Last Updated on November 19, 2019 by admin
Uttana Kurmasan Steps and Health Benefits
Uttana kurma asana से रोगों में लाभ :
★ इस आसन(Uttana Kurmasan) के अभ्यास से सांस से सम्बंधित बीमारियां दूर होती है।
★ यह आसन दमा, बोंक्राइटिस, टी.बी. आदि रोगों को ठीक करता है।
★ इससे कमर की मांसपेशियां मजबूत और कमर लचीली और पतली बनती है।
★ यह आसन पेट की अधिक चर्बी को कम करके मोटापे को दूर करता है।
★ इससे घुटनों व पिंडलियों का दर्द कम होता है और मेरूदंड (रीढ़ की हड्डी) लचीला बनता है।
★ नाड़ियों में रक्तसंचार ठीक रखने के लिए यह आसन लाभकारी है
★ और यह आसन खून को भी साफ करता है।
उत्तान कूर्मासन (Uttana Kurmasan)का अभ्यास :
★ उत्तान कूर्मासन के अभ्यास के लिए नीचे दरी या चटाई बिछाकर बैठ जाएं।
★ फिर दोनों पैरों को घुटनों से मोड़कर नितम्ब के नीचे रख लें।
★ पंजों को मिलाकर एड़ियों को थोड़ा अलग रखें।
★ अब पूरे शरीर का भार एड़ी व पंजों पर डालकर बैठ जाएं।
★ हाथों को कमर के नीचे जमीन पर रखें।
★ फिर शरीर का संतुलन बनाते हुए धीरे-धीरे पीछे की ओर झुकते हुए शरीर को जमीन पर टिका दें।
★ इसके बाद दोनों हाथों को दोनों जांघों पर रखें।
★ आसन की इस स्थिति में कंधे व गर्दन को जमीन से सटाकर रखें और श्वासन क्रिया सामान्य रूप से करें।
★ आसन की स्थिति में जितनी देर तक रहना सम्भव हो रहें।
सावधानी :
इस आसन का अभ्यास अल्सर, कोलाइटिस, उच्च रक्तचाप वालों को नहीं करना चाहिए।
विशेष : अच्युताय हरिओम गोझरण अर्क(Achyutaya Hariom Gaujaran Ark)का नित्य सेवन दमा व सांस की बीमारी में लाभ प्रदान करता है |
प्राप्ति-स्थान : सभी संत श्री आशारामजी आश्रमों( Sant Shri Asaram Bapu Ji Ashram ) व श्री योग वेदांत सेवा समितियों के सेवाकेंद्र से इसे प्राप्त किया जा सकता है |