Last Updated on February 7, 2023 by admin
आंखों के विभिन्न रोगों का होम्योपैथिक से उपचार ( Aankhon ke Rogon ka Homeopathic Ilaj)
1. आंखों में जलन महसूस होना :
आंखों की जलन को ठीक करने के लिए बेलेडोना औषधि की 6 शक्ति की मात्रा का उपयोग करना चाहिए। इस प्रकार के लक्षणों को ठीक करने के लिए आर्सेनिक औषधि की 6 शक्ति या सल्फर औषधि की 30 शक्ति की मात्रा का भी प्रयोग कर सकते हैं।
2. आंखों में ठण्ड महसूस होना :
आंखों में ठण्ड महसूस होने पर उपचार करने के लिए एसिड-फास औषधि की 6 शक्ति की मात्रा का प्रयोग करना चाहिए।
3. आंखों में भारीपन महसूस होना या आंखें मींच न सकना :
आंखों में भारीपन महसूस होना या आंखें मींच पाने पर उपचार करने के लिए जेलसिमियम औषधि की 1x मात्रा का सेवन करना चाहिए।
4. आंखें फूल जाना :
आंखें फूल जाने पर एपिस औषधि की 6 शक्ति की मात्रा का प्रयोग करना चाहिए। इस प्रकार के लक्षणों को ठीक करने के लिए रस-टक्स औषधि की 6 शक्ति का भी प्रयोग किया जा सकता है।
5. आंखें कांपना या फड़कना (आंखों की पुतली या पलक हिलना) :
आंखें कांपना या फड़कने पर उपचार करने के लिए ऐगरिकस औषधि की 6 शक्ति या पल्स की 3 शक्ति का सेवन करना चाहिए।
6. आंखों में खुजली होना :
आंखों में खुजली होने पर सल्फर औषधि की 30 शक्ति की मात्रा का प्रयोग करना चाहिए। इस प्रकार के लक्षण को ठीक करने के लिए पल्स औषधि की 3 शक्ति की मात्रा का भी प्रयोग कर सकते हैं।
7. आंखों से पानी गिरना :
आंखों से पानी गिरने पर उपचार करने के लिए युफ्रेशिया औषधि की 6X मात्रा या पल्स औषधि की 3 शक्ति की मात्रा का प्रयोग करना लाभदायक है।
8. आंखों से गर्म पानी गिरना :
आंखों से गर्म पानी गिरने पर उपचार करने के लिए आर्स औषधि की 3X मात्रा का प्रयोग करना चाहिए। इस प्रकार के रोग को ठीक करने के लिए आर्स औषधि की 30 शक्ति की मात्रा का भी प्रयोग किया जा सकता है।
9. आंखों से स्निग्ध जल गिरना :
इस प्रकार के लक्षण को ठीक करने के लिए पल्स औषधि की 3 शक्ति या 30 शक्ति की मात्रा का सेवन करना चाहिए।
10. आंखें अकड़ना या दर्द होना :
इस प्रकार के लक्षणों को ठीक करने के लिए नेट्रम-म्यूर औषधि की 12X मात्रा चूर्ण या फिर इसकी 30 शक्ति की मात्रा का प्रयोग करना चाहिए। इस प्रकार के लक्षाणों को ठीक करने के लिए ब्रायोनिया औषधि की 6 शक्ति, हिपर-स औषधि की 6 या फिर बेलेडोना औषधि की 3 शक्ति की मात्रा का प्रयोग करना चाहिए।
11. आंखों की स्नायु में दर्द होना :
आंखों की स्नायु के दर्द को ठीक करने के लिए आर्स औषधि की 3 शक्ति का प्रयोग करना चाहिए। इस प्रकार के रोग को ठीक करने के लिए जेल्स औषधि की 1X मात्रा या 3 शक्ति या फिर स्पाइजिलिया औषधि की 6 या 30 शक्ति की मात्रा का प्रयोग करना चाहिए।
12. आंखें अन्दर की और अकड़ रही हो ऐसा महसूस होना :
इस प्रकार के लक्षण को ठीक करने के लिए एसिडफास औषधि की 6 शक्ति की मात्रा का प्रयोग करना चाहिए। इस प्रकार के लक्षण को क्रोटन औषधि की 6 शक्ति की मात्रा से भी ठीक कर सकते हैं।
13. आंखें मानो बाहर की ओर अकड़ गई हो ऐसा महसूस होना :
इस प्रकार के लक्षणों को ठीक करने के लिए ब्रायोनिया औषधि की 6 शक्ति या लाइको औषधि की 12 शक्ति का प्रयोग करना चाहिए।
14. आंखों में कुचल जाने की तरह दर्द होना :
आंखों में कुचल जाने की तरह दर्द होने पर आर्निका औषधि की 3 शक्ति की मात्रा का प्रयोग करना चाहिए। इसे ठीक करने के लिए जेल्स औषधि की 12X मात्रा का भी प्रयोग कर सकते हैं।
15. आंखों में सुई चुभने या कट जाने की तरह दर्द होना :
इस प्रकार का दर्द होने पर ब्रायोनिया औषधि की 3X मात्रा या 30 शक्ति की मात्रा का प्रयोग करना चाहिए। इस प्रकार के लक्षणों को ठीक करने के लिए नाइट्रिक-एसिड औषधि की 6 शक्ति की मात्रा का उपयोग किया जा सकता है।
16. आंखों में धारदार कांटा गड़ने जैसा दर्द होना (Splinter like) :
इस प्रकार के लक्षण को ठीक करने के लिए एसिड-नाइट्रिक औषधि की 6 शक्ति, हिपर औषधि की 6 शक्ति या 30 शक्ति या फिर थूजा औषधि का उपयोग करना चाहिए।
17. आंखों में तीर चुभने जैसा दर्द होना :
आंखों में तीर चुभने जैसा दर्द होने पर उपचार करने के लिए एपिस औषधि की 6 शक्ति की मात्रा का सेवन करना चाहिए।
18. आंखों में नोचने जैसा दर्द होना :
इस प्रकार के लक्षण को ठीक करने के लिए पल्सेटिला औषधि की 3 शक्ति या फिर आरम-म्यूर औषधि की 6 शक्ति की मात्रा का प्रयोग करना चाहिए।
19. आंखों में टनक महसूस होना :
आंखों में टनक महसूस होने पर बेल औषधि की 3 शक्ति या हिपर औषधि का प्रयोग करना चाहिए।
20. आंखों में दर्द एकाएक बढ़ जाए और एकाएक ही घट जाए :
इस प्रकार के लक्षण के होने पर उपचार करने के लिए बेल औषधि की 6 शक्ति या फिर सिड्रन औषधि की 6 शक्ति की मात्रा का प्रयोग करना चाहिए जिसके फलस्वरूप इस प्रकार के लक्षण ठीक हो जाते हैं।
21. आंखों का दर्द धीरे-धीरे बढ़ता हो और धीरे-धीरे घटता हो :
इस प्रकार के लक्षण के होने पर उपचार करने के लिए स्टैनम औषधि की 6 शक्ति की मात्रा का प्रयोग करना चाहिए।
22. आंखों का दर्द आंखों के चारों और फैल जाए :
इस प्रकार के लक्षण के होने पर उपचार करने के लिए स्पाइजिलिया औषधि की 3 या फिर मेजेरियम औषधि की 30 शक्ति की मात्रा का प्रयोग लाभकारी है।
23. आंखों में दर्द एक ही समय में शुरू होना :
ऐसे लक्षण में सिड्रन औषधि की 6 शक्ति की मात्रा का प्रयोग कर सकते हैं।
24. आंखों में दर्द सहन न हो पा रहा हो अर्थात दर्द असहनीय हो :
इस प्रकार के लक्षण को ठीक करने के लिए कैमोमिला औषधि की 12 शक्ति की मात्रा का प्रयोग करना फायदेमंद है।
25. आंखों में दर्द होने के बाद वह जगह सुन्न हो गई हो :
इस लक्षण के होने पर उपचार करने के लिए मेजे औषधि की 6 शक्ति की मात्रा का सेवन करना चाहिए।
26. आंखों में दर्द बाहर की ओर फैलना :
इस प्रकार के लक्षण को ठीक करने के लिए ऐसाफिटिडा औषधि की 3 शक्ति की मात्रा का प्रयोग करना चाहिए।
27. आंखों में दर्द अन्दर की ओर फैलना :
ऐसे लक्षण के लिए आरम औषधि की 6X मात्रा का चूर्ण और 30 शक्ति की मात्रा का प्रयोग किया जा सकता है।
28. आंखों में जख्म होने के कारण दर्द होना :
ऐसे लक्षण के होने पर उपचार करने के लिए कोनायम औषधि की 6 शक्ति की मात्रा का प्रयोग करना चाहिए।
29. आंखों में बिना जख्म हुए ही दर्द होना :
इस प्रकार के लक्षण को ठीक करने के लिए कैलि-बाई औषधि का उपयोग करना चाहिए।
30. आंखों में बालू पड़ गया है, ऐसा महसूस होना :
इस प्रकार के लक्षणों को ठीक करने के लिए कास्टिकम औषधि की 6 शक्ति की मात्रा का प्रयोग करना चाहिए। इस प्रकार के लक्षण को ठीक करने के लिए हिपर औषधि की 30 शक्ति या नेट्रम-म्यूर औषधि की 30 शक्ति की मात्रा का प्रयोग करना उचित होता है।
31. सूर्य की रोशनी की अपेक्षा गैस की रोशनी में आंख का दर्द बढ़ जाना :
इस प्रकार के लक्षण को ठीक करने के लिए सल्फर औषधि की 30 शक्ति की मात्रा का प्रयोग करने से लाभ मिलता है।
32. आंखों से तेल की तरह का आंसू निकलना :
इस प्रकार के लक्षण के होने पर उपचार करने के लिए सल्फर औषधि की 30 शक्ति की मात्रा का प्रयोग करना चाहिए।
33. आंखों में अकड़न महसूस होना :
आंखों में अकड़न महसूस होने पर नेट्रम-म्यूर औषधि की 30 या आर्जनाई औषधि की 6 शक्ति की मात्रा का सेवन करना चाहिए।
34. रात के समय में आंखों का दर्द बढ़ जाना :
रात के समय में आंखों का दर्द बढ़ने पर उपचार करने के लिए आर्सेनिक औषधि की 6 शक्ति की मात्रा का प्रयोग करना लाभकारी है।
35. धूप या तेज रोशनी में आंख में दर्द बढ़ना :
इस प्रकार के लक्षण को ठीक करने के लिए मर्क औषधि की 6 शक्ति की मात्रा का प्रयोग करना चाहिए।
36. आंख को हिलाने से दर्द का बढ़ना :
इसका उपचार करने के लिए ब्रायोनिया औषधि की 6 शक्ति, नेट्रम-म्यूर औषधि की 30 शक्ति तथा आर्ज-नाई औषधियों में से किसी एक औषधि का उपयोग करना चाहिए।
37. आंखों पर सिकाई करने से दर्द का बढ़ना :
इस लक्षण को ठीक करने के लिए सल्फर औषधि की 30 शक्ति की मात्रा का प्रयोग करना लाभदायक है।
38. आंखों पर सिकाई करने से दर्द कम होना :
इस प्रकार के लक्षण को ठीक करने के लिए हिपर औषधि की 6 शक्ति की मात्रा का प्रयोग करना चाहिए।
39. आंखों की पुतली खुली हुई महसूस होना :
ऐसे लक्षण के होने पर उपचार करने के लिए बेल औषधि की 6 शक्ति या फिर स्ट्रैमो औषधि की 3 शक्ति की मात्रा का सेवन करना चाहिए।
40. आंखों की पुतली सिकुड़ी हुई महसूस होना :
इस प्रकार के लक्षण होने पर उपचार करने के लिए साईना औषधि की 2X मात्रा या 200 शक्ति की मात्रा का प्रयोग करना चाहिए। ऐसे ही लक्षण को ठीक करने के लिए ओपियम औषधि की 6 शक्ति या फाइसोस्टिग्मा औषधि की 3 शक्ति की मात्रा का प्रयोग कर सकते हैं।
41. भैंगापन तथा तिरछा दिखाई देना :
इस प्रकार के लक्षण के होने पर उपचार करने के लिए सेण्टोनाइन औषधि की 2X, बेलेडोना औषधि की 3 शक्ति, जेलसिमियम औषधि की 3X मात्रा तथा हायोसायमस औषधि की 6 शक्ति का प्रयोग करना चाहिए। इस प्रकर के लक्षणों में इन में से किसी एक औषधि का उपयोग कर सकते हैं।
42. किसी भी रंग की पहचान न कर पाना (कलर ब्लाईडनेस) :
इस प्रकार के लक्षण होने पर रोग को ठीक करने के लिए बेजिंनम डिनाइट्रिकम (बेनजिकम डिनिट्र्कम) औषधि की 3 या 30 शक्ति की मात्रा का प्रयोग करना चाहिए। ऐसे ही लक्षणों को सैण्टोनाइन औषधि की 6X मात्रा के प्रयोग से भी ठीक कर सकते हैं।
43. दिनौंधी अर्थात दिन के समय में न दिखाई देना :
इस रोग का उपचार करने के लिए बोथ्राप्स औषधि की 6 शक्ति की मात्रा का प्रयोग करना चाहिए। इस रोग को ठीक करने के लिए और भी कई प्रकार की औषधियों का उपयोग कर सकते हैं जो इस प्रकार हैं- फास्फो, रैनान-बल्ब, ऐकोन तथा लाइको आदि।
44. रतौंधी अर्थात रात के समय में दिखाई न देना :
इस रोग को ठीक करने के लिए बेलाडोना औषधि की 6 शक्ति का प्रयोग करना चाहिए। इस रोग को ठीक करने के लिए कई प्रकार की औषधियों हैं जैसे :- नक्स-वोम औषधि की 6 या 30 शक्ति, फाइसेस्टिग्मा औषधि की 3 शक्ति, कैडमी-सल्फ, चायना, हेलिबोरस, लाइको, पल्स, हायोसायमस, हिपर आदि।
45. क्षीण दृष्टि :
क्षीण दृष्टि अर्थात नज़र का कमजोर हो जाना रोग को ठीक करने के लिए फास्फोरस औषधि की 3 शक्ति या कास्टिकम औषधि की 6 शक्ति या फिर टैबेकम औषधि की 6 शक्ति की मात्रा का प्रयोग करना चाहिए।
46. धुंधला दिखाई देना :
धुंधला दिखाई देना, इस प्रकार के लक्षण को ठीक करने के लिए फास्फोरस औषधि की 3 शक्ति या कास्टिकम औषधि की 6 शक्ति या फिर टैबेकम औषधि की 6 शक्ति की मात्रा का प्रयोग कर सकते हैं।
47. पलकों के अन्दर छोटी-छोटी फुंसियां होना, जलन और जख्म होना :
इस प्रकार के लक्षणों को ठीक करने के लिए जेक्युरिटी औषधि की 1x की मात्रा का प्रयोग करना चाहिए।
48. आंखों के सामने लाल या हरा रंग दिखाई देना :
इस लक्षण के होने पर उपचार करने के लिए फास्फोरस औषधि की 6 शक्ति की मात्रा का सेवन करना चाहिए।
49. आंखों के सामने पीला रंग दिखाई देना :
इस प्रकार के लक्षण को ठीक करने के लिए सेण्टो औषधि की 1X या 3X मात्रा का प्रयोग करने से लाभ मिलता है।
50. पढ़ने के समय में आंखों का तुरन्त थक जाना :
इस प्रकार के लक्षण को ठीक करने के लिए जैबोरेण्डी औषधि की 3 शक्ति या नेट्रम-आर्स औषधि की 3 या 30 शक्ति की मात्रा का प्रयोग करने से लाभकारी है।
51. पढ़ने के समय में अक्षर आपस में चिपके दिखाई देना :
नेट्रम-म्यूरियेटिकम औषधि की 30 शक्ति की मात्रा का उपयोग करना चाहिए।
52. पढ़ने के समय अक्षर सब गायब हो जाना :
ऐसे लक्षण को ठीक करने के लिए साइक्यूटा औषधि की 3 शक्ति की मात्रा का प्रयोग लाभदायक है।
(अस्वीकरण : ये लेख केवल जानकारी के लिए है । myBapuji किसी भी सूरत में किसी भी तरह की चिकित्सा की सलाह नहीं दे रहा है । आपके लिए कौन सी चिकित्सा सही है, इसके बारे में अपने डॉक्टर से बात करके ही निर्णय लें।)