आयापान के फायदे, गुण और उपयोग – Ayapana ke Fayde aur Upyog in Hindi

आयापान क्या है ? : Ayapana (Eupatorium triplinerve) in Hindi

आयापान वास्तव में अमेरिका का आदिवासी पौधा है, परंतु अब यह सम्पूर्ण भारतवर्ष के बगीचों के अंदर उगाया जाता है। पश्चिम बंगाल में यह रोपा हुआ और जंगली दोनों अवस्थाओं में प्रचुरता से होता है।

आयापान का विभिन्न भाषाओं में नाम :

  • हिंदी – आयापान
  • संस्कृत – विशल्यकर्णी
  • गुजराती – अयापान
  • मराठी – अयापान
  • बंगाली – विशल्यकारणी, आयापान, अजापर्ण
  • तमिल : Aiyampanai / Miruga Sanjivi
  • अंग्रेजी – आयापान (Ayapana or Eupatorium triplinerve)

आयापान का रासायनिक संघटन :

आयापान की पत्तियों में एक उड़नशील तेल पाया जाता है तथा इसकी सूखी पत्तियों में एक क्रिस्टलाईन तत्व तथा ताजी पत्तियों में अयापान एवं आयापानेन नामक 2 क्रिस्टीलाईन स्वरूप के तत्व पाये जाते हैं, जिनमें तीव्र रक्त स्तम्भक गुण पाया जाता है।

आयापान के औषधीय गुण (Ayapana ke Gun in Hindi)

  • आयापन घाव को भरने वाला, खून के बहाव को रोकता है।
  • यह औषधि रक्तातिसार में लाभप्रद है।
  • रक्तप्रदर, खूनी बवासीर आदि में यहां तक कि आमाशय में होने वाले रक्तस्राव में या शरीर के किसी भी भाग से गिरने वाले खून को रोकने के लिए इसके पत्तों का रस बहुत लाभदायक है।

विभिन्न रोगों में आयापान के फायदे और उपयोग (Ayapana ke Fayde in Hindi)

1. बवासीर : बवासीर में आयापान के पत्तों को पीसकर लगाने तथा रस 10-20 मिलीलीटर दिन में 2-3 बार पीने से चमत्कारी लाभ होता है।

2. वमन (उल्टी) : आयापान के पंचाग के गर्म काढ़े को अधिक मात्रा में देने से वमन (उल्टी) हो जाती है तथा दस्त लग जाते हैं। इसका उपयोग पेट साफ करने के लिए करना चाहिए।

3. बलवर्धक : आयापान के पत्तों का रस थोड़ी-सी मात्रा में पीने से बल बढ़ता है।

4. बुखार : जाड़ा लगकर यदि बुखार हो तो आयापान के 20 ग्राम पत्तों को 200 मिलीलीटर पानी में लुगदी बनाकर गर्म-गर्म दिन में 2 से 3 बार पिलाने से लाभ होता है। आयापान पीत ज्वर में बहुत लाभकारी होता है।

5. बाह्रा प्रयोग : घाव तथा रक्तस्राव में आयापान की पित्तयों को पीसकर लेप करने से आराम होता है।

6. कीटदंश : जहरीले कीड़ों के दंश पर आयापान का लेप करने से वेदना शांत होती है।

7. खून का बहना : शरीर में कहीं भी रक्तस्राव होने पर आयापान की पत्तियों को पीसकर लगाने से तथा पत्ते का रस 10-20 मिलीलीटर की मात्रा का मौखिक रूप से सेवन करने से खून का बहना बंद हो जाता है।

8. घाव : शस्त्र का कितना भी गहरा घाव लगा हो, आयापान के पत्तों को पीसकर लगाने से तथा पते का रस 5-10 मिलीलीटर दिन में 3-4 बार पीने से गहरे से गहरा घाव बहुत जल्दी भर जाता है।

9. मलेरिया बुखार :

  • आयापान के 20 ग्राम पंचाग (जड़, तना, पत्ती, फूल और फल) को 400 मिलीलीटर पानी में मिलाकर उबालते हैं जब यह एक चौथाई की मात्रा में शेष रह जाए तो इसे ठंडा कर लेते हैं। इसे 5-10 ग्राम की मात्रा में सुबह-शाम पिलाने से मलेरिया बुखार ठीक हो जाता है।
  • आयापान के पत्ते का रस 10 से 20 मिलीलीटर की मात्रा में पिलाने से लाभ होता है।

(अस्वीकरण : दवा, उपाय व नुस्खों को वैद्यकीय सलाहनुसार उपयोग करें)

Leave a Comment