Last Updated on April 11, 2021 by admin
विटामिन ई की कमी से होने वाले रोग (Vitamin E Deficiency Diseases in Hindi)
विटामिन ई (E) की कमी से नीचे दर्शाये गये रोग शरीर को आ घेरते हैं। जिन्हें विटामिन ई की कमी से ये रोग सताते हैं उनकी चिकित्सा विटामिन ई से करने पर आसानी से इन रोगों से छुटकारा मिल जाता है।
विटामिन ई की कमी से होने वाले कुछ रोग निम्नलिखित हैं-
- आंतों में वायु के रोग,
- दिल की कमजोरी या हृदयशूल का होना,
- पिंडलियों में घाव हो जाना,
- कमर में दर्द,
- पक्षाघात, फालिस, मुंह का लकवा,
- अनिद्रा, स्नायु दुर्बलता,
- पुरुषों का बांझपन, नपुंसकता,
- स्त्रियों में गर्भपात, गर्भास्राव, रजोनिवृत्ति के रोग-विकार,
- मासिक धर्म अधिक आना, मासिक धर्म लोप हो जाना, मासिक धर्म कम आना,
- योनिशोथ, बुढ़ापे में योनि की शोथ,
- नाल संबंधी रोग एवं विकार,
- रात को बिस्तर पर मूत्र निकल जाना,
- बच्चों को पक्षाघात,
- महिलाओं का बांझपन, गर्भ न ठहर पाना,
- घावों की वेदना, खाज-खुजली की पीड़ा,
- चर्म की जलन,
- गर्भस्थ शिशु को पांडु रोग,
- संक्रमण, एलर्जी से वेदनशीलता,
- पिट्यूटरी ग्लैण्ड-थायरायड ग्लैण्ड के विकार,
- नामर्दी,
- मानसिक रोग, पागलपन,
- संधिवात, पुट्ठों-मांसपेशियों की दुर्बलता, हाथ-पांवों की ऐंठन,
- रक्तस्राव, रेटिना दोष, शिराओं का फूल जाना,
- चूना कैल्शियम जम जाना,
- मूत्र में शक्कर की अधिकता, पित्ती,
- कील-मुंहासे आदि रोग विटामिन ई की कमी हो जाने से शरीर में उत्पन्न हो जाते हैं।
इन रोगों को दूर करने के लिए एकमात्र उपाय विटामिन ई की कमी को दूर करना होता है। इस विटामिन की कमी दूर होते ही रोग खुद नष्ट हो जाता है।
( और पढ़े – विटामिन के प्रकार और इनके श्रोत )
विटामिन ई के स्वास्थ्य लाभ व इस्से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य (Vitamin E Health Benefits in Hindi)
- विटामिन ई वसा में घुलनशील होता है।
- अंतरिक्ष यात्रियों में ऑक्सीजन की अधिकता से रक्तहीनता का दोष पैदा हो जाता है जो विटामिन ई से ठीक हो जाता है।
- विटामिन ई में किसी भी प्रकार की वेदना, पीड़ा, दर्द को दूर करने का विशेष गुण रहता है।
- शरीर में विटामिन ई की कमी हो जाने से किसी भी रोग का संक्रमण जल्दी लग जाता है।
- विटामिन ई की कमी होते ही क्रमश: विटामिन ‘ए’ भी शरीर से नष्ट होने लगता है।
- अंडा तथा मांस आदि में विटामिन ई अत्यंत अल्पमात्रा में पाया जाता है।
- स्त्री-पुरुषों का बांझपन विटामिन ई की कमी के कारण होता है।
- विटामिन ई को ‘टेकोफेरोल’ भी कहा जाता है।
- विटामिन ई गर्भ न होने देने, महिलाओं का बांझपन रोकने, बार-बार गर्भ गिर जाने, बच्चा मरा हुआ पैदा होना जैसे रोगों को रोकने के लिए सफलतापूर्वक पूरे संसार में प्रयोग किया जा रहा है।
- आग से जल जाने वाले रोगी के लिए विटामिन ई ईश्वरीय वरदान कहा जाता है। इसके प्रयोग से जले हुए रोगी को संक्रमण भी नहीं लगता है।
- प्रजनन अंगो पर विटामिन ई विशेष रूप से प्रभाव पैदा करता है।
- विटामिन ई पर ताप का कोई प्रभाव पैदा नहीं होता है।
- शिराओं के भयंकर घाव, गैग्रीन आदि विटामिन ई के प्रयोग से समाप्त हो जाते हैं।
- शरीर में विटामिन ई पर्याप्त रहने पर विटामिन ए की शरीर को कम आवश्यकता पड़ती है।
- विटामिन ई न रहने पर विटामिन ए की अधिक आवश्यकता पड़ती है।
- हार्मोन्स संतुलन के लिए विटामिन ई का महत्वपूर्ण योगदान है।
- विटामिन ई की कमी से थायराइड ग्लैण्ड तथा पिट्यूटरी ग्लैण्ड के काम काज में बाधा उत्पन्न हो जाती है।
- विटामिन ई की कमी से स्त्री के स्तन सिकुड़ जाते हैं और छाती सपाट हो जाती है।
- मानसिक रोगों से ग्रस्त रोगियों को विटामिन ई प्रयोग कराने से आशातीत लाभ अर्जित होता है।
- प्राण रक्षक न होते हुए भी विटामिन ई संसार भर के स्त्री-पुरुषों के लिए जीवन के समस्त आनंद प्राप्त करने के लिए अति आवश्यक है।
विटामिन ई के प्रमुख आहार स्रोत (Vitamin E Rich Foods in Hindi)
- अंकुरित अनाज तथा शाक-भाजियों में विटामिन ई प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। ( और पढ़े – अंकुरित अनाज खाने के फायदे )
- पपीते में पर्याप्त मात्रा में विटामिन ई हासिल होता है। ( और पढ़े – पपीता खाने के 47 जबरदस्त फायदे )
- गेहूं के तेल में विटामिन ई भरपूर रहता है।
- बादाम विटामिन ई का मजबूत स्रोत हैं । ( और पढ़े – बादाम खाने के 67 फायदे )
- बिनौले में पर्याप्त विटामिन ई मौजूद रहता है।
- सूरजमुखी, कद्दू तथा तिल के कच्चे बीजों से भी विटामिन ई प्राप्त होता है ।
- उबली हरी सब्जियों से भी विटामिन ई हासिल होता है।
- अजमोद का उपयोग सलाद व सूप के रूप में किये जाने पर यह विटामिन ई की पूर्ति करता है ।
- इसके अलावा आम, एवोकैडो, ब्रोकली, पालक, मूंगफली का तेल, जैतून का तेल, अखरोट, मूंगफली, गेहूँ के अंकुर (ज्वारा) आदी में भी विटामिन ई भरपूर मात्रा में रहता है।