Last Updated on September 8, 2022 by admin
चेहरे को सजाने संवारने के लिए महंगे और कृत्रिम पदार्थों से बने पाउडर क्रीम आदि का प्रयोग न करके आयुर्वेदिक उबटन और लेप का प्रयोग करना चाहिए जो कि बहुत सस्ते तो होते ही हैं साथ ही निरापद भी होते हैं यानि त्वचा को किसी भी प्रकार की हानि नहीं पहुंचाते जबकि आधुनिक कृत्रिम सौन्दर्य प्रसाधन कालान्तर में त्वचा पर बुरा असर डालने वाले होते हैं। यहां हम कुछ चुने हुए अत्यन्त गुणकारी ऐसे प्रयोग प्रस्तुत कर रहे हैं । आइये जाने सुंदरता बढ़ाने के लिए घरेलू नुस्खे व उपाय-
सुंदरता बढ़ाने के लिए सौन्दर्यवर्द्धक फेस पैक और उबटन :
1. कान्तिवर्द्धक लेप (Kaantivarddhak Face Pack) –
बनाने की वीधि – टमाटर का रस, मूली का रस, ककड़ी का रस और गुलाब जल- सब आधा-आधा चम्मच लेकर मिला लें और नीबू का रस 5-6 बूंद टपका लें। एक चम्मच (छोटा) मख्खन और एक चुटकी पिसी हल्दी मिला कर लेप बना लें।
उपयोग का तरीका और लाभ – इस लेप को चेहरे पर लगा कर मसलें और सूखने दें। आधा घण्टे बाद, शीतकाल हो तो कुनकुने गर्म पानी से अन्यथा ठण्डे पानी से चेहरा धो डालें । हथेली पर थोड़ा सा ग्लिसरिन और गुलाब जल लेकर चेहरे पर हलका-हलका लगाएं और मसल कर जज्ब कर दें। चेहरे की त्वचा साफ़, कोमल, चिकनी और चमकीली रहेगी।
2. चन्द्रमुखी लेप (Chandramukhee Face Pack)-
बनाने की वीधि – लालचन्दन (रक्तचन्दन), अगर, लोध, मंजीठ कूट, खस और सुगन्धवाला- सब 100-100 ग्राम अलग-अलग कूट पीस कर बारीक चूर्ण कर लें और मैदा छानने की छन्नी से छान कर सबको अलग-अलग शीशियों में भर कर रखें। जब लेप बनाना हो तब प्रत्येक चूर्ण आधा-आधा चम्मच (3-3 ग्राम के लगभग) ले कर सिल पर डाल कर, पानी के छींटे देते हुए पीसें और लुगदी बना लें। इसे एक कटोरी में रख लें। एक चम्मच दूध में केसर की 1-2 पंखड़ी डाल कर इस तरह से खरल में घोंटें कि केसर दूध में घुल जाए। यह दूध लुगदी पर डाल दें, ऊपर से 5-6 बूंद गुलाब जल और 3-4 बूंद नीबू का रस टपका कर फेंट लें। बस, चन्द्रमुखी लेप तैयार है।
उपयोग का तरीका और लाभ – चेहरे के रंग को निखार कर उज्जवल करने के लिए यह लेप बेजोड़ है। इस लेप को चेहरे व गर्दन पर लगा कर मसलें और सूखने दें। दो घण्टे बाद सूखा हुआ लेप छुड़ा कर पानी से धो डाले और मोटे तौलिये से पोंछ डालें। एक सप्ताह तक प्रतिदिन, इसके बाद एक सप्ताह तक एक दिन छोड़ कर और फिर सप्ताह में दो बार इस लेप का प्रयोग करें। एक माह में ही चेहरा खिल उठेगा।
3. प्रियदर्शन उबटन –
बनाने की वीधि – पूरे शरीर की त्वचा को स्वस्थ, चिकनी और मुलायम रखने के लिए एक अत्यन्त गुणकारी और उत्तम उबटन का नुस्खा प्रस्तुत कर रहे हैं। आधी कटोरी बेसन, 2 चम्मच ग्लिसरिन, 1 चम्मच चन्दन का महीन पिसा छना बुरादा, 1 चम्मच पिसी हल्दी, 1 चम्मच गुलाब जल, आधा चम्मच दूध और नीबू के रस की 5-6 बूंद, सबको मिला कर लेप बना लें। यदि लेप को गाढ़ा करना हो तो थोड़ा बेसन डाल कर गाढ़ा कर लें । और पतला करना हो तो ग्लिसरिन डाल कर पतला कर लें।
शीतकाल में ग्लिसरिन की जगह सरसौं का तैल प्रयोग कर सकते हैं। सुगन्ध के लिए केवड़ा या हिना इत्र की 2 बून्द टपका लें। ग्रीष्मकाल में खस तथा वर्षाकाल में गुलाब के इत्र की 2 बून्द टपका लें।
उपयोग का तरीका और लाभ – इस उबटन को, सान करने से आधा घण्टे पहले, लगा कर सुखा सकें तो क्या कहने वरना नान करते समय ही पूरे शरीर पर यह उबटन लगा कर, थोड़ा सूखते ही, मसल मसल कर छुड़ा दें। उबटन मैल सहित बत्ती बन कर छूटता जाएगा। इसके बाद स्नान कर लें। इस उबटन से त्वचा के छिद्रों में फंसा मैल भी निकल जाता है। साबुन का प्रयोग न करके इस उबटन का लेप करके स्नान करें। दिन रात शरीर सुगन्ध से महकता रहेगा और पूरे शरीर की त्वचा रेशम सी चिकनी, मखमल
सी मुलायम और मख्खन सी उज्जवल बनी रहेगी।
कुछ सरल उबटन :
उबटन कई प्रकार के होते हैं। कुछ सरल एवं सादे उबटनों के विषय में विवरण प्रस्तुत कर रहे हैं ताकि किसी भी कारण से उपर्युक्त लेप और उबटन तैयार न किये जा सकें तो निम्नलिखित किसी भी उबटन का उपयोग करके लाभ उठाया जा सके।
1. बेसन उबटन –
यह सर्वाधिक मात्रा में प्रचलित और सरलता से तैयार किया जा सकने वाला उबटन है। दो बड़े चम्मच भर बेसन में 1 चम्मच मीठा या सरसों का तैल और थोड़ा सा दूध । बेसन में दूध डाल कर घोलें और तैल मिला कर गाढ़ा गाढ़ा शरीर पर लेप करें और जैसे जैसे सूखता जाए वैसे वैसे हाथों से मसल कर छुड़ाने लगें। उबटन मैल सहित बत्तियों के रूप छूट जाएगा और शरीर की त्वचा निखर उठेगी।
2. जौ उबटन –
दो बड़े चम्मच भर जौ का आटा, एक चम्मच ग्लिसरिन, आधा चम्मच तैल और थोड़ा गुलाब जल। सब को मिला कर लेप करें।
3. मैदा उबटन –
दो बड़े चम्मच भर मैदा, आधा चम्मच तैल और थोड़ी सी मलाई मिला कर लेप करें।
4. चन्दन उबटन –
दो बड़े चम्मच भर चन्दन का बूरा खूब बारीक पिसा छना हुआ, एक चम्मच चन्दन का असली तैल, एक चम्मच ग्लिसरिन, कुछ बूंद नीबू का रस और आधा चम्मच बेसन। सब को मिला कर लेप करें। यह उबटन ग्रीष्म काल में प्रयोग करना चाहिए।
5. उडद उबटन –
दो बड़े चम्मच भर उड़द की दाल पिसी हुई, एक चम्मच कच्चा दूध, एक चम्मच तैल और कुछ बूंद गुलाब जल। सबको मिला कर लेप करें।
6. सौंफ उबटन –
दो बड़े चम्मच भर बारीक सौंफ पिसी हुई, आधा चम्मच चावल का आटा, आधा चम्मच तैल और ज़रा सा कच्चा दूध। सबको मिला कर लेप करें।
7. हल्दी उबटन –
2 छोटे चम्मच पिसी हल्दी, एक चम्मच ग्लिसरिन, आधा चम्मच तैल, एक चम्मच कच्चा दूध, कुछ बूंद नीबू का रस। सबको मिला कर लेप करें। यह उबटन शीतकाल में प्रयोग करना चाहिए।
8. गुलाब उबटन –
गुलाब के फूल की पंखड़ियां पीस कर दो चम्मच गुलाब जल, आधा चम्मच ग्लिसरिन, आधा चम्मच मैदा और आधा चम्मच दूध। सब को मिला कर लेप करें।
उबटन के फायदे :
ऊपर अंकित किसी भी मन पसन्द उबटन का प्रयोग करें या बारी-बारी से सभी उबटनों का प्रयोग किया करें। सभी विधियां गुणकारी हैं और शरीर की त्वचा को सुन्दर मुलायम, चिकना और चमकीला रखती हैं। त्वचा के रंग रूप में धीरे-धीरे निखार आता जाता है, जिससे चेहरा दमदमाने लगता है। स्नान करते समय शरीर पर जिस तरह और जितने समय तक साबुन लगाया जाता है, उसी तरह और उतने ही समय में उबटन भी लगाया जा सकता है। अत: ऐसा विचार नहीं करना चाहिए कि कौन इतनी खटपट और इल्लत करे। उबटन लगाने का अभ्यास हो जाने पर सब सरल हो जाता है और दिन भर शरीर में ऐसी ताज़गी, चुस्ती-फुर्ती तथा सुगन्ध बनी रहती है कि साबुन का प्रयोग करने की इच्छा ही नहीं होती ।
आगे पढ़ने के लिए कुछ अन्य सुझाव :
• कुदरती देखभाल से निखरे रूप व सौंदर्य
• चेहरे की झुर्रियां हटाने के 20 कुदरती आसन उपाय
• गोरा होने के 16 सबसे कामयाब घरेलु नुस्खे