Last Updated on August 30, 2024 by admin
पत्तागोभी : Cabbage in Hindi
वैसे तो कोई भी हरी सब्जी हो, स्वास्थ्य के लिए सभी लाभदायक होती हैं, लेकिन पत्तागोभी में स्वास्थ्य और सौंदर्यवर्धक तत्त्व अपेक्षाकृत ज्यादा मात्रा में होते हैं। इस बात की पुष्टि स्वास्थ्य और सौंदर्य विशेषज्ञों ने भी की है। पत्तागोभी उच्च स्तरीय पोषक तत्त्वों से भरपूर सब्जी है। पूरी दुनिया में इसे बड़े चाव से खाया जाता है। जैसा कि नाम से ही जाहिर है, यह पत्तों से भरी होती है, जो फूल की बंद कली के आकार में इसे ढके रहते हैं। यह शरीर की अशुद्धियों को दूर कर मांसपेशियों को सुदृढ़ बनाती है।
पत्तागोभी की अनेक जातियाँ हैं। आकार में गोभी छोटी-बड़ी होती हैं। मुख्य रूप से इनको चार वर्गों में बाँटा जा सकता है–गोल, बेलनाकार, सपाट या ड्रम की तरह और शंकु के आकारवाली। पत्तागोभी को वनस्पति में ‘ब्रास्सिका ओलेराचेआ वैरा कपिताता’ के नाम से जाना जाता है। इसकी उत्पत्ति का इतिहास मानव इतिहास की तरह ही पुराना है। प्राचीन ग्रीकवासी इसे बहुत महत्त्वपूर्ण सब्जी मानते थे। इसके अलावा इसने रोम में भी लोकप्रियता पाई।
पत्तागोभी का मूल उद्गम स्थान दक्षिण यूरोप और भूमध्यसागरीय क्षेत्र रहे हैं; लेकिन अब तो यह पूरी दुनिया में पसंद की जाती है। इसके लिए ठंडा और आर्द्र मौसम सबसे अनुकूल होता है। भारत में यह सर्दी के मौसम में उगाई जाती है।
पत्ता गोभी में पोषक तत्व :
बंदगोभी में उच्च स्तरीय खनिज, विटामिन और अल्कालाइन नमक पाया जाता है। प्रत्येक 100 ग्राम खाद्य भाग में आर्द्रता 91.9, प्रोटीन 1.8 और कार्बोहाइड्रेट 0.1 प्रतिशत पाया जाता है। कैरोटीन 1200 माइक्रो ग्राम, थायमिन 0.06, रिबोफ्लोविन 0.09, नायसिन 0.4 और विटामिन ‘सी’ 124 मि.ग्रा. है। इसके साथ ही इससे क्लोरीन और सल्फर भी मिलता है। इसका कैलोरिक मूल्य 27 है। हरे पत्तोंवाली गोभी में विटामिन ‘ए’ प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।
पत्ता गोभी का उपयोग : patta gobhi ke upyog hindi me
पत्तागोभी को सलाद के रूप में कच्चा ही खाया जा सकता है। उबालकर या पकाकर सब्जी के रूप में इसका सर्वाधिक उपयोग किया जाता है। इसे कच्चा ही खाया जाए तो ज्यादा अच्छा होता है, क्योंकि पकाने पर इसके कुछ पोषक तत्त्व नष्ट हो जाते हैं। इसके अलावा पकी पत्तागोभी की अपेक्षा कच्ची ज्यादा आसानी से पचती है। पत्तागोभी को जितना अधिक पकाया जाता है वह उतना ही मुश्किल से पचती है।
पत्ता गोभी के फायदे व औषधीय गुण : patta gobhi ke fayde in hindi
यह शरीर की अशुद्धियों को साफ करनेवाली और मोटापे को दूर करनेवाली सब्जी है। इसमें पाए जानेवाले सल्फर, क्लोरीन व आयोडीन अत्यंत महत्त्वपूर्ण तत्त्व हैं। सल्फर और क्लोरीन मिलकर पेट एवं आँतों की सफाई करती हैं, लेकिन यह तभी संभव है जब पत्तागोभी या उसके रस को बिना नमक मिलाए कच्चा ही प्रयोग किया जाए।
1. कब्ज : पेट की गड़बड़ी दूर करने में पत्तागोभी ओषधि की तरह काम करती है। कब्ज होने पर अगर पत्तागोभी को भोजन के रूप में कच्चा ही प्रयोग किया जाए तो यह दवा की तरह तुरंत लाभप्रद साबित होती है। इसके लिए गोभी को बारीक काटकर थोड़ा नमक, काली मिर्च और नींबू का रस मिलाकर सेवन करना चाहिए।
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2. पेट का घाव : पत्तागोभी का रस पीने से पेट का घाव अपने आप ही ठीक हो जाता है। करीब चालीस वर्ष पहले स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के गार्नेट चेनी एम.जे. ने पत्तागोभी के रस के गुण का पता लगाया था। उन्होंने इस के रस से पेट के घाव के कई मरीजों का सफल उपचार किया था। इसके रस में अल्सर प्रतिरोधक विटामिन ‘यू’ पाया जाता है। लेकिन पत्तागोभी को पकाने पर उसका यह विटामिन नष्ट हो जाता है। उपचार के लिए दिन में तीन बार इसका छह औंस रस लेना चाहिए और उसके बाद प्राकृतिक भोजन करना चाहिए।
पत्तागोभी के रस को स्वादिष्ट बनाने के लिए डॉ. चेनी इसमें अजवायन का रस (तना और हरे भाग), अनन्नास का रस, टमाटर का रस इत्यादि मिलाने की सलाह देते हैं। इसके अलावा इस मिश्रित रस को स्वाद के लिए ठंडा भी किया जा सकता है। हाँ, एक बात ध्यान रखें कि सॉस व रस एक साथ नहीं लेने चाहिए। इसे धीरे-धीरे दिन में पिएँ। रस निकालने के लिए जूसर न हो तो कच्ची पत्तागोभी को ही दिन में चार या पाँच बार खाया जा सकता है। ( और पढ़े –आमाशय(पेट) के घाव,सूजन,दर्द के घरेलु इलाज)
3. मोटापा : पत्तागोभी में एक नए रसायन ‘टार्टनिक अम्ल का पता चला है। यह अम्ल शर्करा एवं कार्बोहाइड्रेट को वसा में परिवर्तित करता है। वजन कम करने में यह अम्ल अहम भूमिका अदा करता है। पत्तागोभी का सलाद ‘स्लिम’ और ‘बिना परेशानी के डाइटिंग’ करने का सरलतम तरीका है। पत्तागोभी में कैलोरी कम होती है, मगर वानस्पतिक तत्त्व अधिक होते हैं। साथ ही यह आसानी से पच जाती है और काफी समय तक पेट भरा रहने का अहसास कराती है। ( और पढ़े –मोटापा कम करने के सफल 58 घरेलु नुस्खे )
4. त्वचा विकार : पत्तागोभी द्वारा पेट के घाव का सफल उपचार किया जाता है। इसके पत्ते घाव पर लगाने चाहिए। ऐसे स्थानों पर दबाव के लिए पत्तागोभी की ऊपरी मोटी और हरी पत्तियाँ सबसे अधिक उपयोगी होती हैं। इनको प्रयोग में लाने से पहले गरम पानी में धोकर, तौलिए से पोंछकर सुखा लेना चाहिए। साबुत पत्तियों को दबाव के लिए प्रयोग करना चाहिए।
पत्तियों की मोटी नसों को निकालकर, उनपर बेलन चलाकर सीधा कर लें और फिर गरम करके प्रभावित अंग पर बाँध दें। शरीर के अंग के अनुसार पत्ती को उसी आकार में काट सकते हैं। सन से बने और ऊन के नरम कपड़े पर पत्तियों को रखकर बाँधा जाता है। इसे पूरे दिन और रात बँधा रहने देना चाहिए। हाँ, अगर पत्तियाँ मुरझा जाएँ अथवा रंग बदलने लगें तब उसे बदल देना चाहिए। पत्तियाँ बदलते समय प्रभावित भाग को धोना और सुखाना आवश्यक है।
5. समय से पहले बुढ़ापा : शोध से पता चला है कि पत्तागोभी में ऐसे अनेक तत्त्व विद्यमान हैं जो समय से पहले आनेवाले बुढ़ापे को रोक देते हैं। खासतौर से बढ़ती उम्र के लोगों के लिए यह अत्यंत लाभप्रद है। इसके कुछ तत्त्व पथरी और रक्त-शिराओं में थक्का जमने से रोकते हैं। इसमें पाए जानेवाले विटामिन ‘पी’ और ‘सी’ रक्त नाडियों को शक्ति प्रदान करते हैं।
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6. पत्ता गोभी – कब्ज से राहत दिलाए : इसमें बहुत ज्यादा रेशा होता है जिसकी वजह से पाचन क्रिया अच्छे से होती है और पेट दरुस्त रहता है। इस वजह से कब्ज की समस्या कभी नहीं हो पाती।
7. मांसपेशियों के दर्द में राहत देती है : पत्ता गोभी में लैक्टिक एसिड काफी मात्रा में होती है जो मांसपेशियों के चोटिल होने और उसे रिकवर करने में काफी सहायक होती है।
8. पेप्टिक अल्सर के इलाज में सहायक : पत्ता गोभी, पेप्टिक अल्सर के इलाज में सहायक होती है। इस रोग से पीड़ित व्यक्ति अगर वंदगोभी का नियमित सेवन करें तो उसे आराम मिल सकता है क्योंकि इसमें ग्लूटामाइन होता है जो अल्सर विरोधी होता है।
9. अल्माइजर को कम कर देता है : हाल ही में हुए शोध से पता चला है कि पत्ता गोभी के सेवन से अल्माइजर जैसी समस्याएं दूर हो जाती है। इसमें विटामिन के भरपूर मात्रा में पाया जाता है जिससे अल्माइजर की समस्या दूर हो जाती है।
10. मोतियाबिंद के खतरे को कम करता है : पत्ता गोभी के सेवन से मोतियाबिंद का खतरा कम होता है। इसके लगातार सेवन से बॉडी में बीटा केराटिन बढ़ जाता है जिससे आंखे सही रहती है।
11. एंटी – फ्लैममेट्रोरी प्रॉपर्टी : यह अमीनो एसिड में सबसे समृद्ध होता है जो सूजन आदि को कम करता है।
12. इम्यूनिटी को बढ़ाता है : पत्ता गोभी, शरीर में इम्यूनिटी सिस्टम को स्ट्रांग बनाती है। इसमें विटामिन सी भरपूर मात्रा में होता है। जिससे बॉडी का इम्यूनिटी सिस्टम काफी मजबूत हो जाता है।
पत्ता गोभी के घरेलू उपाय और नुस्खे : patta gobhi ke gharelu upay aur nuskhe
- एक गिलास छाछ में चौथाई कप पालक का रस, 1 कप पत्ता गोभी का रस मिलाकर रोजाना दिन में 2 बार पीने से कोलाइटिस (बड़ी आंत की सूजन) ठीक हो जाती है।
- पत्ता गोभी का रस 1-1 कप दिन में 3 बार लगातार 14 दिनों तक पीने से आमाशय के रोग में लाभ होता है। पत्ता गोभी को कच्चा खाने से भी आराम मिलता है।
- एक एक कप पत्ता गोभी का रस 3 बार रोजाना पीने से अल्सर का रोग ठीक हो जाता है। पत्ता गोभी का ताजा रस कम से कम 2 सप्ताह तक पीने से बहुत लाभ होता है।
- पत्ता गोभी की सब्जी को घी से छौंककर खाने से अच्छी नींद आती है। इससे पथरी और पेशाब की रुकावट में भी लाभ मिलता है।
- पत्ता गोभी के रस का सेवनकरने से पेट के घावों के अलावा जोड़ों के दर्द, दांतों के रोग, खून की खराबी, पीलिया, मस्तिष्क की कमजोरी और शरीर का मोटापा आदि रोग में लाभ मिलता है।
- पत्ता गोभी के कच्चे पत्ते रोजाना खाने से पुराना कब्ज दूर हो जाता है। शरीर में मौजूद गंदे पदार्थ बाहर निकल जाते हैं। साथ ही, आंतों की कमजोरी के साथ गैस की शिकायत भी दूर होती है।
- पत्ता गोभी को नियमित खाने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है। पत्ता गोभी वजन घटाने में काफी लाभदायक साबित हुई है।
- पेट व आंखों के अल्सर, उदर वायु, अमाशय या लिवर के रोगियों के लिए यह वरदान साबित हो सकता है। भूख बढ़ाने के लिए इसका प्रयोग किसी टॉनिक से कम नहीं है।
- इसमें विटामिन-के की भरपूर मात्रा पाई जाती है। इससे दिमाग को सही तरीके से कामकरने की ताकत मिलती है। इससे नर्व डैमेज का खतरा भी कम होता है।
- पत्ता गोभी में पाए जानेवाले सल्फर से त्वचा को सेहतमंद बनाया जा सकता है। इससे तैलीय त्वचा को ठीक किया जा सकता है। इसके फेस मास्क से चेहरा दमकने लगता है।
- इसमें पाए जानेवाले पोटेशियम से रक्त वेसल्स को फैलने में मदद मिलती है। इससे रक्तचाप की समस्या नहीं होती। उच्च रक्तचापवालों को ज्यादा फायदा होता है।
- पत्ता गोभी के कच्चे पत्ते रोजाना खाने से पायरिया व दांतों के अन्य रोग में लाभ होता है। बंदगोभी का रस निकालकर पिएं तथा इसके मध्य भाग को सलाद बनाकर खाने से पायरिया तथा दांतों के अन्य रोग ठीक होते हैं।
- पत्ता गोभी के रस का सेवन करने से घाव ठीक होते हैं। पत्ता गोभी के आधे गिलास रस में पानी मिलाकर पीना चाहिए। इसके अलावा, घाव पर पत्ता गोभी के रस की पट्टी बांधने से आराम मिलता है।
- पत्ता गोभी के 50 ग्राम पत्ते को रोजाना 1 महीने तक खाने से झड़े हुए बाल फिर से उग आते हैं।
- पत्ता गोभी के रस को पीने और गोभी के बीचवाले भाग को कच्चे सलाद के रूप में खाने से गैस्ट्रिक अल्सर और पेप्टिक अल्सर में लाभ होता है।
- सुबह खाली पेट पत्ता गोभी का कम से कम आधा कप रस रोजाना पीने से कैंसर की पहली स्टेज में काफी फायदा होता है।
- पत्ता गोभी में कैंसर को रोकने की अपार क्षमता है। चिकित्सकों का कहना है कि पत्तागोभी में एक ऐसा रसायन होता है, जिसमें स्तन कैंसर पैदाकरनेवाले तत्त्वों की मात्रा घटाने की क्षमता होती है।
पत्ता गोभी के नुकसान हिंदी में : patta gobhi ke nuksan in hindi
- कई बार पत्तागोभी का रस पीने से पेट में गैस बनने लगती है और अन्य परेशानियाँ पैदा हो जाती हैं। यह इस बात का संकेत है कि आँतों में कोई विषमता है। ऐसे में पत्तागोभी का रस सेवन किया जाए तो लाभ होता है।
- एक बात हमेशा ध्यान रखें कि पत्तागोभी अथवा इसका रस अधिक मात्रा में कभी भी न लें, वरना घेघा नामक रोग हो सकता है। इसकी सामान्य मात्रा ही लाभप्रद है, विशेष रूप से इसका रस, हालाँकि उसका स्वाद कड़वा होता है।
- संक्रामक रोगों, अल्सर और पाचन संस्थानों की विषमताओं में पत्ता गोभी का रस रामबाण ओषधि साबित होता है।
Read the English translation of this article here ☛ 12 Impressive Health Benefits Of Cabbag
अस्वीकरण: इस लेख में उपलब्ध जानकारी का उद्देश्य केवल शैक्षिक है और इसे चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं ग्रहण किया जाना चाहिए। कृपया किसी भी जड़ी बूटी, हर्बल उत्पाद या उपचार को आजमाने से पहले एक विशेषज्ञ चिकित्सक से संपर्क करें।