Last Updated on June 12, 2021 by admin
कीड़े के काटने के लक्षण : kida katne ke lakshan
बिच्छू, बर्र, ततैया आदि कीड़े-मकोड़े के काट लेने से बहित्वचा प्रदाहयुक्त हो जाती है । जिसमें अत्यधिक खुजली, जलन और तीव्र पीड़ा होती है, जिसके कारण रोगी बेचैन हो जाता है ।
बिच्छू के दंश (काट लेना अथवा छेद होना) से तो अत्यधिक जलन और पीड़ा होती है और रोगी का कंठ सूख जाता है।
ऐलोपेथी दृष्टिकोण से इनकी चिकित्सा (एन्टी हिस्टामीन) औषधियों से की जाती है । क्षारीय (Alkaline) द्रव्यों का बाहरी (स्थानीय) प्रयोग इनके विष को निष्क्रिय कर देता है । आइये जाने कीड़े काटने पर क्या करें इनका घरेलु उपचार |kida katne par kya kare
कीड़े के काटने के घरेलु उपचार : kida katne par gharelu upchar
1• लाइकर अमोनिया फोर्ट (चूना व नौसादर का समभाग मिश्रण) दंशित स्थान पर भिगोकर बाँध देने तथा थोड़ी-थोड़ी देर बाद नई फुरैरी रखते रहना अत्यधिक लाभप्रद है। ( और पढ़ें – मधुमक्खी ततैया काटने के 10 घरेलु उपचार )
2• पोटाशियम परमैगनेट और यदि प्राप्य हो तो साइट्रिक एसिड के कुछ कण डंक वाले स्थान पर रखकर उस पर 2-4 बूंद नीबू का रस या जल डालने | से पीड़ा तथा जलन को आराम आ जाता है । ( और पढ़ें – कान में से कीड़े को निकालने के 22 रामबाण घरेलु उपाय )
3• ऐलोपेथी के चिकित्सक सुन्न करने वाले सूचीवेध (इन्जेक्शन) का स्थानीय प्रयोग कर रोगी को आराम प्रदान करते हैं ।
4• खटमल, जूं, मच्छर, चीलर इत्यादि के काटने पर नमक मिला पानी सोडा. पोटास, प्याज या सिरका आदि को मलना लाभप्रद है।
5• इमली के बीज पानी से पत्थर पर घिसकर लेई सी बनालें । उसे डंक पर लेप कर देने से बिच्छू दंश के समस्त कष्ट दूर हो जाते हैं ।
6• केकड़ा चिपट जाने पर लोहे की गरम करके सुहानी गर्म छड़ उस पर रखें ताकि वह उस स्थान से अलग हो जाये । उस पर शक्कर छिड़कने से भी वह अलग हो जाता है।
7• कनखजूरा के कान में घुसने पर घरेलु उपाय – कनखजूरा कान में चले जाने पर कान में विशुद्ध क्लोरोफार्म या कैन्डीज लोशन या हाइड्रोजन पर आक्साइड (झाग उत्पन्न करने वाला H2 का योग) अथवा गरम-गरम सरसों का तेल डालना लाभप्रद है।
8 • मेंढ़क के काटने का इलाज – मेंढ़क के काट लेने पर व्यक्ति का बदन ढीला हो जाता है, उसको सांस कष्ट के साथ आता है और मुख से दुर्गन्ध आने लगती है, आँखों के सामने अंधेरा सा छाने लगता है । जैतून का तैल और नमक गरम पानी में मिलाकर रोगी को कै (वमन) करायें तथा गरम पानी में बिठाकर पसीना लायें । लाभप्रद है ।
9 • लहसुन का रस 36 मि.ली. और इतनी ही मात्रा में मधु को मिलाकर रोगी को पिलाने से विष दूर हो जाता है ।
10 • नौसादर, सुहागा, चूना प्रत्येक 36-36 ग्राम एकत्र कर पीसलें और कार्क युक्त शीशी में बन्द करके रोगी को बार-बार सुघायें । लाभकारी है ।
11• मूली और नमक को पीसकर डंक पर मलना अतीव गुणकारी है । ( और पढ़ें – बिच्छू काटने पर चिकित्सा )
12 • दंश-स्थल को चीरकर रक्त निकालकर उसमें पोटेशियम परमैंगनेट डालकर (भरकर) नीबू का रस डालना अत्यधिक गुणकारी है ।
13 • अपामार्ग की जड़ को जल में रगड़कर डंक पर 2-2 मिनट बाद लगाये। ( और पढ़ें – सर्प दंश का विष नष्ट करने हेतु सरल उपाय )
14• दंश-स्थल पर कपूर और सिरका को एकसाथ पीसकर 1-1 मिनट बाद लेप करना उपयोगी है।
15• पीपल, काली मिर्च, अदरक, सेंधा नमक (प्रत्येक 3-3 ग्राम) एक साथ पीसकर (सभी का) चूर्ण बनाकर सुरक्षित रख लें । आवश्यकता पड़ने पर मधु और मक्खन में मिलाकर खिलायें । यह योग समस्त प्रकार के विष दूर करने में लाभप्रद है । अनुभूत योग है। ( और पढ़ें – साँपों का भय दूर करने का मंत्र )
16• फिटकरी सफेद 4 ग्रेन, गुलाब-जल या ताजा पानी 10 ग्राम दोनों को मिलाकर रोगी को चित्त लिटाकर उसकी आँखों में 4-4 बूंदें डालें । इससे 2 मिनट में ही लाभ मिलेगा । यह बिच्छू काटे का रामबाण घरेलू उपचार है।
17• लाहौरी नमक (सेंधा नमक) बारीक कूट पीसकर कपड़छन कर लें । बिच्छू दंश के स्थान पर इसे भर दें तथा रोगी के कान, नाक व आंख में इसी को पानी में घोलकर 2-3 बूंदें टपका दें। रोता हुआ बेचैन रोगी कुछ ही मिनटों में हँसता हुआ नजर आएगा। ( और पढ़ें –सेंधा नमक स्वास्थ्य के लिये वरदान )
18• मोचरस (सेमल का गोंद मोचरस कहलाता है) को पानी में पीसकर टिकिया बनाकर बिच्छू काटे (दंश) स्थान पर चिपका दें । यह टिकिया विष को चूसकर ही छूटेगी ।
19• बिच्छू के काटने का इलाज- बिच्छू दंश के रोगी को मूली खिलाना और दंश-स्थल पर मूली का ही रस लगाना परम लाभकारी है। ( और पढ़ें – पेट के कीड़े दूर करने के रामबाण घरेलु उपचार)
20• जमालगोटे की गिरी को पानी में पीसकर बिच्छू दंश के स्थान पर लगाने से तुरन्त आराम होता है ।
21• बिच्छू के काटने का इलाज- नीम की पत्ती वाली टहनी लेकर दंशित-स्थान को झाड़ने से भी बिच्छू का विष उतर जाता है ।
22• आक के पत्तों की नस्य देने से छींकें आकर बिच्छू का विष उतर जाता है। ( और पढ़ें – आक (मदार) के 22 चमत्कारी आयुर्वेदिक प्रयोग )
23• तुलसी के पत्तों का रस दंशित स्थान पर लगाने से बिच्छू का विष उतर जाता है । ( और पढ़ें – बुखार हो दूर करेंगे तुलसी के यह रामबाण प्रयोग )
24• सत्यानासी का रस बिच्छू-देश पर लगाने से तुरन्त आराम होता है।
25• बिच्छू के काटने का इलाज- 20 से 1 तक उल्टी गिनती गिनने से बिच्छू का विष उतर जाता है।
26• ततैया के काटने का इलाज – ततैया के काटने का इलाज – ततैया के काटने पर क्या करें – बिच्छू या ततैया के काटने पर तारपीन का तैल लगाना गुणकारी है।
27 • नीम के पत्ते मसलकर काटे हुए स्थान पर कुछ देर तक मलें । इस प्रयोग से बिच्छू का डंक गल जायेगा और विष शान्त पड़ जायेगा । नीम की छाल को चिलम में रखकर सूटा (कश) मारना बिच्छू-दंश में लाभप्रद है । सूखी पत्तियाँ भी तम्बाकू की तरह (छाल के स्थान पर) पी जा सकती है । सूखी निमौली को चिलम में रखकर कश खींचना बिच्छू-विष का शर्तिया इलाज है। ( और पढ़ें – नीम अर्क के फायदे )
28• बिच्छू-दंश स्थान पर अजवायन का लेप करना लाभप्रद है। ।
नोट-अजवायन विषों के लिए रामबाण है। यह अफीम के भी विष को दूर करती है। | इसके नियमानुसार सेवन करते रहने से अफीम खाने की आदत भी छूट जाती है।
29• घर से खटमल भगाने के उपाय – चारपाई के चारों पायों पर अजवायन की 4 पोटली बाँधने से खटमल भाग जाते हैं । अजवायन पीसकर समभाग सरसों के तेल में मिलाकर उसमें गत्ते के टुकड़ों को तर करके कमरे के चार कोनों में लटका देने से मच्छर कमरे से भाग जाते हैं ।
30• अमचूर पानी में पीसकर लेप करने से मकड़ी मली जाने (मकड़ी उभर आना) के विष को आराम आ जाता है। अमचूर और लहसुन समान मात्रा में पीसकर | बिच्छू दंश स्थान पर लेप करने से बिच्छू का जहर उतर जाता है।
31• कलौंजी के दाने ऊनी कपड़ों में रखने से कीड़े नहीं लगते हैं ।
32• मकड़ी के काटने का इलाज – सौंठ और जीरा को पानी के साथ पीसकर लेप लगाने से मकड़ी का विष उतर जाता है । जीरा और नमक को पीसकर घी और शहद में मिलाकर थोड़ासा गरम करके बिच्छू के डंक पर लगाने से बिच्छ का विष उतर जाता है ।
33• प्याज का रस 1 तोला और नौशादर 1 तोला खरल में डालकर खूब खरल करें । (जब दोनों खूब भली-भांति घुल-मिल जायें) तब शीशी में सुरक्षित रख लें । बिच्छू, भिड़, शहद की मक्खी, मच्छर इत्यादि के काट लेने पर इस औषधि की कुछ बूंदें मल दें, तुरन्त ठण्डक पड़ जाती है । पागल कुत्ते तथा बन्दर के काट लेने पर भी इसी प्रकार प्रयोग करें। अतीव लाभकारी घरेल योग है। ( और पढ़ें – प्याज खाने के 141 फायदे )
34• मकड़ी के काटने का इलाज- चिरौंजी के तैल के साथ पीसकर मालिश करने से मकड़ी का विष दूर हो जाता है ।
35• बिच्छू के काटने पर जहाँ बिच्छू ने काटा हो उसके विपरीत, कान में नमक से संतृप्त घोल (Saturated Solution) की 4 बूंदें डालें । इस प्रयोग से अति शीघ्र लाभ प्राप्त होता है । इस घोल को बिच्छू दंश स्थान पर भी लगायें तथा 1 घूट पी लें । घोल बनाने की विधि–पानी में नमक डालते जायें और हिलाते जायें जब नमक डालते-डालते हिलाने पर घुलना बन्द हो जाये तो यही घोल ‘‘संतृप्त घोल बन जाता है । इस घोल को लगाने से अन्य कीड़ों-मकोड़ों का काटा हुआ भी ठीक हो जाता है ।
36• 1 भाग नमक को 5 भाग पानी में मिलाकर काजल सी भाँति आँख में लगाने से बिच्छू का जहर तुरन्त उतर जाता है । विधि निम्न प्रकार है-लाहौरी नमक 10 ग्राम, स्वच्छ पानी 50 ग्राम लें। उसे 1 शीशी में डालकर हल कर लें ( बिच्छू काटे रोगी की आँखों में सलाई से लगायें । चन्द मिनटों में ही डंक के स्थान पर भी दर्द नष्ट हो जाएगा।
37• ट्रांजिस्टर एवं टार्च आदि में उपयोग होने वाले सैल (एवरेडी, जीप अथवा नोवीनो इत्यादि) जो अनुपयोगी हो गये हों के अन्दर का काला मसाला पानी में घोलकर बिच्छू दंश पर मलने से तत्काल विष नष्ट हो जाता है । तत्काल फलप्रद परीक्षित घरेलू योग है।
38• बर्र के काटने का इलाज -बिच्छू, ततैया, बर्र, मधुमक्खी के दंश स्थल को गो मूत्र से धोकर सौंठ को गोमूत्र में घिसकर लेप करने से शोथ व विष का प्रभाव नष्ट हो जाता है ।
39• हींग को स्त्री के दूध में मिलाकर थोड़ा गरम करके बिच्छू के डंक-स्थल पर लगा देने या आक के दूध में हींग को पीसकर लेप करने से बिच्छू का विष नाश हो जाता है । बिच्छू दंशित रोगी को गरम-गरम दूध पिलाना कराना भी अत्यधिक लाभप्रद है। ( और पढ़ें – हींग खाने के 73 सेहतमंद फायदे )
40• मधुमक्खी के काटने का इलाज- बिच्छू, ततैया, मधुमक्खी के दंश स्थान पर नीबू के बीज पीसकर सैंधा नमक मिलाकर लगाना व पिलाना अतीव उपयोगी है ।
आइये जाने कीड़ा काटने की दवा के बारे में |
विषैले कीड़ों के काटने की दवा : kida katne ki dawa
अच्युताय हरिओम फार्मा द्वारा निर्मित विषैले कीड़ों के विष का प्रभाव नष्ट करने की लाभदायक आयुर्वेदिक औषधि |
1) अमृत द्रव ( Achyutaya Hariom Amrit Drav) – जहरीले कीड़ों के दंश स्थल पर अमृत द्रव की 2-3 बुँदे दाल मलने से तत्काल विष नष्ट हो जाता है |
(उपाय व नुस्खों को वैद्यकीय सलाहनुसार उपयोग करें)