टमाटर क्या है ? : tomato in hindi
टमाटर का लेटिन नाम-लाइकोपर्सि कोन एस्क्यूलेण्टम (Lyscopersicon Esculentum) है । टमाटर पोषक तत्वों से भरपूर है । आजकल दुनिया भर में टमाटर का उपयोग भारी मात्रा में है। टमाटर में विटामिन ‘ए’ ‘बी’ ‘सी’ इतनी अधिक मात्रा में मिलते हैं जितने सन्तरा और अंगूरों में नहीं मिलते । इसीलिए यह सन्तरा और अंगूर से अधिक लाभदायक है।
इसमें पाए जाने वाले विटामिन गरम करने से नष्ट नहीं होते। टमाटर में विटामिन ‘ए’ अधिक पाया जाता है। प्रतिदिन 5 लाल टमाटर खाने से शरीर को जितने विटामिन ‘ए’ की आवश्यकता होती है, वह मिल जाती है। टमाटर में विटामिन ‘सी’ प्रचुर मात्रा में मिलती है जो शरीर में विद्यमान विजातीय तत्त्वों को निकालता है। टमाटर में रिबोफ्लाबिन पाया जाता है, जो विटामिन बी-कॉम्पलेक्स (समूह) का ही 1 रूप है। प्रति 100 ग्राम टमाटर में 0.9 ग्राम प्रोटीन, 0.2 ग्राम वसा, 3.6 ग्राम कार्बोहाइड्रेट आदि पोषक तत्व होते हैं ।
प्रति 100 ग्राम टमाटर से 20 कैलोरी ऊर्जा शरीर को प्राप्त होती है। टमाटर की प्रकृति न तो गर्म है और न ठण्डी । टमाटर के सम्बन्ध में एक अंग्रेजी कहावत मशहूर है कि Tomato a day keeps the doctor away अर्थात “प्रतिदिन 1-2 टमाटर खाने से डाक्टर आप से दूर ही रहेगा अर्थात डाक्टर (चिकित्सक) की आवश्यकता ही नहीं पडेगी। चूंकि टमाटर में आहरोपयोगी पोषक तत्व काफी मात्रा में हैं । अतः यह हरी-साग भाजियों में एवं फल के रूप में सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। टमाटर सख्त ठण्डी को सहन नहीं कर सकते । भारी वर्षा वाली और ठण्डी ऋतु को छोड़कर किसी भी ऋतु में इसके बीजों की पनीरी बनाकर इसे उगाया जा सकता है। सामान्यतः वर्ष में 2 बार मईजून तथा अक्टूबर-नवम्बर मास में टमाटर बोए जाते हैं । यद्यपि बाजार में तो ये वर्ष भर उपलब्ध रहते हैं।
टमाटर के औषधीय गुण : tamatar ke gun hindi me
- टमाटर की विभिन्न किस्में होती हैं। इनकी आकृति, रंग और स्वाद भिन्न-भिन्न होते हैं। टमाटर जितने बड़े हों, उतने ही गुण उत्तम होते हैं । कच्चे टमाटर हरे रंग के, खुट्टे होते हैं, परन्तु जब ये पकने लगते हैं तब चमकते लाल रंग के होते हैं।
- पके टमाटर भोजन के साथ लेने से रुचि उत्पन्न होती है जठराग्नि प्रदीप्त होती है, पाचनशक्ति बढ़ती है और रक्त एवं पित्त से सम्बन्धित अनेक प्रकार के रोग दूर होते हैं।
- टमाटर का रस तन-मन को ताजगी एवं स्फूर्ति से सराबोर करता है।
- स्त्रियों के भिन्नभिन्न रोगों के लिए भी टमाटर का रस अक्सीर है।
- कम वजन वाले लोग यदि भोजन के साथ पके टमाटर खाएँ तो दीर्घकालावधि में उनका वजन बढ़ता है।
- कमजोर शरीर वाले लोगों के लिए भी भोजन के साथ टमाटर अवश्य खाना चाहिए।
- टमाटर का खट्टा पन मनुष्य के जठर के लिए उपयोगी, रुचिकर, अग्निप्रदीपक, पाचक, सारक और रक्त शोधक है। अग्निमान्द्य, उदरशूल, मेदवृद्धि और रक्तविकार में यह लाभकारी है। ये अर्श, पाण्डु और जीर्ण ज्वर को दूर करते हैं ।
- सारक होने के कारण ये कब्जियत को मिटाते हैं।
- टमाटर उत्तम वायुनाशक हैं। ये रुकी हुई वायु का अनुलोमन करते हैं।
- यह हृदय को तृप्त करने वाले लघु, उष्ण तथा स्निग्ध हैं।
- रक्त और पित्त की वृद्धि करते हैं। वात कफ प्रकृति वालों के लिए टमाटर बहुत ही लाभकारी है ।
- पके टमाटर के रस में पुदीना, अदरक, धनिया और सेंधानमक मिलाकर उबालकर बनाई हुई चटनी भोजन के साथ खाने से मुँह का जायका अच्छा होता है एवं भोजन में रुचि उत्पन्न होती है।
- पके टमाटर का रस निकालकर उसमें अदरक और नीबू का रस मिलाकर पीने से ही लाभ होता है।
- सगर्भा स्त्रियों के लिए एवं प्रसूति में शारीरिक एवं मानसिक शक्ति बढ़ाने के लिए टमाटर का रस उत्तम है।
वैज्ञानिक मतानुसार टमाटर के गुण :
- टमाटर अत्यन्त महत्वपूर्ण और उपयोगी है । शरीर संवर्धन हेतु इसमें मुख्य उपयोगी-द्रव्य, लौह तथा अन्य क्षार टमाटर में प्रचुर मात्रा में विद्यमान हैं।
- सेब, सन्तरे, मौसमी, द्राक्ष आदि फलों की अपेक्षा इनमें रक्त उत्पन्न करने की शक्ति अनेक गुना अधिक है।
- टमाटर में आक्जेलिक एसिड अंशतः और साइट्रिक एसिड काफी मात्रा में है। उनमें लवण, पोटाश, लौह, चूना और मैग्नीज पर्याप्त मात्रा में है।
- टमाटर में खनिज क्षार-लौह, फास्फेट, मैलिकएसिड, ताजगी देने वाले और रक्त सुधारने वाले खट्टे पदार्थ भी हैं।
- टमाटर यकृत, गुर्दा और अन्य रोगों पर महत्वपूर्ण कार्य करते हैं । ये आँतों को व्यवस्थित करते हैं ।
- 6 प्रकार के विटामिनों में से 5 प्रकार के विटामिन टमाटर में हैं।
टमाटर खाने के फायदे और उपयोग : tamatar khane ke fayde
1-चूना-टमाटर में चूना अन्य फल-सब्जियों की अपेक्षा अधिक पाया जाता है । कैल्शियम हड्डियों को मजबूत बनाता है। दाँतों एवं हड्डियों की कमजोरी दूर करने के लिए टमाटर का सेवन उपयोगी है। ( और पढ़े – हड्डियों को वज्र जैसा मजबूत बनाने के 18 देशी उपाय )
2-लोहा-टमाटर में लोहा तत्व बहुत अधिक परिमाण में पाया जाता है। गर्भावस्था के दौरान लौहतत्व की प्रतिदिन आवश्यकता होती है। टमाटर में लोहा अण्डे से 5 गुना अधिक होता है। एक गिलास टमाटर का रस पीने से रक्तहीनता दूर होकर रक्तवृद्धि होती है।
3-कब्ज-इस व्याधि से छुटकारा पाने हेतु नित्य 50 ग्राम टमाटर खाएँ। ( और पढ़े – कब्ज दूर करने के 18 रामबाण देसी घरेलु उपचार)
4-पाचन शक्तिवर्धक-टमाटर बड़ी आँत को ताकत देता है । यह आँखों के घाव दूर करता है एवं पाचनशक्ति ठीक करता है। टमाटर का निरन्तर सेवन करने से कब्ज नहीं होती और दस्त साफ होता है। अफारा दूर होता है। आमाशय साफ रहता है। टमाटर आमाशय के विष को बाहर निकालकर निरोग रखता है। योरोप और अमेरिका में दूध पीने वाले बच्चों को टमाटर का रस पिलाया जाता है।
5-उण्डुक पुच्छशोथ-के कष्ट में 100 ग्राम लाल टमाटर पर सैंधा नमक और अदरक डालकर भोजन से पहले खाने से लाभ होता है। ( और पढ़े – अपेंडिक्स के 6 सबसे असरकारक आयुर्वेदिक उपचार)
6-छाले-जिसे बार-बार छाले होते हों, उसे टमाटर अधिक खाना चाहिए। छालों के लिए टमाटर औषधि का काम करता है । अथवा टमाटर का रस पानी में मिलाकर कुल्ले करने से भी छाले मिट जाते हैं।
7-खुजली-टमाटर का रस 1 चम्मच और नारियल का तेल 2 चम्मच मिलाकर मालिश करें । तदुपरान्त गर्म पानी से स्नान करें। लाभप्रद है। ( और पढ़े – खुजली के सबसे बेहतरीन 15 घरेलू उपचार )
8- ज्वर-टमाटर गर्मी को दूर करता है। अतः ज्वर में टमाटर सेवन करने से ज्वर कम होता है।
9-चर्म सम्बन्धी लाभ-कच्चा टमाटर खाने से त्वचा की खुश्की दूर होती है। यह गर्मी दूर करता है । अतः टमाटर को गर्मी में भी खाएँ। जिन सब्जियों की प्रकृति गर्म होती है, उनमें टमाटर डालकर खाने से उनकी प्रकृति शीतल हो जाती है। ( और पढ़े – त्वचा की 6 प्रमुख समस्या और उनके उपाय)
10-चर्मरोग नाशक-टमाटर खट्टा होता है। टमाटर की खटाई रक्त साफ करती है। रक्तशोधन के लिए टमाटर अकेले ही सेवन करना चाहिए। नीबू में भी इसी प्रकार के गुण है। रक्तदोष से त्वचा पर जब लाल चकत्ते उठे हों, मुँह की हड्डियाँ सूज गई हों, दाँतों से रक्त निकलता हो, स्कर्वी रोग की सम्भवना हो, रक्तविकार, दाद, बेरी-बेरी रोग हो तो टमाटर का रस दिन मे 3-4 बार पीने से लाभ होता है। यह रक्त को साफ करता है। कुछ सप्ताह तक निरन्तर टमाटर का रस पीने से चर्मरोग ठीक हो जाते हैं ।
11-पीलिया-टमाटर का रस नित्य 1 गिलास पीने से पीलिया रोग ठीक होता है। ( और पढ़े –पीलिया कैसा भी हो जड़ से खत्म करेंगे यह 36 देसी घरेलु उपचार )
12-जीभ का मैलापन-100 ग्राम लाल टमाटर पर सेंधा नमक डालकर खाने से जीभ का मैलापन दूर होता है।
13-कमजोरी-टमाटर का सूप भूख बढ़ाता है। रक्ताल्पता दूर करता है। थकावट व कमजोरी दूर करता है और चेहरे पर रौनक लाता है। ( और पढ़े –धातु दुर्बलता दूर कर वीर्य बढ़ाने के 32 घरेलू उपाय )
14-ज्वर-ज्वर के समय रक्त में हानिकारक पदार्थ बढ़ जाते हैं। टमाटर का सूप इन पदार्थों को निकाल देता है। इससे रोगी को आराम मिलता है। यह प्रयोग सामान्य ज्वर में ही करें ।
15-शक्तिवर्धक-प्रातःकाल नाश्ते में 1 गिलास टमाटर के रस में थोड़ा शहद मिलाकर पीने से चेहरा टमाटर की तरह ही लाल निकल आएगा। टमाटर यकृत, फेफड़ों को शक्ति देता है । स्मरणशक्ति बढ़ाता है। रक्तचाप को घटाता है। यह दस्त साफ लाता है। मोटापा रोकता है एवं चर्म रोगों से बचाता है।
16-मोटापा नाशक-जिनका भार अधिक है तथा अन्नाहार पर नियन्त्रण करते हैं-व्यायाम और योगासनों पर ध्यान देते हैं। टमाटर उनके लिए हितकारी है क्योंकि यह शरीर से विजातीय द्रव्य, पदार्थ और आँतों में रुके भोजन को शरीर से बाहर निकालने में पूर्णरूपेण मदद करता है। नित्य कच्चा टमाटर, नीबू, नमक और प्याज के साथ खाने से निश्चित रूप से बढ़ा हुआ भार धीरे-धीरे कम होने लगेगा। ( और पढ़े – तेजी से वजन कम करने के 15 उपाय)
17-रतौन्धी-अल्पदृष्टि में टमाटर अत्यन्त लाभदायक है। गठियाबाय-गठियाबाय के रोगियों के लिए लाभकारी है।
18-मधुमेह-इस रोग में टमाटर का सेवन बहुत ही लाभकारी है। टमाटर की खटाई शरीर में शर्करा की मात्रा घटाती है। मूत्र में शक्कर जाना धीरे-धीरे कम हो जाता है। प्रमेह में भी यह बहुत उपयोगी है। ( और पढ़े – मधुमेह के 25 रामबाण घरेलु उपचार )
19-सूखा रोग-टमाटर का सेवन बच्चों के सूखा रोग में भी लाभदायक है । सूखा रोग से ग्रस्त बच्चे को कच्चे लाल टमाटर का रस 4 बार नित्य 1 माह तक पिलाने से बच्चा हृष्ट-पुष्ट हो जाता है।
20-दाँत-टमाटर सेवन करने से दाँत भी मजबूत होते हैं। ( और पढ़े –दांतों को मजबूत व सुरक्षित रखने के 10 उपाय )
21- शिशु शक्तिवर्धक-शिशुओं की माताएँ टमाटर खाएँ और अपने शिशुओं को भी नित्य टमाटर का रस पिलाएँ। इससे शिशुओं का शारीरिक विकास अच्छा होता है। पाचनशक्ति अच्छी रहती है और दाँत भी सरलता से निकल आते हैं। इसके अतिरिक्त शरीर की स्थूलता, पेट के अतिसार, पीलिया, प्रदर आदि रोगों में भी टमाटर लाभदायक
22-कृमिनाशक-लाल टमाटर, कालीमिर्च, नमक मिलाकर खाने से उदरकृमि मर कर गुदामार्ग से बाहर निकल जाते हैं।
टमाटर खाने के नुकसान : tamatar khane ke nuksan
- टमाटर गुणकारी है तथापि-पथरी, सूजन, सन्धिवात, आमवात और अम्लपित्त के रोगियों के लिए यह अनुकूल नहीं है । अतः उन्हें टमाटरों का सेवन नहीं करना चाहिए।
- जिनको शीतपित्त का कष्ट हो, उन्हें भी टमाटर नहीं खाना चाहिए।
- जिनके शरीर में गर्मी की मात्रा ज्यादा हो, जठर, आँतों अथवा गर्भाशय में उपदंश हो, उनके लिए भी टमाटर का सेवन लाभकारक नहीं ।
- जिन्हें दस्त लग गए हों वे भी टमाटर न खाएँ और उसको सूप न पीएँ ।
- जिन लोगों की प्रकृति खटाई के अनुकूल न हो उन्हें भी टमाटर लाभकर नहीं, अतः उन्हें भी टमाटर कदापि नहीं खाने चाहिए।
- विशेष-टमाटर खाने के बाद पानी न पीएँ। टमाटर में तेजाबी अंश होता है जो पेट साफ रखता है। टमाटर खाकर पानी पीने से यह तेजस्वी अंश नष्ट हो जाता है।
- तेज खाँसी में टमाटर लेना हानिकारक है।
- पथरी के रोगी को टमाटर सेवन करना बहुत ही हानिकारक है। टमाटर के साथ शक्कर का प्रयोग लाभकारी है।
- सन्धिवात ग्रस्त, माँसपेशियों में दर्द, तथा शरीर में कहीं सूजन हो तो टमाटर का सेवन नहीं करना चाहिए।
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(उपाय व नुस्खों को वैद्यकीय सलाहनुसार उपयोग करें)