़ाना:

  • नारियल खाने से शरीर में चर्बी चढ़ती है और मस्तिष्क (दिमाग) को ताकत मिलती है।
  • नारियल को दिन में 2 बार 50-50 ग्राम की मात्रा में रोज सेवन करने से शरीर मोटा होने लगता है।

11. ज्वर (बुखार) होने पर:

  • नारियल का पानी पीने से बुखार कम हो जाता है।
  • डाभ (कच्चे नारियल) का पानी पीने से बुखार को दूर होता है।

12. सुंदर बच्चों के लिए: 1 नारियल का पानी गर्भवत्ती स्त्री को रोज पीते रहने से सन्तान सुंदर पैदा होती है।

13. पथरी (अश्मरी):

  • नारियल का पानी दिन में 3 बार पीते रहने से पथरी मूत्र के द्वारा कटकर बाहर निकल जाती है।
  • 12 ग्राम नारियल के पानी में आधा ग्राम यवक्षार मिलाकर दिन में 2 बार देने से लाभ मिलता है।
  • नारियल का फूल 12 ग्राम को पानी के साथ मसलकर चटनी बना लें तथा उसमें लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग यवक्षार मिलाकर प्रतिदिन सुबह-शाम लें। इससे पेशाब खुलकर आता है तथा मूत्राशय की पथरी गलकर बाहर निकल जाती है।

14. आंखों के रोगों के लिए: नारियल की सूखी गिरी 25 ग्राम और शक्कर (चीनी) 60 ग्राम को मिलाकर रोजाना 7 दिनों तक खाने से लाभ पहुंचता है।

15. जीभ के फटने पर : सूखे नारियल की गिरी और मिश्री को मिलाकर चबायें। इससे पान खाने के कारण फटी हुई जीभ में लाभ मिलता है।

16. चेहरे पर दाग-धब्बे: रोजाना नारियल के पानी को लगाते रहने से चेहरे के कील-मुंहासे, दाग-धब्बे और चेचक के निशान दूर हो जाते हैं।

17. बवासीर (अर्श): नारियल की जड़ की राख 10 ग्राम और बूरा (मीठा) 10 ग्राम को मिलाकर पानी के साथ सेवन करने से बवासीर दूर होती है।

18. प्रसव: नारियल का गोला 25 ग्राम और मिश्री 25 ग्राम को खाते रहने से प्रसव के समय दर्द नहीं होता है।

19. बच्चों की खांसी (कुकर खांसी) : नारियल के तेल को दिन में 4 बार 1 साल के शिशु को पिलाते रहने से लाभ मिलता है।

20. शरीर में गर्मी होने पर:

  • नारियल के तेल में पानी को अच्छी तरह मिलाकर सिर व पैरों के तलुवों पर मालिश करने से शरीर की गर्मी धीरे-धीरे शान्त होती है।
  • सुबह भूखे पेट नारियल के पानी में नींबू के रस को मिलाकर पीने से शरीर की सारी गर्मी मूत्र और मल के साथ निकल जाती है और खून साफ हो जाता है।

21. चूहे के काटने पर: बेस्वाद नारियल के खोपरे को मूली के रस में घिसकर लेप करने से लाभ मिलता है।

22. रक्तपित्त: नारियल का पानी, निर्मली के बीज़, शक्कर (चीनी) और इलायची को पीसकर सेवन करने से खूनी पित्त और पेशाब करने में कष्ट या जलन (मूत्रकृच्छ्) दूर होती है।

23. जलन वाला मूत्रकृच्छ् (पेशाब करने में जलन):

  • नारियल के पानी में गुड़ और धनिये को मिलाकर पीने से पेशाब में जलन दूर होगी और पेशाब खुलकर आयेगा।
  • कच्चे नारियल का पानी काफी मात्रा में पीने से लाभ मिलता है।

24. हृदय रोग : ताजे नारियल के 50 मिलीलीटर पानी में सेंकी हुई हल्दी की गांठ को घिस लें, फिर इसे 20 ग्राम शुद्ध घी में मिलाकर पीने से दिल की बीमारी दूर होती है।

25. रक्तप्रमेह: 1 साफ नारियल में छेद बनाकर 250 मिलीलीटर पानी और 3-4 चुटकी फिटकरी का चूर्ण डालें, फिर इसके छेद को बन्दकर रात भर ओस में रखकर सुबह के समय हिलाकर पीने से खूनी वीर्य विकार की समस्या मिटती है।

26. वायु रोग: ताजे नारियल के खोपरे के रस को आग पर सेंक लें, सेंकने के बाद जो तेल निकले, उसमें कालीमिर्च की बुकनी डालकर शरीर पर लगाने से वायु के कारण जकड़े हुए अंग वायुमुक्त होते हैं और वात रोग दूर होते हैं।

27. घाव:

  • शुद्ध नारियल तेल भी एक अच्छा घाव रोपण माना गया है। इसे घाव पर लगाने से जल्दी फायदा होता है।
  • जलपीपल से शुद्ध नारियल के तेल को घाव पर लगाने से शीघ्र ठीक होता है।
  • नारियल के तेल को घाव या जले हुए भाग पर लगाना चाहिए।

28. वीर्यवर्धक (धातु को बढ़ाने वाला) : ताजा खोपरे (गोला की गिरी) 640 ग्राम, 320 मिलीलीटर पानी, गाय का घी 320 ग्राम और शर्करा 640 ग्राम डालकर धीमी आंच पर पकाएं। जब यह चिपचिपा हो जाये तो इसमें 10 ग्राम दालचीनी, 10 ग्राम तमालपत्र, 10 ग्राम इलायची, 10 ग्राम जायफल, 10 ग्राम कालीमिर्च, 10 ग्राम सोंठ, 10 ग्राम जीरा, 10 ग्राम बायविडंग और 10 ग्राम पीपल (पीपर) को एक साथ पीसकर बारीक चूर्ण बना लें और अच्छी तरह पाक लें। इस पाक का सेवन हृदय के लिए लाभकारी, शीतल, वीर्यवर्धक (धातु को बढ़ाने वाला), अग्निवर्धक (भूख को बढ़ाने वाला) और बस्ति शोधक (नाभि के नीचे के भाग में सूजन) होता है।

29. शरीर को मजबूत और ताकतवर बनाने के लिए: दिसम्बर, जनवरी और फरवरी इन तीनों महीनों में रोजाना सुबह-सुबह खोपरा और गुड़ को मिलाकर चबा-चबाकर खाने से बच्चों और युवक-युवतियों के शरीर में शक्ति की वृद्धि होती है। इसके साथ ही छाती बड़ी और ताकतवर बनती है।

30. हिचकी उल्टी होने पर: नारियल के ऊपर के छिलके की राख शहद के साथ चाटने से उल्टी व हिचकी आना रुक जाती है।

31. हैजा (उल्टी-दस्त):

  • हैजा की स्थिति में नारियल का पानी सभी पोषक तत्वों की पूर्ति और प्राणों की रक्षा करता है, इसलिए नारियल का पानी पिलाना चाहिए।
  • कच्चे नारियल का पानी थोड़ी-थोड़ी मात्रा में पीने से प्यास बुझने लगती है।

32. हृदय (दिल), ज्ञान तन्तुओं पाचन तन्त्रों के लिए: नारियल के पानी को पीने से हृदय को ताकत मिलती है।

33. झुर्रियां, मुंहासे: नारियल का पानी रोजाना दिन में 2 बार लगाने से चेहरे की झुर्रियां और सिलवटें दूर हो जाती हैं।

34. परिणाम शूल: 100 से 500 कच्चे हरे नारियल के फल (गोला) के पानी को दिन में 2 बार पीने से अम्लपित्त और परिणाम (पेप्टिक अल्सर) में आराम मिलता है।

35. यक्ष्मा (टी.बी.): कच्चे नारियल 25 ग्राम खाने से या पीसकर पीने से टी.बी. के कीटाणुओं का नाश होता है तथा फेफड़ों को ताकत मिलती है।

36. नाखूनों की चमक को बढ़ाने के लिए: नारियल के तेल की मालिश नाखूनों पर करने से नाखूनों की चमक और आयु बढ़ती है।

37. मासिक-धर्म सम्बंधी विकार :

  • नारियल को खाने से पेशाब से सम्बंधित सारी बीमारी दूर होती है। और स्त्रियों का रुका मासिक-धर्म खुलकर आता है।
  • नारियल का सेवन करने से मूत्र (पेशाब) खुलकर आता है, यह कामोत्तेजक है, वीर्य (धातु) को गाढ़ा करता है और मासिक-धर्म को नियमित करता है।

38. दांतों का दर्द :

  • नारियल के तेल में रूई को भिगोकर दर्द हो रहे दांत के नीचे दबाकर रखें। इससे दांतों दर्द में जल्द आराम मिलता है।
  • दांतों में खट्टापन बढ़ जाने पर दांत चिपचिपा जैसा महसूस होने लगता है। इस प्रकार के दांतों के रोगों में नारियल की गिरी, बादाम की मींगी, पीला मोम तथा हींग इन सबको मिलाकर मुंह में रखकर दांतों से चबायें। इससे दांतों का खट्टापन दूर हो जाता है।

39. काली खांसी:

  • 3 ग्राम नारियल का तेल हल्का गर्म करके रोगी बच्चे को पिलाने से खांसी का प्रकोप कम हो जाता है।
  • नारियल के जटा की भस्म करके लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग शहद से या पानी से खाएं। इससे 2-3 बार में ही खांसी का वेग व खांसी खत्म हो जाती है।
  • नारियल का तेल छोटे बच्चों को पिलाने से काली खांसी में बहुत लाभ मिलता है।

40. खांसी: सूखे नारियल को घिसकर बुरादा बना लें, फिर एक कप पानी में चौथाई कप नारियल का बुरादा मिलाकर भिगो लें। 2 घंटे बाद इसे छानकर नारियल का बुरादा निकालकर पीस लें। इसकी चटनी सी बनने पर भिगोये हुए पानी में घोलकर पी जाएं। इस प्रकार से रोजाना इसे 3 बार पीने से खांसी, फेफड़ों के रोग और टी.बी. में लाभ होता है। इससे शरीर पुष्ट होता है। इसके साथ नारियल भी खाने से लाभ होता है।

41. बालों को काला करना: 300 मिलीलीटर नारियल के तेल में कालीमिर्च (मोटी कुटी हुई) 3 ग्राम, 1 चम्मच डालकर गर्म कर लें। थोड़ा तेज गर्म हो जाने पर साफ कपड़े से छानकर बोतल में भर लें। रात में सोने से पहले इसे बालों की जड़ों में अंगुलियों के सिरों से हल्का-हल्का मालिश करने से बाल काले हो जाते हैं।

42. जीभ और मुह का सूखापन : नारियल के पानी में चन्दन को घिसकर बने घोल में से 20 ग्राम घोल को पिलाने से मुंह का सूखापन खत्म होता है और प्यास की कमी भी दूर होती है।

43. डकार के आने पर : कड़वी नारियल की गिरी को खाना खाने के बाद खाने से खट्टी डकारें आना बन्द हो जाती हैं।

44. गैस्ट्रिक अल्सर: कच्चे नारियल के पानी को पीने से गैस्ट्रिक अल्सर के रोगी के मुंह से आने वाले खून में लाभ होता है।

45. जीभ की जलन और सूजन: नारियल की गिरी और मिश्री मिलाकर चबाने से पान खाने से फटी हुई जीभ ठीक हो जाती है।

46. सिर की रूसी: 100 मिलीलीटर नारियल का तेल, 5 ग्राम कपूर, एक साथ मिलाकर बोतल में रख लें। इसे सुबह-शाम नहाने के बाद बालों के सूख जाने पर और रात में सोने से पहले सिर में मालिश करें इससे रूसी से छुटकरा मिलेगा।

47. सुंदर पुत्र की प्राप्ति: कच्चे नारियल का गोला 25-30 ग्राम प्रतिदिन गर्भवती स्त्री को सेवन कराने से सुंदर सन्तान जन्म लेती हैं।

48. भूख का बार-बार लगना (अतिझुधा भस्मक): नारियल की जड़ का मिश्रण दूध के साथ पीने से भस्मक रोग मिट जाता है।

49. वमन (उल्टी):

  • नारियल का पानी पीने से उल्टी आना और ज्यादा प्यास लगना कम हो जाता है।
  • नारियल की जटा को जलाकर उसकी राख बना लें। इसकी 10 ग्राम राख को 10 ग्राम बड़ी इलायची के चूर्ण और लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग शहद के साथ मिलाकर चाटने से उल्टी आने का रोग समाप्त हो जाता है।

50. गर्भावस्था का भोजन: नारियल और मिश्री खाने से प्रसव में दर्द नहीं होता है तथा उत्पन्न सन्तान स्वस्थ होती है।

51. हिचकी का रोग:

  • नारियल का पानी पीने से हिचकी में लाभ होता है।
  • लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग नारियल की गिरी में लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग मिश्री को मिलाकर खिलाने से बच्चों की हिचकी में आराम होता है।
  • नारियल की जटा की भस्म (राख) पानी में घोलकर रख दें। जब राख बैठ जाये। तब इस पानी को पीने से हिचकी मिट जाती है।
  • नारियल के डाभ (कच्चे नारियल) का पानी पीने से हिचकी में लाभ होता है।

52. नपुंसकता (नामर्दी): नारियल कामोत्तेजक है। वीर्य को गाढ़ा करता है।

53. कान के कीड़े: तसतूम्बे के पके हुए फल और नारियल के रस को एक साथ मिलाकर गर्म करके और छानकर 2-3 बूंदों कान में डालने से कान का जख्म भरकर ठीक हो जाता है।

54. दस्त: कच्चे नारियल (डाभ) के पानी को पीने से प्यास और दस्त में लाभ मिलता है।

55. खूनी बवासीर:

  • नारियल की जटा को आग में जलाकर भस्म (राख) बना लें और इसके बराबर मात्रा में चीनी मिलाकर 3 ग्राम की मात्रा में प्रतिदिन सुबह-शाम जल के साथ पीने से खूनी बवासीर ठीक होती है।
  • नारियल की जड़ों की राख में बूरे को मिलाकर 10-10 ग्राम फंकी के रूप में पानी के साथ लें।
  • नारियल की आंखों के पास की जटा को जलाकर भस्म (राख) बना लें। इसकी 2 ग्राम भस्म (राख) खाकर ऊपर से छाछ या दही 300 से 400 ग्राम प्रतिदिन सुबह-शाम पीयें। इसका प्रयोग लगातार 5 दिनों तक करना चाहिए। इस प्रयोग के दौरान तेल, मिर्च, खटाई तथा गुड़ का प्रयोग नहीं करना चाहिए।

56. अनियमित मासिक स्राव: नारियल खाने से मासिक-धर्म खुलकर आता है।

57. गुर्दे के रोग: नारियल की जड़ का काढ़ा 40 मिलीलीटर रोज दिन में 3 बार खाने से पथरी में फायदा होता है।

58. कान में मैल जमना: नारियल, बादाम या सरसों के असली तेल की थोड़ी सी बूंदों को रात में सोते समय कान में डाल लें। सुबह उठने पर किसी रूई से कान को साफ कर लें। इन तेलों में से किसी भी 1 तेल को अगर रोजाना कान में डालें तो कान में मैल नहीं जमता और कान बिल्कुल साफ रहता है।

59. आंवरक्त (पेचिश): पेचिश दूर करने के लिए गोले के कच्चे फल की गिरी और तिल बराबर मात्रा में लेकर उसका रस निकाल लें। उस रस को दही और घी में मिलाकर खाने से यह रोग दूर हो जाता है।

60. भगन्दर: एक नारियल का ऊपरी खोपरा उतारकर फेंक दें और उसका गोला लेकर उसमें एक छेद कर दें। उस नारियल के छेद में वट वृक्ष का दूध भरकर छेद को दो अंगुल मोटे मिट्टी के लेप से बन्दकर उपले के आग में पका लें। पक जाने पर लेप हटाकर उसका रस निकालकर उसमें 5-6 ग्राम त्रिफला का चूर्ण मिलाकर सेवन करें।

61. हड्डी की कमजोरी: चार भाग नारियल की गिरी में एक भाग पिसी हुई हल्दी मिलाकर पोटली बांधकर गरम-गरम सेक करना चाहिए।

62. अम्लपित्त:

  • कच्चा नारियल (डाभ) का पानी पीने से पेट की जलन, कलेजे की जलन में अच्छा लाभ पहुंचता है।
  • नारियल की गिरी की राख को 6 ग्राम की मात्रा में रोजाना सुबह सेवन करने से अम्लपित्त की बीमारियां दूर होती हैं।
  • नारियल का पानी पीने से अम्लपित्त दूर होता है।
  • ताजा नारियल का 10 लीटर पानी निकालकर शहद के जैसा गाढ़ा बना लें, फिर उसमें जायफल, सोंठ, कालीमिर्च, पीपर (पीपल), जावित्री तथा थोड़ी-सी बुकनी डालकर कांच के बर्तन में भरकर रख लें। 10 से 15 ग्राम की मात्रा में 15 दिनों तक सेवन करने से अम्लपित्त, उदरशूल (पेट का दर्द) और यकृत वृद्धि (लीवर का बढ़ना) से छुटकारा मिलता है।

63. प्यास का अधिक लगना:

  • नारियल की जटा (रेशा) जलाकर पानी में बुझा लें। फिर इस पानी को अच्छे से मिलाकर व छानकर पिलायें। इससे गले का सूखापन दूर होता है।
  • नारियल के पानी को पीने से भी गले का सूखना व तेज प्यास लगना बन्द हो जाता है।

64. रक्तप्रदर (खूनी मासिक-धर्म, अत्यार्तव): नारियल की मूल (जड़) का काढ़ा 40 से 80 मिलीलीटर की मात्रा में प्रतिदिन सेवन करने से रक्तप्रदर नष्ट हो जाता है।

65. शीतपित्त : नारियल या तिल्ली के तेल में थोड़ा-सा कपूर मिलाकर शरीर पर मालिश करें। इससे हर प्रकार की पित्ती खत्म हो जाती है।

66. निद्राचारित या नींद में चलना : नारियल के पेड़ का दूध नियमित रूप से सुबह-शाम को 1 कप नींद में चलने वाले रोगी को देने से लाभ प्राप्त होता है।

67. पेट में कृमि (कीड़े) :

  • नारियल के छिलके को पानी में उबालकर रोजाना सुबह-सुबह पीने से पेट के कीड़े मरकर मल के द्वारा बाहर निकल जाते हैं।
  • नारियल के खोपरे को बारीक पीसकर चूर्ण बनाकर सेवन करने से पेट के कीड़े मरकर पेट के दर्द में लाभ होता है।
  • 6 ग्राम नारियल के तेल का सेवन करने से पेट के कीड़े मर जाते हैं।
  • नारियल का पानी पीने, कच्चा नारियल खाने से पेट से कीड़े निकल जाते हैं।
  • नारियल के पानी को पीने तथा कच्चा नारियल खाने से पेट के कीड़े मल के द्वारा बाहर निकल जाते हैं।

68. वात रोग:

  • 1 नारियल के साथ 20 ग्राम भिलावां पीसकर आग पर चढ़ा दें। जब तेल ऊपर आ जाये तो उसे छानकर शीशी में रख लें। तेल की मालिश और नीचे की बची हुई लुगदी को लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग रोज खाने से सारे वात रोग दूर होते हैं।
  • 70 ग्राम कच्चे नारियल का रस, 3 ग्राम त्रिफला कुटा हुआ और 2 ग्राम कालीमिर्च का चूर्ण मिलाकर सुबह-शाम पीने से सारे वायु रोग खत्म हो जाते है।

69. प्रसूता स्त्री के स्तनों में दूध का कम उतरना: नारियल के डाभ यानी नारियल के भीतर के पानी में फरहद के पत्तों को पकाकर काढ़ा बना लें। इसे रोजाना सुबह-‘शाम बच्चे को जन्म देने वाली मां (प्रसूता स्त्री) को सेवन कराने से स्तनों के अन्दर की शुद्धि होती है और स्तनों में दूध की बढ़ोत्तरी होती है।

70. आधासीसी (माइग्रेन) अधकपारी: लगभग 2-3 बूंद नारियल का पानी नाक में टपकाने से आधासीसी का दर्द ठीक हो जाता है।

71. तंग योनि का खुलना: गोले के तेल में कपूर को मिलाकर योनि की मालिश करने से तंग योनि खुल जाती है।

72. योनि की जलन और खुजली: नारियल तेल 50 मिलीलीटर और 3 ग्राम कपूर (कर्पूर) को मिलाकर योनि पर लेप करने से योनि की खुजली से छुटकारा मिलता है।

73. एक्जिमा: नारियल का तेल और कपूर को अच्छी तरह मिलाकर एक्जिमा वाले स्थान पर लगाएं।

74. एलर्जी: शरीर पर नारियल या तिल्ली के तेल की मालिश से एलर्जी के रोग में लाभ मिलता है।

75. चेहरे की झांई के लिए: अगर चेहरे पर कील, मुंहासे, चेचक के दाग, धब्बे काफी समय से हो तो कच्चे नारियल का पानी चेहरे पर लगाने से सब मिट जाते हैं। अगर नारियल का पानी न मिले तो बताशे को पीसकर दूध में मिलाकर चेहरे पर लगा लें और एक घंटे के बाद धो लें।

76. खाज-खुजली:

  • नारियल के तेल में नींबू का रस मिलाकर मालिश करें या नींबू को वैसे ही चूसें। इससे खुजली मिट जाती है।
  • 10 ग्राम पिसी हुई गंधक को 100 ग्राम नारियल के तेल में मिलाकर कई बार खुजली वाले स्थान पर लगाने से खुजली दूर होती है।
  • 50 मिलीलीटर नारियल के तेल में नींबू के रस को मिलाकर मालिश करने से खुजली में आराम होता है।
  • 20 मिलीलीटर नारियल के तेल में 10 ग्राम नींबू के रस को मिलाकर लेप करने से खुजली दूर हो जाती है।
  • 100 मिलीलीटर नारियल के तेल को थोड़ा-सा गर्म करके उसमें 10 ग्राम कपूर को मिलाकर लगाने से खुजली तुरन्त ही मिट जाती है। कपूर में त्वचा को सुन्न करने का गुण मौजूद होता है।
  • 50 मिलीलीटर नारियल के तेल में 10 ग्राम कपूर मिलाकर शरीर पर लेप करने से खुजली मिट जाती है।

77. चेचक (बड़ी माता):

  • 240 से 480 ग्राम केसर को नारियल के पानी के साथ रोजाना 2 बार रोगी को पिलाने से चेचक के दाने जल्दी ही और आसानी से बाहर आ जाते हैं।
  • नारियल के तेल में कपूर को मिलाकर लगाने से चेचक के दाग मिट जाते हैं।

78. नाखून के रोग: नारियल की ऊपरी छाल को घिसकर प्रतिदिन 2 से 3 बार लगाने से नाखून के रोगों में लाभ मिलता है।

79. दाद: 100 मिलीलीटर नारियल के तेल में 20 ग्राम कपूर को मिलाकर लगाने से दाद ठीक हो जाता है।

80. फोड़े-फुंसी: 100 मिलीलीटर नारियल का तेल, 10 ग्राम मुहार की मक्खियों का मोम और 2 चम्मच तुलसी के पत्तों के रस को मिलाकर थोड़ी देर के लिए आग पर पकाकर लेप बना लें। फिर इसे आग से उतारकर ठंड़ा करके इस लेप को कुछ दिनों तक फोड़े-फुंसियों पर लगाने से लाभ मिलता है।

81. शरीर का सुन्न पड़ जाना: शरीर के अंग सुन्न होने पर 10 मिलीलीटर नारियल के तेल में आधा चम्मच जायफल का तेल डालकर मिलाकर इस तेल की मालिश सुन्न वाले स्थान पर करें।

82. घमौरियां: सुबह-शाम नहाने के बाद असली नारियल के तेल में कपूर को मिलाकर पूरे शरीर पर मालिश करने से घमौरी मिट जाती है।

83. शरीर की जलन: नारियल का पानी बार-बार पीने से शरीर की जलन शान्त हो जाती है।

84. सदमा मर्माहत: जब मनुष्य के अन्दर कमजोरी आ जाये और बार-बार उसे सदमे आते हो तो उसको नियमित रूप से 1-1 कप नारियल का दूध सुबह-शाम को पिलाने से सदमे आना बन्द हो जाते हैं। कच्चा नारियल खाना भी ठीक होता है।

85.  होठों का फटना: 5 ग्राम मोम को 25 मिलीलीटर नारियल के बहुत गर्म तेल में डालकर घोट लें। फिर इसे दिन में 3 बार होठों पर मलने से लाभ होता है।

86. सफेद दाग : 10 मिलीलीटर नारियल के तेल में 1 ग्राम नौसादर को डालकर अच्छी तरह से मिलाकर लेप बना लें। रात को सोते समय इस लेप को सफेद दागों पर लगाने से लाभ मिलता है।

87. जलने पर :

  • नारियल के तेल में चूने का पानी मिलाकर लगाने से जले हुए रोगी को बहुत आराम मिलता है।
  • जले हुए स्थान पर नारियल का असली तेल लगाने से जलन शान्त हो जाती है। अगर कोई व्यक्ति आग से जल गया हो और उस समय कोई औषधि पास में न हो तो जले हुए स्थान पर नारियल का तेल लगा दें इससे जलन और दर्द तुरन्त शान्त हो जाते हैं और जख्म भी नहीं होता है।
  • शरीर में आग लग जाने पर जले हुए स्थान पर कपड़े चिपक जाये तो उन्हें नारियल या तिल के तेल में रूई को भिगोकर उससे छुड़ाएं। इसके बाद नारियल, जैतून या तिल का तेल लगाने से लाभ होता है।

88. बच्चों के रोग : लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग जहरमोरा, लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग जहरीले नारियल की गिरी और लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग निर्मली को पीसकर गुलाबजल के साथ पिलाने से बच्चों की उल्टी, अतिसार (दस्त) और सूखा रोग (रिकेट्स) ठीक होता है।

89. सौन्दर्य प्रसाधन : शुद्ध (असली) नारियल का तेल बालों के लिए बहुत ही लाभकारी है और इस तेल से जख्म भी जल्दी भर जाते हैं।

90. शारीरिक सौन्दर्यता : नारियल का दूध बनाने के लिए कच्चे नारियल को कद्दूकस में घिसकर पानी में डाल दें और 1 घंटे के बाद छान लें यह नारियल का दूध बन जायेगा। इसे चेहरे पर लगाने से सुदंरता बढ़ती है।

नारियल के दुष्प्रभाव :

नारियल का सूखा खोपरा गर्म, रूक्ष और पित्तकारक होता है। इसका अधिक सेवन करने से खांसी, जलन और श्वास (दमा) रोग उत्पन्न होता है। अधिक खोपरा खाने से हुई हानि पर अगर ऊपर से शर्करा खाये और दूध पीये तो लाभ होता है।

Read the English translation of this article hereCoconut (nariyal) 90: Uses, Benefits, Nutrition Facts and Side Effects

अस्वीकरण: इस लेख में उपलब्ध जानकारी का उद्देश्य केवल शैक्षिक है और इसे चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं ग्रहण किया जाना चाहिए। कृपया किसी भी जड़ी बूटी, हर्बल उत्पाद या उपचार को आजमाने से पहले एक विशेषज्ञ चिकित्सक से संपर्क करें।

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