Last Updated on May 14, 2024 by admin
नारियल का पेड़ समुद्र के खारे पानी को न केवल पीने लायक बना देता है बल्कि औषधीय गुणों से भी युक्त कर देता है | आयुर्वेद के अनुसार नारियल पानी ठंडा होता है| यह पित्त और वायु का नाश करता है और यूरिनरी ब्लैडर की सफाई करता है|
नारियल पानी के फायदे : coconut water benefits in hindi
1. पित्त : नारियल का पानी, निर्मली के बीज़, शक्कर (चीनी) और इलायची को पीसकर सेवन करने से खूनी पित्त और पेशाब करने में कष्ट या जलन (मूत्रकृच्छ्) दूर होती है।
2. जलन वाला मूत्रकृच्छ् (पेशाब करने में जलन):
• नारियल के पानी में गुड़ और धनिये को मिलाकर पीने से पेशाब में जलन दूर होगी और पेशाब खुलकर आयेगा।
•कच्चे नारियल का पानी काफी मात्रा में पीने से लाभ मिलता है।
3. शरीर की जलन: नारियल का पानी बार-बार पीने से शरीर की जलन शान्त हो जाती है।
4. प्यास का अधिक लगना:
• नारियल की जटा (रेशा) जलाकर पानी में बुझा लें। फिर इस पानी को अच्छे से मिलाकर व छानकर पिलायें। इससे गले का सूखापन दूर होता है।
• नारियल के पानी को पीने से भी गले का सूखना व तेज प्यास लगना बन्द हो जाता है।
5. बालों का गिरना:
• नारियल के तेल की सिर में मालिश करने से बालों का गिरना बन्द हो जाता है।
• मेथी और आंवले के चूर्ण को नारियल के तेल में उबालकर सिर पर लगाने से लाभ मिलता है।
6. लू (गर्म हवा) का लगना: लू लगने पर नारियल के पानी को बार-बार पिलाना चाहिए।
7. डी-हाइड्रेशन (पानी की कमी होना):
• नारियल के पानी में नींबू का रस (स्वादानुसार) मिलाकर बच्चों को हर 5 मिनट पर 1 चम्मच की मात्रा में पिलाने से लाभ मिलता है। इससे बच्चे के मल में कृमि (कीड़े) मल के रास्ते बाहर निकल जायेंगे, उल्टी होना बन्द हो जाएगी। बड़ों को 1 चम्मच के बदले पूरे नारियल का पानी दे सकते हैं।
• नारियल का पानी थोडा़-थोड़ा करके पीने से शरीर में पानी की कमी दूर हो जाती है।
8. शिशुओं को दूध न पचना: दूध में नारियल के पानी को मिलाकर शिशुओं को पिला दें, जिन शिशुओं को दूध नहीं पचता, उन्हें नारियल के पानी को दूध में मिलाकर पिलाने से बच्चे आसानी से दूध को पचा सकते हैं।
9. मोटापा बढ़ाना:
• नारियल खाने से शरीर में चर्बी चढ़ती है और मस्तिष्क (दिमाग) को ताकत मिलती है।
• नारियल को दिन में 2 बार 50-50 ग्राम की मात्रा में रोज सेवन करने से शरीर मोटा होने लगता है।
10. सुंदर बच्चों के लिए: 1 नारियल का पानी गर्भवत्ती स्त्री को रोज पीते रहने से सन्तान सुंदर पैदा होती है।
11. पथरी (अश्मरी):
• नारियल का पानी दिन में 3 बार पीते रहने से पथरी मूत्र के द्वारा कटकर बाहर निकल जाती है।
• 12 ग्राम नारियल के पानी में आधा ग्राम यवक्षार मिलाकर दिन में 2 बार देने से लाभ मिलता है।
• नारियल का फूल 12 ग्राम को पानी के साथ मसलकर चटनी बना लें तथा उसमें लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग यवक्षार मिलाकर प्रतिदिन सुबह-शाम लें। इससे पेशाब खुलकर आता है तथा मूत्राशय की पथरी गलकर बाहर निकल जाती है।
12. आंखों के रोगों के लिए: नारियल की सूखी गिरी 25 ग्राम और शक्कर (चीनी) 60 ग्राम को मिलाकर रोजाना 7 दिनों तक खाने से लाभ पहुंचता है।
13. शरीर में गर्मी होने पर:
• नारियल के तेल में पानी को अच्छी तरह मिलाकर सिर व पैरों के तलुवों पर मालिश करने से शरीर की गर्मी धीरे-धीरे शान्त होती है।
• सुबह भूखे पेट नारियल के पानी में नींबू के रस को मिलाकर पीने से शरीर की सारी गर्मी मूत्र और मल के साथ निकल जाती है और खून साफ हो जाता है।
14. हृदय रोग : ताजे नारियल के 50 मिलीलीटर पानी में सेंकी हुई हल्दी की गांठ को घिस लें, फिर इसे 20 ग्राम शुद्ध घी में मिलाकर पीने से दिल की बीमारी दूर होती है।
15. रक्तप्रमेह: 1 साफ नारियल में छेद बनाकर 250 मिलीलीटर पानी और 3-4 चुटकी फिटकरी का चूर्ण डालें, फिर इसके छेद को बन्दकर रात भर ओस में रखकर सुबह के समय हिलाकर पीने से खूनी वीर्य विकार की समस्या मिटती है।
16. वायु रोग: ताजे नारियल के खोपरे के रस को आग पर सेंक लें, सेंकने के बाद जो तेल निकले, उसमें कालीमिर्च की बुकनी डालकर शरीर पर लगाने से वायु के कारण जकड़े हुए अंग वायुमुक्त होते हैं और वात रोग दूर होते हैं।
17. हैजा (उल्टी-दस्त):
• हैजा की स्थिति में नारियल का पानी सभी पोषक तत्वों की पूर्ति और प्राणों की रक्षा करता है, इसलिए नारियल का पानी पिलाना चाहिए।
• कच्चे नारियल का पानी थोड़ी-थोड़ी मात्रा में पीने से प्यास बुझने लगती है।
18. हृदय (दिल), ज्ञान तन्तुओं व पाचन तन्त्रों के लिए: नारियल के पानी को पीने से हृदय को ताकत मिलती है।
19. झुर्रियां, मुंहासे: नारियल का पानी रोजाना दिन में 2 बार लगाने से चेहरे की झुर्रियां और सिलवटें दूर हो जाती हैं।
20. परिणाम शूल : 100 से 500 कच्चे हरे नारियल के फल (गोला) के पानी को दिन में 2 बार पीने से अम्लपित्त और परिणाम (पेप्टिक अल्सर) में आराम मिलता है।
21. यक्ष्मा (टी.बी.): कच्चे नारियल 25 ग्राम खाने से या पीसकर पीने से टी.बी. के कीटाणुओं का नाश होता है तथा फेफड़ों को ताकत मिलती है।
22. मासिक-धर्म सम्बंधी विकार :
• नारियल को खाने से पेशाब से सम्बंधित सारी बीमारी दूर होती है। और स्त्रियों का रुका मासिक-धर्म खुलकर आता है।
• नारियल का सेवन करने से मूत्र (पेशाब) खुलकर आता है, यह बलवर्धक है, वीर्य (धातु) को गाढ़ा करता है और मासिक-धर्म को नियमित करता है।
23. जीभ और मुह का सूखापन : नारियल के पानी में चन्दन को घिसकर बने घोल में से 20 ग्राम घोल को पिलाने से मुंह का सूखापन खत्म होता है और प्यास की कमी भी दूर होती है।
24. गैस्ट्रिक अल्सर: कच्चे नारियल के पानी को पीने से गैस्ट्रिक अल्सर के रोगी के मुंह से आने वाले खून में लाभ होता है।
25. सुंदर पुत्र की प्राप्ति: कच्चे नारियल का गोला 25-30 ग्राम प्रतिदिन गर्भवती स्त्री को सेवन कराने से सुंदर सन्तान जन्म लेती हैं।
26. भूख का बार-बार लगना (अतिझुधा भस्मक): नारियल की जड़ का मिश्रण दूध के साथ पीने से भस्मक रोग मिट जाता है।
27. वमन (उल्टी):
• नारियल का पानी पीने से उल्टी आना और ज्यादा प्यास लगना कम हो जाता है।
• नारियल की जटा को जलाकर उसकी राख बना लें। इसकी 10 ग्राम राख को 10 ग्राम बड़ी इलायची के चूर्ण और लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग शहद के साथ मिलाकर चाटने से उल्टी आने का रोग समाप्त हो जाता है।
28. गर्भावस्था का भोजन: नारियल और मिश्री खाने से प्रसव में दर्द नहीं होता है तथा उत्पन्न सन्तान स्वस्थ होती है।
29. हिचकी का रोग:
• नारियल का पानी पीने से हिचकी में लाभ होता है।
• लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग नारियल की गिरी में लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग मिश्री को मिलाकर खिलाने से बच्चों की हिचकी में आराम होता है।
• नारियल की जटा की भस्म (राख) पानी में घोलकर रख दें। जब राख बैठ जाये। तब इस पानी को पीने से हिचकी मिट जाती है।
• नारियल के डाभ (कच्चे नारियल) का पानी पीने से हिचकी में लाभ होता है।
30. नपुंसकता (नामर्दी): नारियल वीर्य को गाढ़ा करता है।
31. कान के कीड़े: तसतूम्बे के पके हुए फल और नारियल के रस को एक साथ मिलाकर गर्म करके और छानकर 2-3 बूंदों कान में डालने से कान का जख्म भरकर ठीक हो जाता है।
32. दस्त: कच्चे नारियल (डाभ) के पानी को पीने से प्यास और दस्त में लाभ मिलता है।
33. आंवरक्त (पेचिश): पेचिश दूर करने के लिए गोले के कच्चे फल की गिरी और तिल बराबर मात्रा में लेकर उसका रस निकाल लें। उस रस को दही और घी में मिलाकर खाने से यह रोग दूर हो जाता है।
34. अम्लपित्त:
• कच्चा नारियल (डाभ) का पानी पीने से पेट की जलन, कलेजे की जलन में अच्छा लाभ पहुंचता है।
• नारियल की गिरी की राख को 6 ग्राम की मात्रा में रोजाना सुबह सेवन करने से अम्लपित्त की बीमारियां दूर होती हैं।
• नारियल का पानी पीने से अम्लपित्त दूर होता है।
• ताजा नारियल का 10 लीटर पानी निकालकर शहद के जैसा गाढ़ा बना लें, फिर उसमें जायफल, सोंठ, कालीमिर्च, पीपर (पीपल), जावित्री तथा थोड़ी-सी बुकनी डालकर कांच के बर्तन में भरकर रख लें। 10 से 15 ग्राम की मात्रा में 15 दिनों तक सेवन करने से अम्लपित्त, उदरशूल (पेट का दर्द) और यकृत वृद्धि (लीवर का बढ़ना) से छुटकारा मिलता है।
35. वात रोग:
• 1 नारियल के साथ 20 ग्राम भिलावां पीसकर आग पर चढ़ा दें। जब तेल ऊपर आ जाये तो उसे छानकर शीशी में रख लें। तेल की मालिश और नीचे की बची हुई लुगदी को लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग रोज खाने से सारे वात रोग दूर होते हैं।
• 70 ग्राम कच्चे नारियल का रस, 3 ग्राम त्रिफला कुटा हुआ और 2 ग्राम कालीमिर्च का चूर्ण मिलाकर सुबह-शाम पीने से सारे वायु रोग खत्म हो जाते है।
36. प्रसूता स्त्री के स्तनों में दूध का कम उतरना: नारियल के डाभ यानी नारियल के भीतर के पानी में फरहद के पत्तों को पकाकर काढ़ा बना लें। इसे रोजाना सुबह-‘शाम बच्चे को जन्म देने वाली मां (प्रसूता स्त्री) को सेवन कराने से स्तनों के अन्दर की शुद्धि होती है और स्तनों में दूध की बढ़ोत्तरी होती है।
37. आधासीसी (माइग्रेन) अधकपारी: लगभग 2-3 बूंद नारियल का पानी नाक में टपकाने से आधासीसी का दर्द ठीक हो जाता है।
38. चेहरे की झांई के लिए: अगर चेहरे पर कील, मुंहासे, चेचक के दाग, धब्बे काफी समय से हो तो कच्चे नारियल का पानी चेहरे पर लगाने से सब मिट जाते हैं। अगर नारियल का पानी न मिले तो बताशे को पीसकर दूध में मिलाकर चेहरे पर लगा लें और एक घंटे के बाद धो लें।
नारियल पानी के नुकसान : nariyal pani ke nuksan
• बहुत ज्यादा मात्रा में इसका सेवन करने से आपको बार बार मूत्र त्याग के लिए जाना पड़ सकता है।
• जिन लोगों को नारियल पानी से एलर्जी है उनको इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
अस्वीकरण: इस लेख में उपलब्ध जानकारी का उद्देश्य केवल शैक्षिक है और इसे चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं ग्रहण किया जाना चाहिए। कृपया किसी भी जड़ी बूटी, हर्बल उत्पाद या उपचार को आजमाने से पहले एक विशेषज्ञ चिकित्सक से संपर्क करें।