गठिया के कारण : gathiya ke karan
रक्त में यूरिक एसिड नामक पदार्थ पैदा होकर गाँठों में जमा हो जाता है और | फिर यही दर्द का मूल कारण बन जाता है।
गठिया के लक्षण : gathiya ke lakshan
प्राय: यह रोग अधिक उम्र वालों को होता है। शरीर के जोड़ों में दर्द का होना, सूजन आ जाना तथा बुखार व बेचैनी बने रहना इस रोग के मुख्य लक्षण हैं।
गठिया का देसी आयुर्वेदिक इलाज : gathiya ka ayurvedic ilaj
1. सरसों का तेल – सरसों के तेल में सेंधा नमक मिलाकर गठिया के दर्द वाले स्थान पर मालिश करने से लाभ होता है। ( और पढ़े – गठिया वात रोग के 13 रामबाण घरेलु उपचार )
2. पीपल – पीपल के छाल के काढ़े में शहद मिलाकर पीने से गठिया रोग में आराम मिलता है।
3. बरगद – बरगद के मोटे पत्तों को चिकनी तरफ गरम किया हुआ तिल का तेल चुपड़कर गरम-गरम ही गठिया वाले स्थान पर बांध दें। दो चार माह नियमित करने से गठिया रोग जाता रहेगा।
4. कपूर – कपूर 100 ग्राम, तिल का तेल 400 ग्राम-दोनों को शीशी में भरकर दृढ़ कार्क लगाकर धूप में रख दें। जब दोनों वस्तुएं मिल जायें तो गठिया दर्द के स्थान पर मालिश करें। ( और पढ़े – वात नाशक 50 सबसे असरकारक आयुर्वेदिक घरेलु उपचार)

5. शहद – गुनगुने पानी में दस ग्राम शहद घोल लें। इसमें पांच बूंदें कागजी नींबू की मिलाकर पी लें। गठिया वाले रोगी को शहद का भरपूर सेवन करना चाहिए।
6. बथुए का रस – आधा किलो बथुए का रस 20-20 ग्राम की मात्रा में रोगी को पिलाते रहें। थोड़ी देर बाद दो बड़े-बड़े लाल टमाटर काटकर सेंधा नमक और कालीमिर्च बुरककर खिलायें । बथुए का रस निकालने के बाद बथुए को आटे में गूंध कर रोटी बनाकर रोगी को खिलायें। ( और पढ़े – घुटने के दर्द को जड़ से खत्म करेंगे यह 13 देसी घरेलु उपचार)
7. सोंठ – सोंठ और गिलोय को बराबर भाग लेकर मोटा-मोटा सा कूट लें और दो कप पानी में डालकर उबाल लें, जब आधा कप पानी बचे तब उतारकर ठण्डा कर लें और इस पानी को छानकर पी लें। यह प्रयोग लाभ न होने तक प्रतिदिन भोजन के घण्टे भर बाद सेवन करें। यह आमवात नामक व्याधि दूर करने के लिये सर्वोत्तम है।
8. हिंग – हींग को घी में मिलाकर मालिश करें तो दर्द दूर होता है। हाथ, पैर और जोड़ों के दर्द में इसकी मालिश से आराम मिलता है। यह तेल स्नायुओं को मजबूत एवं शक्ति शाली बनाता है।
9. लहसुन – लहसुन का रस आधी चम्मच और एक चम्मच शुद्ध घी मिलाकर कुछ दिन तक लगातार प्रात:काल पीना चाहिए, इससे आमवात नष्ट होता है।
8. गिलोय – गिलोय को सोंठ चूर्ण के साथ लेने से आमवात मिटता है। ( और पढ़े – जोड़ों का दर्द दूर करेंने के 17 घरेलु उपाय)
9. हरी मिर्च – वायु रोगों पर आमवात, कटिशूल, पार्श्वशूल में हरी मिर्च का स्थानीय लेप करने से आराम मिलता है।
10. अश्वगंधा – अश्वगंधा चूर्ण दो भाग, सोंठ एक भाग तथा मिश्री तीन भाग अनुपात में मिलाकर सुबह-सायं भोजनोपरांत गर्म जल से सेवन करें। यह अनुप्रयोग आमवात, संधिवात, विवन्ध, गैस तथा उदर के अन्यान्य विकारों में लाभप्रद पाया गया है।
11. गूलर – गूलर के पत्तों का रस पीने से वातविकार, हदयविकार, यकृत दोष आदि नष्ट होते हैं।
12. चुकन्दर – पत्तागोभी, चुकन्दर और फूलगोभी के सेवन से जोड़ों का दर्द दूर होता है। ( और पढ़े –एक्यूप्रेशर द्वारा जोड़ों के दर्द का सफल उपचार )
13. पीपल – वात तथा कफ मिश्रित गठिया में 25-25 ग्राम सौंठ, कालीमिर्च, पीपल, लहसुन सफेद जीरा व तीनों नमक, पाँच ग्राम हींग, घी में भूनकर पिसे चूर्ण का तीन चार ग्राम की मात्रा में दिन में तीन बार अदरक रस शहद के साथ चाटने से लाभ होगा।
14. हरड़ – 25 ग्राम सौंठ, सौ ग्राम हरड़ और 15 ग्राम अजमोद, 10 ग्राम सेंधा नमक के साथ चूर्ण के रूप में तीन ग्राम सुबह-शाम गर्म पानी के साथ सेवन करने से गठिया रोग दूर हो जाता है।
15. अडूसा – गठिया या वात रोगों में अडूसा के पत्तों को गर्म करके सेंकना सूजन और दर्द में गुणकारी होता है।
17. कपूर – लहसुन के रस में कपूर मिलाकर मालिश करने से गठिया तथा वात रोग ठीक हो जाता है।
(अस्वीकरण : दवा, उपाय व नुस्खों को वैद्यकीय सलाहनुसार उपयोग करें)