शतावरी एक प्राकृतिक वरदान है। शतावरी में प्रोटीन्स, म्युसीलेज, प्लुरोनिक एसिड, हेमिसेल्युलोज आदि होते हैं। शतावरी विटामिन के, विटामिन बी 1, विटामिन ई और फोलिक एसिड का बहुत अच्छा स्रोत है। इसमें एंटी ऑक्सिडंट तथा जीवाणुविरोधी होने के गुण पाए जाते हैं। साथ ही फोलेट, लोह, तांबा, कैल्शियम, प्रोटीन और फाइबर से भरा होता है।
यह हमारे शारीरिक प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाने में बहुत ही सहायक है। महिलाओं में पाए जानेवाली विभिन्न प्रकार की बीमारियों का इलाज करने के लिए शतावरी एक अतिशय सर्वश्रेष्ठ औषधि साबित होती है। अंग्रेजी में इसे ASPARAGUS RACEMOSUS, हिंदी में शतमुली या शतावरी, संस्कृत में शतापढ़ी या नारायणी कहते हैं।
शतावरी के गुणधर्म (Shatavari ke Gun in Hindi)
शतावरी मधुर, स्वादिष्ट, शीत, वृष्य, सिंग्ध, कड़वी, रसायनी, दुग्धप्रद, अग्निदीपक, बलकर, मेदकारक, शुक्रवृद्धीकर, चक्षुल, पुष्टिकर हैं।
शतावरी का प्रयोग पुरातन युग से आयुर्वेदिक औषधियों में किया जाता है। यह एक ऐसी महत्वपूर्ण वनस्पति है, जिसका उपयोग हर एक औषधि में किया जाता है।
शतावरी चूर्ण के फायदे और उपयोग (Shatavari Churna Uses and Benefits in Hindi)
1). रोग नाशक शतावरी – शतावरी पित्त, कफ, वायु, क्षय, रक्तदोष तथा अतिसार आदि बीमारियों का नाश करती है । शतावरी का प्रयोग हेतु अनेक आयुर्वेदिक प्रॉडक्टस् जैसे चूर्ण, कल्प, तेल आदि तैयार करते हैं।
2). सौंदर्य और कांति बढ़ाने में मददगार शतावरी – शतावरी अनेक सौंदर्य साधनों में उपयोग किया जाता है। महिलाओं की बहुत सी बीमारियों में तथा वज़न बढ़ाने के लिए, शरीर को बलवान बनाने के लिए और त्वचा की कांति सुधारने के लिए शतावरी का प्रयोग फायदेमंद होता है।
3). नेत्र ज्योति बढ़ाने में लाभदायक शतावरी चूर्ण – शारीरिक कार्यक्षमता सुधारने के लिए, आँखों की दृष्टि सुधारने के लिए गर्भ की वृद्धि के लिए, कमरदर्द एवं अल्सर की बीमारी में शतावरी उपयुक्त होती है।
4). बलवर्धक शतावरी चूर्ण – प्रसूति पश्चात माता तथा बालक की शक्ति बढ़ाने के लिए, माता की दुग्ध ग्रंथियों के विकास हेतु तथा गर्भाशय की बीमारियाँ, प्रदररोग, पथरी आदि में शतावरी चूर्ण बहुत लाभप्रद होता है।
( और पढ़े – कमजोरी दूर कर ताकत बढ़ाने के घरेलू उपाय )
5). जोड़ों का दर्द मिटाए शतावरी – शतावरी का तेल अर्धांग वायु, जोड़ों के दर्द तथा सामान्य मालिश के लिए किया जाता है।
6). बढ़ते बच्चों के लिए फायदेमंद शतावरी – बढ़ते बच्चों का वज़न बढ़ाने के लिए, शरीर को बलवान बनाने के लिए, ऊँचाई तथा आँखों की रोशनी बढ़ाने के लिए शतावरी कारगर काम करती है।
( और पढ़े – किशोरावस्था में बच्चों के लिए संतुलित आहार )
7). गर्भपात से रक्षा करे शतावरी चूर्ण – शतावरी में ऐंटी ऑक्सिडंट सॅपोनिन्स (Anti oxidant saponins) पाया जाता है जो खास तौर पर गर्भावस्था के दौरान गर्भाशय के संकुचन को रोकता है तथा गर्भाशय की मांसपेशियों (muscles) को आराम पहुँचाता है, जिसकी वजह से गर्भपात को रोकने तथा समय से पूर्व होनेवाले प्रसव को रोकने में मदद मिलती है।
8). माँ का दूध बढ़ाने में शतावरी चूर्ण के लाभ – शतावरी चूर्ण शिशु को स्तनपान करानेवाली माताओं में स्तन दूध की मात्रा में वृद्धि करने में मदद करता है।
9). शतावरी चूर्ण का नियमित सेवन खून की कमी करे दूर – शतावरी चूर्ण के नियमित सेवन से महिलाओं में खून की कमी (रक्तहीनता) दूर होती है ।
( और पढ़े – खून की कमी दूर करने के घरेलू नुस्खे )
10). रजोनिवृत्ति की समस्याओं से बचाए शतावरी चूर्ण – शतावरी सर्वोत्तम ऊर्जा देती है। अपने शीतल स्वभाव के कारण रजोनिवृत्ति के समय होनेवाली समस्याओं जैसे गर्मी की लहरें, रात को पसीना आना, याददाश्त कम होना और चिंता को भी संतुलन में ले आती है।
( और पढ़े – रजोनिवृत्ति क्या है इसके लक्षण ,संका और समाधान )
11). माहवारी को नियमित करने में शतावरी चूर्ण फायदेमंद – शतावरी में पाए जानेवाले मुख्य घटकों में से स्टेरॉयडल सैपोनीन यह घटक एस्ट्रोजन को नियंत्रित करने के लिए जाना जाता है। जिससे माहवारी नियमित होती है। जिन महिलाओं को हमेशा ही अनियमित माहवारी का सामना करना पड़ता है, उन्हें नियमित शतावरी का सेवन करना चाहिए।
12). वज़न कम करे शतावरी चूर्ण – महिलाओं में मासिक धर्म के दौरान अतिरिक्त पानी की वजह से जो वज़न बढ़ता है शतावरी चूर्ण उसे कम करता है।
13). तनाव दूर करने में मददगार शतावरी – शतावरी चूर्ण का सेवन मानसिक तनाव और डिप्रेशन को दूर करता है और अनिद्रा से छुटकारा दिलाता है।
( और पढ़े – अति मानसिक तनाव बन सकता है इन रोगों का कारण )
14). गले की खराश दूर करे शतावरी – शतावरी खाँसी और गले में खराश को दूर करने में सहायक है।
शतावर चूर्ण खाने का तरीका (Shatavari Churna Sevan Vidhi in Hindi)
शतावरी के विभिन्न घरेलू प्रयोगों को अपनाकर हम अपना स्वास्थ्य अच्छा रख सकते हैं।
- रोज़ाना रात को सोने से पहले 1 चम्मच चूर्ण 1 कप दूध में लेने से वात, कफ तथा पेट की बीमारियाँ दूर होने में मदद होती है।
- रोज 1 चम्मच शतावरी चूर्ण को 1 कप दूध में लेने से महिलाएं अपना स्वास्थ्य पा सकती हैं। इसके नियमित सेवन से गर्भ की बीमारियों में, कमज़ोरी में मदद मिलती है।
- शतावरी का 5 से 10 ग्राम चूर्ण, 10-15 ग्राम घी तथा दूध में डालकर लेने से नींद न आने की समस्या समाप्त हो जाती है।
- ज्वर होने पर शतावरी चूर्ण और गिलोय का रस गुड़ में मिलाकर लेने से फायदा होता है।
- माइग्रेन जैसे सिरदर्द के लिए शतावरी बहुत कारगर औषधि है। शतावरी को कूटकर रस निकाल लें, बराबर हिस्सों में शतावरी का रस और तिल का तेल मिलाकर सिर पर मालिश करने से सिरदर्द बंद हो जाता है।
शतावरी के सेवन से अल्सर जैसी बीमारी में फायदा होता है। डायबिटीज़ के मरीज को शतावरी की मूलियाँ चबाकर खाने से लाभ मिलता है। मगर आजकल मूलियाँ बाजार में नहीं मिलती हैं इसलिए इसके चूर्ण को रोज 1 चम्मच पानी के साथ लेने से भी लाभ मिलता है। जितना लाभ मूलियाँ चबाने से मिलता है उतना ही लाभ चूर्ण से भी मिलता है। इसलिए ‘शतावरी खाओ और शतायुषी हो जाओ।’
(अस्वीकरण : दवा ,उपाय व नुस्खों को वैद्यकीय सलाहनुसार उपयोग करें)