योगक्षेम का वहन (शिक्षाप्रद कहानी ) | Prerak Hindi Kahani
अनन्याश्चिन्तयन्तो मां ये जनाः पर्युपासते । तेषां नित्याभियुक्तानां योगक्षेमं वहाम्यहम् ॥ (गीता ९।२२) ‘जो अनन्यप्रेमी भक्तजन मुझ परमेश्वरको निरन्तर [...]
अनन्याश्चिन्तयन्तो मां ये जनाः पर्युपासते । तेषां नित्याभियुक्तानां योगक्षेमं वहाम्यहम् ॥ (गीता ९।२२) ‘जो अनन्यप्रेमी भक्तजन मुझ परमेश्वरको निरन्तर [...]
एक गृहस्थ त्यागी, महात्मा थे। एक बार एक सज्जन दो हजार सोने की मोहरें लेकर उनके पास आए और [...]
एक बार एक बहुत ही दरिद्र आदमी, जिसे कभी भर पेट अन्न नहीं मिलता था,घबराकर एक महात्मा के पास [...]
गौतमी नाम की एक स्त्री का बेटा मर गया। वह शोक से व्याकुल होकर रोती हुई महात्मा बुद्ध के [...]
एक आश्रम में आधी रात को किसी ने संत का दरवाजा खटखटाया। संत ने दरवाजा खोला तो देखा, सामने [...]
एक बार पहाड़ी नदी पार करने की कोशिश में एक बूढे संन्यासी का पाँवफिसल गया। वह नदी की तेज [...]
संस्कृत के प्रकांड विद्वान कैयरजी नगर से दूर एक झोंपड़ी में रहते थे। उन्हें अपने अध्ययन और लेखन से [...]
एक सेठ रात्रि के समय सो रहे थे कि उनको एक स्वप्न दिखाई दिया। उन्होंने देखा कि लक्ष्मी उन [...]
एक बार एक राज्य में भगवान् बुद्ध पधारे तो राजा के मंत्री ने कहा, “महाराज, भगवान बुद्ध का स्वागत [...]
सन् 1893, शिकागो में, विश्व धर्म सम्मेलन में हिंदूधर्म का प्रतिनिधित्व स्वामी विवेकानंद कर रहे थे। 11 सितंबर को [...]
भगवान बुद्ध उस समय मृत्युशय्या पर अंतिम सांसे गिन रहे थे कि किसी के रोने की आवाज उनके कानों [...]
बोध कथा हिंदी : hindi storie with moral आगरा प्रान्तके दासपुर ग्राममें एक हरिजन के घर भगत रबिदासजीका जन्म [...]