पेशाब का अपने आप निकल जाना रोग का आयुर्वेदिक उपचार

Last Updated on July 3, 2022 by admin

अपने आप पेशाब निकल आने रोग का घरेलू उपचार :

1. कुलिंजन : लगभग आधा ग्राम कुलिंजन के चूर्ण को शहद के साथ रोजाना सुबह और शाम लेने से अपने आप पेशाब आने का रोग ठीक हो जाता है।

2. बेल : 10 ग्राम बेल की गिरी और 5 ग्राम सोंठ को, जौकूट कर 400 मिलीलीटर पानी में अष्टमांश काढ़े को शुद्ध कर सुबह-शाम सेवन करते रहने से 5 दिन में पेशाब का अधिक आना (बहुमूत्र) में लाभ मिलता है।

3. कुश या दाम (डामी) : कुश या दाम की जड़ को 3 से 6 ग्राम की मात्रा में पीसकर घोटकर सुबह-शाम पीने से मूत्राशय (वह स्थान जहां पेशाब एकत्रित होता हैं) के सारे रोग ठीक हो जाते हैं।

4. मुण्डी (गोरखमुण्डी) : मुण्डी (गोरखमुण्डी) के पंचांग (जड़, तना, फल, फूल, पत्ती) का रस 10 से 20 मिलीलीटर की मात्रा में सुबह-शाम लेने से पूरे मूत्राशय (वह स्थान जहां पेशाब एकत्रित होता हैं) का शोधन हो जाता है और बार-बार पेशाब आने का रोग ठीक हो जाता है। इसके साथ गुरूच का काढ़ा देने से भी लाभदायक होता है।

5. सफेद सेमर : सफेद सेमर का गोंद जिसे हत्तिमान का गोंद भी कहा जाता है उसे 3 ग्राम की मात्रा में सुबह-शाम खाने से बार-बार पेशाब आने के रोग में पूरा लाभ होता है।

6. कुचला : लगभग एक चौथाई कुचला को सुबह-शाम लेने से बार-बार पेशाब आने का रोग दूर हो जाता है।

7. बबूल : बबूल की कच्ची फलियों को छाया में सुखा लें। फिर इसे घी में भूनकर, चूर्ण बनाकर समान मात्रा में मिलाकर रख लें। फिर सुबह और शाम बिना चीनी और मिश्री मिलाकर इसे 4 ग्राम की मात्रा में खाने से पेशाब अपने आप आने का रोग समाप्त हो जाता है।

8. छुहारा : बच्चों को 1 और बड़ो को 2 छुहारे 250 मिलीलीटर पानी में उबालकर रोजाना रात को खिलाने से और ऊपर से दूध पिलाने से बार-बार पेशाब आने का रोग समाप्त हो जाता है।

9. चाय : चाय पेशाब अधिक लाती है जहां पेशाब कराना ज्यादा जरूरी हो, चाय पीना लाभदायक होता है।

10. अनान्नास : पके हुए अनान्नास को काटकर उसमें कालीमिर्च के चूर्ण और चीनी को मिलाकर पेशाब के सोते समय आने की बीमारी में लाभ होता है।

11. अंगूर : अंगूर खाने से बार-बार पेशाब जाने की आदत कम होती है।

12. बांस : बांस के हरे और सूखे पत्तों का काढ़ा बनाकर सुबह-शाम सेवन करने से बार-बार पेशाब आने के रोग में लाभ मिलता है। प्यास लगने पर भी इसका प्रयोग किया जा सकता हैं।

13. वंशलोचन : वंशलोचन के बारीक चूर्ण को शहद के साथ मिलाकर पीने से बार-बार पेशाब आने का रोग दूर हो जाता है।

14. सुगन्धबाला : अगर पेशाब अपने आप आने का रोग स्नायुतंत्र से सम्बंधित हो तो आधा ग्राम से एक ग्राम सुगन्धबाला चूर्ण जरा सी अफीम के साथ लेने से लाभ होता है।

(अस्वीकरण : दवा, उपाय व नुस्खों को वैद्यकीय सलाहनुसार उपयोग करें)

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