करौंदा के गुण, उपयोग, फायदे और नुकसान | Benefits and Side Effects of Karonda in Hindi

Last Updated on August 19, 2020 by admin

करौंदा क्या है ? : What is Carissa Carandas (Karonda) in Hindi

Karonda kya hai –

करौंदा बाग बगीचों में लगाया जाता है। इसका वृक्ष झाड़ीदार, सदाबहार वर्षभर हरा-भरा रहता है। इस पर तीक्ष्ण युग्म के काँटे होते हैं, व इसके फल का स्वाद बेहद खट्टा होता है । खट्टे स्वाद के कारण इन फलों से अनेक तरह की स्वादिष्ट चटनी और अचार बनाई जाती है। दक्षिण भारत में करौंदा की अन्य दो से तीन जातियाँ भी पाई जाती हैं, जिनके फल सामान्य से अपेक्षाकृत बड़े होते हैं। आयुर्वेद में इसके फल, मूल तथा पत्तों का कई तरह से उपयोग होता है।

करौंदा का पेड़ कैसा होता है ? :

  • करौंदा का पेड़ – इसका पेड़ मध्यमाकार झाड़दार होता है। इसके वृक्ष पर नुकीले काँटे होते हैं ।
  • करौंदा के फूल – इसका फूल सफेद रंग का होता है।
  • करौंदा के फल – इसका फल छोटा होता है और सफेद लाली लिये हुए कच्ची अवस्था में तथा पकने पर पहले लाल उसके बाद काला हो जाता है।
  • करौंदा के प्रकार – इसका वृक्ष दो प्रकार का होता है – 1. छोटे फल वाला तथा 2. बड़ा फल वाला।

करौंदा का विभिन्न भाषाओं में नाम (Name of Carissa Carandas in Different Languages)

karonda in –

  • हिन्दी (Hindi) – करोंदा, करौन्दा
  • संस्कृत (Sanskrit) – करमर्द, कृष्णपाक, क्षीर फेना, सुषेण, करमर्दिका
  • मराठी (Marathi) – करवंद, हरदूण्डी, करवंदी
  • गुजराती (Gujarati) – करमदां, करमदी
  • बंगाली (Bangali) – करमचा, करचा, करेंजा
  • कन्नड़ (kannada) – करिजिगे
  • तेलगु (Telugu) – करवन्दे
  • मलयालम (Malayalam) – करबंद
  • तामिल (Tamil) – कलक्के
  • लैटिन (Latin) – Carissa Carandas
  • अंग्रेजी (English) – Bengal Currants, Capparis Carundas

करौंदा के पेड़ का उपयोगी भाग (Beneficial Part of Karonda Tree in Hindi)

फल, मूल तथा पत्ते

करौंदा की तासीर :

करौंदा गर्म होता है।

करौंदा के औषधीय गुण (Karonda ke Gun in Hindi)

Karonda ke aushadhi gun

  • इसका स्वाद खट्टा तथा यह पचने में भारी होता है।
  • यह प्यास को दूर करने वाला है।
  • रक्तपित्त हरने वाला, उष्ण तथा रुचिकारक होता है।
  • इसका अचार बनता है और इसकी चटनी भी स्वादु होती है।
  • करौंदा रूक्ष, लघु, तीक्ष्ण, तिक्त, मधुर, विपाक में कटु तथा वीर्य उष्ण होता है।
  • यह कफ हर, वात हर, पित्त सारक और कुष्ठ नाशक होता है।
  • करौंदा विष को दूर करने वाला, आक्षेप नाशक, वेदना स्थापक, दीपन और वातानुलेमक है।
  • यह रेचन, श्वायन, मूत्रल तथा ज्वर नाशक है।
  • यह विसर्प हर, कुष्ठ हर, व्रण हर तथा दद्रुनाशक (दाद) होता है।
  • करौंदा बिच्छू के विष को दूर करता है, मिरगी नाशक, अपतंत्रक नाशक, आक्षेप नाशक, उदर विकार नाशक, काँस (खाँसी) नाशक, श्वास नाशक, हिचकी नाशक, मूत्रकृच्छ नाशक, हाथी पाव नाशक, चर्म रोग नाशक, कुकुर खाँसी नाशक, साँप का विष नाशक, घाव और खुजली नाशक और जलधर नाशक होता है।
  • करौंदा भस्म बनाने के काम आता है।

करौंदा के फायदे और औषधीय उपयोग (Benefits and Uses of Karonda in Hindi)

karonda ke fayde hindi me –

घाव के कीड़े और खुजली से राहत दिलाये करौंदा (Karonda Cures Wounds in Hindi)

करौंदा की ताजी जड़ को उखाड़ कर साफ पानी से धो लें और इसको कूट-पीस कर लुगदी बना लें। इसे सरसों के तेल में डाल कर तैल पाक विधि से इसका तेल बनायें। उसे सड़े घाव और खुजली पर लगाने से कीड़े मर जाते हैं और खुजली समाप्त हो जाती है। इसका उपयोग कम से कम 15 दिनों तक करना चाहिए।

ज्वर और बुखार के उपचार में फायदेमंद करौंदा (Benefit of Karonda in Fever in Hindi)

करौंदा की जड़ का क्वाथ ज्वर रोगी को एक-एक कप सेवन कराने से उसका ज्वर शान्त हो
जाता है।

खाँसी में लाभकारी करौंदा (Karonda Beneficial to Treat Cough in Hindi)

करौंदा की पत्तियों को पानी के साथ पीस कर उनका रस निकाल लें। उसे 20 से 30 मिली सुबह-शाम मधु के साथ सेवन करने से खाँसी समाप्त हो जाती है।

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सर्प विष में करौंदा फायदेमंद (Benefit of Karonda in snake bite treatment in Hindi)

सर्प काटे रोगी को करौंदा की जड़ को कूट-पीस कर क्वाथ बनाकर एक-एक कप प्रत्येक आधे घंटे पर पिलाने से उसका विष उतर जाता है और रोगी की जान बच जाती है।

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जलोदर रोग के इलाज में लाभकारी करौंदा (Benefit of Karonda in Ascites in Hindi)

करौंदे के फल को पीस कर इसका शरबत बना लें। पहले दिन 12 मि.ली., दूसरे दिन 24 मि.ली.
तीसरे दिन 36 मि.ली. चौथे दिन 48 मि.ली. प्रतिदिन बढ़ाते हुए सातवें दिन 84 मि.ली. सेवन करने से फिर विपरीत क्रम में घटाते हुए सेवन करने से जलोदर रोग समाप्त हो जाता है।

मिर्गी रोग से राहत दिलाने में मददगार करौंदा (Karonda Beneficial to Treat Epilepsy Disease in Hindi)

24 ग्राम करौन्दा की पत्तियों को तथा 120 मि.ली. दही का निथारा हुआ जल में पीस कर छान कर
रोगी को पिलाने से दौरा समाप्त हो जाता है। बराबर दौरा आना बन्द हो जाता है।

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खुजली से राहत दिलाने में फायदेमंद करौंदा (Karonda Beneficial to Get Relief from itching in Hindi)

कड़वे करोंदा की जड़ को तिल के तेल अथवा पानी में घिसकर खुजली वाली जगह पर लगाने से रोग दूर होता है।

विसर्प के इलाज में फायदेमंद करौंदा (Karonda Beneficial to Treat Erysipelas Diseases in Hindi)

नींबू के रस, कपूर और करोंदा की जड़ तीनों को साथ पीसकर, पानीदार फोड़े (फफोले) पर लगाने से रोग में लाभ होता है।

मसूढ़ों से खून आना ठीक करे करौंदा (Karonda Beneficial to Treat Bleeding Gums in Hindi)

करोंदा का फल खाने से मसूढ़ों से खून निकलने की समस्या ठीक होती है।

अम्लपित्त (खट्टी डकारें) से राहत दिलाये करौंदा (Karonda Uses to Cure Acidity Disease in Hindi)

आधा चम्मच करोंदा के रस में 2 चुटकी इलायची के दाने मिलाकर सेवन करने से अम्लपित्त में लाभ होता है ।

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हृदय रोग में करौंदा के इस्तेमाल से लाभ (Benefits of Karonda in Heart Disease in Hindi)

करोंदा का सेवन हृदय रोग में बहुत उपयोगी है। करौंदा की सब्जी गुड़ डालकर बनाकर खाने से हृदय रोग में लाभ होता है।

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पुनरावर्तक ज्वर में लाभकारी है करौंदा का सेवन (Karonda Uses in Controlling Relapsing Fever in Hindi)

बुखार से पीड़ित रोगी को करोंदा के पत्तों का काढ़ा बनाकर 15 से 30 मिलीलीटर की मात्रा में पिलाने से बुखार शांत हो जाता है।

मूंगा भस्म बनाने में सहायक करौंदा

कच्चे करौन्दा का फल पानी के साथ सिल पर पीस कर लुगदी बनाकर मूंगा को इस लुगदी में डालकर उस पर कपड़ा लपेट कर मिट्टी को कपड़े के उपर चढ़ाकर सुखावें। इस तरह मिट्टी को सात बार चढ़ा कर सुखाने के बाद इसको उपलों की आग में डालकर पहले कम आँच पर फिर मध्यम आँच और अन्त में तेज आँच में इतना जलाएँ कि मिट्टी लाल अंगारे की तरह हो जाये। इसके बाद ठण्डा कर मिट्टी को हटाकर मूंगा भस्म को एक शीशी में सुरक्षित रख लें। इस भस्म का प्रयोग अनेक रोगों में किया जाता है।

चाँदी भस्म बनाने में करौंदा का उपयोग :

इसकी लुगदी में चाँदी के टुकड़े डाल कर इक्कीस बार कपट मिट्टी कर फूंकने से चाँदी भस्म
तैयार होता है जो कि अनेक रोगों में रामबाण का काम करता है।

करौंदा के अन्य लाभ (Karonda ke Labh in Hindi)

  1. रक्तपित्त रोग के कारण यदि नाक, मुँह आदि शरीर के अंगों से रक्त जाता है तो करौंदा के फल सेवन से लाभ होता है।
  2. हृदय संबंधी किसी भी तरह के कष्ट या रोग होने पर करौंदा के फल का सेवन लाभप्रद होता है।
  3. इसके फलों का सेवन करने से मसूढ़ों से रक्त आना बंद हो जाता है।
  4. जाने अनजाने किसीने विष पान कर लिया हो तो करौंदा की जड़ पीसकर पिलाएँ, वमन होकर सारा विष निकल जाएगा।
  5. कच्चे दूध एवं पानी को समान मात्रा में मिलाकर, करौंदा की जड़ को उसमे पीसकर पिलाने से मूत्र खुलकर आता है।
  6. यदि किसी को साँप ने काटा है तो जहर है या नहीं इसकी जांच जरुरी होती है। करौंदा की जड़ को ठंडे जल में घिसकर पिलाएँ। यदि जहर का प्रभाव शरीर में हो गया होगा तो वमन (vomit) नहीं होगा। यदि वमन हो जाता है तो निर्विष समझें।
  7. नींबू का रस, कपूर और करौंदा की जड़ को घिसकर बच्चों के फफोलेदार फोड़ों पर लेप करने से लाभ होता है ।
  8. करौंदा के पत्तों का काढ़ा सेवन करने से विषम ज्वर ठीक होता है। काढ़ा 20 से 30 ग्राम की मात्रा में सुबह शाम सेवन कराएँ।

करौंदा का इस्तेमाल कैसे करना चाहिए (How to Use Carissa Carandas in Hindi)

karonda ka upyog kaise kiya jata hai

यदि आप किसी रोग के उपचार के लिए करौंदा का उपयोग करना चाहते हैं तो सबसे अच्छा होगा कि सबसे पहले आप किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक (डॉक्टर) की सलाह लें और उनके अनुसार ही इसका इस्तेमाल करें। डॉक्टर की सलाह से 20 से 40 मिलीलीटर की मात्रा में इसके पत्तों का काढ़ा ले सकते हैं।

करौंदा के दुष्प्रभाव (Side Effect of Karonda in Hindi)

आयुर्वेद मतानुसार, करौंदा के ये नुकसान भी हो सकते है –

आयुर्वेद के अनुसार गठिया, साइटिका, अर्थराइटिस एवं अल्सर के रोगियों को करौंदा का सेवन नही करना चाहिये ।

(अस्वीकरण : दवा,उपाय व नुस्खों को वैद्यकीय सलाहनुसार उपयोग करें)

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