वजन (मोटापा) कम करने के लिए आहार योजना – Motapa Kam Karne ke Liye Diet Plan in Hindi

Last Updated on November 7, 2020 by admin

स्थूलता कहें, मोटापा कहें, अतिरिक्त वज़न कहें किसी को भाता नहीं है। सबकी दिली तमन्ना होती है संतुलित वज़न, छरहरा बदन किंतु बहुत से लोग इसके विपरीत होते हैं और वज़न कम करने की भरकस कोशिशों में लगे रहते हैं। वज़न कुछ कम होता है फिर वही ढाक के तीन पात। व्यायाम, योगासन, जिम वगैरह-वगैरह सब कुछ अपनाने के बावजूद निरतरता के अभाव में असफलता का मुंह देखने में मजबूर लोग फिर अनेक भिन्न-भिन्न आहार योजना को अपनाते हैं।

व्यायाम और आहार दोनों का तारतम्य यानी वज़न कम होने की चाभी। अब हम इस लेख में भिन्न-भिन्न आहार योजना की जानकारी लेंगे ताकि मन की दुविधा को कम कर पाएँ। दुविधा इस बात की कि किस आहार योजना को अपनाया जाना हितकर होगा। आज बहुत सी योजनाओं की सफलता सामने आ रही है, हमें किस योजना को अपनाना यह हमें ही तय करने की ज़रूरत होगी।

( और पढ़े – मोटापा कम करने के उपाय )

वजन (मोटापा) कम करने के लिए डाइट प्लान (Diet Plan for Weight Loss in Hindi)

आज-कल चर्चित और अधिक मात्रा में किए जानेवाले ‘डायट’ का संक्षिप्त परिचय –

  1. कीटोजेनिक डायट (Ketogenic Diet Plan
  2. जी. एम. डायट (GeneralMotor’s Diet)
  3. वीगन आहार योजना (Vegan Diet)
  4. इंटरमिटंट फास्टिंग डायट (Intermittent Fasting Diet)
  5. डॉक्टर जगन्नाथ दीक्षित डायट

इनके अलावा आहार तज्ञ द्वारा दी जानेवाली आहार योजना, हमारी पारंपारिक, प्रादेशिक एवं प्रकृतिनुसार दी जानेवाली आहार योजना, निसर्गोपचार में दिया जानेवाला आहार आदि सभी आहार योजनाएँ वज़न कम करने में सहायक होते हैं, केवल हमें हमारे प्रकृति को ध्यान में रखकर सही आहार योजना का चुनाव कर लाभ लेना होता है।

1) कीटोजेनिक आहार योजना (Ketogenic Diet Plan) :

आज-कल युवा पीढ़ी इस आहार योजना को प्रथम स्थान देते हैं। इसे अपनाकर वह अपना वज़न तेज़ी से कम कर लेते हैं। असल में कीटोजेनिक डायट को 1920 में अमेरिका में शुरू किया गया था, जो खासकर मधुमेहियों के लिए तैयार किया गया था। आज वह विश्व में काफी प्रचलन में है।

इसका मूल तत्त्व है, Nollow carb यानी आहार से कार्बोहाइड्रेटस को कम कर प्रोटीन व वसा की मात्रा को बढ़ाकर शरीर से अतिरिक्त वसा कम करना।
70% वसा, 20% प्रोटीन और केवल 10% कार्ब यह प्रमाण होता है। इसके पीछे का शास्त्र है कि जब शरीर को ऊर्जा के कार्ब की प्राप्ति नहीं होती तो शरीर वसा को ऊर्जा के रूप में इस्तेमाल करेगा। इसमें जो वसा का सेवन होता है वह एवं वह वसा शरीर में जमे वसा को भी अपने साथ मिलाकर वसा कम करता है। इस आहार योजना के साथ यदि व्यायाम को भी अपनाया जाए तो परिणाम ज़ल्दी मिलते हैं। इस आहार योजना में पनीर और नारियल, नारियल का आटा, बादाम, विविध तेलहन बीजें जैसे कद्दू के बीज, तरबूज़ के बीज, अखरोट, शेंगदाणा, सूखा नारियल आदि का अधिक इस्तेमाल होता है। वसा में चीज, मक्खन, घी, तेल आदि भरपूर लेने की सलाह दी जाती है।

शाकाहारियों के लिए थोड़ा कठिन होता है क्योंकि इसमें बहुत ही गीनी-चुनी सब्ज़ियाँ, साग का इस्तेमाल करने की इजाजत होती है। मांसाहारी इसे आसानी से कर पाते हैं। यदि कोई सचमुच कम समय में वज़न घटाने का इरादा रखता है और वह उच्च रक्तचाप,हार्ट प्रॉब्लेम से ग्रसित नहीं है तो करने की क्षमता रखता है ऐसा मान सकते हैं। इसका परिणाम 2 से 8 दिनों में शुरू होता है जिसे कीटोजिन में जाना कहते हैं। मतलब इन 2 से 8 दिनों में शरीर वसा को ऊर्जा के रूप में इस्तेमाल करना शुरू कर देता है और वज़न घटाने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। डॉक्टर इसे तीन महीने से अधिक करने की सलाह नहीं देते। 3 महीने बाद इसे खत्म कर ऊर्जा (calries) को ध्यान रखते हुए वज़न नियंत्रित करने की सलाह दी जाती है। इसे फिर से 2-3 महीने बाद कर सकते हैं।

2) जी. एम. डायट (General Motor’s Diet) :

यह एक ऐसी आहार योजना है, जिसमें सात दिन अलग-अलग प्रकार के आहार को लेने की सलाह दी जाती है। असल में इस आहार योजना को 1985 में जनरल मोटर्स के एम्प्लॉईज़ के लिए बनाया गया था। इसका मुख्य उद्देश्य है कि सात दिनों में 5 से 7 किलो वज़न कम करना, साथ ही शरीर के विषाक्त पदार्थ शरीर से बाहर निकालकर शरीर की प्रतिकारक शक्ति में वृद्धि लाना। इसमें भी शरीर वसा को ऊर्जा के रूप में इस्तेमाल करता है।

इस आहार योजना में कार्ब का प्रमाण कम किया जाता है। इसकी आहार योजना बहुत रोचक होती है। इस आहार योजना में फल, जूस वगैरह का अधिक इस्तेमाल होता है।

  • पहले दिन में केवल पानी, नींबू पानी, नारियल पानी पीने की सलाह दी जाती है,
  • दूसरे दिन फल चाहे जितना खाना चाहते हो खा सकते हो। केवल आम, पपीता नहीं खा सकते,
  • तीसरे दिन फल + सब्ज़ी ,सिवाय केले और आलू,
  • चौथे दिन केले + दूध,
  • पाँचवें दिन फल और सब्ज़ियों के साथ एक कटोरी ब्राउन राइस ले सकते हैं,
  • छठे दिन फल, सब्ज़ियाँ, ब्राउन राइस के साथ 100 ग्राम पनीर ले सकते हैं,
  • सातवें दिन ब्राउन राइस, फल एवं सब्ज़ियाँ सेवन कर सकते हैं,

इस आहार योजना में तेल का इस्तेमाल नहीं होता। इस तरह सात दिन में वज़न घटाया जा सकता है। इस आहार योजना में व्यायाम न करने की सलाह दी जाती है, कम से कम शुरुआत के 3 दिन तो बिलकुल नहीं/सात दिनों के बाद बहुत संतुलित कम तेल, घी, मसालेवाला खाना न खाने की सलाह दी जाती है। वज़न को नियंत्रित रखने के लिए व्यायाम + नियंत्रित ऊर्जा सेवन करना फायदेमंद होता है।

3) वीगन आहार योजना (Vegan diet) :

इस डायट में पूर्णतः फल, अनाज, सब्ज़ियों का इस्तेमाल होता है। मांस, दूध वगैरह प्राणियों से प्राप्त पदार्थ पूर्णतः वर्जित होते हैं। डेअरी पदार्थ भी वर्जित होते हैं। इस आहार योजना में कम फैट दिया जाता है। पूर्ण अनाज, दलहन, नट्स इस्तेमाल किए जाते हैं और ज़्यादातर पदार्थ कच्चे, अंकुरित ही इस्तेमाल होते हैं। दोपहर 4 बजे के बाद शाम या रात में पकाया अनाज खाने की सलाह दी जाती है। इस आहार योजना से वज़न घटता है, शरीर की प्रतिकारक शक्ति में वृद्धि होती है।

4) इंटरमिटंट फास्टिंग डायट (Intermittent Fasting Diet) :

इस आहार योजना में दिन को 16:8 इस प्रोप्रेशन में बाँटा गया है। 16 घंटे का उपवास और आठ घंटे के भीतर छोटा नाश्ता और दो भोजन करने की सलाह दी जाती है। यानी 16 घंटे का उपवास करना और आठ घंटे के समय में भोजन लेना। बहुत बार इसमें दो बार भोजन करने की सलाह दी जाती है। पहले भोजन के बाद आठ घंटे के भीतर दूसरा भोजन खत्म कर लेना आवश्यक होता है। बीच में केवल पानी या छाँछ ले सकते हैं इसके अलावा कुछ नहीं। इस आहार योजना के फायदे बहुत होते हैं। जैसे –

  • वज़न घटना।
  • एसिडिटी कम होना।
  • हृदय के स्वास्थ्य में सुधार।
  • प्रतिकार क्षमता में बढ़ोत्तरी।
  • मधुमेहियों के रोगी को लाभ।
  • कहते हैं इससे मन के विकार भी खत्म होते हैं।

इस आहार योजना को लंबे समय तक करना आसान होता है। इसे हम अपनी जीवनशैली बना सकते हैं, जो कीटोजेनिक और जी. एम. डायट के साथ नहीं कर सकते।

5) डॉ. जगन्नाथ दीक्षित का डायट :

आज-कल डॉ. जगन्नाथ दीक्षित की आहार योजना बहुत प्रसार में आया है, परिणाम सामने आने से पसंद किया जा रहा है। इसमें भी 16 घंटे का उपवास और 8 घंटे के भीतर दो भोजन का प्रयोजन होता है। उनके कहे अनुसार समय का ऐसा पैटर्न तय करें, सुबह 9.30 और शाम 6.30 या 12 से 8.30।

इस डायट योजना में आप 55 मिनट तक भोजन कर सकते हैं क्योंकि शरीर में 55 मिनट तक इंसुलिन का स्राव होता है तो भोजन की शुरुआत कर उसे 55 मिनट में खत्म करें।

दो भोजन के बीच के अंतराल में पानी, नारियल पानी, घर में बनाई पतली छाँछ, ग्रीन टी और टमाटर खा सकते हैं। मधुमेही केवल पानी, छाँछ और ग्रीन टी ले सकते हैं।

इस आहार योजना में आप सभी पदार्थ संतुलित मात्रा में खा सकते हैं। मीठा भी खा सकते हैं, मधुमेही छोड़कर। इस आहार योजना से मधुमेह नियंत्रण में रहता है, वज़न ज़्यादा प्रयास के घटने लगता है, शरीर में विटामिन वगैरह की कमी नहीं होती।
आहार योजना के साथ-साथ प्रतिदिन 45 मिनट कार्डिओ व्यायाम करना आवश्यक है।

इन आहार योजना के अलावा भी कई प्रकार की आहार योजनाओं का प्रचलन है। ऊर्जा (calories) को गिनकर खाना, आवश्यक ऊर्जा से कम ऊर्जा लेना, कुछ आहार योजना में दिनभर में 6 छोटे-छोटे meal प्रयोजन होता है, कुछ आहार योजना में केवल एक समय भोजन और दूसरे भोजन में सूप का प्रयोजन किया जाता है।

हमारे भारत में प्रदेशानुसार आहार योजना होती है, जो अब समयानुसार प्रचलन में नहीं होती है। अब भोजन में पश्चिमीकरण हुआ है।
इतनी आहार योजनाओं के रहते हमें अपने कार्य, क्षमता, जीवनशैली को समझते हुए और अपनी दृढ़ता को ध्यान में रखकर चुनाव करने से परिणाम निश्चित मिलता है। चाहिए केवल निरंतरता और संकल्प। कोई भी चुनाव करने से पूर्व अपनी डॉक्टर की सलाह अवश्य लें, साथ व्यायाम करना भी आवश्यक होता है यह ध्यान में रखें।

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