Last Updated on June 26, 2021 by admin
त्वचा पर किसी कारण से खुजलाहट हो, तो उसे बार-बार खुजलाने से खुजली पैदा होती है। यह रोग स्वतंत्र रूप से कम, लेकिन अनेक रोगों के साथ लक्षण के रूप में अधिक प्रकट होता है।
त्वचा में खुजली के कारण :
खुजली उत्पन्न होने के प्रमुख कारणों में –
- कई-कई दिनों तक स्नान न करना,
- शारीरिक स्वच्छता की ओर ध्यान न देना,
- मैले-कुचैले कपड़े पहनना,
- ऊनी वस्त्रों का त्वचा से सीधा संपर्क होना,
- पसीना सूखने से जीवाणुओं का संक्रमण,
- विषैले तत्त्वों का त्वचा से संपर्क,
- मधुमेह, जूं, पामा, गुदा व योनि का संक्रमण,
- कृमि रोग आदि होते हैं।
रोग के लक्षण :
- खुजली में लक्षणों के रूप में बार-बार खुजलाने की इच्छा होना,खुजली आना,
- खुजलाते-खुजलाते त्वचा पर प्रदाह युक्त फुंसी उभरना, उसका छिलना,
- दिन की अपेक्षा रात्रि में कष्ट का बढ़ना,
- नींद न आना,
- धूप में निकलने, आग के पास बैठने या गर्म पानी से नहाने से कष्ट बढ़ना जैसे अनेक लक्षण देखने को मिलते हैं।
यों तो यह रोग शरीर के लगभग सभी अंगों में हो सकता है, लेकिन विशेष रूप से हाथ-पैर की अंगुलियों के बीच, बगल, जांघ, कमर, यौन अंगों के आसपास, टखने, कोहनियों के पीछे, चूचुक, नाभि, घुटने के आसपास, तथा पैरों के ऊपरी भाग आदि में अधिक होता है।
शरीर में खुजली की समस्या में क्या खाएं :
✓ चने के आटे की बनी रोटियां बिना नमक मिलाए कुछ माह सेवन करें।
✓ कच्चे हरे चने जब तक उपलब्ध हों रोजाना खाएं।
✓ टमाटर, जिमीकंद, परवल, बथुआ, मूंग की दाल भोजन में खाएं।
✓ दिन भर में 3-4 बार एक-एक कप की मात्रा में दूध पिएं।
खुजली की समस्या में क्या न खाएं :
✘ गुड़, गन्ने का रस, मिठाइयां, चाकलेट आदि मीठी चीजें सेवन न करें।
✘ तली हुई मिर्च-मसालेदार चीजें, अचार, पापड़, दही, मूंगफली से परहेज करें।
✘ मांसाहार, शराब, सूखे मेवे, मक्खन, नमक भी सेवन न करें।
✘ ठंडा, बासी, होटल का खाना न खाएं।
( और पढ़े – दाद खाज खुजली के घरेलू उपचार )
रोग निवारण में सहायक उपाय :
क्या करें –
✓ पेट साफ करने के लिए एनिमा लगाएं।
✓ नारियल के तेल में नीबू का रस मिलाकर पीड़ित अंग में 3-4 बार मलें।
✓ यौन अंगों और उनके आसपास की तकलीफ में फिटकरी गर्म पानी में घोलकर रोजाना सफाई करें।
✓ नीम का तेल या लैवेंडर आइल पीड़ित अंग में 3-4 बार लगाकर मलें।
✓ खुजली के अंग पर बर्फ लगाएं।
✓ रोगी के नाखून कटवा दें।
क्या न करें –
✘ तन को गंदा न रखें मैले-कुचैले कपड़े न पहनें।
✘ बिना बनियान आदि आंतरिक वस्त्र पहने, सीधे ऊनी वस्त्र न पहनें।
✘ नायलोन के मोजे, पोलिस्टर के कपड़ों का उपयोग न करें।
✘ रासायनिक, जहरीली चीजों को सीधे त्वचा के संपर्क में न आने दें।