सोयाबीन क्या है? : Soybean in Hindi
सोयाबीन एक ऐसा पुष्टिकारक अन्न है, आजकल सोयाबीनका प्रयोग बढ़ रहा है। इसका प्रयोग सोयाबीन-तेल, सोया-चटनी, सोया-प्रोटीन आदिके रूपमें किया जा रहा है। इस भोजनको वसारहित भोजन कह सकते हैं।
सोयाबीन रक्तसंचारको संयत रखता है। यह रेशेदार भोजन है, जो पाचनके लिये सर्वोत्तम है। यह वजनको घटाकर शरीरको स्फूर्ति देता है। उच्च रक्तचापवाले रोगीके लिये यह उत्तम भोजन है।
सोयाबीन के पोषक तत्व : Soybean Nutrition Facts
- यह एक पोषक भोजन है। इसमें भरपूर विटामिन तथा प्रोटीन मौजूद हैं। साथ ही यह वसारहित भोजन है।
- सोयाबीन में प्रोटीन, वसा, श्वेतसार, खनिज, लवण, लौह, विटामिन ‘बी’ आदि पोषक तत्त्व प्रचुर मात्रामें विद्यमान होते हैं।
- इसमें मिलने वाला प्रोटीन किसी भी आमिष-निरामिष पदार्थों में पाये जानेवाले प्रोटीन से उन्नत किस्म का होता है। यह प्रोटीन उच्च कोटि का होने के साथ ही 35-40% तक पाया जाता है। यह बालक, वृद्ध तथा रोगी सभी के लिये हितकर है।
- कुपोषित भोजन के कारण ही 90 प्रतिशत रोगी गैस, अपच, तनाव, थुलथुलेपन तथा एनीमियाके शिकार देखे जाते हैं। कार्बोहाइड्रेट की अधिकता चर्बी बढ़ाती है तथा विभिन्न तन्तुओंको नष्ट करती है। जबकि सोया में कार्बोहाइड्रेट की अधिकता नहीं होती। इसके विपरीत इसका प्रयोग रक्ताल्पता को दूर रखता है।
सोयाबीन के गुण :
- सोयाबीन से क़ब्ज़ और गैस के रोग नहीं होते तथा बालकों का शारीरिक विकास होता है।
- इसमें कोलेस्ट्रॉल की मात्रा भी कम होती है। सोया में 32 प्रतिशत तक कोलेस्ट्राल घटाने की क्षमता है।
- इसके नियमित प्रयोगसे बल-वीर्यकी वृद्धि होती है। शाकाहारियों को तो प्रकृति के इस अनमोल भेटका अवश्य प्रयोग करना ही चाहिये।
- इसमें अति गुणकारी तत्त्वों की अपेक्षा इसका मूल्य भी काफी सस्ता है।
- सोयाबीन बच्चों के लिये विशेष उपयोगी है। बढ़ती हुई अवस्थामें संतुलित भोजन का विशेष महत्त्व है, जिसमें विभिन्न फलों, सब्जियों आदिसे प्रोटीन तथा विटामिन की प्राप्ति होती है। इसका अर्थ हुआ हमें संतुलित भोजन प्राप्त करने के लिये गुणोंके अनुसार अलग-अलग फल तथा सब्जियाँ लेनी होंगी, परंतु सोयाबीन में ये सभी गुण मौजूद हैं। बच्चों के लिये यह दूधका विकल्प भी है।
सोयाबीन के फायदे व लाभ : Soybean Benefits in Hindi
सामान्य रूपसे सोयाबीन के निम्नलिखित लाभ दीखते हैं –
- यह रक्ताल्पता दूर करता है।
- पाचनशक्ति बढ़ाता है।
- क़ब्ज़ दूर करता है।
- कोलेस्ट्रोलको मात्रा घटाकर हृदयरोगोंको दूर रखता है।
- वजन घटाकर शरीरको स्फूर्तिदायक बनाता है।
- शरीरके विभिन्न तन्तुओंके लिये पोषक है।
- वसारहित होने के कारण उच्च रक्तचापके रोगियोंके लिये उत्तम है।
- बच्चों के दूधका विकल्प है।
सोयाबीन के उपयोग : Soybean Uses in Hindi
इसके दैनिक उपयोगकी निम्नलिखित विधियाँ हैं
1. सोयाबीनका आटा – पानीमें लगभग १०घंटे भिगो दे। फिर सुखाकर चक्की में इसका आटा पिसवा ले। इसकी अत्यन्त स्वादिष्ठ रोटी बनती है। स्वादमें गेहूँके आटेसे कुछ अलग होती है। इसके आटेसे अनेक व्यञ्जन तैयार होते हैं। गेहूँके आटेमें मिलाकर इससे रोटी, पराठा, हलवा आदि बनाते हैं। इसके आटेको अधिक दिनतक नहीं रखा जा सकता।
2. सोयाबीनका दूध – दही-सोयाबीन को लगभग दस घंटे पानी में भिगो दे। फिर इसे बारीक पीसकर समुचित मात्रामें पानी मिलाये ताकि यह दूध जैसा हो जाय। इसका स्वाद ठीक करनेके लिये पीसते समय इसमें दो-तीन छोटी इलायची मिला दे तथा दूधको आधे घंटेतक उबाले। गुणकारी और पौष्टिक दूध तैयार हो गया। इस दूधमें जामन डालकर दही भी जमाया जा सकता है।( और पढ़े – सोयाबीन दूध के फायदे )
3. सोयाबीनका तेल – सरसों तथा मूंगफली की तरह सोयाबीनका भी तेल निकाला जाता है। पौष्टिकहोने के साथ ही अन्य खाद्य तेलों से अधिक सस्ता होता है। वनस्पति या सरसों के तेल के स्थान पर इसका प्रयोग कर सकते हैं। इसका तेल सिर में लगाने से बाल काले होते हैं। सोयाबीनके तेल में कुछ बूंद नीबू का रस मिलाकर लगाने से मुहाँसे ठीक हो जाते हैं।
4. सोयाबीनकी बड़ी – सोयाबीनका तेल निकालने के बाद इसका जो छिलका बचता है, उससे निर्मित बड़ी पौष्टिक होती है। सब्जी, दाल आदि में डालकर इसको उपयोग में लाते हैं।
5. सोयाबीनकी चटनी – भिगोये हुए सोयाबीन में अनुपात से नमक-मिर्च इत्यादि डालकर पीस ले। स्वादिष्ठ चटनीके रूप में इसका प्रयोग कर सकते हैं।
6. सोयाबीनकी खली – पशुओं को इसकी खली खिलाने से दूध की मात्रा बढ़ जाती है। बच्चों के लिये यह दूध बहुत गुणकारी होता है।
सोयाबीन के नुकसान – Soybean Side Effects In Hindi
स्तनपान कराने वाली महिलाओं व गर्भवती महिलाओं को सोयाबीन दूध का अधिक मात्रा में सेवन नहीं करना चाहिए इससे उन्हें उल्टी व चक्कर आने जैसी परेशानी हो सकती है।