Last Updated on June 9, 2024 by admin
आंबा हल्दी क्या है ? : What is Amba Haldi in Hindi
amba haldi kya hai
आंबा हल्दी (Amba haldi) का पौधा भी हल्दी की ही तरह होते हैं। दोनों में अंतर यह है कि आंबा हल्दी के पत्ते लम्बे तथा नुकीले होते हैं। आंबा हल्दी की गांठ बड़ी और भीतर से लाल होती है, किन्तु हल्दी की गांठ छोटी और पीली होती है। आंबा हल्दी में सिकुड़न तथा झुर्रियां नहीं होती हैं।
आंबा हल्दी के औषधीय गुण : Amba Haldi ke Gun in Hindi
amba haldi ke aushadhi gun
- आंबा हल्दी वायु को शांत करती है।
- यह पाचक है।
- आंबा हल्दी पथरी को तोड़ने वाली है।
- आंबा हल्दी पेशाब की रुकावट को खत्म करने वाली है।
- यह घाव और चोट में लाभ करने वाली है।
- आंबा हल्दी का मंजन करने से मुंह के रोगों को खत्म होते है।
- यह खांसी, सांस और हिचकी में लाभकारी होती है।
- रंग : आंबा हल्दी लालिमा लिए हुए पीली रंग की होती है।
- स्वाद : यह कड़वी और तेज होती है।
- स्वरूप : यह एक पौधे की जड़ है जो मिट्टी में उगती है।
- आंबा हल्दी की तासीर : इसकी तासीर गरम होती है।
सेवन की मात्रा : Safe Daily Dose of Amba Haldi
amba haldi ka istemal kaise karte hain
इसका सेवन चार ग्राम की मात्रा में कर सकते हैं।
आंबा हल्दी के फायदे और उपयोग : Amba Haldi ke Fayde in Hindi
uses and benefits of amba haldi in hindi
1. सूजन पर : आंबा हल्दी को ग्वारपाठा (ऐलोवेरा) के गूदे पर डालकर कुछ गरम करके बांधने से सूजन दूर होती है तथा घाव को भरती है।
2. शीतला (मसूरिका) ज्वर के निशान होने पर : आंबा हल्दी, सरकण्डे की जड़ और जलाई हुई कौड़ी को कूटकर छान लें। फिर भैंस के दूध में मिलाकर रात के समय चेहरे पर लगाकर सो जायें। पानी में भूसी को भिगो दें। सुबह और शाम उसी भूसी वाले पानी से मुंह को धोने से माता के द्वारा आने निशान (दाग-धब्बे) दूर हो जाते हैं।
3. चोट लगने पर :
- चोट सज्जी, आंबा हल्दी 10-10 ग्राम को पानी में पीसकर कपड़े पर लगाकर चोट (मोच) वाले स्थान पर बांध दें।
- आंबा हल्दी को पीसकर, गरम करके बांधने से चोट को अच्छा करती है तथा सूजन दूर होती है।
- पपड़िया कत्था 20 ग्राम आंबा हल्दी 20 ग्राम कपूर, लौंग 3-3 ग्राम पानी में पीसकर चोट मोच पर लगाकर पट्टी बांध दें।
- आंबा हल्दी, मुरमक्की, मेदा लकड़ी 10-10 ग्राम लेकर पानी में पीसकर हल्का गर्म कर चोट पर लगायें।
4. घाव : आंबा हल्दी, चोट सज्जी 10-10 ग्राम पीसकर 50 मिलीलीटर गर्म तेल में मिला दें। ठंडा होने पर रूई भिगोकर घाव, जख्म पर बांध दें।
5. हड्डी कमजोर होने पर :
- चौधारा, आंबा हल्दी 10-10 ग्राम पीसकर घी में भून लें। उसमें सज्जी और सेंधानमक 5-5 ग्राम पीसकर मिला लें। फिर टूटी हड्डी और गुम चोट पर बांधने से लाभ होता है।
- आंबा हल्दी 3-3 ग्राम पानी से सुबह-शाम लें और मैदालकड़ी, कुरण्ड, चोट सज्जी, कच्ची फिटकरी, आंबा हल्दी 10-10 ग्राम पानी में पीसकर कपड़े पर फैलाकर चोट पर रखकर रूई लगाकर बांध दें।
6. गिल्टी (ट्यूमर) :
- आंबा हल्दी, अलसी, घीग्वार का गूदा और ईसबगोल को पीसकर एक साथ मिलाकर आग पर गर्म करने के बाद गिल्टी पर लगाने से लाभ होता है और सूजन मिट जाती है।
- 10 ग्राम आंबा हल्दी, 6 ग्राम नीलाथोथा, 10 ग्राम राल, 6 ग्राम गूगल और 10 ग्राम गुड़ इसमें से सूखी वस्तुओं को पीसकर और उसमें गुड़ मिलाकर बांधें तो आराम होगा और जल्द ही फूट जायेगा।
- आंबा हल्दी, चूना और गुड़ सबको एक ही मात्रा में लेकर पीसे और बद पर लेप कर दें। इससे गिल्टी जल्द फूट जायेगी।
7. पेट में दर्द होने पर : आंबा हल्दी और कालानमक को मिलाकर पानी के साथ पीने से पेट के दर्द में आराम होता है।
8. उपदंश (फिरंग) के रोग में : आंबा हल्दी, राल और गुड़ 10-10 ग्राम, नीलाथोथा और गुग्गुल 6-6 ग्राम इन सबको मिलाकर पीस लें और बद पर बांधे इससे तुरन्त लाभ मिलता है।
9. पीलिया रोग : सात ग्राम आंबा हल्दी का चूर्ण, पांच ग्राम सफेद चंदन का चूर्ण शहद में मिलाकर सुबह और शाम सात दिन तक खाने से पीलिया रोग मिट जाता है।
10. खाज-खुजली और चेहरे का काला दाग : आंबा हल्दी को पीसकर शरीर में जहां पर खाज-खुजली हो वहां पर लगाने से आराम आता है।
आंबा हल्दी के दुष्प्रभाव : Amba Haldi Side Effects in Hindi
आयुर्वेद मतानुसार, आंबा हल्दी के ये नुकसान भी हो सकते है –
आंबा हल्दी (Amba haldi) का अधिक मात्रा में सेवन हृदय के लिए हानिकारक हो सकता है।
(दवा,उपाय व नुस्खों को वैद्यकीय सलाहनुसार उपयोग करें)