पानी भी एक दवा है – इसके चमत्कार देखें | Pani Ke Fayde In Hindi

Last Updated on May 26, 2021 by admin

पानी के चमत्कारी फायदे :

1). हमारे शास्त्रों में लिखा है-‘अजीर्णे भेषजं वारि जीर्णे वारि बलप्रदम्‘ अर्थात् अजीर्ण में पानी दवा का काम करता है और भोजन पचने के बाद पानी पीने से शरीर में बल होता है। बहुत-से रोगों में यह दवा का काम करता है।

2). ठंडे और गरम जल में अलग-अलग औषधीय गुण हैं। कई रोगों में ठंडा पानी और कई रोगों में गरम पानी दवा का काम करता है।

3). जब कभी किसी को आप आग से जलने या झुलसने से आक्रान्त देखें, तुरंत उसके जले-झुलसे अङ्ग को ठंडे पानी में कम-से-कम एक घंटा डुबोकर रखें-उसे परम शान्ति मिलेगी, जलन दूर होगी और घाव या फफोला नहीं होगा।( और पढ़े –आग से जलने पर घरेलु उपचार )

4). यदि पूरा शरीर जल जाय तो तुरंत उसको बड़े पानी के हौज में या तालाब में डुबो दें। साँस लेनेके लिये नाक को पानी के बाहर रखें। यह याद रखें कि जला-झुलसा अङ्ग पानी में लगातार एक या दो घंटे डूबा रहे। उस पर पानी नहीं छिड़कना चाहिये-इससे हानि होती है। पानी में डुबोये रखना ही कारगर इलाज है। यदि अस्पताल ले जाने के चक्कर में समय नष्ट करेंगे तो फफोले पड जायँगे, घाव सांघातिक बन जायँगे-जलन और कष्ट बढ़ जायगा। बहुतों को ऐसा झूठा भ्रम है कि जले अङ्गको पानीमें डुबोनेसे घाव बढ़ेंगे। सच्ची बात यह है कि जले अङ्गपर पानी के छींटे देने या पानी डालनेसे घाव बढ़ जाते हैं। हम तो पीडित अङ्गको लगातार एक-दो घंटे ठंडे पानी में डुबोये रखनेकी सिफ़ारिश करते हैं। तभी आपको ठंडे पानीका चमत्कार दिखायी देगा।

5). इसी तरह जब किसी को मोच आ जाय या चोट लगे तो तुरंत उस स्थानपर खूब ठंडे पानी की पट्टी लगा दे-बर्फ भी लगा सकते हैं। इससे न तो सूजन होगी, न दर्द बढ़ेगा। गरम पानी की पट्टी लगायेंगे या सेंक करेंगे तो सूजन आ जायगी और दर्द बढ़ जायगा।

6). यदि चोट लगने या कटने से खून आ जाय तो वहाँ बर्फ या खूब ठंडे पानी की पट्टी चढ़ा दें, आराम होगा।( और पढ़े –चोट लगने का 30 घरेलू इलाज)

7). गरम पानी का लाभ वात रोगों में – जोड़ों का दर्द, कमर का दर्द, घुटने का दर्द, गठिया-कंधे की जकड़न में होता है। इसमें गरम पानी का या भाप को सेंक दिया जाता है।

8). इंजेक्शन लगाने के बाद यदि उस स्थान पर सूजन आ जाय या दर्द बढ़े तो ठंडे पानी की पट्टी या बर्फ लगायें। वहाँ गरम पानी का सेंक न करें।

9). यदि रात में नींद न आती हो तो सोने के पहले दोनों पैरों को घुटनों तक सहने योग्य गरम पानी से भरी बाल्टी या टब में पंद्रह मिनट डुबोये रखें-इसके बाद पैरों को बाहर निकालकर पोंछ लें और सो जायँ। नींद आयेगी। यह ध्यान रखें कि जब गरम पानी में पैर डुबायें तब सिरपर ठंडे पानी में भिगोकर निचोड़ा हुआ तौलिया अवश्य रखें।

10). आपने अस्पतालों और नर्सिंग होमों में देखा होगा कि पतले दस्त या उल्टी-दस्त के रोगियों को सेलाइन का पानी चढ़ाते हैं। यह सेलाइन क्या है-नमकीन पानी है। इससे रोगी ठीक हो जाता है। इसी प्रकार बच्चों के पतले दस्त या डायरिया में जीवन-रक्षक घोल बनाकर देने से बच्चे ठीक हो जाते हैं। शरीर में पानी की कमी न होने पाये इसीलिये यह घोल दिया जाता है। पानी को कमी से मृत्यु हो जाती है। यही कारण है कि रोगी के शरीर में पानी पहुँचाया जाता है, चाहे मुखसे हो या सेलाइन चढ़ाकर। ये पानी के कुछ चमत्कार हैं।

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