चुकंदर के 35 अद्भुत फायदे और गुण – Chukandar ke Fayde in Hindi

Last Updated on January 15, 2024 by admin

चुकंदर क्या है ? : Beetroot (Chukandar) in Hindi

चुकन्दर एक कन्दमूल है। चुकन्दर जठर और आंतों को साफ रखने में बहुत ही उपयोगी है। चुकन्दर खून को बढ़ाने , बलवर्धक(शरीर मे ताकत देने वाला), तथा कमजोरी को दूर करने वाला है। इसके नियमित सेवन करने से शरीर का फीकापन दूर हो जाता है। शरीर लाल बनता है एवं शरीर में एक विशेष प्रकार की शक्ति और चेतना उत्पन्न होती है। इसके अतिरिक्त चुकन्दर जोड़ों के दर्द को दूर करता है तथा दूध पिलाने वाली स्त्रियों के स्तनों में दूध को बढ़ाता है । यह यकृत (जिगर) को शक्ति देता है और दिमाग को तरोताजा रखता है। ( और पढ़े –शलगम खाने के है यह 7 सेहतमंद लाभ)

चुकंदर के गुण : Chukandar ke Aushdhiy Gun in Hindi

  • चुकंदर खाने से शरीर कई बीमारियों से लड़ने में सक्षम हो जाता है।यह महिलाओं में होने वाली एनीमिया की बीमारी को दूर करने का सब से सही साधन है।इस के गुणों को देखते हुए भारत में इस की व्यापक खेती की जा रही है।
  • यह कैंसर, हाईब्लड प्रेशर के साथ ही अल्जाइमर की बीमारी को भी दूर करने में कारगर है।
  • चुकंदर स्वास्थ्य की दुष्टि से काफी खास है।इस में मौजूद तत्त्व जहां शरीर को ऊर्जावान बनाते हैं, वहीं विभिन्न रोगों से लड़ने की कूवत भी विकसित करते हैं।
  • चुकंदर का नियमित सेवन स्वास्थ्य के लिए काफी लाभप्रद है।खासतौर से बढ़ती उम्र के बच्चों और महिलाओं के लिए यह सब से उत्तम आहार है।
  • चुकंदर सलाद के रूप में नियमित खाने से शरीर कई बीमारियों से लड़ने में सक्ष्म हो जाता है।
  • चुकंदर के फायदे इन प्रेगनेंसी-गर्भवती महिलाओं को तो इस का सेवन जरूर करना चाहिए।गर्भावस्था के दौरान आमतौर पर खून की कमी हो जाती है, जिसे एनीमिया कहा जाता है।जो महिलाएं नियमित रूप से चुकंदर का सेवन करती हैं।उन्हें खून की कमी नहीं होती।
  • चुकंदर के जूस के फायदे-कई बार बच्चे भी खून की कमी की वजह से बीमार रहने लगते हैं।ऐसे बच्चों को चुकंदर का जूस पिलाना लाभकारी रहता है।चुकंदर एक तरह की जड़ है।आमतौर पर यह लाल रंग का होता है।
  • कुछ जगहों पर सफेद रंग का चुकंदर भी पाया जाता है।इस के पत्तों को शाक के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।
  • इस में मौजूद गुणों के कारण इसे अब मौसमी सब्जी के रूप में भी इस्तेमाल किया जाने लगा है।
  • चुकंदर में सही मात्रा में लौह, विटामिन और खनिज होते हैं जो रक्तवर्धन और रक्तशोधन के काम में सहायक होते हैं।
  • इस में मौजूद एंटीऔक्सीडेंट तत्व शरीर को रोगों से लड़ने की कूवत देते हैं।इस में सोडियम, पोटेशियम, फास्फोरस, क्लोरीन, आयोडीन और अन्य खास विटामिन पाए जाते हैं।
  • चकंदर में गुर्दे और पित्ताशय को साफ करने के प्राकृतिक गुण पाए जाते हैं।इस में मौजूद पोटेशियम जहां शरीर को प्रतिदिन पोषण प्रदान करने में मदद करता है तो वहीं क्लोरीन गुर्दो के शोधन में सहायता करता है।
  • यह पाचन संबंधी समस्याओं में भी लाभकारी है।
  • चुकंदर का रस हाइपरटेंशन और हृदय संबंधी समस्याओं को दूर रखता है।महिलाओं के लिए तो यह काफी गुणकारी है।
  • चुकंदर में बेटेन नामक तत्त्व पाया जाता है, जिस की आंत व पेट को साफ रखने के लिए हमारे शरीर को जरूरत रहती है, चुकंदर में मौजूद यह तत्त्व उस की आपूर्ति करता है।
  • काफी पहले यूरोप में कैंसर के इलाज के लिए चुकंदर का काफी इस्तेमाल किया जाता था।
  • चुकंदर और इस के पत्ते फोलेट का अच्छा जरीया हैं, जो उच्च रक्तचाप और अल्जाइमर की परेशानी को दूर करने में मदद करते हैं।
    ( और पढ़े –फलों व सब्जियों के रस में छुपा है सभी बीमारियों का इलाज )

चुकंदर कैसे खाएं : Chukandar Kaise Khayen

  1. चुकंदर कई तरीके से खाया जाता है।आमतौर पर इसे कच्चे सलाद के रूप में खाया जाता है।मूली, गाजर, प्याज, टमाटर आदि की तरह ही चुकंदर को भी सलाद में शामिल करें।
  2. इस के अलावा इसे दक्षिण भारत में उबाल कर खाने का भी प्रचलन है।हालांकि उबालने से इस के कुछ तत्त्व खत्म हो जाते हैं।इसलिए इसे कच्चा खाना ही सब से लाभप्रद है।
  3. बुजुर्गों और बच्चों को चुकंदर का जूस देना चाहिए।इस के अलावा देश में चुकंदर की सब्जी बना कर खाने का भी चलन है। ( और पढ़े – गाजर के 97 हैरान कर देने वाले जबरदस्त फायदे)

चुकन्दर में पाये जाने वाले विभिन्न तत्व :

तत्वमात्रा (ग्राम में)तत्वमात्रा (ग्राम में)
प्रोटीन1.7 प्रतिशतकैल्शियम0.25 प्रतिशत
वसा0.1 प्रतिशतनियासिनलगभग 1 ग्राम का चौथा भाग /100 ग्राम
कार्बोहाइड्रेट13.6 प्रतिशतविटामिन-सीलगभग 1 ग्राम का चौथा भाग /100 ग्राम
पानी83.8 प्रतिशतफास्फोरस0.06 प्रतिशत
विटामिन-बीलगभग 1 ग्राम का चौथा भाग /100 ग्रामविटामिन-बीलगभग 1 ग्राम का चौथा भाग /100 ग्राम

चुकंदर के फायदे और उपयोग : Chukandar ke Fayde Hindi me

1. एनीमिया दूर करे चुकंदर : एनीमिया रोग के लिए चुकंदर रामबाण माना जाता है।चुकंदर में उचित मात्रा में आयरन, विटामिन और मिनिरल्स होते हैं, जो रक्त बढ़ाने और उस के शोधन का काम करते हैं।यही कारण है कि महिलाओं को इस के नियमित सेवन की सलाह दी जाती है।

2. गुर्दो के लिए लाभकारी : चुकंदर में गुर्दे को स्वस्थ और साफ रखने के गुण मौजूद हैं।किडनी रोगियों को चुकंदर का रस देना लाभकारी है।इस में मौजूद क्लोरीन लीवर और किडनी को साफ रखने में मदद करता है।

3. पित्ताशय के लिए गुणकारी : शोध में पाया गया है कि यह किडनी के साथ ही पित्ताशय के लिए भी कारगर है।इस में मौजूद पोटेशियम शरीर को रोजाना पोषण देने में मदद करता है, वहीं क्लोरीन लीवर और किडनी को साफ करने में मदद करता है।

4. पाचन में सहायक : बच्चों और युवाओं को चुकंदर चबाचबा कर खाना चाहिए।इस से दांत और मसूढ़े मजबूत होते हैं।यह पाचन संबंधी समस्याओं को दूर करने में भी लाभकारी है।इस का नियमित सेवन करने से अपाच्य की – समस्या खत्म हो जाती है।बढ़ती उम्र के बच्चों को चुकंदर जरूर खिलाना चाहिए, इस से उन ” का शारीरिक सौष्ठव बेहतर होता है और बच्चों के चेहरे पर चमक दिखती है।

5. उल्टीदस्त : यदि उल्टीदस्त की शिकायत हो तो चुकंदर के रस में चुटकीभर नमक मिलाना फायदेमंद रहता है।इस से पेट में बनने वाली गैस खत्म हो जाती है।उल्टी बंद होने के साथ ही दस्त भी बंद हो जाते हैं।

6. पीलिया में लाभकारी : चुकंदर के जूस के फायदे-चुकंदर पीलिया के रोगियों के लिए भी फायदेमंद है।पीलिया के रोगियों को चुकंदर का रस दिन में 4 बार देना चाहिए।ध्यान रखें कि एक बार 1 कप से ज्यादा जूस न दें।

7. हाइपरटेंशन : चुकंदर का जूस हाइपरटेंशन और हृदय संबंधी समस्याओं को दूर करता है।इस के नियमित सेवन से चिड़चिड़ापन दूर हो जाता है।खास कर यह महिलाओं के लिए काफी लाभकारी है।

8. मासिक धर्म में लाभकारी : मासिक धर्म के दौरान महिलाओं को कमर व पेडू दर्द और अन्य शारीरिक दुर्बलताओं जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।चुकंदर के नियमित इस्तेमाल से मासिक धर्म के दौरान होने ली तकलीफ नहीं होती है।माहवारी, फोड़े, जलन और मुहासों के लिए भी यह काफी उपयोगी है।खसरा और बुखार में भी त्वचा साफ करने में इस का इस्तेमाल किया जा सकता है।

9. बालों की रूसी भगाए : चुकंदर के काढ़े में थोड़ा सा सिरका मिला कर सिर में लगाएं या सिर पर चुकंदर के पानी में अदरक के टुकड़ों को भिगो कर रात में मसाज करें।सुबह बालों को धो लें।

10. चुकंदर खाएं ब्लडप्रेशर भगाएं : ब्लडप्रेशर के रोगियों को चुकंदर जरूर खिलाएं।चुकंदर और इस के पत्ते फोलेट का एक अच्छा जरीया है, जो उच्च रक्तचाप और अल्जाइमर की समस्या को दूर करने में मदद करते हैं।रोज चुकंदर में गाजर और सेब मिला कर उस का जूस पीने से हाईब्लड प्रेशर में कमी आती है।एक अध्ययन के मुताबिक रोजाना 2 कप चुकंदर का जूस पीने से ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है। हालांकि इस का ज्यादा सेवन नहीं करना चाहिए।इस के ज्यादा सेवन करने से चक्कर आना या वोकल कार्ड पैरालिसिस का खतरा बढ़ जाता है।

11. चुकंदर की सब्जी भी लाभदायक : चुकंदर स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद सब्जी है।इस में कार्बोहाइड्रेट और कम मात्रा में प्रोटीन और वसा पाई जाती है।यह प्राकृतिक शुगर का सब से अच्छा स्रोत है।इस में सोडियम, पोटेशियम, फास्फोरस, कैल्शियम, सल्फर, क्लोरीन, आयोडीन, आयरन, विटामिन बी1′, ‘बी2’ और ‘सी’ पाया जाता है।इस में कैलोरी काफी कम होती हैं,

12. पशुओं के स्वास्थ्य में भी कारगर : चुकंदर इतना गुणकारी है कि यह इंसान के साथसाथ पशुओं के लिए भी कारगर है।यही कारण है कि हरियाणा, पंजाब, गुजरात और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में इसे सीजनल पशु आहार के रूप में खिलाया जाता है।विशेष रूप से दुधारू पशुओं को खिलाने से उन का स्वास्थ्य ठीक रहता है और दूध में भी इजाफा होता है।
इस में मौजूद तत्त्व पशुओं में होने वाले विभिन्न रोगों से उन का बचाव करते हैं।इसे खिलाने से पशुओं में आमतौर पर होने वाली बांझपन की समस्या खत्म हो जाती है। दुधारू पशु 3 से 4 बार ब्याने के बाद कमजोर हो जाते हैं और कुछ में बांझपन के लक्षण भी आ जाते हैं, लेकिन जिन पशुपाल कों ने नियमित रूप से उन के चारे में चुकंदर को शामिल किया है, उन्हें इस समस्या का सामना नहीं करना पड़ता है।

13. जननांगों के रोग: गाजर के लगभग 1 गिलास रस में चुकन्दर का रस मिलाकर रोजाना 2 बार पीने से स्त्रियों के जननांगों से संबन्धित सारे रोग समाप्त हो जाते हैं।

14. पथरी:

  • चुकन्दर का रस या चुकन्दर को पानी में उबालकर इसका सूप सेवन करने से पथरी गलकर निकल जाती है। इसकी मात्रा 3 ग्राम तक दिन में 4 बार है। यह प्रयोग कुछ सप्ताह तक निरन्तर जारी रखें। इस प्रयोग से गुर्दे की सूजन भी दूर हो जाती है। अत: गुर्दे के रोगों में लाभदायक है। इससे पेशाब अधिक मात्रा में आता है।
  • 50 मिलीलीटर गाजर का रस, 50 मिलीलीटर चुकन्दर का रस, 50 मिलीलीटर ककड़ी या खीरा का रस मिलाकर पीने से सभी प्रकार की पथरी गलकर बाहर आ जाती है।
  • चुकन्दर का रस निकालकर या चुकन्दर को पानी में उबालकर उसका सूप 30 मिलीलीटर 2-3 सप्ताह तक दिन में 4 बार बनाकर पीने से पथरी गल जाती है।

15. बलगम: चुकन्दर बलगम को निकालकर श्वास नली (सांस की नली) को साफ रखता है।

16. बालों में रूसी और जुएं: चुकन्दर के पत्तों को पानी में उबालकर सिर धोने से फरास दूर हो जाती है और जुएं भी मर जाते हैं।

17 गंजापन: चुकन्दर के पत्तों का रस निकालकर या पत्तों को पीसकर उसमें हल्दी मिलाकर गंजे सिर पर लगाने से बाल उगने लगते हैं और बालों का टूटकर गिर जाना या बालों का उड़ना भी बंद हो जाता है।

18. बवासीर: चुकन्दर खाने या इसका रस पीते रहने से बवासीर के मस्से समाप्त हो जाते हैं।

19. गांठ: गांठ के रोगी को शुरुआत के 2 दिन में मौसमी फलों और सब्जियों का सेवन करना चाहिए। तीसरे दिन प्रात:काल 1 गिलास पानी में नींबू का रस और 4 चम्मच शहद मिलाकर पिलाएं। दिन में 4 बार एक कप अंगूर का रस तथा मुसम्मी का रस दिन में 1-2 बार पिलाएं। तथा रोगी को शारीरिक श्रम (मेहनत) न करने दें और उसे पूर्ण रूप से आराम करने दें। चौथे दिन से लगातार कुछ दिनों तक आधा गिलास गाजर का रस और आधा चम्मच चुकन्दर का रस मिलाकर दें। सामान्य, हल्का और अंकुरित अन्न ग्रहण करना चाहिए। इससे कुछ ही दिनों में गांठ पिघल जाएंगी।

20. शारीरिक सौन्दर्य: चुकन्दर और गाजर का रस रोजाना सेवन करने से शरीर में खून तेजी से बनता है और शरीर का सौन्दर्य निखरता है।

21. मानसिक निर्बलता: चुकन्दर का रस रोजाना पीने और सलाद खाने से मानसिक निर्बलता (दिमागी कमजोरी) नष्ट हो जाती है और इसकी स्मरण शक्ति (याददाश्त) भी बढ़ जाती है।

22. स्तनों में दूध की वृद्धि: चुकन्दर का रस रोजाना सेवन करने से स्त्री के स्तनों के दूध में वृद्धि होती है।

23. पाचनशक्ति: चुकन्दर का रस रोजाना सेवन करने से पाचन क्रिया (भोजन पचाने की क्रिया) को अधिक शक्ति मिलती है।

24. कैंसर:

  • चुकन्दर का रस कैंसरनाशक व शक्तिवर्द्धक माना जाता है। चुकन्दर के रस का सेवन करने से वजन भी बढ़ता है।
  • आधा कप चुकन्दर का रस रोजाना दिन में 3 या 4 बार रोगी को देने से खून के कैंसर में बहुत लाभ मिलता है।

25. रक्तविकार: चुकन्दर का रस रक्तशोधक (खून को साफ करने वाला) होता है और शरीर को लालसुर्ख बनाये रखता है।

26. रक्ताल्पता (खून की कमी): चुकन्दर थेरेपी के तहत पहले दो दिन उपवास रखें। इसके बाद 3 दिन तक किसी भी फल के जूस पर रहें। इसके बाद 200 मिलीलीटर चुकन्दर, 200 मिलीलीटर गाजर व 50 मिलीलीटर पालक का रस दिया जाता है। यह मात्रा एक दिन के लिए होती है। शरीर में खून की कमी होने पर यह प्रयोग बहुत ही लाभकारी होता है।

27. सिर की रूसी: चुकन्दर की जड़ और चुकन्दर के पत्तों का काढ़ा बनाकर उसमें थोड़ा नमक मिलाकर सिर में मालिश करने से सिर की रूसी कम हो जाती है।

28. कब्ज: चुकन्दर को खाने से कब्ज दूर हो जाती है।

29. कान का दर्द: चुकन्दर के पत्तों के रस को गुनगुना करके बूंद-बूंद करके कान में डालने से कान का दर्द समाप्त हो जाता है।

30. मासिक-धर्म सम्बंधी परेशानियां: 1 कप चुकन्दर का रस गर्म करके इसमें थोड़ा सा सेंधानमक मिलाकर कुछ दिनों तक पीने से रुका हुआ मासिक-धर्म खुलकर आने लगता है।

31. मूत्ररोग: 1 चुकन्दर का रस, 1 चम्मच आंवले का रस तथा 1 चम्मच चौलाई के साग का रस पीने से मूत्र विकार (पेशाब के रोग) दूर हो जाते हैं।

32. गठिया रोग: घुटने के दर्द को दूर करने के लिए 1 चम्मच पत्तागोभी का रस, 1 चम्मच चुकन्दर का रस और 1 चम्मच गांठगोभी का रस लेकर उसमें थोड़ा-सा कालानमक और पिसी हुई 2 लौंग डालकर सेवन करने से लाभ होता है।

33. निम्नरक्तचाप: लगभग 150 मिलीलीटर चुकन्दर का ताजा रस रोजाना सुबह और शाम पीने से निम्न रक्तचाप (लो ब्लड प्रेशर) में आराम आता है।

34. एनीमिया (रक्ताल्पता): 1 गिलास चुकन्दर का रस निकालकर रोजाना पीना खून की कमी के रोगियों के लिए लाभकारी होता है।

35. सदमा (कोमा): चुकन्दर और एलवा बेर को पानी में मिलाकर तथा इसको छानकर रोगी की नाक में 2-4 बूंदें डालने से सदमे में लाभ मिलता है।

चुकन्दर के नुकसान : Chukandar ke Nuksan Hindi

चुकन्दर का अधिक मात्रा में सेवन करने से पेचिश (खूनी दस्त) रोग हो जाता है।

(अस्वीकरण : दवा, उपाय व नुस्खों को वैद्यकीय सलाहनुसार उपयोग करें)

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