Last Updated on November 9, 2020 by admin
सर्दियों में अनेक प्रकार की सब्जियाँ और फल उपलब्ध होते हैं और हर मौसम की तरह इस मौसम की सुंदरता प्रचुर मात्रा में उपलब्ध खाद्यपदार्थ बढ़ाते हैं, जो इस बदले हुए मौसम के अनुसार होते हैं।
मौसम परिवर्तन होते ही हमारे शरीर के चयापचय (एक प्रक्रिया जिसके माध्यम से शरीर भोजन को ऊर्जा में बदलता है) में भी बदलाव आता है यह अच्छी तरह से समझना चाहिए ताकि हम समझदारी से खाद्यपदार्थों का चुनाव कर सकें, जो इस मौसम में पोषण और विकास करने में हमारी मदद करे। जैसे ही हवा का तापमान गिरता है, हमारा शरीर इस मौसम में गर्म बनाए रखने का हर संभव प्रयास करता है। यह चयापचय को बढ़ाता है और आमतौर पर अन्य मौसमों की तुलना में इन दिनों हमें भूख अधिक लगती है।
सर्दियों के मौसम के लिए विशेष आहार (Sardiyon ke Liye Aahar in Hindi)
यहाँ कुछ पौष्टिक और स्वादिष्ट भारतीय खाद्यपदार्थ सुझाए जा रहे हैं, जो आपको सर्दियों के दौरान न केवल गर्म रखेंगे बल्कि आपको रोज़ाना कसरत करने और आकार में बने रहने के लिए पर्याप्त ऊर्जा भी देंगे ।
1). सर्दियों में खाएं जड़ वाली सब्ज़ियाँ (Eat Root Vegetables in Winter in Hindi)
सर्दियों में गाजर, मूली, चुकंदर जैसी जड़वाली सब्ज़ियाँ अधिक मात्रा में उपलब्ध होती हैं। ये सब्ज़ियाँ फाइटोकेमिकल्स के स्रोत से भरपूर होती हैं जैसे- पॉलीफिनॉल और रंगीन रंगद्रव्य जैसे कैरोटीन, बीटालिन्स और एंथोसाइनिन जो एंटी ऑक्सिडंट के रूप में कार्य करती हैं। ये एंटी ऑक्सिडंट ऑक्सीजन को खोजते हैं और हमें फ्री रेडिकल से लड़ने में मदद करते हैं।
कच्चे सलाद या रस या सूप के रूप में दिन में कम से कम एक बार सब्जियों का उपयोग करने से त्वचा को बेहतर चमक मिलती है। सब्जियों की क्षारीय प्रकृति और फाइबर की वजह से आँत की कार्यप्रणाली में सुधार होता है, विटामिन और एंटी ऑक्सिडंट के कारण हृदय स्वस्थ रहता है और वज़न को बनाए रखने में उपयोगी होता है। इस तथ्य के बावजूद कि यह मौसमी होते हैं उसके बाद भी इनमें सबसे अच्छे पोषक तत्त्व होते हैं।
2). ठंड के मौसम में खाना चाहिए हल्दी (Thand ke Dino me Khana Chahiye Haldi in Hindi)
भारत में हल्दी घरेलू उपचार के रूप में ठंढ और फ्लू के लिए बहुत प्रसिद्ध है और यह शरीर की कोशिकाओं को ठीक करती है। हल्दी एक एंटीसेप्टिक और सूजन विरोधी मसाला है जो ठंढ और खाँसी से निपटने में, विशेष रूप से शुष्क और दर्दनाक खाँसी में प्रभावपूर्ण तरीके से मदद करती है।
हल्दी हर भारतीयपरिवार की विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं का एक समाधान है। इसके उपचार गुणों की अविश्वसनीय सूची में एंटी ऑक्सिडंट, एंटी वायरल, एंटी बैक्टीरिया, एंटी फंगल, एंटी कैंसरजन्य, एंटी म्यूटेजेनिक और एंटी इंफ्लेमेटरी हैं। हल्दी रक्त में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद करती है और आपकी धमनियों में गाढ़ेपन में कमीवाले लिपोप्रोटीन के स्तर को बनाने में मदद करती है, इस अवस्था को एथरोस्क्लेरोसिस के नाम से जाना जाता है। एलडीएल के स्तर को कम रखने से स्ट्रोक या दिल के दौरे का खतरा कम हो सकता है। हल्दी प्लेटलेट को एक साथ मिलने से रोकती है, जिसका मतलब है कि यह आपकी धमनी की दीवारों पर रक्त को जमने से रोकती है।
आप दूध में या अपनी सब्ज़ी या खाद्यपदार्थों में चुटकीभर हल्दी का उपयोग कर सकते हैं। जो लोग संक्रमण से ग्रस्त होते हैं यह उनकी प्रतिरक्षा को बढ़ाएगा। कक्यूॅमिन हल्दी में मुख्य सक्रिय तत्त्व होता है। इसका प्रभावशाली एंटी इंफ्लेमेटरी प्रभाव होता है और यह एक बहुत मज़बूत एंटी ऑक्सिडंट है।
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3). सर्दियों में खाएं नट्स और तिलहन (Eat Nuts and Oilseeds in Winter in Hindi)
नट और बीज पौष्टिक भोजन हैं और पौष्टिक वसा और प्रोटीन का एक अच्छा स्रोत हैं। नट और बीज में मोनोअनसैचुरेटेड वसा, पॉलीअनसैचुरेटेड वसा और अन्य यौगिक होते हैं, जो रक्त में कोलेस्ट्रॉल को प्रभावित करते हैं। जैसे ही सर्दियाँ आती हैं तो हम इसका सामना गर्म कपड़े, कमरे में हीटर और गीज़र से करते हैं। लेकिन सर्दियों में बीमारियों से बचने के लिए नट और बीजों का उपयोग करके अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाना एक अच्छा विचार है। ये गर्म खाद्य पदार्थ होते हैं और आर्जिनिन का एक अच्छा स्रोत होते हैं- एमिनो एसिड जो घाव को भरने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, डीटॉक्सिफिकेशन प्रतिक्रिया में, प्रतिरक्षा प्रणाली में, इंसुलिन और वृद्धि हार्मोन जैसे कई हार्मोन के स्राव को बढ़ाने में मदद करता है।
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4). सर्दी के मौसम में खाना चाहिए अदरक (Sardi ke Season me Khana Chahiye Adrak in Hindi)
अदरक लोकप्रिय रूप से जाना जाता है, भारतीय रसोईघर में उपयोग की जानेवाली सबसे महत्वपूर्ण मसालों में से एक है; तेज और सुगंधित, यह लंबे समय से अपने औषधिय गुणों के लिए व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। जब सर्दियाँ आती हैं तो आपको उन खाद्यपदार्थों की आवश्यकता होगी, जो आपको गर्मी प्रदान कर सकें और आपकी प्रतिरक्षा को बढ़ा सकें। केवल एक कप चाय पीने से गर्मी नहीं मिलती है, लेकिन अदरक की छोटी सी मात्रा आपको गर्म और आरामदायक रख सकती है।
खाने में अदरक की थोड़ी सी मात्रा मिलाने पर भी यह आपको गर्म रखेगा क्योंकि इसमें थर्मोजेनिक गुण होते हैं, जो आपको ठंढ से दूर रखते हैं। अदरक के एंटी वायरल कार्यों में मैक्रोफेज गतिविधि शामिल होती है, जिसमें वायरस को कोशिकाओं की दीवारों पर आक्रमण करने से रोका जाता है, जिससे आप संक्रमण से बच जाते हैं।
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5). ठंड में अच्छा है हींग खाना (Thand ke Dino me Hing Khaye in Hindi)
हींग एक मसाला है जिसे विभिन्न उद्देश्यों के लिए उपयोग किया जाता है। हींग का उपयोग पेट के विकारों के इलाज में किया जाता है और उन लोगों को ठीक करता है जो गैस, सूजन, अम्लता, कब्ज़ से पीड़ित हैं और इस प्रकार पेट को ठीक रखने में फायदा करता है। हींग रोजाना खाने से श्वसन संबंधी विकार को सीमित रखा जा सकता है और यह अच्छा मसाला है, जिसे ठंढ और सर्दी के मौसम में लेना फायदेमंद होता है।
हींग छाती में जमी हुई कफ को हटाने में मदद करता है। यह त्वचा की बनावट, नमी और चमक में सुधार करने में मदद करता है। हींग को मासिक धर्म के मुद्दों जैसे- मासिक धर्म के दौरान दर्द, महिलाओं में मासिक धर्म प्रवाह और बांझपन की बीमारी जैसे पीसीओडी के इलाज में उपयोग किया जाता है।
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6). ठंड में करें लेमन ग्रास का सेवन (Thand ke Dino me Karein Lemongrass ka Sevan in Hindi)
लेमन ग्रास में शीतल रखने की ऊर्जा होती है, जो आपके पेट को ठंढा रखकर पाचन क्रिया को बनाए रखने में मदद करती है। इसमें साइट्रल नामक तत्त्व होता है, जो भोजन को पचाने में मदद करता है। इसलिए इसे ज़्यादातर रात के खाने के बाद परोसा जाता है। लेमन ग्रास चाय आपकी डीटॉक्स चाय होती है। यह एंटी ऑक्सिडंट युक्त होती है, जो आपके शरीर की डीटॉक्सिंग और सफाई करने में मदद करती है। यह द्रव प्रतिधारण से राहत देकर शरीर से विषाक्त पदार्थों को हटाने में मदद करता है।
लेमन ग्रास विटामिन ए और विटामिन सी का एक अच्छा स्रोत है, जो सुंदर त्वचा और बालों के लिए आवश्यक पोषक तत्त्व है। रक्त परिसंचरण में सुधार करके, यह आपकी त्वचा को साफ करके, तेलीय त्वचा में सुधार करता है और चेहरे पर दाने, मुँहासे और एक्जिमा जैसे फोड़े फुसी के इलाज में भी सुधार करता है।
7). सर्दियों में घी खाना अच्छा है (Thand ke Dino me Ghee Khaye in Hindi)
घी ब्यूटिरीक एसिड से भरपूर होता है, जो फैटी एसिड की लघु शृंखला है। फायदेमंद आँतों का बैक्टीरिया फाइबर को ब्यूटरीक एसिड में परिवर्तित करता है, जो आँत में टी कोशिकाओं के उत्पादन और प्रतिरक्षा प्रणाली को समर्थन देता है। घी पाचनक्रिया में भी मदद करता है।
छोटे बच्चों के लिए आप घी को प्राकृतिक चिकनाहट के रूप में भी इस्तेमाल कर सकते हैं। सर्दियों में होठों को सूखने, फटने से बचाने के लिए उन पर थोड़ा सा घी को मलें। संक्षेप में घी को एक अच्छे भोजन के रूप में माना जाता है और इसमें अच्छे तरीके से घुलनशील वसा विटामिन डी, विटामिन ए और विटामिन ई होते हैं। विटामिन ई एक एंटी आक्सिडंट है, यह क्षतिग्रस्त एवं सूखी त्वचा को ठीक करके हार्मोन और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को संतुलित बनाए रखने में मदद करता है।
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सर्दियों के मौसम के लिए टिप्स (Tips for Winter Season in Hindi)
1). त्वचा को सूखेपन से बचाने के लिए :
सर्दियों में त्वचा में बहुत सूखापन दिखाई देता है। क्रीम और लोशन के इस्तेमाल के अलावा यदि हम अपने शरीर का अच्छी तरह से ध्यान रखते हैं तो हम त्वचा में निखार ला सकते हैं। पोषण और त्वचा विशेषज्ञ इस मौसम में दिन में कम से कम 1-2 चम्मच घी या नारियल के तेल को लेने की सलाह देते हैं। सुबह सबसे पहले खाली पेट गर्म पानी का उपयोग करना चाहिए। यह न केवल आपको अच्छी चिकनाहट देगा बल्कि यह आपको संतृप्त बनाए रखेगा और आप पूरे दिन भोजन के प्रति लालायित नहीं रहेंगे।
इसके अलावा दिन में 10 से 12 गिलास पानी पीने की भी सलाह दी जाती है। अकसर हमें इस मौसम में इतनी प्यास महसूस नहीं होती और इसलिए हम कम पानी पीते हैं। इस वजह से अनजाने में हम थका महसूस करते हैं। गर्म पानी का उपयोग करना और साथ में नींबू के रस को लेना एक अच्छा विचार माना जा सकता है क्योंकि नींबू विटामिन सी के अलावा पाचन क्रिया को बढ़ाएगा।
उन खाद्यपदार्थों का उपभोग करना चाहिए जो ज़्यादा मात्रा में वसा से भरपूर होते हैं, जैसे बादाम, अखरोट और बीज और जो आहार में गर्मी के साथसाथ विटामिन ए और ई भी देते हैं।
2). प्रतिरक्षा में सुधार :
जैसे मौसम बदलता है और मौसम ठंढा हो रहा है तो हमारा शरीर बीमारी के लिए अधिक संवेदनशील हो जाता है। ऐसा विशेष रूप से छोटे बच्चों के साथ देखा जाता है। हमें समझदारी से भोजन का चुनाव करना चाहिए । पौष्टिक और पके हुए खाद्यपदार्थों को अधिक मात्रा में लेना चाहिए। मौसम के अनुसार गर्म पेय जैसे- हल्दी दूध अच्छे विकल्प के रूप में माना जा सकता है और सूप में मसाले और जड़ी बूटियों को मिलाकर लेना चाहिए।
3). आहार के लिए अपने खाद्यपदार्थ समझदारी से चुनें :
कहावत है कि नाश्ते को राजा की तरह, दोपहर का भोजन रानी की तरह और रात का भोजन एक गरीब की तरह करना चाहिए। ऐसी कहावत विशेष रूप से सर्दियों में सही मानी जा सकती है। चूंकि सर्दियों में हमें भूख अधिक लगती है लेकिन अगर हम रात में भी भारी भोजन खाते हैं और खासकर अगर वह अधिक वसायुक्त है तो इसे पचाना मुश्किल हो जाता है तो रात के खाने में सूप और पकी हुई सब्ज़ियों को अधिक मात्रा में लें और दाल को कम करें क्योंकि उसे पचाना मुश्किल होता है। रात्रि भोजन में चावल आधारित आहार का उपभोग करने का एक अच्छा विकल्प है, उदाहरण के लिए खिचड़ी, कढ़ी (दही से तैयार) या स्टूज़ के साथ चावल या क्विनोआ एक अच्छा विकल्प है।