Last Updated on May 12, 2024 by admin
बिजौरा नींबू क्या है ? :
यह नींबू की जाति का एक वृक्ष होता है । इसका फल बहुत बड़ा होता है।
विविध भाषाओं में नाम :
- संस्कृत – अम्लकेशर, बीजपूर, बीजक, बीजफलक, बीजपूर्ण, जन्तुघ्न, महःजरण, रोचनफल, सुकेशर इत्यादि ।
- हिन्दी – विजोरा नींबू, बड़ा नींबू, तुरन्ज ।
- गुजराती – बिजोरू, तुरन्ज ।
- बङ्गाली – बडो नेम्ब, छोलोङ्ग नेम्बु, बिजोरा ।
- मराठी – कहालुङ्ग, लिम्बु ।
- फारसी – खरन्ज ।
- तामील – कोगिलाचम, मादिक फलम ।
- तेलग – तुङ्गम् ।
- अंग्रेजी – Adam’s Apple, Cedrat ( आदम्स एपल, सेडूट ) ।
- लेटिन – Citrus midica. ( साइट्रस मेडिका ) ।
( और पढ़े – नींबू खाने के फायदे और नुकसान )
बिजौरा नींबू के औषधीय गुण और फायदे :
- बिजौरा नींबू की जड़ कृमिनाशक होती है ।
- कब्जियत और अर्बुद या गांठ के रोग में बिजौरा नींबू का उपयोग किया जाता है ।
- यह पेट के दर्द को दूर करती है, वमन, मूत्रसम्बन्धी पथरी रोग और दन्तरोग में उपयोगी है ।
- इसकी कलियां और फूल उत्तेजक और आंतों के लिये संकोचक होते हैं, भूख बढ़ाते हैं, वमन की शिकायत दूर करते हैं,
- बिजौरा नींबू अबुद या गांठ में लाभदायक है।
- यह पेट की शिकायतों में फायदेमन्द है।
- यह दमा, खांसी, कुकुरखांसी और नशे को दूर करने में लाभदायक है।
- बिजौरा नींबू के कच्चे फल वात, पित्त और कफ को बढ़ाते हैं। तथा रक्त को भी दूषित करते हैं । पके फल मीठे कसैले, उत्तेजना देने वाले, पाचक और पौष्टिक होते हैं।
- ये कुष्ठ को दूर करने वाले, गले के घाव अच्छा करने वाले और कफ, दमा, प्यास, कुकुरखांसी आदि में मुफीद हैं ।
- बिजौरा नींबू गले की शिकायतों में लाभप्रद माने गये हैं।
- इसका रस कान के दर्द को शांत करता है।
- इसके फल का छिका तिक्त, उग्र तैलयुक्त होता है। और वात तथा कफ का नाशक है।
- बिजौरा नींबू के बीज अपचय, भारी, शरीर में उष्णता लाने वाले, उत्तेजक और पौष्टि होते हैं।
- ये बवासीर एवं पित्त विकार में लाभदायक और जलन तथा कक विनाशक हैं।
- इसका छिलका गर्म, खुश्क और बलदायक होता है ।
- बिजौरा नींबू के फल का गूदा शीतल और खुश्क होता है।
- इसके बीज, पत्ते और फूल गर्म और खुश्क होते हैं ।
- इसका रस ज्वरनिवारक, तृपाशामक और संकोचक होता है।
- यह विष विकार में भी लाभदायक है ।
- इसके भभके से उड़ाया हुआ अर्क उपशामक द्रव्य की तरह काम में लिया जाता है ।
- चरक, सुश्रुत और वागभट के मतानुसार यह वनस्पति अथवा इसकी छाल, पत्ते या फल दूसरी औषधियों के साथ में सर्प विष के उपचार में काम आते हैं ।
- बिजौरा नींबू का रस दीपन, पाचन और रक्तशोधक होता है ।
- इसकी छाल सुगन्धित और कटु पौष्टिक होती है।
- बिजौरा नींबू के पत्ते पसीना लाने वाले और कुछ वेदनाशक होते हैं।
- इसके फूल मृदुस्वभावी होते हैं। इसकी जड़ संकोचक और कुछ वेदनानाशक होती है ।
- ज्वर में बिजौरा नींबू के पत्तों का फांट बनाकर देते हैं ।
- वमन बन्द करने के लिये बिजौरा नींबू की जड़ औटाकर देते हैं। बच्चों के दूध उगलने की बीमारी में यह विशेष रूप से उपयोगी होता है ।
अस्वीकरण: इस लेख में उपलब्ध जानकारी का उद्देश्य केवल शैक्षिक है और इसे चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं ग्रहण किया जाना चाहिए। कृपया किसी भी जड़ी बूटी, हर्बल उत्पाद या उपचार को आजमाने से पहले एक विशेषज्ञ चिकित्सक से संपर्क करें।