Last Updated on November 16, 2020 by admin
लोग कई कारणों से व्यायाम करते हैं। मांसपेशियों को मज़बूत बनाने के लिए, रक्त संचार और हृदय को मज़बूत बनाने के लिए या मनोरंजन के लिए व्यायाम करते हैं। व्यायाम करने के लिए किसी बहाने की आवश्यकता नहीं होती। कसरत करना तो स्वास्थ्य के लिए उपयोगी होता है परंतु उसे करने का तरीका सही होना चाहिए। सभी को अपनी सेहत उत्तम रखने के लिए रोज़ाना 30 मिनट व्यायाम करना चाहिए।
इस लेख में व्यायाम करने के सही तरीकों का उल्लेख किया गया है। साथ ही यह भी बताया गया है कि कौन से व्यायाम से क्या फायदा हो सकता है। साथ ही प्रत्येक तरीके की एरोबिक क्षमता, ऊर्जा के उपयोग, मांसपेशियों के विकास व एकाग्रता का मूल्यांकन भी किया गया है।
( और पढ़े – व्यायाम करने के 15 बड़े फायदे )
एक्सरसाइज करने के तरीके और उनके फायदे (Exercise Karne ke Tarike aur Unke Fayde in Hindi)
यह बहुत ही ज़रूरी है कि कसरत आपकी रोज़ की दिनचर्या का हिस्सा बने। इस लेख का तात्पर्य यह है की आपको पता चले कि कौन सा व्यायाम आपके स्वभाव और लक्ष्य के लिए उपयुक्त है। आप अपनी ज़रूरतों के मुताबिक सही तरीकों का चयन कर सकते हैं।
1) किक बॉक्सिंग
किक बॉक्सिंग छूकर या बिना छुए की जानेवाली कसरत है। इसमें किकिंग व पंचिंग का समावेश होता है। इसके तेज़ बदलते ड्रिल्स व तरीकों के कारण इस व्यायाम में बहुत ही एकाग्रता और ताकत की ज़रूरत होती है। यह एक तेज़ गति का व्यायाम है, जिससे हृदय की धड़कन बढ़ती है। इसलिए इस व्यायाम को कार्डियोवॅस्क्युलर कसरत समझा जाता है।
लाभ –
- चरबी पिघलती है,
- मांसपेशियों का विकास होता है,
- एरोबिक क्षमता बढ़ाती है,
- ताल मेल बढ़ाना,
2) एरोबिक
इस व्यायाम का मुख्य उद्देश्य हृदय की धड़कन की गति बढ़ाना और कैलोरीज़ को जलाना है। व्यायाम को करने से कार्डियोवॅस्क्युलर क्षमता में सुधार होता है, मोटापा कम होता है अथवा मांसपेशियों की क्षमता का विकास होता है। साथ ही कसरत में हाथ व पैर का समायोजन ज़रूरी होता है।
लाभ –
- चरबी पिघलती है,
- क्षमता का विकास,
- बेहतर समायोजन,
3) सालसा एरोबिक
यह एक नृत्य है, जिसे एक व्यायाम का तरीका बना दिया गया है। जिन लोगों को सालसा में रुचि होती है, उनके लिए यह एक सर्वोत्तम व्यायाम का तरीका है क्योंकि इसमें एरोबिक व सालसा का सुंदर समावेश होता है। यह एक धीमी गति का व्यायाम है। इस व्यायाम को रोज़ाना व लंबे समय के लिए किया जाए तो यह बहुत ही लाभदायक सिद्ध हो सकता है।
लाभ –
- ताल मेल बढ़ाना,
- शरीर का लचीलापन बढ़ाना,
- एरोबिक क्षमता का विकास करना,
- चरबी पिघलने से मोटापा कम होता है,
4) योगा
योग शारीरिक लचीलापन बढ़ाने का, शक्ति बढ़ाने का अथवा दिमागी संतुलन बढ़ाने का एक बेहतरीन माध्यम है। यह स्थिर आसनों व श्वास नियंत्रण तकनीकी से शरीर में रक्त संचार को नियंत्रित करता है। योग एक चुनौतीपूर्ण, आरामदायक व स्वास्थ्य के लिए लाभदायक उपाय है। इसके द्वारा मानसिक एवं शारीरिक सजगता में वृद्धि होती है।
लाभ –
- लचीलापन बढ़ाना,
- मांसपेशियों को आकार देना,
- रक्त प्रवाह को सही करना,
- उपचार के तौर पर किया जाता है,
- एरोबिक क्षमता में वृद्धि होती है,
5) बॉक्सर्साइज
बॉक्सर्साइज बॉक्सिंग के साथ ही एरोबिक शरीर को सही आकार देनेवाले व्यायाम का मिश्रण है। यह एक बहुत ही मनोरंजन प्रदान करनेवाला तथा बिना छुए किए जानेवाला व्यायाम है। इस व्यायाम के द्वारा शरीर के ऊपरी भाग को मज़बूत बनाया जा सकता है।
लाभ –
- चरबी पिघलती है,
- मांसपेशियों को विकसित करना,
- ताल मेल में बढ़ोतरी करना,
- एरोबिक क्षमता बढ़ाना,
6) पिलाटेस
यह मुख्य रूप से पेट व पीठ की मांसपेशियों को मज़बूत बनाने के लिए उपयोगी होता है। यह व्यायाम शरीर को आकार व लचीलापन प्रदान करता है। इस व्यायाम से शारीरिक क्षमता बढ़ायी जा सकती है, परंतु इसका उपयोग चरबी पिघलाने के लिए नहीं किया जा सकता।
लाभ –
- शरीर के मूल क्षमता का विकास करना,
- शरीर के लचीलेपन को बढ़ाना,
- मांसपेशियों को सुदृढ़ बनाना,
- ताल मेल में बढ़ोतरी करना,
7) स्टेपक्लास
कदम ऊपर व नीचे उठाने में मार्गदर्शन करते हैं। इस व्यायाम से रक्त संचार खास करके शरीर के निचले हिस्से में सुधार होता है। इस कसरत में हाथ व पैर का समायोजन व ताल मेल बहुत ही आवश्यक है।
लाभ –
- चरबी पिघलती है,
- ताल मेल में बढ़ोतरी करना,
- एरोबिक क्षमता बढ़ाना,
8) पंपस्
इस व्यायाम में शरीर के वज़न व एडजेस्टेबल बारबेल का उपयोग किया जाता है। इस व्यायाम में स्क्वाट्स, बेंच प्रेस,शोल्डर प्रेस, बाइसेप्स कर्ल्स और फेफड़ों का उपयोग किया जाता है। इसमें बहुत सारी क्रियाओं को ज़ल्दीज़ल्दी बदलकर किया जाता है। यह व्यायाम शरीर को आकार, सदृढ़ता प्रदान करता है।
लाभ –
- मांसपेशियों का विकास,
- शरीर सुदृढ़ बनाना,
9) एक्वा एरोबिक्स
पानी के प्रतिरोध के कारण यह व्यायाम अपने आपमें खास है। हमारा शरीर पानी में बहुत ही हल्का होता है, जिससे जोड़ों पर कम दबाव पड़ता है। इस एरोबिक्स को पानी के प्रतिरोध के विरूद्ध दौड़कर, कूदकर व तेज़ गति करके किया जाता है, जिससे हृदय की धड़कन बढ़ती है। प्रतिरोध बढ़ाने के लिए फ्लोट्स व पैडल्स का उपयोग भी किया जाता है। जोड़ों के दर्द से परेशान उन रुग्णों के लिए जो सामान्य व्यायाम करने में असमर्थ होते हैं, उन्हें इस व्यायाम का अच्छा लाभ मिलता है।
लाभ –
- चरबी पिघलती है,
- एरोबिक्स शक्ति और क्षमता का विकास,
- मांसपेशियों को सुदृढ़ बनाना,
- लचीलापन बढ़ाना,
10) माउंटेन क्लाइंबर
लाभ –
- मांसपेशियों को मज़बूत बनाना,
- अॅब्स बनाना,
- हृदय की क्षमता को बढ़ाना,
- शारीरिक मजबूती बढ़ाना,
- मांसपेशियों का विकास करना,
11) अपनी जगह पर व्यायाम करना
बहुत समय के लिए एक ही जगह पर बैठना व कंप्यूटर पर देर तक काम करने से मांसपेशियाँ दर्द करने लगती हैं। इस दर्द को दूर करने के लिए कंधे का व्यायाम, गरदन का व्यायाम, ऊँगलिओं का व्यायाम व पैरों को खींचने का व्यायाम करना लाभदायक होता है।
लाभ –
- मांसपेशियों को आराम देना,
- शारीरिक दर्द कम करना,
- उत्साह लाना,
- शरीर को सुदृढ बनाना,
12) पैदल चलना
लाभ –
- हृदय की क्षमता को बढ़ाना,
- विश्राम देना,
- सामान्य क्षमता बढ़ाना,