Last Updated on February 28, 2020 by admin
सफेद दाग क्या होता है ? : Vitiligo (Leucoderma) in Hindi
इस रोग में त्वचा का प्राकृतिक रंग बदल जाता है और वहां सफेदी आ जाती है। सफेदी के कारण इसे शिवत्र भी कहते हैं। इस रोग को हिन्दी में ‘श्वेत कुष्ठ’ अथवा ‘सफेद कोढ़’ के नामों से भी जाना जाता है, परंतु कुछ चिकित्सक इसे ‘कोढ़” न मानकर एक अलग ही रोग मानते हैं। शरीर के किसी भी हिस्से पर त्वचा का रंग में बदलाव होकर धीरे-धीरे यह रोग फैलता जाता है और एक समय ऐसा आता है, जब लगभग सारा शरीर ही सफेद हो जाता है। शरीर के विभिन्न भागों (चेहरा, होंठ, टांग, हाथ) पर पहले छोटे-छोटे सफेद दाग या सफेद चकत्ते पड़ जाते हैं, परंतु बाद में वे धीरे-धीरे फैलते जाते हैं | यह रोग संक्रामक नहीं होता और न ही इसके होने पर दर्द होता है। मेडिकल टर्म में इस समस्या को vitiligo के नाम से जाना जाता है | दरअसल त्वचा के बाहरी स्तर में मेलेनिन नामक रंजक द्रव्य रहता है, जो त्वचा को प्राकृतिक रंग देता है। विभिन्न कारणों से (जो आगे चलकर हम बतायेंगे ) इसके ठीक से काम न करने से सफेद दाग उत्पन्न होते है |
ये सफेद दाग कभी-कभी तो अपने आकार में सिमटकर ही रह जाते हैं और कभी-कभी शरीर पर अत्यधिक फैल जाते हैं। एलोपैथिक चिकित्सा में इसको चेक करने के लिए रोगी के सफेद दागों वाली त्वचा को चुटकी से ऊपर उठाकर मांस से अलग करके उसमें सुई चुभोकर देखते हैं यदि उसमें रक्त निकल आए तो चिकित्सा योग्य समझा जाता है और यदि पानी जैसा तरल निकले तो-‘असाध्य’ मान लिया जाता है |
सफेद दाग होने के कारण : Safed Daag Hone ke Karan in Hindi
- आयुर्वेद चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार श्वेत कुष्ठ की उत्पति प्रकृति विरुद्ध खाना खाने से , खाने में अनियमितता, बासी, दूषित सड़े-गले मांस के खाने से होती है।
- सफेद दाग होने के अन्य कारणों में जब कोई व्यक्ति मछली और दूध, नीबू का रस व घी, घी और दही आदि प्रकृति विरुद्ध खाद्य-पदार्थों का निरंतर सेवन करता है तो रक्त दूषित होने से श्वेत कुष्ठ पैदा होता है।
- आधुनिक चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार सफेद दाग होने का प्रमुख कारण त्वचा में स्थित मेलोनिक नामक रंगीन पदार्थ का निर्माण करने वाली पेशियां किसी कारण से कमजोर हो जाती हैं तो त्वचा पर सफेद दाग बनने लगते हैं।
- श्वेत कुष्ठ कोई प्राणघातक रोग नहीं, लेकिन इन सफेद दागों से चेहरे की सुंदरता नष्ट हो जाने के कारण सभी इस रोग से भयभीत रहते हैं।
- पेट में परजीवी (Worms, parasites) की उपस्थिति | फंगल संक्रमण से भी सफेद दाग होने का कारण होता है ।
- खाने में तांबा तत्व की कमी होना ।
- त्वचा के जल जाने से अंदुरुनी परत का खराब हो जाना ।
- पैतृक या वंशानुगत होना, रजस्वला, विरुद्ध (बेमेल) भोजन करना, भोजन पचे बिना दूसरा भोजन करना, गरिष्ठ पदार्थों का सेवन, पुराना कब्ज, पाचन शक्ति का कमजोर होना भी सफेद दाग होने के कारणों में आता है ।
- पीलिया यानि शरीर में खून की कमी होने से ।
- अत्यधिक मानसिक चिंता, क्रोनिक या पेट में ज्यादा गैस्ट्रिक विकार होने से ।
- आहार नलिका में इन्फेक्शन, टाइफाइड ।
- लीवर और थायराइड की गड़बड़ी से भी सफेद दाग की बीमारी हो सकती है। दरअसल थायरॉयड की वजह से भी स्किन से नेचुरल तेल निकलने की कमी से त्वचा ड्राई लगने लगती है। और आगे चलकर वो सफ़ेद दाग होने का कारण बन जाती है।
सफेद दाग के लक्षण : Safed Daag ke Lakshan
इस रोग के लक्षणों में शुरू में हाथों, कोहनी, चेहरे, टखने, पैर, कमर आदि स्थानों पर सफेद दाग उभर कर धीरे-धीरे सारे शरीर में फैलते हैं तथा इन दागों में कोई पीड़ा नहीं होती है।
सफेद दाग में क्या खाना चाहिए : Safed Daag me Kya Khana Chahiye
- नमक रहित गेहूं, बाजरा, ज्वार, जौ की रोटी, जौ का दलिया, पुराना चावल, मूंग, मसूर की दाल भोजन में खाएं।
- तांबे के बर्तन में पानी को 8 घंटे रखने के बाद पीएं।
- हरी पत्तेदार सब्जियां, गाजर, लौकी, सोयाबीन, दालें ज्यादा खाएं।
- पेट में कीड़ा न हो, लीवर ठीक से काम करे, इसकी जांच कराएं और डॉक्टर की सलाह के मुताबिक दवा लें।
- 30 से 50 ग्राम भीगे हुए काले चने और 3 से 4 बादाम हर रोज खाएं।
- ताजा गिलोय या एलोविरा जूस पीएं। इससे इम्यूनिटी बढ़ती है।
- 1 छोटे चम्मच बावची के चूर्ण को सुबह तथा शाम पानी के साथ सेवन करें ।
- नीम की पत्ती, निंबोली आदि को सुखाकर पीस लें और इसे प्रतिदिन फंकी लें।
- सब्जी में पालक, मेथी, बथुआ, परवल, तुरई, टिंडा, सहिजन, अदरक, लहसुन खाएं।
- फलों में पपीता, अनार, चीकू, खजूर, अखरोट खाएं। आंवला और मौसमी कम मात्रा में ले सकते है ।
- सुबह-शाम के भोजन के बाद छाछ या गाजर का रस पिएं।
- चने की दाल, चने की रोटी बिना नमक के कुछ महीने नियमित खाएं।
सफेद दाग में क्या नहीं खाना चाहिए : Safed Daag me Kya Nahi Khana Chahiye
- ज्यादा नमक का सेवन नया अनाज, भारी, गरिष्ठ, तला हुआ, नमकीन मिर्च-मसालेदार भोजन न खाएं। इन चीजो का सफेद दाग में परहेज रखें ।
- अचार, सिरका, दही, अमचूर, इमली, नीबू का सेवन न करें।
- अंडा, मछली, या अन्य मांसाहार, शराब, तंबाकू से परहेज करें।
- आलू, उड़द, गन्ना, प्याज, मक्खन, दूध, जामुन, मिठाई, केला न खाएं।
- दूध और मछली या दूध और मांस एक साथ सेवन न करें। इन चीजो का सफेद दाग में विशेष तौर पर परहेज रखें।
- दूध से बनी चीजों का सेवन कम कर दें, मिठाई, रबडी, दही का एक साथ खाने में शामिल न करें।
- तिल, गुड़ और दूध भी एक साथ सेवन न करें।
- खट्टी चीजें जैस इमली, खटाई, नीबू, संतरा, आम, अंगूर, टमाटर, आंवला, अचार, दही, लस्सी, मिर्च, मैदा, उड़द दाल न खाएं। इन चीजो का सफेद दाग में परहेज रखें ।
- मांसाहार और फास्ट फूड न खाएं।
- सॉफ्ट डिंक्स के सेवन से बचें।
- नमक, मूली और मांस के साथ दूध न पीएं।
सफेद दाग का इलाज : Safed Daag ka Ilaj in Hindi
Vitiligo (Leucoderma) Treatment in Hindi
1- नीम किसी भी प्रकार की स्किन प्रॉब्लम्स में काफी फायदेमंद होती है। ऐसा माना जाता है कि यह स्किन पिगमेंटेशन को रिस्टोर करने में भी मदद करती है। यदि इसका सेवन किया जाये तो रक्त को शुद्ध भी करती है और रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाती है।
2- पिसी हुई नीम की पत्तियों और दही को मिलाकर पेस्ट तैयार करें। अब इस मिश्रण को अपने दागों पर लगायें और सूखने दें। फिर इसे धो लें। इसे कुछ महीनों के लिए रोज करें।
या फिर, नीम के तेल और नारियल के तेल को मिलाकर सफेद दागों पर लगायें।
3- कब्ज की शिकायत हो तो त्रिफला चूर्ण के सेवन से इसे दूर करें।
4- लहसुन के रस में हरड़ पीसकर दागों पर रोजाना लगाएं।
5- 40 ग्राम मूली के पिसे हुए बीज को 60 ग्राम सिरके में एक कांच के बर्तन में डाले तथा इसमें एक ग्राम संखिया भी पीस कर डाल दे अब इसे रात भर खुले आसमान के नीचे खुला रक्खे ताकि ओस की बुँदे इसमें गिरते रहे और सुबह इस बर्तन को उठा ले अब इस दवा को सोते समय सफ़ेद दागो पर लगाए बस ध्यान रहे इसे आँखों के आस पास न लगाए न ही होठो पे लगाए क्युकि इसमें संखिया है जो कि एक विष है
6- यदि होठो पर सफ़ेद दाग है तो निम्न प्रयोग करे- गंधक,लाल चीता(चित्रक) की जड़,हरताल,त्रिफला बराबर की मात्रा में ले इन सब को जल में घोटकर गोली बना ले और छाया में सुखा ले- अब इस गोली को जल में घिस कर लेप को दाग पर रोज लगाए-
7- श्वेत कुष्ठ पर एक अन्य प्रयोग- 100 ग्राम हल्दी तथा 100 ग्राम बाकुची के बीज को पीस कर 1500 मिलीलीटर पानी में पकाए जब पानी लगभग 300 ग्राम बचे तब इसमें 150 ग्राम सरसों का तेल डालकर फिर पकाए जब सारा पानी जल जाए और तेल मात्र बचे तब उतार ले तथा ठंडा होने पर कांच की शीशी में भर कर रख ले सुबह -शाम इस तेल को सफ़ेद दागों पर लगाने से लाभ होता है
अन्य उपाय : सफ़ेद दाग हो तो कार्तिक मास के हर रविवार को नमक मिर्च बिना का भोजन और सूर्य भगवान की पूजा तिल के तेल का दीपक दिखा के करे, लोटे में गुलाब की पंखुड़ियाँ,शक्कर, चावल, तिल आदि डालकर अर्घ्य दे |
सफेद दाग होने पर क्या न करें :
- सफ़ेद दागो पर खुजली होने पर नाखून से उसे ना कुरेदें ।
- ज्यादा भारी और अधिक मेहनत वाले व्यायाम न करें।
- आग तापने या धूप में दिन भर घूमने से पूरी तरह बचें। गर्मियों में सूर्य की अल्ट्रा वॉयलेट किरणों से बचने के लिए धूप में निकलने से पहले त्वचा को किसी सूती कपड़े से ढक लें । क्योंकि सफ़ेद दाग वाली कम रंग की वजह से त्वचा ज्यादा पारदर्शी होती है तथा गर्मी से झुलस सकती है | जानिए त्वचा को खराब करने वाले 12 कारण ।
- खाने-पीने की सफेद चीजों से परहेज करें।
- सफ़ेद दागो को छिपाने के लिए कलर, टैटू या अन्य किसी हथकंडे का प्रयोग ना करें ।
- त्वचा पर सफ़ेद दाग होने पर अपनी मर्जी से दवाओं का सेवन या अलग-अलग चिकित्सा प्रणालियों की दवाई एक साथ ना लें ।
- कोई भी क्रीम बिना डाक्टर की सलाह के ना लगायें ।
- मल, मूत्र, वमन व अन्य वेगों को न रोकें।
- देर रात तक ना जगें ।
- तेज केमिकल वाले साबुन और डिटर्जेंट का इस्तेमाल न करें।
- पर्फ्यूम, डियोड्रेंट, हेयर डाई, पेस्टिसाइड को शरीर को सीधे संपर्क में आने से बचाएं।
- घटिया सस्ती सौन्दर्य सामग्री का प्रयोग ना करें।
(दवा व नुस्खों को वैद्यकीय सलाहनुसार सेवन करें)
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