Last Updated on December 14, 2021 by admin
क्या है ओटमील ? : oatmeal in hindi
- जई के दलिया को ओटमील कहा जाता है।
- यह फाइबर और कॉम्पलेक्स कार्बोहाइड्रेट्स का अच्छा स्रोत है।
- इसमें घुलनशील व अघुलनशील दोनों तरह के फाइबर होते हैं।
- फॉलिक एसिड से भरपूर ओट्स बढ़ते बच्चों के लिए एक हेल्दी आहार है।
- ओट्स में कैल्शियम, ओमेगा ३-फैटी एसिड, फोलेट, पोटैशियम, जिंक, मैग्नीज़, आयरन, विटामिन बी व ई भरपूर मात्रा में होते हैं।
ओटमील की खासियत :
- ओटमील को बनाने में समय कम लगता है और ये आसानी से पक जाता है।
- इसमें मौजूद घुलनशील फाइबर की वजह से देर तक पेट भरा रहता है।
सेहतमंद ओटमील (जई की दलिया) के स्वास्थ्य लाभ :
- ओटमील बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करता है, जिससे हृदय स्वस्थ रहता है। इसमें मौजूद घुलनशील फाइबर बीटा ग्लूकॉन तत्व की वजह से बैड कोलेस्ट्रॉल जमा नहीं हो पाता है, एक रिसर्च के मुताबिक़ अगर रोज़ाना ओट्स का सेवन किया जाए, तो बैड कोलेस्ट्रॉल 7 फ़ीसदी तक कम हो सकता है।
- इसके सेवन से आंतों की सफ़ाई ठीक से होती है और क़ब्ज़ की समस्या भी नहीं होती है।
- वज़न कम करना है, तो ओट्स खाएं। इसमें कैलोरी कम होती है. एक कप ओट्स में केवल 130 कैलोरी होती है।
- इसे खाने से पेट देर तक भरा रहता है।
- डायबिटीज़ के मरीज़ों के लिए ओटमीट बेहद फ़ायदेमंद होता है. इसके सेवन से टाइप २ डायबिटीज़ होने का ख़तरा कम हो जाता है। इसमें मौजूद हाई फाइबर और कॉम्पलेक्स कार्बोहाइड्रेट्स पूरे आहार को शर्करा में बदलने की प्रक्रिया को धीमा कर देते हैं, जिसकी वजह से रक्त में ग्लूकोज का स्तर बढ़ता नहीं है।
- ओटमील खाने से ब्लडप्रेशर भी कंट्रोल में रहता है।
- ओट्स इम्युनिटी को मज़बूत करने में भी सहायक होता है।
- ओट्स पाचनतंत्र के लिए अच्छा होता है। इसमें मौजूद फाइबर पाचनतंत्र को स्ट्रॉन्ग बनाते हैं और इसे खाने से एसिडिटी, पेट में जलन और अपच नहीं होती है।
- ओट्स में लिगनन और एन्टेरोलैक्टोन जैसे फाइटोकेमिकल्स पाए जाते हैं, जो स्तन व दूसरे हार्मोनल कैंसर के ख़तरे को कम करता है।
- इसे खाने से स्ट्रेस भी कम होता है. फाइबर और मैग्नीशियम की वजह से मस्तिष्क में सेरोटोनिन की मात्रा बढ़ जाती है, जिसकी वजह से मूड अच्छा हो जाता है।
जई की दलिया (ओटमील) को पकाने के कुछ तरीके :
- ओटमील को पानी और दूध दोनों में पकाया जा सकता है। दूध में पकाने से इसमें प्रोटीन और कैल्शियम और बढ़ जाते हैं।
- ओटमील से बनी खीर में फाइबर, विटामिन्स व मिनरल्स बढ़ाने के लिए इसमें स्ट्रॉबेरीज़, ब्लूबेरीज़, सेब, केला जैसे फल भी डाल सकते हैं।
- इसे सूखा भी खाया जा सकता है। अगर इसे सूखा खाना थोड़ा बोरिंग लगे, तो इसमें काजू, बादाम, किशमिश मिलाकर खाएं। मीठा अगर पसंद नहीं, तो आप इसे पोहा की तरह भी पका सकते हैं। पोहा की जगह ओट्स का इस्तेमाल करें।
- ओट्स को दही में मिलाकर भी खाया जा सकता है।
- ओट्स की चाट भी बनाई जा सकती है। चाट बनाने के लिए ओटमील में बारीक़ कटे हुए टमाटर, प्याज़, हरी मिर्च, हरा धनिया मिलाकर ऊपर से नींबू निचोड़ कर खाएं।