Last Updated on April 4, 2023 by admin
बच्चों के फोड़े फुंसी का होम्योपैथिक इलाज (Baccho ke Fode Funsi ka Homeopathic Ilaj)
बच्चों को फोड़े फुंसी होने पर औषधियों का प्रयोग :-
- बच्चे के सिर, गले, कान, बगल, हाथों के जोड़ों तथा पुट्टों आदि स्थानों पर फोड़े हो जाते हैं। इस तरह के लक्षणों में कैल्केरिया-कार्ब औषधि की 30 शक्ति देनी चाहिए। इससे फोड़े आदि में जल्दी लाभ होता है। यह औषधि मोटे बच्चे में होने वाले फोड़े को ठीक करने में अधिक लाभकारी होती है।
- बराबर उत्पन्न होने वाले घाव आदि विशेषकर गर्मी के मौसम में होने वाले घाव आदि को ठीक करने के लिए कार्बो-वेज औषधि की 30 शक्ति की मात्रा देनी चाहिए।
- बच्चे में उत्पन्न जख्म आदि के चारों ओर फुंसियां होने पर बच्चे को कैमो औषधि की 6 शक्ति की मात्रा देनी चाहिए। इस औषधि के प्रयोग से जख्म और फुंसियों के साथ दर्द आदि समाप्त होते हैं।
- कान का पिछला भाग रगड़ जाने के कारण वहां लाल होकर जख्म बन गया हो और उससे लसदार गांठ के रूप में पीव निकल रहा हो तो बच्चे को ग्रैफाइटिस औषधि की 6 शक्ति की मात्रा देनी चाहिए।
- त्वचा पर घाव होना, घाव से बदबू व खून आना तथा साथ ही कब्ज बना रहना आदि लक्षणों से पीड़ित बच्चे को लाइकोपोडियम औषधि की 30 शक्ति की मात्रा देनी चाहिए।
- बच्चे के सिर में उत्पन्न होने वाले फोड़े के ऐसे लक्षण जिसमें पहले सिर पर एक फोड़ा निकलता है और उसके फूट जाने के बाद उसका पानी जहां-जहां लगता है, वहां फोड़े उत्पन्न हो जाते हैं। ऐसे लक्षणों में बच्चे को सल्फर औषधि की 30 शक्ति या हिपर-सल्फर औषधि की 30 शक्ति या कैल्के-कार्ब औषधि की 30 शक्ति देनी चाहिए। इसके अतिरिक्त कभी-कभी आर्निका औषधि की 3 शक्ति की मात्रा देने से भी लाभ होता है।
(अस्वीकरण : ये लेख केवल जानकारी के लिए है । myBapuji किसी भी सूरत में किसी भी तरह की चिकित्सा की सलाह नहीं दे रहा है । आपके लिए कौन सी चिकित्सा सही है, इसके बारे में अपने डॉक्टर से बात करके ही निर्णय लें।)