Last Updated on July 22, 2019 by admin
बढ़ती उम्र के साथ जोड़ों में दर्द होने की संभावनाएं बढ़ने लगती हैं।
ख़ासकर उन लोगों में जो जीवन के प्रति बहुत ज़्यादा लापरवाह होते हैं, जोड़ों के दर्द का प्रामाणिक वैकल्पिक उपचार योग में उपलब्ध है, जिसके अभ्यास से दर्द से छुटकारा मिल जाता है। योग तंदुरुस्त रहने की प्राचीन भारतीय तकनीक है, जो हर तरह के दर्द को जड़ से ख़त्म करके शरीर को रोगमुक्त बना देती है।
योग सेहत को सुधारता है, साथ ही यह मानसिक शांति भी देता है। जोड़ों के दर्द से छुटकारा पाने और जोड़ को शक्तिशाली बनाने के लिए कई योगासन हैं, जिन्हें नियमित रूप से करके दर्द से मुक्त रहा जा सकता है।
त्रिकोणासन :
त्रिकोणासन पैरों, घुटनों और टखनों को मज़बूत करने में बहुत फ़ायदेमंद माना जाता है। इसे नियमित करने से कमरदर्द से राहत मिलती है। यह घुटने की नस, कमर, जांघ के जोड़ और नितंब में खिंचाव पैदा करके उन्हें गतिशील बनाता है।
उष्ट्रासन :
उष्ट्रासन कंधों और पीठ को मज़बूती प्रदान करनेवाला एक प्रभावशाली आसन है। इसे नियमित करने से रीढ़ की हड्डी लचीली बनती है। इससे शारीरिक मुद्रा में सुधार होता है, जिससे कमर का दर्द ख़त्म हो जाता है।
( और पढ़े– उष्ट्रासन करने की विधि )
वीरभद्रासन :
वीरभद्रासन घुटनों को मज़बूत बनाता है। इस आसन को करने से जकड़े हुए कंधे लचीले हो जाते हैं, जिससे बड़ी राहत महसूस होती है। इतना ही नहीं, यह आसन कंधों से तनाव ख़त्म करके पूरे शरीर को संतुलन प्रदान करता है।
धनुरासन :
धनुरासन कंधे और पीठ के लिए बहुत अच्छा माना जाता है। यह ऐसा आसन है जो जकड़े हुए कंधों को खोल देता है। इसे करने से पीठ में लचीलापन आता है।
( और पढ़े– धनुरासन करने की विधि)
मकर अधोमुख स्वानासन :
मकर अधोमुख स्वानासन कंधों व घुटने की नसों में खिंचाव पैदा करता है। यह कलाई, भुजाओं और पैरों को मज़बूती प्रदान करता है। यह कमरदर्द के लिए फ़ायदेमंद है। इसे करने से शारीरिक जड़ता समाप्त होती है। यह ऑस्टियोपोरोसिस से बचाव में मददगार है
सेतुबंध आसन :
सेतुबंध आसन घुटनों के टिश्यूज़ को मज़बूती प्रदान करता है। यह आसन ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारी में बहुत लाभकारी माना जाता है। यह दिमाग़ को शांत रखता है, जिससे रोगी चिंतामुक्त महसूस करता है और शरीर का तनाव खत्म होता है।
हेल्दी फूड :
जोड़ शरीर की हड्डियों का मिलन बिंदु है, जिनकी मदद से सभी अंगों को मूवमेंट मिलता है और तमाम क्रियाएं संचालित होती हैं। इन जॉइंट्स को स्वस्थ और मज़बूत बनाए रखना आसान है। इसके लिए सबसे पहले आहार में सधार कर पौष्टिक तत्वोंवाले आहार का सेवन करना चाहिए। डायटीशियन्स के मुताबिक़, चीनी और ग्लूटेन प्रधान जैसे जलन एवं उत्तेजना पैदा करनेवाले भोजन का सेवन कम करना चाहिए। हरी पत्तेदार सब्ज़ियां व फल बहुत लाभकारी होते हैं। बजट के मुताबिक़ यथासंभव सब्ज़ी व फल का सेवन ज़रूर करना चाहिए।
तंदुरुस्त रहने के मंत्र :
कोई भी इंसान आयुर्वेद की मदद से जोड़ों के दर्द समेत शरीर में हर तरह के दर्द को कम कर सकता है। योग स्वस्थ जीवन के लिए कुदरती और पूरी तरह दोषरहित जीवन पद्धति है। नियमित रूप से योग करके शारीरिक और मानसिक रूप से तंदुरुस्त रहा जा सकता है। योग शरीर को चुस्त बनाता है। इससे जीवन में गुणात्मक सुधार होता है। योग का असर धीमी गति से होता है। फ़ौरन राहत के चक्कर में इसे हड़बड़ी में छोड़ना नहीं चाहिए। जो नियमपूर्वक योग करते हैं और पौष्टिक आहार लेते हैं, उनका शरीर हमेशा निरोगी और दर्दमुक्त रहता है।
योग तन व मन को स्वस्थ रखता है। फिर भी योग मेडिसिन्स और दूसरी ट्रीटमेंट थेरेपी का इकलौता विकल्प नहीं है। योग किसी कुशल ट्रेनर व जानकार के गाइडेंस में ही करें।
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