Last Updated on July 26, 2020 by admin
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सूखी खांसी के लिए उपयोगी – तालीसादि चूर्ण : Talisadi Churna in Hindi
सूखी खांसी (talisadi churna for dry cough) का रोगी देर तक खांसता रहता है और जब थोड़ा बहुत कफ निकल जाता है तब उसे थोड़ी देर के लिए राहत मिलती है। सूखी खांसी को ठीक करने वाले एक श्रेष्ठ आयुर्वेदिक योग- ‘तालीसादि चूर्ण’ के गुणधर्म, उपयोग और लाभ का परिचय प्रस्तुत है।
तालिसादि चूर्ण के घटक द्रव्य और उनकी मात्रा :
- तालीस पत्र – 10 ग्रा.
- काली मिर्च – 20 ग्रा.
- सोंठ – 30 ग्रा.
- पीपल – 40 ग्रा.
- बंसलोचन – 50 ग्रा.
- छोटी इलायची के दाने – 6 ग्राम
- दाल चीनी – 6 ग्राम
- मिश्री या शक्कर – 300 ग्राम
तालिसादि चूर्ण बनाने की विधि :
सब द्रव्यों को कूट पीस कर मिला लें और शीशी में भर कर एयर टाइट ढक्कन लगा दें।
उपलब्धता : यह योग इसी नाम से बना बनाया आयुर्वेदिक औषधि विक्रेता के यहां मिलता है।
मात्रा और सेवन विधि : Dosage of Talisadi Churna
सुबह-शाम आधा चम्मच तालिसादि चूर्ण को आधा चम्मच घी और दो चम्मच शहद में मिला कर सेवन करें।
नोट :- घी और शहद का अनुपात 1:4 का रखें ,याद रहें समान मात्रा में घी और शहद जहर बन जाता है ।
तालिसादि चूर्ण के फायदे और उपयोग : Benefits & Uses of Talisadi Churna in Hindi
- तालिसादि चूर्ण के सेवन से, विशेष कर सूखी खांसी में बहुत फ़ायदा होता है।
- इसके अलावा तालिसादि चूर्ण जीर्ण ज्वर, अग्निमान्द्य, अरुचि, अपच, संग्रहणी आदि विकारों में भी यह योग बहत फायदा करता है।
- यह चूर्ण तनिक उष्ण, पाचक, जठराग्नि बढ़ाने वाला और दस्तों को रोकने वाला है।
- वात या पित्त के प्रकोप से कफ सूख कर छाती में जम जाता है जिसे निकालने के लिए खांसी चलती है। बहुत खांसने पर, थोड़ा सा पीला कफ निकल जाने से थोड़ी देर के लिए रोगी को राहत मिल जाती है। खांसते खांसते रोगी का बुरा हाल हो जाता है, चेहरा लाल हो जाता है, छाती में दर्द, नसों में खिंचावट और मुंह का सूखना, प्यास लगना आदि उपद्रव होते हैं। ऐसी स्थिति में तालिसादि चूर्ण के सेवन से बहुत जल्दी लाभ होता है जिससे खांसी रुक जाती है।
- तालिसादि चूर्ण पित्त का शमन कर शरीर में तरावट बनाए रखता है। सूखी खांसी के रोगी के लिए यह योग आयुर्वेद का वरदान है।
- talisadi churna for babies – बच्चो की सूखी व काली खांसी में तालिसादी चूर्ण बहुत ही लाभप्रद औषधि है ।
- talisadi churna for asthma – तालिसादी चूर्ण दमा (श्वास) रोग में लाभ पहुंचाता है । फेफड़ों के संक्रमण के कारण होने वाले पुराने ज्वर में इसके सेवन से लाभ होता है ।
- तालिसादि चूर्ण बलगम (कफ) को दूर कर फेफड़ों को नया जीवन और बल प्रदान करता है ।
तालिसादि चूर्ण के दुष्प्रभाव और सावधानीयाँ : Talisadi Churn Side Effects in Hindi
- तालिसादि चूर्ण लेने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श करें ।
- तालिसादि चूर्ण को डॉक्टर की सलाह अनुसार ,सटीक खुराक के रूप में समय की सीमित अवधि के लिए लें।
- अत्यधिक मात्रा में सेवन करने पर यह छाती में जलन जैसे लक्षण प्रगट कर सकता है।