पायरिया का आयुर्वेदिक इलाज ,कारण लक्षण और दवा | Payriya ke Gharelu Nuskhe

Last Updated on April 18, 2020 by admin

दांत हमारे शरीर के महत्त्वपूर्ण अंगों में से एक हैं।दांतों की उपयोगिता के बारे में जानते हुए भी हम उन के प्रति सचेत नहीं रहते।नतीजा यह होता है कि उन में दंतक्षय और पायरिया जैसी बीमारियां हो जाती हैं।परिणामस्वरूप जो दांत सारी उम्र चलने चाहिए, वे असमय ही गिरने लगते हैं और व्यक्ति दांतविहीन हो जाता है।तब उसे पछतावा होता है कि काश, दांतों की देखभाल शुरू से ही की जाती तो आज यह नौबत ही नहीं आती।

क्या है पायरिया ? : Payriya in Hindi

दांतों की सब से सामान्य बीमारी पायरिया है।इसे ‘पीरियो डोंटाइटिस’ के नाम से भी जाना जाता है।सही ढंग से दांतों की सफाई न होने के कारण ही हमारे देश में पायरिया ग्रस्त लोगों की संख्या बहुत ज्यादा है।इस बीमारी की शुरुआत मसूड़ों की सूजन, मुंह में दुर्गंध या खून आने यानी जिंजीवाइटिस से होती है।यदि इसी समय सफाई करा ली जाए तो इसे बढ़ने से रोका जा सकता है।लेकिन लापरवाही बरतने पर यही ‘पीरियोडोंटाइटिस’ का रूप ले लेती है।इस से दांतों को मुंह में जमाने वाली हड्डी भी गलने लगती है।दांत हिलने लगते हैं।अंतत: गिर जाते हैं.
यों तो समूचा विश्व पायरिया जैसे दंत रोगों से त्रस्त है, लेकिन भारत में यह समस्या विकराल है।यहां की आबादी का करीब 85 प्रतिशत दांत या मसूड़ों के रोगों से पीड़ित है।इस में भी 18 से 75 वर्ष की आयु के लोग इस के ज्यादा शिकार हैं।महिलाओं की तुलना में पुरुषों को ये बीमारियां अधिक होती हैं.
दांत और मसूड़ों की बीमारियों का सब से बड़ा कारण है, दांतों के प्रति उदासीनता अथवा लापरवाही बरतना।इस के साथ ही अशिक्षा, अज्ञानता, कुपोषण और दांतों की ठीक से साफसफाई नहीं होना इस के अन्य कारण हैं।
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पायरिया के लक्षण : Payriya ke Lakshan in Hindi

दांतों की जड़ें और मसूड़ों के बीच एक पतली झिल्ली (टिशू) होती है जिसे पीरिओडोंटल मेंमब्रेन कहते हैं।प्रथम तो ये जीवाणु पीरिओडोंटल मेंमब्रेन को रोगी और निष्क्रिय बनाते हैं और साथ ही मसूड़ों को अंदर ही अंदर रोगी बनाते हैं।मसूड़ों में रक्त संचार कम हो जाता है और मसूड़े कमजोर हो जाते हैं।अब मसूड़ों में दांतों को संभालने की ताकत नहीं रहती।कमजोर मसूड़े और दांत हिलने की वजह से रोगी भोजन भली प्रकार चबा नहीं सकता।कभी मरीज के किसी एक दांत में पीड़ा होती है तो दूसरे दिन दूसरे दांत में, और कभीकभी संपूर्ण जबड़े में ही पीड़ा होने लगती है, मसूड़ों में खुन और पस जमा हो कर बहने लगता है।फिर खुन, पस, जीवाणु, लार, भोजन के साथ पेट में पहुंचता है।इस प्रकार हमें पेट के अन्य रोग भी नजर आने लगते हैं.
पायरिया रोग को पूरी तरह विकसित होने में कई वर्ष का समय लगता है।बाह्य लक्षण प्रकट होने में और मसूड़ों का आकार और रंग बदलने से सामान्य व्यक्ति को पता नहीं लगता, वह दंत चिकित्सक के पास तभी जाता है जब मसूड़ों से खून और पीप निकलने लगता है.
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पायरिया होने के कारण : Payriya ke Karan in Hindi

दांतों की बीमारियों में पायरिया प्रमुख है।पायरिया मसूड़ों की बीमारी है।यदि दांत ठीक से साफ न किए जाएं तो उन से मसूड़े प्रभावित होते हैं।दो दांतों के बीच की जगह में भोजन कण फंसे रह जाते हैं जो लार में मिल कर एक विशेष किस्म के मैल का निर्माण करते हैं।यह मैल मसूड़ों और दांतों के बीच धीरे धीरे कठोर स्वरूप ले लेता है, फिर साधारण ब्रश से इसे हटाया नहीं जा सकता.
अधिक मैल जमने से मसूड़े फूले हुए रहते हैं।जरा सा दबाव पड़ने से उन में से खून निकलने लगता है।धीरेधीरे मवाद भी पड़ने लगता है और मुंह से तीखी दुर्गंध आने लगती है, कुछ समय बाद दांत हिलने लगते हैं।धीरेधीरे यह सभी दांतों को अपनी चपेट में ले लेता है, फिर तो सभी दांत निकलवाने के सिवा कोई उपाय नहीं बचता।
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पायरिया के घातक परिणाम :

पायरिया घातक है।इस से अपच, भूख न लगना, चक्कर आना, गुरदे की बीमारी, जोड़ों में दर्द वगैरह कई रोग पैदा हो सकते हैं।दांतों की नियमित सफाई और देखभाल न की जाए तो इन में सड़न पैदा होने लगती है, जिस से बदबू निकलने लगती है।

पायरिया का एलोपैथिक इलाज :

पायरिया की बीमारी जिस प्रकार वर्षों में धीरेधीरे विकसित हो कर अंतिम चरण में पहुंचती है उसी प्रकार उस के ठीक होने में काफी समय लगता है।पायरिया का इलाज विभिन्न चरणों से हो कर गुजरता है.

प्रथम चरण

✦मसूड़ों में जीवाणु का नाश करना और पीप को सुखाना.
✦इस के लिए दंत चिकित्सक की सलाह और एंटीबायोटिक का प्रयोग और लाइट माउथ वाश (जीवाणु नाशक घोल) का उपयोग करना होता है,
✦सादा भोजन और एक विटामिन की गोली, जीवाणु नाशक मंजन या टूथ पेस्ट का इस्तेमाल और दोनों समय दांतों की संपूर्ण सफाई।
✦मसूड़ों पर कोई भी गम पेंट लगाने से पीड़ा कम होती है।यदि पीड़ा ज्यादा हो तो दर्द निवारक गोली का उपयोग किया जा सकता है।लगभग एक माह में रोग नष्ट हो जाता है.

द्वितीय चरण

✦मसूड़ों में खून व पीप आना लगातार जारी रहता है और मसूड़ों का रंग नीला-काला पड़ जाता है.
✦ दांत की पकड़ कमजोर होती जाती है और दांत हिलने लगते हैं।वास्तव में मसूड़े कमजोर और ढीले होते जाते हैं।यदि दंत चिकित्सक चाहे तो संवेदनशील मसूड़ों को अनेस्थेसिया द्वारा संज्ञाहीन कर के उस में से खून और पीप निकालने की प्रक्रिया कर सकता है.

तृतीय चरण

✦ पायरिया की द्वितीय अवस्था में भी पूर्ण और स्थायी इलाज रह जाता है या लापरवाही से अंतिम चरण में चला जाता है।पूरे मसूडे और जबड़े दर्द करने लगते हैं और कभी भी मुंह में से खून आने लगता है।दुर्गंध भी आती है।
✦इस चरण में, रोगी के मन की स्थिति और दंत चिकित्सक का निर्णय स्थिति पर निर्भर होता है।हो सकता है कि एक या दो दांत निकालने पड़े या पूरी दंत पंक्ति से खून या पीप निकालने पड़े।

पायरिया एक गंभीर रोग है, एक तो जल्दी इस का पता नहीं चलता और पता चलता भी है तो यह कौन से चरण में है इस का निदान करना पड़ता है।हर समय दंत चिकित्सक के पास जाने से रोगी कतराता है और लापरवाही हो ही जाती है।यदि । आप समझते हैं कि पायरिया का कोई भी इलाज नहीं तो यह आप के मन का भ्रम है।वास्तव में पायरिया रोग ही उत्पन्न न हो ऐसा क्यों नहीं हो सकता? यदि आप दंत स्वास्थ्य की सरल विधि इस्तेमाल करें, तो यह संभव है.
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पायरिया से बचने के उपाय : Payriya se Bachne ka Tarika in Hindi

1-पायरिया से बचने के लिए ब्रश करने से पहले उंगली से दांतों की मालिश करनी
चाहिए।चाहें तो उंगली पर थोड़ा सा पेस्ट लगा सकते हैं।मसूड़ों पर मालिश करने से दांत स्वस्थ बनते हैं।ब्रश धीरेधीरे व सावधानी से करना चाहिए वरना मसूड़ों को नुकसान हो सकता है।तेज ब्रश करने से दांत घिस सकते हैं जिस से दांतों के इनेमल पर भी बुरा असर पड़ सकता है।

2-दांतों की नियमित सफाई-
दांतों की नियमित सफाई का मतलब है, 24 घंटे में कम से कम 2 बार उन्हें अवश्य साफ किया जाए।सुबह उठ कर और रात में सोने से पूर्व दांतों की सफाई करना बहुत आवश्यक है।। अधिकांश लोग केवल एक ही बार, यानी सुबह ही मंजन या ब्रश करते हैं और रात को बगैर ब्रश किए ही सो जाते हैं।ऐसा करना सेहत के लिए नुकसानदेह है।रात भर दांतों में फंसे भोजन के कण कीटाणु पैदा करते हैं, इसलिए रात को सोने से पहले सदैव ब्रश करने की आदत डालनी चाहिए।साथ ही, जब भी आप भोजन करें या और कोई चीज खाएं तो खाने से पहले और खाने के बाद अच्छी तरह से कुल्ला अवश्य कर लिया करें.
भोजन करने के पश्चात कभी कभी आप के दांतों में खाद्य पदार्थ के कण फंस सकते हैं।लोग इन्हें निकालने के लिए आलपिन या तीली का उपयोग करते हैं जो गलत है।इस से मसूड़ों में घाव हो सकता है।अत: दांतों में फंसे कणों को निकालने के लिए ब्रश करना ही बेहतर है।

3-दांतों की सफाई का सही तरीका-
दांत कई प्रकार से साफ किए जा सकते हैं।परंपरागत तरीका नीम या बबूल की दातुन से दांतों की सफाई करने का है।आधुनिक तरीकों में प्रमुख हैं, टूथपेस्ट, टूथ पाउडर तथा अन्य दंतमंजन, टूथपेस्ट को टूथब्रश से करना चाहिए क्योंकि टूथब्रश के तंतु दातुन के मध्य फंसे कणों को आसानी से निकाल देते हैं।लेकिन ब्रश को उपयोग में लेने से पूर्व 5-10 मिनट ठंडे पानी में भिगो दिया जाए तो उस के कड़े तंतु कुछ मुलायम हो जाते हैं।आइये जाने घर पर payriya ka ilaj kaise kare,payriya ke gharelu nuskhe in hindi

पायरिया का आयुर्वेदिक इलाज : Payriya ka Ayurvedic ilaj

1-payriya ka gharelu nuskha-नीम की पत्तियों को जलाकर, सेंधा नमक और कपूर को पीसकर बनाए मंजन से पायरिया रोग मिटता हैं।
2- आँवला जलाकर सरसों के तेल में मिला लें। धीरे-धीरे मसूड़ों में मलने से पायरिया ठीक होता है।
3- नीम की कोमल पत्तियाँ, काली मिर्च और काला नमक मिलाकर पीस लें और प्रतिदिन सेवन करने से रक्त शुद्ध होकर पायरिया तथा मुँह की दुर्गंध मिटती है।
4- खस, इलायची और लौंग का तेल मिलाकर मसूड़ों में लगाएँ।
5-जीरा, सेंधा नमक, हरड़, दालचीनी, दक्षिणी सुपारी को समभाग में लेकर बंद बरतन में जलाकर पीस लें और नियमित मंजन करने से पायरिया के कीटाणु नष्ट हो जाते हैं।
6- पायरिया के रोगी को हमेशा पेट साफ रखना चाहिए और अधिक से अधिक मात्रा में हरी सब्जियों तथा फलों का सेवन करना चाहिए।
7-फिटकरी और काला नमक बारीक पीसकर दाँतों पर मलने से दाँत मजबूत होते हैं और पायरिया भी ठीक हो जाता है।
8-सफेद कत्था, फिटकरी को पीसकर हलके गरम पानी में औटाएँ और कुल्ला करें। नियमित प्रयोग करने से दाँत मजबूत होते हैं और पीलापन दूर हो जाता है।
9- मेहँदी के पत्तों के क्वाथ से कुल्ला करने से मसूड़ों के असाध्य रोग मिटते है।
10-payriya ka ramban ilaj –बहुत बारीक पिसे सेंधा नमक को, आधा चम्मच हथेली पर रख कर उसमें सरसों का तेल डालें । फिर हथेली को टेढ़ी कर तेल की बूंदों से, उंगली से मसूढ़ों की हल्की हल्की भली प्रकार मालिश रात में सोने से पहले करें । यदि खून निकले तो निकलने दें । कुछ देर मालिश करते रहने पर तेल भीगा बचा नमक दांतों, दाढ़ी पर लेप की तरह करके, तत्काल गुनगुने पानी से कुल्ले कर लें । इस विधि प्रयोग से दांतों में मीठा, ठण्डा, गर्म व खट्टा लगना बन्द हो जाता है।
इससे दांत सुन्दर और मजबूत होते हैं । काली पपड़ी नहीं जमती । दांतों के कीड़े नष्ट हो जाते हैं। दांतों का दर्द और मसूढ़ों की सूजन समाप्त हो जाती है । तथा फूले मसूढ़ों से खून निकलना बन्द हो जाता है । इसके नियमित करते रहने से पायरिया रोग नष्ट हो जाता है ।
11-आंवला जलाकर उसमें थोड़ा-सा सेंधा नमक मिलाकर सरसों के तेल के साथ मंजन करने से पायरिया रोग दूर हो जाता है।
12-30 ग्राम नमक, 1 माशा पोटेशियम परमैंग्नेट, 20 ग्राम माजूफल का चूर्ण बनाकर रोजाना मंजन करने से पायरिया नष्ट हो जाता है।
13-इलायची, लौंग और खस के तेल को मिलाकर दांतों पर मलने से पायरिया ठीक होकर मुख की दुर्गंध दूर होती है।
14-नीम की कोमल पत्तियां, काली मिर्च और काला नमक प्रतिदिन प्रातः काल सेवन करने से रक्त शुद्ध होकर पायरिया मिटता है।
15-payriya ka gharelu ilaj-जीरा, सेंधा नमक, हरड़, सेमल के कांटे, दालचीनी, शुद्ध कुचला, शुद्ध मिलावा, दक्षिणी सुपाड़ी, मौलासिरी की छाल, माजूफल और अकरकरा को समान भाग लेकर किसी बन्द बर्तन में आग में जला लें । फिर इन्हें पीस कर मंजन करने से पायरिया सदैव के लिए दूर हो जाता है।

पायरिया की मेडिसिन / आयुर्वेदिक दवा : Payriya ki Ayurvedic Dawa

अच्युताय हरिओम फार्मा द्वारा निर्मित पायरिया में शीघ्र राहत देने वाली लाभदायक आयुर्वेदिक औषधियां ।
1)दंतमंजन लाल (पायरिया का मंजन)
2)दंत सुरक्षा तेल

 

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