Last Updated on December 7, 2019 by admin
योगेंद्र रस क्या है ? : Yogender Ras in Hindi
योगेन्द्र रस टैबलेट या पाउडर के रूप में उपलब्ध एक आयुर्वेदिक दवा है। इसका उपयोग
मधुमेह, मूत्र संबंधित रोगों व बवासीर के उपचार में किया जाता है । यह दवा मिर्गी, पक्षाघात, पेट के शूल, अपच, मन्दाग्नि,नेत्र रोगों से छुटकारा दिलाती है, योगेन्द्र रस तंत्रिकाओं और मांसपेशियों को मजबूत करने में मदद करता है, यह एक प्राकृतिक वाजीकारक औषधि भी है।
योगेंद्र रस के घटक द्रव्य : Yogender Ras Ingredients in Hindi
✦ रस सिन्दूर – 20 ग्राम
✦ स्वर्ण भस्म – 10 ग्राम
✦ कान्त लोह भस्म – 10 ग्राम
✦ अभ्रक भस्म – 10 ग्राम
✦ मोती भस्म (या मोती पिष्टी) – 10 ग्राम
✦ बंग भस्म – 10 ग्राम
✦ घृत कुमारी (ग्वारपाठा) का रस और एरण्ड के पत्ते आवश्यकता के अनुसार मात्रा में ।
योगेंद्र रस के बनाने की विधि :
सब द्रव्यों को मिला कर घृत कुमारी के रस में घोंट कर गोला बना लें । इस पर एरण्ड के पत्ते लपेट कर डोरा बांध दें और धान के ढेर में दबा कर रखें । तीन दिन बाद निकाल लें और पत्ते हटा कर 1-1 रत्ती की गोलियां बना कर छाया में सुखा लें।
उपलब्धता : यह योग इसी नाम से बना बनाया आयुर्वेदिक औषधि विक्रेता के यहां मिलता है।
मात्रा और सेवन विधि : Dosage of Yogender Ras
1-1 गोली सुबह शाम शहद और अदरक के रस के साथ या रोग के अनुकूल अनुपान के साथ लें।
योगेंद्र रस के उपयोग : Yogender Ras Uses in Hindi
योगेंद्र रस उन्माद, हिस्टीरिया, मूर्छा, वात पित्त जन्य रोग, प्रमेह, बहुमूत्र, पोलियो, अपस्मार, भगन्दर, गुदारोग, साइटिका, हृदयदौर्बल्य, वात पित्त प्रधान पक्षाघात, अपच, मन्दाग्नि, इन्द्रियों की कमजोरी, अम्ल पित्त, जीर्णवात आदि व्याधियों की चिकित्सा में अनुकूल अनुपान के साथ देने पर अत्यन्त गुणकारी सिद्ध होता है ।
रोग उपचार मे योगेंद्र रस के फायदे : Yogender Ras Benefits in Hindi
शरीर को बलवान बनाए योगेंद्र रस का सेवन (Benefit of Yogender Ras to Boost Strength in Hindi)
शक्कर या च्यवनप्राश अवलेह के साथ खाने से शरीर पुष्ट, बलवान और तेजस्वी होता है ।
हृदय रोग में योगेंद्र रस का उपयोग फायदेमंद (Yogender Ras Benefits to Cure Heart Disease in Hindi)
अर्जुन की छाल के काढ़े के साथ सेवन करने पर हृदय रोग में लाभ होता है ।
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यौन दौर्बल्य में योगेंद्र रस का उपयोग लाभदायक (Yogender Ras Benefits to Sexual Weakness in HIndi)
मख्खन के साथ खाने से बलवीर्य की वृद्धि होती है और यौन दौर्बल्य दूर होता है ।
योगेंद्र रस के इस्तेमाल से पित्त प्रकोप और वातजन्य रोगों में लाभ (Benefit of Yogender Ras in Pitta Prakop in Hindi)
पित्त प्रकोप दूर करने के लिए त्रिफला जल और मिश्री के साथ, हिस्टीरिया रोग ठीक करने के लिए मिश्री मिले हुए जटामांसी के काढ़े के साथ और वातजन्य रोगों को नष्ट करने के लिए शहद के साथ देने से लाभ होता है ।
योगेंद्र रस से बढ़ती है शारीरिक-मानसिक ताकत (Benefit of Yogender Ras for Mental Strength in Hindi)
कमज़ोर शरीर वाले 1-1 गोली सुबह शाम गोदुग्ध के साथ लें।
वातवाहिनी नाड़ियों को सबल बनाने में योगेंद्र रस सेवन से फायदा
इस योग का प्रभाव विशेष रूप से वातवाहिनी नाड़ियों, हृदय, मस्तिष्क, मन और रक्त पर पड़ता है, पाचन संस्थान और मूत्र संस्थान पर भी पड़ता है ।
इसके सेवन से वातवाहिनियां सबल होती हैं अतः जीर्ण वातविकार के साथ पित्त प्रकोप के कारण होने वाली जलन, व्याकुलता, अनिद्रा, मुख में छाले और अपच आदि लक्षणों पर यह योग बहुत अच्छा लाभ करता है ।
योगेंद्र रस के इस्तेमाल से हृदय की कमजोरी में लाभ (Yogender Ras Help in Strengthening the Heart in Hindi )
हृदय के लिए हितकारी गुण युक्त होने से यह योग हृदय को बलवान बनाता है, हृदय की कार्यप्रणाली नियमित होने से, बढ़ी हुई धड़कन सामान्य होती है ।
खून की कमी दूर करने में योगेंद्र रस करता है मदद (Yogender Ras Cures Anemia in Hindi)
रक्त में रहे विष और कीटाणुओं का नाश होने से, रक्ताणुओं की वृद्धि होती है और रक्ताल्पता की स्थिति समाप्त होती है।
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मूत्र रोगों में योगेंद्र रस का उपयोग लाभदायक (Benefits of Yogender Ras in Urinary Diseases in Hindi)
इस रस के सेवन से पाचन संस्थान को बल मिलता है जिससे मूत्र संस्थान से सम्बन्धित रोगों का निवारण हो जाता है ।
स्वप्नदोष में योगेंद्र रस के इस्तेमाल से लाभ (Yogender Ras Benefits in Nightfall Treatment in Hindi)
इस योग के सेवन से इन्द्रियां सबल होती हैं , शुक्र धातु पुष्ट होती है, प्रमेह रोग दूर होता है, मूत्र संस्थान के रोगों में शिलाजीत के साथ सेवन करने से बहुत लाभ होता है । अति स्त्री सहवास करने से यौन संस्थान शिथिल और कमजोर हो जाता है, स्वप्नदोष और शीघ्रपतन की शिकायत हो जाती है । ऐसी शिकायत होने पर इसका सेवन लाभकारी सिद्ध होता है।
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लकवा में लाभकारी योगेंद्र रस (Yogender Ras Benefits in Paralysis in Hindi)
पक्षाघात की प्रारम्भिक अवस्था और हलके असर की स्थिति में योगेन्द्र रस का सेवन करने से लाभ हो जाता है ।
पौष्टिक और सौम्य औषधि योगेंद्र रस
पित्त प्रधान रुग्णा, गर्भवती या नवप्रसूता, छोटे शिशु की मां, नाज़ुक मिजाज़ महिला आदि ताम्रभस्म, हरताल, मैनसिल आदि उग्र प्रकृति की औषधियां सहन नहीं कर पातीं। इन को रक्त प्रसादक, पौष्टिक और जीवनी शक्ति जैसे गुणों वाली सौम्य औषधि का सेवन करना चाहिए । ऐसे गुणों का समन्वय योगेन्द्र रस में है इसलिए यह बहुत लाभ करता है।
संक्षेप में योगेन्द्र रस अनेक रोगों की एक बेजोड़ औषधि है, अन्य औषधियों का लम्बे समय तक सेवन करने पर भी ठीक न होने वाले रोग इस योग के सेवन से ठीक होते हैं । बाल पक्षाघात (पोलियो) के इलाज में यह योग बहुत उत्तम सिद्ध हुआ है । यह योग इसी नाम से बना बनाया बाज़ार में मिलता है।
योगेंद्र रस के नुकसान : Yogender Ras Side Effects in Hindi
1- योगेंद्र रस लेने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श करें।
2- योगेंद्र रस को डॉक्टर की सलाह अनुसार ,सटीक खुराक के रूप में समय की सीमित अवधि के लिए लें।