Last Updated on May 11, 2023 by admin
सुगन्धबाला क्या है (Sugandhbala in Hindi)
सुगंधबाला बालों के समान बहुत बारीक और लंबी बरगद की दाढ़ी जैसी विशेषकर पानी के समीप भूमि में होती है। इसकी जड़ बहुत प्रभावशाली होती है।
नाम : गन्धबाला, केशरनामा, कुन्तलोशीर, आदि सुगन्धबाला के नाम है।
सुगन्धबाला के गुण (Sugandhbala ke Gun)
सुगंधबाला ठंडा, रूक्ष, हल्का, भूख बढ़ाने वाला, पाचक, मन न लगना, हृदयरोग तथा आमातिसार (साधारण दस्त) को दूर करने वाला होता है।
सुगन्धबाला के फायदे और उपयोग (Sugandhbala ke Fayde aur Upyog)
1. विसर्प सुर्खवाद : सुगन्धबाला का चूर्ण घी के साथ सुबह-शाम लगाने से विसर्प रोग में लाभ होता है।
2. दमा या श्वास रोग : सुगंधबाला की फांट का सेवन श्वास रोग (दमा) में लाभकारी होता है।
3. पुनरावर्तक ज्वर : लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग से लेकर 1 ग्राम सुगन्धबाला का चूर्ण, मैनसिल, यशद भस्म और सूक्ष्म मात्रा में भांग या अफीम को पान के रस में मिलाकर छोटी-छोटी गोलियां बनाकर सुबह-शाम सेवन करने से बुखार के कारण से आई शारीरिक और मानसिक थकावट दूर होती है।
4. बुखार : लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग से लगभग 1 ग्राम सुगन्धबाला चूर्ण को सुबह-शाम शहद के साथ लेने से बुखार के कारण आई कमजोरी और दिल की कमजोरी में लाभ मिलता है।
5. अफारा (गैस का बनना) : लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग से लगभग 1 ग्राम सुगंधबाला के चूर्ण को शहद के साथ मिलाकर सुबह-शाम पीने से अफारा (पेट में गैस का बनना) रोग में लाभ होता है।
6. कब्ज : सुगन्धबाला की फांट सुबह-शाम सेवन करने से कब्ज में राहत मिलती है।
7. दस्त :
- सुगन्धबाला और अदरक को मिलाकार अच्छी तरह घोल लें। इसको एक दिन में 2 बार पीने से दस्तों में लाभ होता है।
- 2 से 3 ग्राम सुगन्धबाला में चावल का पानी और मोथा के फल का काढ़ा मिलाकर ठंडा करके शहद के साथ रोजाना सुबह-शाम पीने से दस्त आना बंद हो जाते हैं।
- सुगन्धबाला, सोंठ, मोथा और पित्तपापड़ा को साफ पानी के साथ पीने से प्यास शांत हो जाती है।
8. संग्रहणी : 3 से 6 ग्राम सुगन्धबाला को बेल (बेलपत्थर) के साथ सेवन करने से संग्रहणी का रोग दूर हो जाता है।
9. अंगुलबेल (डिठौन) :
- 20 से 40 ग्राम सुगंधबाला को फेंटकर सुबह-शाम सेवन करने से अंगुलियों के अंदर बन रहे जीवाणु नष्ट होते हैं।
- अंगुली की सूजन व जलन कम करने के लिए 20 से 40 मिलीलीटर सुगन्धबाला की फांट सुबह-शाम सेवन करने से अंगुलबेल के रोग में लाभ मिलता है।
10. गठिया रोग : गठिया के दर्द और सूजन कम करने के लिए सुगन्धबाला की फंकी रोजाना सुबह-शाम लेने से रोगी को लाभ मिलता है।
11. योनि में दर्द : 10-10 ग्राम सुगंधबाला, अरलू, लालचंदन, खिरेंटी, गिलोय, नागरमोथा, खस, जवाखार, पित्तपापड़ा और अतीस को लेकर काढ़ा तैयार कर लें। इस काढ़े को पिलाने से गर्भवती के अतिसार (दस्त), बुखार, दर्द या मरोड़ के साथ दस्त, गर्भस्राव, योनि स्राव, योनिशूल (दर्द) आदि सभी प्रकार के रोग दूर हो जाते हैं।
12. विनसेण्ट एनजाइना के रोग में : रोजाना सुबह-शाम 20 से 40 मिलीलीटर सुगन्धबाला की फांट लेने से दर्द कम होता है और जख्म भी भर जाता है।
अस्वीकरण : ये लेख केवल जानकारी के लिए है । myBapuji किसी भी सूरत में किसी भी तरह की चिकित्सा की सलाह नहीं दे रहा है । आपके लिए कौन सी चिकित्सा सही है, इसके बारे में अपने डॉक्टर से बात करके ही निर्णय लें।