Last Updated on September 3, 2020 by admin
ब्रेन हेमरेज क्या है ? (What is Brain Hemorrhage in Hindi)
brain hemorrhage kya hota hai –
आधुनिक प्रतियोगिता के युग ने मनुष्य को मशीनवत बना दिया है, निरंतर काम ही काम, बस आगे बढ़ने की होड़ ! इस अनवरत भाग दौड़ से मनुष्य सदैव तनावग्रस्त रहता है। दिमाग में हमेशा तनाव रहना अर्थात उसका कुछ न कुछ परिणाम शरीर पर होता है, यह तनाव की स्थिति अनेक कष्टों को उत्पन्न कर सकती है। इसी तनाव से ब्लड प्रेशर बढ़कर दिमाग की नस फटती है, जिसे ब्रेन हेमरेज कहते है व जिसका अंजाम लकवा हो सकता है।
लकवा शब्द सुनकर मन में सिहरन सी उठती है। वैसे तो लकवा वृद्धावस्था में अनेक कारणवश पाया जाता है पर युवा या मध्य वर्ग भी इसका शिकार हो सकता है। आयुर्वेद ग्रंथों में इस बात का उल्लेख है कि ब्रेन हेमरेज (रक्तस्राव) से लकवा हो सकता है जैसा कि निम्न श्लोक से स्पष्ट है।
“तदति प्रवृत्तम ………. आक्षेपकं पक्षाघातमेंकांग विकारम् ………. जनयति“
अर्थात रक्तस्राव से आक्षेपक, पक्षाघात, एकांग विकार इत्यादि विकारों का प्रादुर्भाव होता है।
ब्रेन हेमरेज के मुख्य कारण (Brain Hemorrhage Causes in Hindi)
brain hemorrhage kis karan hota hai –
- अधिक उम्र के व्यक्ति में ब्रेन हेमरेज (दिमाग की नस फटना) का कारण उच्च रक्तचाप (हाय ब्लडप्रेशर) व मधुमेह (डायबिटीज) है।
- मोटापा, शराब, मानसिक तनाव, धूम्रपान इत्यादि गलत आदतें ब्रेन हेमरेज की संभावना को बढ़ाती है।
- इसके अलावा धमनी काठिन्य (ऐथरोस स्केलोरोसिस) रोग से किसी धमनी का फट जाना,
- संक्रमण के फलस्वरूप,
- आघात,
- रक्तवाहिनी की जन्मजात विकृति,
- ब्रेन ट्यूमर,
- रक्तगत विकार जैसे परप्युरा, ल्यूकेमिआ (Leukemia) इत्यादि,
- रक्तस्तंभक चिकित्सा के उपद्रव (Complication),
- धमनी की सूजन से भी रक्तस्राव हो सकता है,
- युवाओं में लकवे का कारण मस्तिष्कगत रक्तवाहिनियों की विकृति है,
- दुर्घटना (Accident) की वजह से,
- प्लेटलेट काउंट (Platelet Count) कम होने से भी ब्रेन हेमरेज की संभावना रहती है।
ब्रेन हेमरेज के प्रमुख लक्षण (Brain Hemorrhage Symptoms in Hindi)
brain hemorrhage ke lakshan kya hai –
ब्रेन हेमरेज होने पर निम्न लक्षण मिलते है।
- वाणी का लुप्त होना,
- बेहोशी,
- आंख की पुतली विस्फारित,
- मस्तिष्क के जिस ओर आघात हुआ है, उसके विपरीत बाजू का पक्षाघात,
- नेत्र में अप्राकृत लक्षण,
- अधरांगघात (पॅराप्लेजिया),
- दोनों हाथ-पैर ढीले पड़ना (क्वाड्रीप्लेजिया)
- सिर के पीछे भाग में तीव्र दर्द,
- चक्कर आना ,
- निगलने में परेशानी,
- वेगयुक्त उल्टियां,
- शरीर के अंगों का समन्वय बिगडना,
- अंगों में कमजोरी महसूस होना, इत्यादि लक्षण मिलते है ।
उच्च रक्तचाप (हाय ब्लडप्रेशर) के कारण ब्रेन हेमरेज : High Blood Pressure
and Brain Hemorrhage
हायब्लड प्रेशर आधुनिक प्रतिस्पर्धात्मक युग की देन है। आज का युग फास्ट लाईफ वाला हो गया है। लोगों के पास अपने शरीर पर ध्यान देने का वक्त नहीं है। फलस्वरूप अनियमित खानपान रहन-सहन आम बातें हो गई हैं। साथ ही सतत चिंता, तनाव, अतिमहत्त्वाकांक्षा, अनिद्रा, क्रोध इत्यादि स्थितियां ब्लडप्रेशर को बढ़ाती हैं। जब ब्लड प्रेशर नार्मल से अत्यधिक बढ़ जाता है तब कभी-कभी मस्तिष्क से अचानक रक्तस्राव होता है।
80 प्रतिशत रुग्णों मे इस रक्तस्राव के कारण हिमेटोमेटा (रक्त का गोला) मस्तिष्क के उपरी स्तर पर मिलता है व 20 प्रतिशत रुग्णो मे मस्तिष्क के पिछले हिस्से व भीतरी सतह पर यह हिमेटोमेटा मिलता है। गति के हिसाब से यह हिमेटोमेटा इस क्रम में पाये जाते है ।
- प्यूटामेन व इन्टरनल कैप्सूल – 60 %
- थैलेमिक व सबथैलेमिक क्षेत्र – 10 %
- रीबेलम 10 % 4) पॉन्स – 10 %
- सेरीब्रल श्वेत भाग – 10 %
लक्षण –
- रोगी का ब्लड प्रेशर -160/100 mmHg या इससे अधिक,
- आखें सूजी रहती है व हायपरटेन्सिव रेटीनोपॅथी के लक्षण मिलते है।
- इसमें तीव्र सिरदर्द व न्यूरालॉजिकल (Neurological) लक्षण पाए जाते है।
ब्रेन हेमरेज का चिकित्सकीय जांच ( Diagnosis of Brain Hemorrhage in Hindi)
न्यूरोलाॅजीकल टेस्ट, सीटीए ब्रेन एन्जियोग्राफीए, आंखों का परीक्षण आँखों की नस में सूजन दर्शाता है।
ब्रेन हेमरेज से बचाव के उपाय (Prevention of Brain Hemorrhage in Hindi)
brain hemorrhage se bachne ke upay –
- हाई ब्लेड प्रेशर का उपचार कराएं।
- शराब का सेवन न करें ।
- धूम्रपान से दूर रहें ।
- दुपहिया वाहन को चलाते समय हेलमेट का उपयोग करें।
- चौपहिया वाहन चलाते समय सीट बेल्ट बांधें ।
- नशीले पदार्थ जैसे – चरस गांजा अफीम का सेवन न करें ।
- मोटापे से बचें, वजन को नियंत्रित रखें।
- नित्य योगासन और ध्यान का अभ्यास करें।
- कोलेस्ट्रॉल को बढ़ने न दें।
- डायबिटीज न होने दें।
- यदि घर में किसी सदस्य को खून की नली, ब्रेन एन्यूरिज्म का गुब्बारा या खून की नलियों का गुच्छा जैसी कोई भी समस्या है तो न्यूरो इन्टरवेन्सनल सर्जन से जाँच अवश्य करायें।
- संतुलित आहार लें।
संतुलित भोजन का अर्थ है कि आहार में मौसमी फल, सब्जियां, अनाज और बीजों को शामिल करें। रेड मीट का सेवन न करें और कोलेस्ट्रॉल व सैचुरेटेड फैट युक्त भोज्य पदार्थों का कम मात्रा में सेवन करें। आहार में नमक का उपयोग कम से कम करें ताकी रक्तचाप नियंत्रित रहें ।