Last Updated on November 20, 2024 by admin
परिचय :
मौसंबी का उपयोग पोषक आहार के रूप में होता है। मौसंबी की तीन किस्में-नेवल, जुमैका और माल्टा हैं। मौसंबी की कलम लगाने से आजकल इसकी अनेक उपजातियां हैं। नेवल किस्म अमेरिका में उत्तम मानी जाती है। माल्टा का छिलका व रस लाल रंग का होता है। मौसंबी के फल एक-आधा महीना तक बिना बिगड़े ज्यों-के-त्यों बने रहते हैं। मौसंबी नींबू जाति का ही फल है परन्तु नींबू से अनेक गुना लाभदायक है। मौसंबी का फल नांरगी के बराबर आकार का होता है। मुम्बई और गुजरात में इसे मुसम्मी या मौसंबी कहते हैं। उत्तर प्रदेश मे इसे मीठा नींबू कहते हैं। मौसंबी का रस साबुन, शराब तथा अन्य पेयों में डाला जाता है। इसके छिलके से निकाला हुआ तेल जल्दी उड़ जाता है। इसलिए इसके तेल को जैतून के तेल के साथ मिलाकर उपयोग किया जाता है।
मौसंबी में पाए जाने वाले तत्व :
तत्त्व | मात्रा | तत्त्व | मात्रा |
प्रोटीन | 1.5 प्रतिशत | विटामिन-सी | 63 मि.ग्रा./100 ग्राम |
वसा | 1 प्रतिशत | लौह | 0.3मि.ग्रा./100 ग्राम |
कार्बोहाइड्रेट | 10.9 प्रतिशत | फास्फोरस | 0.02 प्रतिशत |
पानी | 84.6 प्रतिशत | कैल्शियम | 0.09 प्रतिशत |
विटामिन-ए | 26. आई.यु |
मौसंबी के गुण :
- मौसंबी का सेवन सभी प्रकृति वालों को और सभी अवस्थाओं में लाभदायक है।
- मौसंबी रुचिकारक, धातुवर्धक और खून को साफ करने वाली है।
- यह पौष्टिक, हृदय (दिल) को उत्तेजित करने वाली, दीपन (भूख को बढ़ाने वाली) पाचक (पचाने वाला), तृषा (प्यास) को शांत करने वाली और ठंडक प्रदान करती है।
- भरे पेट में मौसंबी का सेवन करने से पाचन में लाभ मिलता है।
- रस निकालने की छोटी-हाथ मशीन से इसका रस आसानी से निकल जाता हैं। सर्दी के मौसम में इसका रस थोड़ा गर्म करके पीना चाहिए। एक गिलास मौसंबी के रस में 2 चम्मच अदरक का रस निचोड़कर भी पी सकते हैं। यह सदियों के लिए लाभदायक रहता है।
- मौसंबी का रस पीने से जीवनी-शक्ति बढ़ती है।
- यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है।
- मौसंबी का रस खून की अम्लता (एसीडिटी) को दूर करता है क्योंकि इसमें क्षार तत्त्व अधिक होता है।
- मौसंबी खाने से दांत मजबूत होते हैं और इसका रेशा कब्ज दूर करने में मदद करता है।
- रस के रूप में मौसंबी में अधिक तत्त्व मिलते हैं।
मौसंबी के फायदे :
1. जुकाम: जुकाम, सर्दी लगने पर थोड़े समय तक मौसंबी का रस पीने से लाभ मिलता है। मौसंबी के रस को हल्का सा गर्म करके इसमें 5 बूंद अदरक का रस डालकर पीने से आराम मिलता है।
2. शक्ति को बढ़ाने के लिए: मौसंबी का रस, दिमाग और जिगर को शक्ति तथा स्फूर्ति (तेज) देता है। जटिल रोगों तथा बुखार में मौसंबी का रस सेवन करने से रोगी कमजोर नहीं होता है। मौसंबी खाने से जहरीला पदार्थ शरीर से बाहर निकल जाता है। कब्ज, सिर दर्द, काम करने में मन न लगना, थोड़ा काम करने पर थक जाना, रात को नींद न आना आदि कष्ट दूर हो जाते हैं। मौसंबी का रस दूध में मिलाकर बच्चों को पिलाना भी लाभकारी होता है।
3. रक्त (खून) शोधक: मौसंबी का रस रक्तशोधक (खून साफ करने वाला) है और त्वचा के रोगों में भी लाभकारी है।
4. श्वास, दमा का रोग: दमा और खांसी होने पर मौसंबी के रस में, रस का आधा भाग गर्म पानी, जीरा और सोंठ मिलाकर पीने से दमा के रोग में लाभ होता है।
5. बुखार: मौसंबी के रस का सेवन करने से बुखार में काफी लाभ होता है।
6. खांसी: जिन लोगों को बार-बार खांसी, जुकाम और सर्दी लग जाती हो वे थोड़े समय तक मौसंबी का रस पीकर खांसी से स्थायी रूप से बच सकते हैं।
7. गैस्ट्रिक अल्सर: मौसंबी और नींबू को मिलाकर पीने से अल्सर (पेट के जख्म) में लाभ होता है।
8. गर्भावस्था का भोजन: मौसंबी के फल में कैल्शियम अधिक मात्रा में मिलता है। गर्भवती स्त्रियों और गर्भाशय के बच्चे को शक्ति प्रदान करने के लिए इसका रस पौष्टिक होता है।
9. दस्त (अतिसार): मौसंबी के रस को 1 कप की मात्रा में सुबह-शाम पीने से पैत्रिक दस्त (अतिसार) में आराम मिलता है।
10. आंवरक्त (पेचिश): मौसंबी का जूस पीने से पेचिश का रोग दूर हो जायेगा।
11. गठिया रोग: मौसंबी और नींबू का 2 कप रस रोजाना सुबह-शाम सेवन करने से गठिया रोग (घुटनों का दर्द) दूर हो जाता है।
12. उच्च रक्तचाप: मौसंबी या मौसंबी के रस का सेवन करने से हार्ट-फेल का भय नहीं रहता क्योंकि इससे रक्तवाहिनियों में कोलेस्ट्राल जमा नहीं हो पाता है।
13. दिल की कमजोरी: मौसंबी का रस पाचनांग, दिमाग और जिगर को शक्ति तथा स्फूर्ति देता है। इसका रोजाना प्रयोग रक्त-वाहिनियों को कोमल व लचीली करता है। उनमें एकत्रित कोलेस्ट्राल शरीर से निकल जाता है और शरीर में ताजा रक्त, विटामिन और आवश्यक खनिज लवण पहुंचा देता है। दिल और रक्त संस्थान, रक्त-वाहिनियों और केपलरीज को शक्तिशाली बनाने में मौसंबी सर्वोत्तम है।
14. पीलिया: मौसंबी का रस पीने से पीलिया रोग में लाभ होता है। यदि इस रस में ग्लूकोज मिलाकर दें तो और अधिक लाभप्रद रहेगा।
16. होठों का फटना: होठों पर मौसंबी का रस रोजाना 2 से 3 बार लगाने से होठों का कालापन दूर होता है और होठ प्राकृतिक रूप से लाल रहते है।
17. मुंहांसे: मौसंबी के छिलके को पीसकर मुंहासे पर लगाने से लाभ होता है।
18. हृदय रोग:
- आधा कप मौसंबी का रस सुबह के नाश्ते के बाद रोजाना सेवन करने से हृदय के रोग में काफी लाभ होता है।
- यह शक्तिवर्द्धक (ताकत पैदा करने वाला) एवं हृदय रोगनाशक (दिल के रोग दूर करने वाला) है। मौसंबी का रस रोजाना सेवन करने से खून में एकत्रित कोलेस्ट्राल नामक दूषित पदार्थ जो हार्टफेल में सहायक होता है, निकल जाता है और खून तथा हृदय संस्थान काफी शक्तिशाली हो जाते हैं।
मौसंबी के नुकसान :
मौसंबी का रस कई दिन तक पीते रहने से दस्त प्राकृतिक रूप से आने लग जाते हैं।
अस्वीकरण: इस लेख में उपलब्ध जानकारी का उद्देश्य केवल शैक्षिक है और इसे चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं ग्रहण किया जानाचाहिए। कृपया किसी भी जड़ी बूटी, हर्बल उत्पाद या उपचार को आजमाने से पहले एक विशेषज्ञ चिकित्सक से संपर्क करें।