Last Updated on July 2, 2021 by admin
विटामिन ‘एफ’ की कमी से होने वाले रोग (Vitamin F ki Kami se Rog in Hindi)
विटामिन एफ की कमी से क्या समस्याएं हो सकती हैं ?
यह संसार के सभी मनुष्यों के लिए अति आवश्यक होता हैं। इसकी कमी से अनेक घातक रोग पैदा हो जाते हैं जो निम्नानुसार है।
- बाल खुश्क हो जाना, बाल खुरदरे हो जाना, बाल निर्जीव हो जाना,
- चर्म के छिलके उतरना, चर्म का लाल सुर्ख हो जाना, चर्म रोग, एक्जीमा,
- भूख बढ़ जाना, गुर्दो की विकृति, पित्ताशय के विकार, चम्बल,
- गर्मी सहन न होना,
- दूसरे विटामिनों का शरीरांश न बनना,
- प्रोस्टेट की सूजन-शोथ, मूत्र रूक जाना, मूत्राशय की शोथ,कपड़ों में मूत्र निकल जाना, मूत्र में जलन होना,
- पिंडलियों और टांगो की वेदना,
- रक्तचाप,
- हृदय विकार,
- कमजोरी,
- रक्त में कोलस्ट्रोल,
- रक्तवाहिनियों का कठोर हो जाना,
- दिमाग की चुस्ती में कमी,
- फुर्ती का अभाव,
- अनिद्रा, मानसिक खुश्की
- गर्मी के ज्वर,
- फेफड़ों में रक्त आना, भीतरी अंगों में रक्त आना आदि रोग पैदा हो जाते हैं।
इस विटामिन से आयु बढ़ जाती है। विशेष करके बुढ़ापे में होने वाले अनेक रोगों एवं विकारों में तुरंत लाभ होता है।
विटामिन ‘एफ’ के फायदे तथा कार्य (Vitamin F ke Fayde in Hindi)
विटामिन एफ के लाभ क्या है ?
- विटामिन एफ (F) की कमी हो जाने से प्रोस्टेट ग्लैंड की शोथ (सूजन) हो जाती है।
- विटामिन एफ (F) की कमी यदि हो जाए तो शरीर में स्थित अन्य विटामिन विशेष करके विटामिन ए, डी, ई और के शरीर का अंश नहीं बन पाते हैं।
- विटामिन एफ (F) हाई ब्लड प्रेशर का रोग कम करता है।
- विटामिन एफ (F) बुढ़ापे के रोगों के लिए रामबाण असर रखता है।
- विटामिन एफ (F) के प्रयोग से आयु बढ़ती है।
- क्षय रोग के लिए कद्दू और उसके बीज अति लाभदायक होते हैं, क्योंकि उसमें विटामिन एफ (F) काफी मात्रा में पाया जाता है।
- विटामिन एफ (F) की शरीर में कमी हो जाने पर बाल खुश्क, खुरदरे तथा निर्जीव से हो जाते है।
- विटामिन एफ (F) की कमी से पित्ताशय में रोग एवं विकार उत्पन्न हो जाते है।
- विटामिन एफ (F) की कमी से मूत्र रुक जाता है क्योंकि प्रोस्टेट ग्लैंड की शोथ उत्पन्न हो जाती है।
- चर्म के छिलके उतर रहे हों तो तुरंत समझना चाहिए कि शरीर में विटामिन एफ (F) की कमी हो चुकी है।
- बुढ़ापे में विटामिन एफ (F) के प्रयोग से रक्तवाहिनियों की कठोरता समाप्त हो जाती है और रक्तवाहिनियां नरम मुलायम हो जाती हैं।
- विटामिन एफ (F) रक्त में कोलोस्ट्राल की मात्रा को कम करता है।
- कद्दू के बीजों की गिरी में विटामिन एफ (F) काफी मात्रा में विद्यमान होता है।
- आयुर्वेदिक चिकित्सक हजारों वर्षों से कद्दू के बीज में चिकित्सक प्रयोग करते आ रहे हैं, जाहिर है वे कद्दू के बीजों की मींगी में स्थित क्षय रोग को दूर करने वाली शक्ति से परिचित रहे होंगे-जबकि चिकित्सा विज्ञान ने आज खोज निकाला है कि कद्दू की मींगी में क्षय रोग को समाप्त करने के लिए विटामिन एफ (F) होता है।
- विटामिन एफ (F) के प्रयोग से हृदय शक्तिशाली हो जाता है। हृदय के कई विकार शांत हो जाते हैं।
- एक्जीमा होने का कारण शरीर में विटामिन एफ (F) की कमी हो जाना भी होता है।
- राक्षसी भूख का एक कारण शरीर में विटामिन एफ (F) की कमी भी होती है।
- वृक्कों के विकार विटामिन एफ (F) की कमी का प्रतिफल होता है।
- विटामिन एफ (F) के प्रयोग से सिर के बाल सुंदर और चमकीले हो जाते हैं।
- विटामिन एफ (F) के प्रयोग से शरीर में चुस्ती-फुर्ती और रक्त का संचार होता है।
- कद्दू के बीजों की गिरी प्रयोग करने से पागलों का पागलपन भी ठीक हो जाता है। कद्दू के बीज में विटामिन एफ (F) होता है।
- कद्दू की मींगी अनिद्रा रोग को ठीक कर देती है। इसमें विटामिन एफ (F) होता है।
- कद्दू की मींगी प्रयोग करने से फेफड़ों से रक्त आना बंद हो जाता है।
- कद्दू की मींगी दिमाग की खुश्की, गर्मी के ज्वर को नाश करती है।
विटामिन ‘एफ’ की प्राप्ति के स्रोत (Vitamin F ke Aahar Strot in Hindi)
विटामिन एफ की पूर्ति कैसे करें ?
- विटामिन एफ (F) सामान्यत: तेल युक्त बीजों में पाया जाता है। यह घी, तेल और चर्बी में नहीं पाया जाता है।
- कद्दू के बीजों की गिरी में विटामिन एफ (F) काफी मात्रा में विद्यमान होता है।
- अलसी, अखरोट, टोफू, और बादाम इत्यादि।
- सूरजमुखी के बीज। सूरजमुखी के फूलों के बीजों में बहुतायत मात्रा में पाया जाता है।
- मकई ।
- चिया सीड्स ।
- चिया बीज ।
- सोयाबिन आदी में विटामिन एफ (F) पाया जाता है।