Last Updated on April 6, 2023 by admin
बच्चों का सूखा रोग या रिकेट्स (Rickets in Children)
सूखा रोग (रिकेट्स) ज्यादातर उन बच्चों में होता है, जिनके शरीर में विटामिन `डी´ और कैल्शियम की कमी होती है। यदि पाचन-क्रिया (भोजन हजम करने की क्रिया) खराब होती है, तो बच्चों को दूध और अन्य ठोस पदार्थ आसानी से नहीं पच पाते हैं। ऐसी हालत में बच्चे का शरीर बिल्कुल सूख जाता है और कमर भी बिल्कुल पतली पड़ जाती है। बच्चा हर समय रोता रहता है। उसे पतले दस्त होने लगते हैं तथा दोनों ओर के स्तनों का मांस भी सूखता चला जाता है। त्वचा में झुरियां पड़ जाती हैं। यह रोग कुपोषण (कमजोरी), जिगर की खराबी और बच्चे को डराने के कारण हो जाता है।
बच्चों का सूखा रोग (रिकेट्स) के लक्षण :
अगर बच्चा एक साल का हो जाने पर भी खडे़ होने में असमर्थ (खड़ा न हो सके) हो तो ऐसी हालत में बच्चे को सूखा रोग (रिकेट्स) होने की संभावना ज्यादा रहती है। बच्चे को उठने या बैठने में परेशानी, उदर विकार (पेट की बीमारी), खांसी-जुकाम, माथे पर पसीना, शिरगत तालु या कलान्तराल (फोन्टेनेल) का देर भरना, दांतों का सफेद होना या दूध के दांतों का देर से निकलना, उदर (पेट) में गैस भरना, हाथ-पैरों की वक्रता (टेढ़ा-मेढ़ा) होना, विकृत वक्ष (छाती में खराबी) इस रोग के सामान्य लक्षण है।
बच्चों का सूखा रोग (रिकेट्स) के प्रकार :
यह रोग पांच प्रकार का माना गया है –
- पहले प्रकार का रोग : सूखा रोग मिथ्या आहार-विहार (दूषित भोजन के कारण) के कारण होता है। इस भोजन से वातादि दोष (पेट में गैस) मां के दूध को भी दूषित कर देते हैं। उस दूध के पीने का असर बच्चे के खून मांस, मेद (पेट) आदि पर पड़ता है और बच्चा सूखने लगता है।
- दूसरे प्रकार का रोग : बच्चे के बढ़ने के लिए अच्छे भोजन की जरूरत पड़ती है। मां के दूध में ये तत्व पूरी मात्रा में नहीं होते हैं अथवा अन्न और दूध दोनों का सेवन करने वाले बच्चों को पौष्टिक तत्त्वों से युक्त भोजन नहीं मिलता और रोगी सूखने लगता है।
- तीसरे प्रकार का रोग : फेफड़ों के विकार दूसरे बच्चे के रोगों का कारण उसे कफ (बलगम), खांसी, प्रभृति विकारों की वृद्धि होना है। सही उपचार न हो पाने के कारण रोग बढ़ते जाते हैं और बच्चे का शरीर सूखता चला जाता है।
- चौथे प्रकार का सूखा रोग : यह रोग अक्सर दूषित अन्न खाने वाले बच्चों को होता है। खराब भोजन के करने से किसी बुरे रोग का लगना और सही उपचार न हो पाने के कारण रोग पुराना हो जाना के कारण शरीर के अंगों का खराब हो जाना इस रोग का मुख्य कारण हैं।
बच्चों का सूखा रोग (रिकेट्स) का होम्योपैथिक इलाज (Baccho ka Sukha Rog ka Homeopathic Ilaj)
सूखा रोग (रिकेट्स) होने पर बच्चों को दी जाने वाली औषधियां :-
1. सल्फर तथा कैल्के-कार्ब :- किसी-किसी बच्चे को सूखा रोग हो जाता है जिसमें बच्चे का शरीर सूखता ही चला जाता है। उसके अन्दर भोजन पचाने की शक्ति कम हो जाती है जिससे खाया हुआ अन्न ठीक से उसके शरीर को नहीं लग पाता और वह पतला होता चला जाता है। इस रोग में बच्चे का शारीरिक तापमान सामान्य से कम हो जाता है। ऐसे में इसके रोग से पीड़ित बच्चे को पहले सल्फर औषधि की 30 शक्ति देनी चाहिए और उसके बाद कैल्के-कार्ब औषधि की 30 शक्ति देनी चाहिए।
2. ऐब्रोटेनम :- यदि इस रोग से ग्रस्त बच्चे को भूख अधिक लगती है और भोजन करने के बाद भी उसका शरीर दुबला-पतला रहता है तो उसे बच्चे को ऐब्रोटेनम औषधि की 30 शक्ति का सेवन कराएं। इस रोग से पीड़ित बच्चे को औषधि का सेवन कराने के अतिरिक्त उसे पुष्ट व पचने वाला भोजन कराना चाहिए। शुद्ध हवा में रखना चाहिए और सरसों के तेल को गर्म करके शरीर पर लगाना चाहिए। घर के आस-पास पूर्ण सफाई रखना चाहिए और हमेशा साफ पानी का प्रयोग करना चाहिए।
(अस्वीकरण : ये लेख केवल जानकारी के लिए है । myBapuji किसी भी सूरत में किसी भी तरह की चिकित्सा की सलाह नहीं दे रहा है । आपके लिए कौन सी चिकित्सा सही है, इसके बारे में अपने डॉक्टर से बात करके ही निर्णय लें।)