Last Updated on March 31, 2024 by admin
टमाटर क्या है ? : tomato in hindi
टमाटर का लेटिन नाम-लाइकोपर्सि कोन एस्क्यूलेण्टम (Lyscopersicon Esculentum) है । टमाटर पोषक तत्वों से भरपूर है । आजकल दुनिया भर में टमाटर का उपयोग भारी मात्रा में है। टमाटर में विटामिन ‘ए’ ‘बी’ ‘सी’ इतनी अधिक मात्रा में मिलते हैं जितने सन्तरा और अंगूरों में नहीं मिलते । इसीलिए यह सन्तरा और अंगूर से अधिक लाभदायक है।
इसमें पाए जाने वाले विटामिन गरम करने से नष्ट नहीं होते। टमाटर में विटामिन ‘ए’ अधिक पाया जाता है। प्रतिदिन 5 लाल टमाटर खाने से शरीर को जितने विटामिन ‘ए’ की आवश्यकता होती है, वह मिल जाती है। टमाटर में विटामिन ‘सी’ प्रचुर मात्रा में मिलती है जो शरीर में विद्यमान विजातीय तत्त्वों को निकालता है। टमाटर में रिबोफ्लाबिन पाया जाता है, जो विटामिन बी-कॉम्पलेक्स (समूह) का ही 1 रूप है। प्रति 100 ग्राम टमाटर में 0.9 ग्राम प्रोटीन, 0.2 ग्राम वसा, 3.6 ग्राम कार्बोहाइड्रेट आदि पोषक तत्व होते हैं ।
प्रति 100 ग्राम टमाटर से 20 कैलोरी ऊर्जा शरीर को प्राप्त होती है। टमाटर की प्रकृति न तो गर्म है और न ठण्डी । टमाटर के सम्बन्ध में एक अंग्रेजी कहावत मशहूर है कि Tomato a day keeps the doctor away अर्थात “प्रतिदिन 1-2 टमाटर खाने से डाक्टर आप से दूर ही रहेगा अर्थात डाक्टर (चिकित्सक) की आवश्यकता ही नहीं पडेगी। चूंकि टमाटर में आहरोपयोगी पोषक तत्व काफी मात्रा में हैं । अतः यह हरी-साग भाजियों में एवं फल के रूप में सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। टमाटर सख्त ठण्डी को सहन नहीं कर सकते । भारी वर्षा वाली और ठण्डी ऋतु को छोड़कर किसी भी ऋतु में इसके बीजों की पनीरी बनाकर इसे उगाया जा सकता है। सामान्यतः वर्ष में 2 बार मईजून तथा अक्टूबर-नवम्बर मास में टमाटर बोए जाते हैं । यद्यपि बाजार में तो ये वर्ष भर उपलब्ध रहते हैं।
टमाटर के औषधीय गुण : tamatar ke gun hindi me
- टमाटर की विभिन्न किस्में होती हैं। इनकी आकृति, रंग और स्वाद भिन्न-भिन्न होते हैं। टमाटर जितने बड़े हों, उतने ही गुण उत्तम होते हैं । कच्चे टमाटर हरे रंग के, खुट्टे होते हैं, परन्तु जब ये पकने लगते हैं तब चमकते लाल रंग के होते हैं।
- पके टमाटर भोजन के साथ लेने से रुचि उत्पन्न होती है जठराग्नि प्रदीप्त होती है, पाचनशक्ति बढ़ती है और रक्त एवं पित्त से सम्बन्धित अनेक प्रकार के रोग दूर होते हैं।
- टमाटर का रस तन-मन को ताजगी एवं स्फूर्ति से सराबोर करता है।
- स्त्रियों के भिन्नभिन्न रोगों के लिए भी टमाटर का रस अक्सीर है।
- कम वजन वाले लोग यदि भोजन के साथ पके टमाटर खाएँ तो दीर्घकालावधि में उनका वजन बढ़ता है।
- कमजोर शरीर वाले लोगों के लिए भी भोजन के साथ टमाटर अवश्य खाना चाहिए।
- टमाटर का खट्टा पन मनुष्य के जठर के लिए उपयोगी, रुचिकर, अग्निप्रदीपक, पाचक, सारक और रक्त शोधक है। अग्निमान्द्य, उदरशूल, मेदवृद्धि और रक्तविकार में यह लाभकारी है। ये अर्श, पाण्डु और जीर्ण ज्वर को दूर करते हैं ।
- सारक होने के कारण ये कब्जियत को मिटाते हैं।
- टमाटर उत्तम वायुनाशक हैं। ये रुकी हुई वायु का अनुलोमन करते हैं।
- यह हृदय को तृप्त करने वाले लघु, उष्ण तथा स्निग्ध हैं।
- रक्त और पित्त की वृद्धि करते हैं। वात कफ प्रकृति वालों के लिए टमाटर बहुत ही लाभकारी है ।
- पके टमाटर के रस में पुदीना, अदरक, धनिया और सेंधानमक मिलाकर उबालकर बनाई हुई चटनी भोजन के साथ खाने से मुँह का जायका अच्छा होता है एवं भोजन में रुचि उत्पन्न होती है।
- पके टमाटर का रस निकालकर उसमें अदरक और नीबू का रस मिलाकर पीने से ही लाभ होता है।
- सगर्भा स्त्रियों के लिए एवं प्रसूति में शारीरिक एवं मानसिक शक्ति बढ़ाने के लिए टमाटर का रस उत्तम है।
वैज्ञानिक मतानुसार टमाटर के गुण :
- टमाटर अत्यन्त महत्वपूर्ण और उपयोगी है । शरीर संवर्धन हेतु इसमें मुख्य उपयोगी-द्रव्य, लौह तथा अन्य क्षार टमाटर में प्रचुर मात्रा में विद्यमान हैं।
- सेब, सन्तरे, मौसमी, द्राक्ष आदि फलों की अपेक्षा इनमें रक्त उत्पन्न करने की शक्ति अनेक गुना अधिक है।
- टमाटर में आक्जेलिक एसिड अंशतः और साइट्रिक एसिड काफी मात्रा में है। उनमें लवण, पोटाश, लौह, चूना और मैग्नीज पर्याप्त मात्रा में है।
- टमाटर में खनिज क्षार-लौह, फास्फेट, मैलिकएसिड, ताजगी देने वाले और रक्त सुधारने वाले खट्टे पदार्थ भी हैं।
- टमाटर यकृत, गुर्दा और अन्य रोगों पर महत्वपूर्ण कार्य करते हैं । ये आँतों को व्यवस्थित करते हैं ।
- 6 प्रकार के विटामिनों में से 5 प्रकार के विटामिन टमाटर में हैं।
टमाटर खाने के फायदे और उपयोग : tamatar khane ke fayde
1. चूना – टमाटर में चूना अन्य फल-सब्जियों की अपेक्षा अधिक पाया जाता है । कैल्शियम हड्डियों को मजबूत बनाता है। दाँतों एवं हड्डियों की कमजोरी दूर करने के लिए टमाटर का सेवन उपयोगी है। ( और पढ़े – हड्डियों को वज्र जैसा मजबूत बनाने के 18 देशी उपाय )
2. लोहा – टमाटर में लोहा तत्व बहुत अधिक परिमाण में पाया जाता है। गर्भावस्था के दौरान लौहतत्व की प्रतिदिन आवश्यकता होती है। टमाटर में लोहा अण्डे से 5 गुना अधिक होता है। एक गिलास टमाटर का रस पीने से रक्तहीनता दूर होकर रक्तवृद्धि होती है।
3. सूखा (रिकेट्स) के रोग में : बच्चे को कच्चे लाल टमाटर का रस एक महीने तक रोजाना पिलाने से सूखा रोग (रिकेट्स) में आराम आता है और बच्चा सेहतमंद और अच्छा हो जाता है। सूखा रोग में टमाटर का सेवन बच्चों के लिये बहुत ही लाभकारी है।
4. पाचन शक्तिवर्धक – टमाटर बड़ी आँत को ताकत देता है । यह आँखों के घाव दूर करता है एवं पाचनशक्ति ठीक करता है। टमाटर का निरन्तर सेवन करने से कब्ज नहीं होती और दस्त साफ होता है। अफारा दूर होता है। आमाशय साफ रहता है। टमाटर आमाशय के विष को बाहर निकालकर निरोग रखता है। योरोप और अमेरिका में दूध पीने वाले बच्चों को टमाटर का रस पिलाया जाता है।
5. उण्डुक पुच्छशोथ – के कष्ट में 100 ग्राम लाल टमाटर पर सैंधा नमक और अदरक डालकर भोजन से पहले खाने से लाभ होता है। ( और पढ़े – अपेंडिक्स के 6 सबसे असरकारक आयुर्वेदिक उपचार)
6. छाले – जिसे बार-बार छाले होते हों, उसे टमाटर अधिक खाना चाहिए। छालों के लिए टमाटर औषधि का काम करता है । अथवा टमाटर का रस पानी में मिलाकर कुल्ले करने से भी छाले मिट जाते हैं।
7. खुजली – टमाटर का रस 1 चम्मच और नारियल का तेल 2 चम्मच मिलाकर मालिश करें । तदुपरान्त गर्म पानी से स्नान करें। लाभप्रद है। ( और पढ़े – खुजली के सबसे बेहतरीन 15 घरेलू उपचार )
8. ज्वर – टमाटर गर्मी को दूर करता है। अतः ज्वर में टमाटर सेवन करने से ज्वर कम होता है।
9. चर्म सम्बन्धी लाभ – कच्चा टमाटर खाने से त्वचा की खुश्की दूर होती है। यह गर्मी दूर करता है । अतः टमाटर को गर्मी में भी खाएँ। जिन सब्जियों की प्रकृति गर्म होती है, उनमें टमाटर डालकर खाने से उनकी प्रकृति शीतल हो जाती है। ( और पढ़े – त्वचा की 6 प्रमुख समस्या और उनके उपाय)
10. चर्मरोग नाशक – टमाटर खट्टा होता है। टमाटर की खटाई रक्त साफ करती है। रक्तशोधन के लिए टमाटर अकेले ही सेवन करना चाहिए। नीबू में भी इसी प्रकार के गुण है। रक्तदोष से त्वचा पर जब लाल चकत्ते उठे हों, मुँह की हड्डियाँ सूज गई हों, दाँतों से रक्त निकलता हो, स्कर्वी रोग की सम्भवना हो, रक्तविकार, दाद, बेरी-बेरी रोग हो तो टमाटर का रस दिन मे 3-4 बार पीने से लाभ होता है। यह रक्त को साफ करता है। कुछ सप्ताह तक निरन्तर टमाटर का रस पीने से चर्मरोग ठीक हो जाते हैं ।
11. पीलिया – टमाटर का रस नित्य 1 गिलास पीने से पीलिया रोग ठीक होता है। ( और पढ़े –पीलिया कैसा भी हो जड़ से खत्म करेंगे यह 36 देसी घरेलु उपचार )
12. जीभ का मैलापन – 100 ग्राम लाल टमाटर पर सेंधा नमक डालकर खाने से जीभ का मैलापन दूर होता है।
13. कमजोरी – टमाटर का सूप भूख बढ़ाता है। रक्ताल्पता दूर करता है। थकावट व कमजोरी दूर करता है और चेहरे पर रौनक लाता है। ( और पढ़े –धातु दुर्बलता दूर कर वीर्य बढ़ाने के 32 घरेलू उपाय )
14. ज्वर – ज्वर के समय रक्त में हानिकारक पदार्थ बढ़ जाते हैं। टमाटर का सूप इन पदार्थों को निकाल देता है। इससे रोगी को आराम मिलता है। यह प्रयोग सामान्य ज्वर में ही करें ।
15. शक्तिवर्धक – प्रातःकाल नाश्ते में 1 गिलास टमाटर के रस में थोड़ा शहद मिलाकर पीने से चेहरा टमाटर की तरह ही लाल निकल आएगा। टमाटर यकृत, फेफड़ों को शक्ति देता है । स्मरणशक्ति बढ़ाता है। रक्तचाप को घटाता है। यह दस्त साफ लाता है। मोटापा रोकता है एवं चर्म रोगों से बचाता है।
16. मोटापा नाशक – जिनका भार अधिक है तथा अन्नाहार पर नियन्त्रण करते हैं-व्यायाम और योगासनों पर ध्यान देते हैं। टमाटर उनके लिए हितकारी है क्योंकि यह शरीर से विजातीय द्रव्य, पदार्थ और आँतों में रुके भोजन को शरीर से बाहर निकालने में पूर्णरूपेण मदद करता है। नित्य कच्चा टमाटर, नीबू, नमक और प्याज के साथ खाने से निश्चित रूप से बढ़ा हुआ भार धीरे-धीरे कम होने लगेगा। ( और पढ़े – तेजी से वजन कम करने के 15 उपाय)
17. रतौन्धी – अल्पदृष्टि में टमाटर अत्यन्त लाभदायक है। गठियाबाय-गठियाबाय के रोगियों के लिए लाभकारी है।
18. मधुमेह – इस रोग में टमाटर का सेवन बहुत ही लाभकारी है। टमाटर की खटाई शरीर में शर्करा की मात्रा घटाती है। मूत्र में शक्कर जाना धीरे-धीरे कम हो जाता है। प्रमेह में भी यह बहुत उपयोगी है। ( और पढ़े – मधुमेह के 25 रामबाण घरेलु उपचार )
19 . सूखा रोग – टमाटर का सेवन बच्चों के सूखा रोग में भी लाभदायक है । सूखा रोग से ग्रस्त बच्चे को कच्चे लाल टमाटर का रस 4 बार नित्य 1 माह तक पिलाने से बच्चा हृष्ट-पुष्ट हो जाता है।
20. दाँत – टमाटर सेवन करने से दाँत भी मजबूत होते हैं। ( और पढ़े –दांतों को मजबूत व सुरक्षित रखने के 10 उपाय )
21. शिशु शक्तिवर्धक – शिशुओं की माताएँ टमाटर खाएँ और अपने शिशुओं को भी नित्य टमाटर का रस पिलाएँ। इससे शिशुओं का शारीरिक विकास अच्छा होता है। पाचनशक्ति अच्छी रहती है और दाँत भी सरलता से निकल आते हैं। इसके अतिरिक्त शरीर की स्थूलता, पेट के अतिसार, पीलिया, प्रदर आदि रोगों में भी टमाटर लाभदायक
22. कब्ज :
- कब्ज की बीमारी से छुटकारा पाने के लिए प्रतिदिन लगभग 50 ग्राम टमाटर खाने से लाभ मिलता है।
- कच्चा टमाटर सुबह और शाम खाने से कब्ज की समस्या दूर होती है।
- टमाटर खाने से कब्ज खत्म होती है और आमाशय व आंतों की सफाई करता है।
- टमाटर के रस में थोड़ा-सा सेंधानमक मिलाकर रोजाना खाने से गैस नहीं बनती है और कब्ज दूर हो जाती है।
- पक्के टमाटर का रस एक कप पानी में मिलाकर पीने से पुरानी से पुरानी कब्ज़ दूर होती है और आंतों को ताकत भी मिलती है।( और पढ़े – कब्ज दूर करने के 18 रामबाण देसी घरेलु उपचार)
23. पाचन शक्ति में सुधार : टमाटर को लगातार खाने से कब्ज नहीं होती है और दस्त साफ होता है। यह आंखों के जख्म को दूर करता है। टमाटर बड़ी आंतों को ताकत देता है। पाचनशक्ति को ठीक करता है। टमाटर आमाशय के जहर को बाहर निकालकर उसके रोग को दूर करता है।
24. शक्तिवर्धक (ताकत को बढ़ाने वाला) : सुबह के समय नाश्ते में एक गिलास टमाटर के रस में थोड़ा शहद मिलाकर पीने से चेहरा टमाटर की तरह लाल हो जाता है। इसके सेवन से याददाश्त बढ़ती है। टमाटर लीवर तथा फेफड़ों को मजबूती प्रदान करती है।
25. अण्डुक पुच्छशोथ : 100 ग्राम लाल टमाटर पर सेंधानमक और अदरक मिलाकर भोजन से पहले सेवन करने से लाभ मिलता है।
26. कृमिनाशक (पेट के कीड़े) :
- लाल टमाटर को काटकर उसमें नमक तथा कालीमिर्च का चूर्ण मिलाकर खाने से पेट के कीड़े मरकर गुदामार्ग से बाहर निकल जाते हैं।
- टमाटर के रस में हींग मिलाकर पीने से पेट के कीड़े मर जाते हैं।
27. मुंह के छाले :
- जिन लोगों के मुंह में बार-बार छाले होते हों उन्हें टमाटर अधिक सेवन करना चाहिए।
- टमाटर के रस को पानी में मिलाकर कुल्ला करें। इससे मुंह के छाले खत्म हो जाते हैं।
- आधे गिलास टमाटर के रस को आधे गिलास पानी में मिलाकर कुल्ला करें। इससे मुंह के सभी रोग ठीक होते हैं।
28. खुजली : 2 चम्मच नारियल के तेल में 1 चम्मच टमाटर का रस मिलाकर इससे शरीर की मालिश करें। इसके बाद गर्म पानी से स्नान करें इससे खुजली खत्म हो जाती है।
29. बुखार : बुखार के समय खून में हानिकारक पदार्थ बढ़ जाते हैं। टमाटर का सूप इन पदार्थों को बाहार निकाल देता है। इसलिए रोगी को इसका सेवन करने से बुखार कम हो जाता है। टमाटर शरीर की गर्मी को दूर करता है।
30. खांसी और बुखार : टमाटर के टुकड़े को कलई वाले बर्तन में थोड़ी गर्म करें इसके बाद उस पर गोदन्ती की भस्म (राख) छिड़कर खाने से खांसी और ज्वर (बुखार) में लाभ मिलता है।
31. चर्मरोग (त्वचा) :
- टमाटर की खटाई खून को साफ करती है। नींबू में इसी तरह के गुण पाए जाते हैं। टमाटर खट्टा होता है। यह खून को साफ करने वाला होता है। अत: टमाटर का सेवन करने से रक्तदोष दूर होकर त्वचा के रोग ठीक हो जाते हैं।
- त्वचा पर जब लाल चकत्ते उठे हो, मुंह की हडि्डयां सूज गई हों, दांतों से खून निकलता हो, कई प्रकार के चर्मरोग होने की संभावना हों जैसे- दाद या बेरी-बेरी आदि हो तो टमाटर का रस दिन में 3 से 4 बार पीने से लाभ मिलता है।
- कुछ हप्ते तक रोज टमाटर का रस पीने से चर्मरोग ठीक हो जाते हैं।
32. पीलिया : टमाटर का रस प्रतिदिन 1 गिलास पीने से पीलिया रोग ठीक होता है।
33. जीभ का मैलापन : लगभग 100 ग्राम लाल टमाटर पर सेंधानमक मिलाकर खाने से जीभ का मैलापन नष्ट हो जाता है।
34. कमजोरी :
- टमाटर का सूप प्रतिदिन पीने से भूख बढ़ने लगती है। इसके सेवन के फलस्वरूप खून की कमी दूर होती है तथा थकावट व कमजोरी भी खत्म हो जाती है और चेहरे पर रौनक आ जाती है।
- टमाटर का रोजाना सेवन करने से खून की गंदगी दूर हो जाती है और खून साफ हो जाता है जिसके फलस्वरूप शरीर में खून तथा ताकत की वृद्धि भी होती है।
35. दिमागी कमजोरी : टमाटर के सेवन से चिड़चिड़ापन और दिमागी कमजोरी खत्म होती है। यह मानसिक थकान को दूर करके मस्तिष्क को संतुलित बनाये रखता है।
36. मोटापा : प्रतिदिन कच्चा टमाटर तथा प्याज को काटकर उसमें नींबू का रस व नमक मिलाकर खाने से मोटापन कम होने लगता है। टमाटर मोटे लोगों के लिए लाभकारी होता है क्योंकि यह विजातीय द्रव्यों, पदार्थ और आंतों में रुके भोजन को शरीर से बाहर निकालने में पूरी तरह सहायता करता है।
37. रतौंधी (रात को दिखाई न देना) : टमाटर का सेवन प्रतिदिन करने से आंखों की रोशनी में वृद्धि होती है। इसके सेवन से रतौंधी दूर हो जाती है।
38. गठिया (जोड़ों के दर्द) : गठिया के रोगियों के लिए टमाटर खाना लाभदायक होता है।
39. मधुमेह (शूगर) : मधुमेह की बीमारी में टमाटर का सेवन करना बहुत ही गुणकारी होता है। टमाटर की खटाई को सेवन करने से शरीर में शर्करा की मात्रा कम हो जाती है। इसका सेवन प्रतिदिन करने से कुछ ही दिनों में मुधमेह रोग ठीक हो जाता है।
40. सूखारोग (रिकेट्स) : सूखारोग से ग्रस्त बच्चे को कच्चे लाल टमाटर का रस 4 बार प्रतिदिन 1 महीने तक पिलाने से बच्चा स्वस्थ्य हो जाता है।
41. दांतों के रोग :
- टमाटर खाने से दांत स्वस्थ और मजबूत होते हैं।
- टमाटर का रस निकालकर 2 से 3 बार दिन में पीने से दांतों से खून का गिरना बंद हो जाता है, इसका सेवन कुछ दिनों तक लगातार करना चाहिए।
- दांत घिसने से पीड़ित रोगी को 2 टमाटर का रस निकालकर उसमें काली मिर्च तथा काला नमक मिलाकर रोज सुबह खाली पेट पिलायें। इसको पीने से पेट के कीड़े मर जाते हैं और दांत घिसना बंत हो जाता है।
42. हृदयरोग : टमाटर के रस में अर्जुन के वृक्ष की छाल और चीनी मिलाकर खाने से हृदयशूल (हृदय का दर्द) और हृदय के रोग ठीक हो जाते हैं।
43. शिशुरोग : टमाटर में कैल्शियम की मात्रा काफी ज्यादा होती है इसलिए इसको खाने से शिशुओं की हडि्डयां मजबूत होती है। टमाटर में विटामिन ए अधिक मात्रा में पाया जाता है और टमाटर खाने से विटामिन `ए´ की कमी से होने नेत्रों की बीमारियां दूर होती हैं
44. आंखों के चारों और कालापन छा जाना :
- पके हुए लाल टमाटर विटामिन `ए´, `सी´ और लौह (आयन) के अत्ति उत्तम स्रोत है। अत: टमाटर का सेवन करना भी फायदेमंद रहता है।
- 1 चम्मच टमाटर का रस, आधा चम्मच नींबू का रस, 1 चुटकी हल्दी का बारीक चूर्ण और थोड़ा सा बेसन मिलाकर गाढ़ा लेप बना लें। इस लेप को आंखों के नीचे चारों तरफ काले घेरों पर 10 मिनट लगा रहने दें। इसे सूखने से पहले धीरे-धीरे मलकर पानी से धो लें। इसे कुछ दिनों तक रोजाना दिन में एक बार प्रयोग करें। आंखों के नीचे काले घेरे मिटने लगते हैं।
- 125 ग्राम टमाटर का रस लेकर उसमें आधा नींबू निचोड़ लें। फिर 5 से 7 पुदीने की पत्तियां पीसकर उसमे डाल दें। स्वाद के अनुसार सैंधानमक या कालानमक मिला लें। इस टमाटर के शीतल रस को सुबह और शाम एक बार पीने से कब्ज, पेट के कीड़े और कील-मुंहासों से छुटकारा मिल जाता है तथा त्वचा का सांवलापन दूर होता है।
45. रतौंधी (रात में न दिखाई देना) :
- रोजाना बच्चों को टमाटर काटकर उस पर काली मिर्च का चूर्ण और सेंधा नमक छिड़ककर खिलाने से रतौंधी की बीमारी समाप्त हो जाती है।
- 200 ग्राम टमाटर रोज खाने से रतौंधी की बीमारी मे बहुत आराम आता है।
- टमाटर खाने से रतौंधी (रात को दिखाई न देना) और अल्पदृष्टि (आंखों से कम दिखाई देना) मे लाभ होता है।
46. जीभ और त्वचा की सुन्नता :- न्न्तालाल टमाटर पर सेंधानमक डालकर खाने से जीभ का मैलापन तथा संज्ञाहीनता खत्म होती है।
47. हडि्डयों की कमजोरी : हडि्डयों की कमजोरी दूर करने के लियें टमाटर का सेवन उपयोगी है। टमाटर में अन्य सब्जियों की अपेक्षा चूना अधिक पाया जाता है। चूना हडि्डयों को मजबूज बनाता है। अत: टमाटर का सेवन प्रतिदिन करने से हडि्डयों की कमजोरी दूर हो जाती है।
48. श्वेत प्रदर : टमाटर के रस में शहद मिलाकर पीने से श्वेत प्रदर में फायदा होता है।
49. उण्डकुपुच्छशोथ (एपेंडिक्स) : लाल टमाटर पर सेंधानमक और अदरक डालकर खाना खाने से एपेंडिक्स साइटिस में लाभ मिलता है।
50. मोटापा:
- टमाटर और प्याज में थोड़ा-सा सेंधा नमक डालकर खाना खाने से पहले सलाद के रूप में भूख कम लगती है और इस प्रकार मोटापा कम होता जाता हैं।
- टमाटर खाने से शरीर में मौजूद विजातीय द्रव्य, पदार्थ व आंतों में रुका, अटका खाना शरीर से बाहर निकालने में पूरी मदद करता हैं। टमाटर में नमक और प्याज के साथ खाने से मोटापा कम होता हैं।
51. खून की कमी (एनिमिया) : टमाटर, पालक, और गाजर का रस आधा-आधा कप प्रतिदिन 40 दिन तक पीने से खून की कमी दूर हो जाती है।
52. शारीरिक सौंदर्यता के लिए :
- ककड़ी और टमाटर के रस को मिलाकर चेहरे पर लगाने से चेहरे के काले धब्बे (निशान) दूर हो जाते हैं और चेहरे का रंग साफ हो जाता है।
- 1 कच्चे टमाटर को मथकर (रस निकालकर) उसमें 1 बड़ा चम्मच छाछ मिला लें और इसे रोजाना चेहरे और हाथ-पैरों की त्वचा पर लगायें और आधे घंटे के बाद धो लें। इस प्रकार से प्रतिदिन उपचार करने से चेहरे का सांवलापन दूर हो जाता है।
- लाल टमाटर या अंगूर का रस चेहरे पर लगाने से चेहरे का सांवलापन दूर हो जाता है।
53. मधुमेह :
- टमाटर के सेवन से मधुमेह रोगी के मूत्र में शक्कर आना धीरे-धीरे कम हो जाता है।
- टमाटर के सेवन से मधुमेह रोग में आराम मिलता है।
54. पेट के कीड़े :
- टमाटर का सूप बनाकर उसमें वायविडंग का चूर्ण डालकर सेवन करने से पेट के कीड़े मरने लगते हैं।
- टमाटर के रस में कालीमिर्च का चूर्ण और सेंधानमक मिलाकर खाने से पेट के कीड़े नष्ट होते जाते हैं।
- लाल टमाटर को टुकड़ों में काला या सेंधानमक, कलमी सोडा और काली मिर्च मिलाकर खाने से पेट के कीड़े मर जाते हैं।
- टमाटर के रस को शहद के साथ चाटने से पेट के कीड़े खत्म हो जाते हैं।
- लाल टमाटर की चटनी में कालीमिर्च और सेंधानमक मिलाकर रोजाना सुबह खाने से पेट के कीड़े की समस्या खत्म हो जाती है।
- लाल टमाटर को काटकर उस पर सेंधानमक और कालीमिर्च डालकर दिन में 1 बार खुराक के रूप में 2 से 3 सप्ताह तक खाने से पेट में कीड़ों के कारण होने वाले रोग ठीक हो जाते हैं और कीड़ें भी मरकर बाहर निकल जाते हैं। ध्यान रहें कि टमाटर खाने के लगभग 2 घंटे पहले और 2 घंटे बाद कुछ भी न खाएं, थोड़ी-सी मात्रा में पानी पी सकते हैं।
55. मूत्ररोग : टमाटर का सेवन प्रतिदिन करने से पेशाब से संबंधित रोग ठीक हो जाते हैं।
56. दिल का तेज धड़कना : टमाटर का सूप बीज निकालकर 250 ग्राम लें और अर्जुन के पेड़ की छाल का चूर्ण 2 ग्राम लेकर दोनों को अच्छी तरह मिलाकर सुबह के समय सेवन करें। इससे लाभ मिलेगा।
57. चेहरे की झांई :
- रोज सुबह 1 गिलास टमाटर के रस में नमक, जीरा, काली मिर्च मिलाकर पीने से चहरे की झाई दूर होती है।
- अगर चेहरे पर काले दाग या धब्बे हों तो टमाटर के रस में रुई भिगोकर लगाने से काले धब्बे खत्म हो जाते हैं।
58. उच्च रक्तचाप (हाईब्लड प्रेशर) : 1 कप टमाटर के रस में शहद मिलाकर पीने से उच्च रक्तचाप की बीमारी 15 दिन में ठीक हो जाती है।
59. खाज-खुजली :
- रोजाना शाम को 50 ग्राम लाल टमाटर का रस पीने से त्वचा की शुष्कता (सूखना) मिट जाती है और खुजली भी दूर हो जाती है।
- 1 चम्मच टमाटर का रस और 2 चम्मच नारियल का तेल मिलाकर शरीर पर मालिश करने और फिर गर्म पानी से नहाने से खुजली दूर हो जाती है
60. लो ब्लडप्रेशर (निम्नरक्तचाप) : प्रतिदिन भोजन से पहले 250 ग्राम टमाटर काटकर उस पर सेंधानमक डालकर खाएं या 200 ग्राम सुबह-शाम टमाटर का रस पीने से निम्न रक्तचाप तेजी से सामान्य हो जाएगा।
टमाटर खाने के नुकसान : tamatar khane ke nuksan
- टमाटर गुणकारी है तथापि-पथरी, सूजन, सन्धिवात, आमवात और अम्लपित्त के रोगियों के लिए यह अनुकूल नहीं है । अतः उन्हें टमाटरों का सेवन नहीं करना चाहिए।
- जिनको शीतपित्त का कष्ट हो, उन्हें भी टमाटर नहीं खाना चाहिए।
- जिनके शरीर में गर्मी की मात्रा ज्यादा हो, जठर, आँतों अथवा गर्भाशय में उपदंश हो, उनके लिए भी टमाटर का सेवन लाभकारक नहीं ।
- जिन्हें दस्त लग गए हों वे भी टमाटर न खाएँ और उसको सूप न पीएँ ।
- जिन लोगों की प्रकृति खटाई के अनुकूल न हो उन्हें भी टमाटर लाभकर नहीं, अतः उन्हें भी टमाटर कदापि नहीं खाने चाहिए।
- विशेष-टमाटर खाने के बाद पानी न पीएँ। टमाटर में तेजाबी अंश होता है जो पेट साफ रखता है। टमाटर खाकर पानी पीने से यह तेजस्वी अंश नष्ट हो जाता है।
- तेज खाँसी में टमाटर लेना हानिकारक है।
- पथरी के रोगी को टमाटर सेवन करना बहुत ही हानिकारक है। टमाटर के साथ शक्कर का प्रयोग लाभकारी है।
- सन्धिवात ग्रस्त, माँसपेशियों में दर्द, तथा शरीर में कहीं सूजन हो तो टमाटर का सेवन नहीं करना चाहिए।
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अस्वीकरण : ये लेख केवल जानकारी के लिए है । myBapuji किसी भी सूरत में किसी भी तरह की चिकित्सा की सलाह नहीं दे रहा है । आपके लिए कौन सी चिकित्सा सही है, इसके बारे में अपने डॉक्टर से बात करके ही निर्णय लें।