Last Updated on July 22, 2019 by admin
सपने क्यों आते हैं? नींद में सोते समय मस्तिष्क में ऐसा क्या होता है जो सपनों की दुनिया में ले जाता है? इन सवालों पर कई रिसर्ल्स की गई हैं। हालांकि इन सवालों के कोई पुख्ता जवाब नहीं मिले हैं। लेकिन शोधों के आधार पर सपनों के बारे में कई तथ्य सामने आए हैं।
नींद और सपने का कनेक्शन :
✦ वैज्ञानिकों ने नींद को दो चरणों में बांटा है। पहला है- आईएम और दूसरा है- नॉन आरईएम, जिसके चार चरण होते हैं।
✦सबसे ज़्यादा सपने आरईएम यानी रैपिड आई मूवमेंट चरण में आते हैं। इस दौरान शरीर शिथिल रहता है, लेकिन पलकों के नीचे आंखों की पुतलियां तेज़ी से घूमती रहती हैं।
✦७० मिनट के नॉन आईएम चरण के बाद व्यक्ति पहले आरईएम चरण में पहुंचता है, जो केवल ५ मिनट का होता है।
✦आरईएम-नॉन आईएम का चक्र ९० मिनटों का होता है और पूरी रात में नींद के दौरान यह पैटर्न ५ बार रिपीट होता है।
✦जैसे-जैसे समय गुज़रता है, नॉन आरईएम स्टेज छोटा होता जाता है और आईएम स्टेज बढ़ा होता जाता है और व्यक्ति सपनों की दुनिया में पहुंच जाता है।
क्यों आते हैं सपने ? : Sapne Kyo Aate Hai
यूं तो सपने क्यों आते हैं? इसका कोई पुख्ता जवाब नहीं मिल पाया है, लेकिन रिसर्च के आधार पर जो कारण सामने आए हैं, वे ये हो सकते हैं –
✦कुछ छिपी इच्छाएं या भावनाएं, जो पूरी न हो सकी हों या पूरी न हो पा रही हों। पूरे दिन खुद के साथ घटित हुई बातों व घटनाओं का पुनर्परीक्षण करने के लिए सपने आते हैं।
✦कुछ विशेषज्ञ मानते हैं कि सपने इसलिए आते हैं, ताकि शरीर आराम कर सके। जब आप बेहद तनाव में होते हैं, तब सपने आते हैं,
सपने का सच :
✲ हर व्यक्ति सपने देखता है, फिर चाहे वो पुरुष हो, स्त्री हो या बच्चा, फ़र्क इतना है कि कुछ लोगों को सपने याद रह जाते हैं और कुछ को नहीं।
✲नींद के लगभग २ घंटे सपने देखने में जाते हैं।
✲ व्यक्ति एक रात में ३ से ६ सपने देखता है, जिनमें से एकाध सपना ही याद रह जाता है,
✲नींद में हर ९० मिनट पर एक सपना आता है। हर सपना पिछलेवाले से बड़ा होता है, एक्सपर्ट्स की माने तो रात का पहला सपना ५ मिनट लंबा होता है, जबकि आख़िरी सपना लगभग ४५ मिनट से १ घंटे का होता है।
✲ एक रिसर्च के मुताबिक़, एक इंसान अपने पूरे जीवनकाल में तक़रीबन १००००० से ज़्यादा सपने देखता है या यह भी कह सकते हैं कि जीवन के ६ साल वो सपने देखने में बिताता है। नींद से जागने के बाद ९५ फ़ीसदी लोगों को उनके सपने याद नहीं रहते हैं। सपने कुछ सीखने में मदद करते हैं और याद्दाश्त को मज़बूत बनाते हैं।
✲महिला और पुरुष के सपनों में फ़र्क होता है। दोनों अलग-अलग तरह के सपने देखते हैं। पुरुषों की तुलना में महिलाएं परिवार व अपने बच्चों से जुड़े सपने ज़्यादा देखती हैं।
✲ रैपिड आई मूवमेंट और नॉन रैपिड आई मूवमेंट के दौरान देखे गए सपनों में फ़र्क होता है।
✲ ४८ फ़ीसदी ऐसे लोग सपने में आते हैं, जिन्हे आप जानते हैं।
✲नेत्रहीन लोगों को देख पानेवाले लोगों के मुक़ाबले ज्यादा सपने आते हैं।
✲अल्कोहल पीने से नींद और सपने दोनों पर असर होता है।
✲सपनों पर कंट्रोल करना भी संभव है। कई सपने ऐसे होते हैं, जिनमें व्यक्ति भले ही सो रहा हो पर उसे पता होता है कि वो सपना देख रहा है और इस सपने को अपनी इच्छानुसार कंट्रोल कर सकता है। इसे ल्यूसिड ड्रीम्स कहा जाता है।
क्यों याद नहीं रहते हैं कुछ सपने?
✲मस्तिष्क कई बार नींद के दौरान घटित होनेवाली जानकारियों को स्मृति के रूप में इकट्ठा नहीं कर पाता है। सोते समय मस्तिष्क के जो स्कैन्स लिए गए हैं, उससे पता चला है कि फ्रंटल लोब्स आरईएम स्लीप (नींद का वह स्टेज जब सपने आते हैं) के दौरान सक्रिय नहीं रहता। फ्रंटल लोब स्मृति बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
✲आरईएम स्लीप के दौरान मस्तिष्क सक्रिय होता है, लेकिन मसल्स सुस्त हो जाते हैं। कहा जा सकता है कि मसल्स को सुस्त करके दिमाग़ शरीर की रक्षा करता है, ताकि सपने में चल रही कहानियों में व्यक्ति किसी तरह की हरकत या एक्टिविटी न करे।
✲ ऐसे तो ज़्यादातर सपने व्यक्तिगत अनुभव से प्रभावित होते हैं, लेकिन कुछ सपने यूनिवर्सल भी होते हैं, जैसे कई लोगों को सपने में नज़र आता है कि कोई उनका पीछा कर रहा है, हमला कर रहा है या वो कहीं गिर रहे हैं। इसके अलावा स्कूल के अनुभव, ठंड लगना और उसकी वजह से न हिल पाना, कहीं देरी से पहुंचना, उड़ान भरना आदि परिस्थितियां भी शामिल हैं।
सपने के हेल्थ बेनिफिट्स : Sapne ke Fayde
नेशनल स्लीप फाउंडेशन के मुताबिक़, सपने मानसिक तनाव को भी कम करते हैं। कई बार सपनों के ज़रिए कई दबी हुई इच्छाएं भी पूर्ण हो जाती हैं