नींबू के 145 चमत्कारी फायदे और उपयोग : Nimbu ke Fayde aur Nuksan in Hindi

Last Updated on September 2, 2024 by admin

स्वास्थ्य के लिए वरदान है नींबू : lemon in hindi

नींबू सबके लिए एक सुपरिचित फल है इसलिए इसका परिचय देना ज़रूरी नहीं। हम यहां काग़ज़ी नींबू के विषय में विवरण प्रस्तुत कर रहे हैं जो कि पतले छिलके वाला होता है और सब्ज़ी बेचने वालों की दुकान पर मिलता है। यह सारे भारत में पैदा होता है और घरोघर इसका उपयोगी किया जाता है। इसका विशेष और सबसे बड़ा गुण कृमियों को नष्ट करने वाला होता है और इसी गुण के कारण नींबू कई रोगों को नष्ट करने की क्षमता रखता है।

नींबू खट्टा होते हुए भी वैसा विकार नहीं करता जैसा विकार दूसरी खटाई जैसे इमली, अमचूर आदि के सेवन से होता है। नींबू 5-6 प्रकार का होता है। जिसमें काग़ज़ी नींबू का उपयोग सबसे ज्यादा होता है। यहां काग़ज़ी नींबू का परिचय और घरेलू इलाज में उपयोगी इसके कुछ औषधीय प्रयोगों की जानकारी प्रस्तुत की जा रही है।

नींबू के विभिन्न भाषाओं के नाम :

  • संस्कृत – निम्बुका ।
  • हिन्दी – काग़ज़ी नींबू ।
  • मराठी – लिंबू ।
  • गुजराती – लींबु ।
  • बंगला – काग़दी लेबू ।
  • तेलुगु -निम्म पंडु।
  • तामिल – एलुमिच्चै ।
  • मलयालम – चेरुनारकम् ।
  • फ़ारसी– लिमुनेतुर्श ।
  • इंगलिश -लेमन (Lemon) ।
  • लैटिन – साइट्रस मेडिका एसिडा (Citrus medica acida).

नींबू के औषधीय गुण : nimbu ke gun in hindi

यह खट्टा, वातनाशक, दीपक, पाचक, हलका, कृमि समूह को नष्ट करने वाला, तीखा, उदर पीड़ानाशक, अत्यन्त रुचिकारक और वात, पित्त, शूल से पीड़ित रोगी के लिए हितकारी है। यह तीनों दोषों को, अग्नि की क्षीणता, वात विकारों को, मन्दाग्नि, मलबन्ध, विषुचिका आदि विकारों को नष्ट करने वाला है।

रासायनिक संघटन :

इसके रस में जल तत्व 85.0, प्रोटीन 1-0, फेट (वसा) 0.9, मिनरल्स 0.3, रेशा 1.3, कार्बोहाइड्रेट 11.1, ऊर्जा 57 कैलोरी, कैल्शियम 70 चस., फास्फोरस 10 चस, लौह 0.26 चस. पोटेशियम 270 चस., थायमिन 0.02 चस., रिबोफ्लेमिन 0.01 चस. नियासिन 0.1 चस. विटामिन सी 39 चस. प्रति 100 ग्राम। इसके रस में साइटि-क एसिड और छिलके में उड़नशील तैल होता है।

नींबू के फायदे और उपयोग : nimbu ke fayde in hindi

Lemon Benefits in Hindi

पके हुए नींबू का उपयोग आहार के रूप में भी किया जाता है और औषधि के रूप में भी चिकित्सा के रूप में नींबू का कल्प भी किया जाता है जिसे ‘नींबू-कल्प’ कहते हैं।

नींबू के रस को अकेला न ले कर किसी भी खाद्य पदार्थ या पेय पदार्थ के साथ ही लिया जाता है। खाद्य पदार्थों में दाल, शाक, पोहा आदि भोज्य व्यंजनों में डाल कर लेना चाहिए और पेय पदार्थों में फलों के रस या ताज़े सादे पानी में डाल कर पीना चाहिए। । नींबू को ज़रा सेक कर यानी गरम करके रस निकालने से रस अच्छी मात्रा में निकलता है।

चिकित्सा हेतु इसका उपयोग सिर्फ़ पानी के साथ किया जाता है, खाली पेट किया जाता है किसी भोज्य पदार्थ के साथ नहीं। यहां घरेलू इलाज के रूप में प्रयोग किये जाने वाले कुछ प्रयोग प्रस्तुत किये जा रहे हैं।

1. अम्लपित्त में नींबू के फायदे : अम्लपित्त (हायपर एसिडिटी) की प्रारम्भिक अवस्था में, दोपहर के भोजन के आधा घण्टा पहले, एक गिलास ठण्डे पानी में, एक नींबू निचोड़ कर एक चम्मच (बड़ा) शक्कर घोल कर पीना चाहिए। यह प्रयोग दोनों वक्त यानी भोजन करने के आधा से एक घण्टे पहले यह प्रयोग करना चाहिए। ( और पढ़े – एसिडिटी के 59 घरेलु उपचार)

2. रक्ताल्पता में नींबू के फायदे : शरीर में खून की कमी होने को रक्ताल्पता (एनीमिया) कहते हैं। सुबह शाम एक गिलास ठण्डे पानी में नींबू निचोड़ कर पीना चाहिए। ( और पढ़े – हीमोग्लोबिन व खून की कमी दूर करने के 46 उपाय)

3. जी मचलाना में नींबू के फायदे : अपच (अजीर्ण) या एसिडिटी के कारण जी मचलाता हो, उलटी जैसा जी करता हो तो एक पके हुए नींबू को बीच में से चीर कर दो भाग कर लें फिर इसके बीज निकाल दें और इसमें सोंठ, शक्कर, कालीमिर्च और काला नमक- चारों बारीक पिसे हुए-एक-एक चुटकी दोनों टुकड़ों में भर दें और आग पर रख कर गरम करें। जब नींबू खदबताने लगे तब उतार कर ठण्डा करके चूस लें। इस प्रयोग से जी मचलाना व उलटी होना बन्द हो जाता है।

4. अजीर्ण (पुरानी कब्ज) में नींबू के फायदे : खाना खाने से पहले नींबू, अदरक और सेंधानमक को मिलाकर सेवन करने कब्ज दूर होती है और पाचनशक्ति बढ़ती है। इस तरह रोजाना सेवन करने से वायु, कफ, दस्त का न आना एवं आमवात (गठिया) रोग भी ठीक होता है।

5. हैजा में नींबू के फायदे : हैजा की बीमारी फैलने के समय 2 नींबू का रस निकालकर रोजाना भोजन अथवा नमक के साथ सेवन करना चाहिए। इससे हैजा से बचाव होता है। इसका प्रयोग हैजा होने पर भी करना लाभकारी होता है।  ( और पढ़े –हैजा (विशूचिका) के कारण लक्षण और इलाज )

6. पाचनशक्ति कमजोर होना में नींबू के फायदे : नींबू व नमक को किसी मिट्टी के बर्तन में अच्छी तरह से मिलाकर रख दें और फिर बर्तन का मुख ढककर अच्छी तरह धूप में सूखाएं। नमक अच्छी तरह नींबू में मिल जाने के बाद उसमें से रोज 1-2 टुकड़े खाएं। इससे पाचनशक्ति की कमजोरी दूर होती है और कब्ज खत्म होती है। इसे भोजन के समय खाने से स्वाद भी बढ़ता है।

7. आंखों के दर्द में नींबू के फायदे : लोहे के तवे पर अफीम और दन्ती को नींबू के रस के साथ खरल करके लेप बना लें और इस लेप को आंखों के ऊपर लेप करें। इससे आंखों का दर्द ठीक होता है।

8. पेट के दर्द में नींबू के फायदे : एक नींबू का रस निकाल लें और उसमें थोड़ी सी चीनी डालकर पीएं। इससे पेट का दर्द समाप्त होता है। ( और पढ़े –पेट दर्द के 41 देसी घरेलु उपचार )

9. पित्तशमन में नींबू के फायदे : नींबू का रस और नमक मिलाकर सेवन करने से पित्त नष्ट होता है।

10. पेट के कीडे़ में नींबू के फायदे : नींबू का रस निकालकर दिन में 2 बार पीने से पेट के कीड़े नष्ट होते हैं।

11. प्यास का अधिक लगना में नींबू के फायदे : एक नींबू का रस निकालकर उसमें दो चुटकी चीनी डालकर पीने से प्यास का अधिक लगना कम होता है।

12. जोड़ों के दर्द व खांसी में नींबू के फायदे : 5 ग्राम नीबू के रस में 3 ग्राम चीनी डालकर पीने से जोड़ों का दर्द ठीक होता है और खांसी दूर होती है।

13. पित्त गिरना में नींबू के फायदे : नींबू का शर्बत बनाकर पीने से शरीर में पित्त की मात्रा सामान्य बनता है।

14. हिचकी में नींबू के फायदे : सूखे नींबू को जलाकर उसके राख को बारीक करके शहद में मिलाकर चाटने से हिचकी का बार-बार आना ठीक होता है। उल्टी आने पर भी इसका प्रयोग किया जा सकता है।

15. दस्त साफ न आना व भूख न लगना में नींबू के फायदे : 6 ग्राम नींबू का रस, 50 ग्राम पानी और 10 ग्राम चीनी मिलाकर शर्बत बनाकर प्रतिदिन रात को सोने से पहले पीना चाहिए। इसका सेवन 5 से 7 दिन तक करने से दस्त साफ आने लगता है और भूख भी बढ़ती है।

16. खुजली में नींबू के फायदे : 10 ग्राम नारियल का तेल व 6 ग्राम नींबू का रस मिलाकर शरीर पर मलना चाहिए और फिर गर्म पानी से नहाने चाहिए। इससे त्वचा की खुजली दूर होती है।

17. पेशाब का बंद होना में नींबू के फायदे : नींबू के बीजों को थोड़ा कूटकर नाभि में भरकर ऊपर से मट्ठे या पानी की धार नाभि पर छोड़ने से पेशाब आता है। इसका प्रयोग 10 वर्ष से नीचे के आयु वाले बच्चों का पेशाब बंद हो जाने पर किया जाता है।

18. जिगर के रोग में नींबू के फायदे : 1 पका कागजी नींबू लेकर उसके दो टुकड़े कर लें और इसका बीज निकालकर आधे नींबू को चार भाग में बांट लें। इस बात का ध्यान रखें कि इसके टुकड़े अलग-अलग न हों। इसके बाद 1 भाग में कालीमिर्च का चूर्ण, दूसरे भाग में काला सेंधानमक, तीसरे में सोंठ का चूर्ण और चौथे में मिश्री का चूर्ण भर दें। इसे रात को प्लेट में रखकर ढक दें। सुबह खाना-खाने से 1 घंटा पहले इस नींबू की टुकड़े को हल्की आंग पर गर्म करके चूसें। इसे आवश्कतानुसार 7-21 दिन तक लेने से लीवर (जिगर) सही होता है और यकृत विकार ठीक हो जाता है।

इसके प्रयोग से मुंह का स्वाद भी अच्छा रहता है। इससे भूख बढ़ती है। यह सिर दर्द और पुरानी कब्ज दूर होती है। इस का प्रयोग यकृत (जिगर) की सभी बीमारियां जैसे- पुराना मलेरिया, बुखार, कुनैन- पारा का जहर, अधिक शराब पीना, मिठाई खाना, अमीबिक पेचिश जीवाणुओं का यकृत (जिगर) में प्रवेश कर जाना आदि में लाभ होता है।

19. मोटापा में नींबू के फायदे : शरीर के मोटापे को कम करने में नींबू का यह प्रयोग गुणकारी सिद्ध हुआ है। एक गिलास सादे ठण्डे पानी में एक पका हुआ नींबू निचोड़ कर 4 छोटे चम्मच शुद्ध शहद डाल कर रोज़ाना सुबह उठते ही खाली पेट पीने से मोटापा बढ़ना रुक जाता है। 5-6 महीने लगातार नियमित पीने से मोटापा दूर हो जाता है।

20. कब्ज़ में नींबू के फायदे : क़ब्ज़ पुराना और कठोर हो तो नींबू का रस 2 चम्मच और शक्कर 2 चम्मच, एक कप पानी में घोल कर रात को सोते समय पिएं फिर कुछ देर शौचालय में बैठे। सिर्फ बैठे रहें, मल निकालने के लिए। ज़ोर न लगाएं। इस नियम का पालन आजीवन पालन करना चाहिए ताकि क़ब्ज़ होने की नौबत न आये।

21. प्यास अधिक लगना :

  • नींबू की पत्ती को मिट्टी में मिलाकर गोली बना लें। इस गोली को आग में पकाकर 1 गिलास पानी में डालकर बुझाएं। फिर उस पानी को कपड़े से छानकर पिलायें। इससे बुखार व अन्य रोगों में लगने वाली प्यास मिटती है और गले का सूखना बन्द हो जाता है।
  • नीबू को 1 गिलास पानी में निचोड़कर पीने से तेज प्यास का लगना बन्द हो जाता है।
  • नींबू का शर्बत पीने से प्यास शान्त होती है।
  • गर्मी में नींबू के रस को शीतल (ठंड़े) पानी में मिला लें, फिर उसमें चीनी डालकर शिकंजी बना लें। इसे पीने से गर्मी नष्ट होती है और प्यास शान्त होती है।

22. कब्ज :

  • 1 नींबू का रस 1 गिलास गर्म पानी के साथ रात में सोते समय लेने से पेट साफ हो जाता है। नींबू का रस 15 मिलीलीटर और शक्कर (चीनी) 15 ग्राम लेकर 1 गिलास पानी में मिलाकर रात को पीने से पुरानी कब्ज दूर हो जाती है।
  • नींबू के रस में सेंधानमक मिलाकर सेवन करने से पेट की बीमारी और गैस बाहर निकल जाती है।
  • 1 गिलास गुनगुने पानी में एक नींबू का रस व एक चम्मच शहद मिलाकर पीने से कब्ज दूर होती है और शरीर का वजन घटने लगता है।
  • नींबू का रस, 200 मिलीलीटर हल्का गर्म पानी, 5 मिलीलीटर अदरक का रस और 10 ग्राम शहद मिलाकर सेवन करने से कब्ज दूर होती है।
  • 5 मिलीलीटर नींबू के रस को 200 मिलीलीटर पानी के मिलाकर उसमें 10 ग्राम मिश्री घोलकर पीने से कब्ज (कोष्ठबद्धता) में लाभ मिलता है।
  • गन्ने का रस गर्म करके नींबू के रस के साथ सुबह के समय लेने से लाभ होता है।
  • नींबू का रस 2 चम्मच, चीनी 5 ग्राम को मिलाकर शर्बत बना लें। 4-5 दिन तक लगातार पीने से लाभ होता है।
  • नींबू के रस में थोड़ी-सी पिसी हुई कालीमिर्च को डालकर सेवन करना चाहिए।

23. गर्भवती स्त्रियों की उल्टी : नींबू के रस को पानी में मिलाकर सुबह पिलाने से वमन (उल्टी) में आराम आता है और भोजन आसानी से पचता है।

24. पेट दर्द :

  • नींबू के टुकड़ों पर कालानमक, कालाजीरा और कालीमिर्च का पिसा हुआ चूर्ण डालकर चाटने से लाभ होता है।
  • 1 छोटा चम्मच कागजी नींबू के रस में 1 चुटकी कालानमक पिसा हुआ नमक और 1 कप गुनगुने पानी को अच्छी तरह मिलाकर रोगी को देने से पेट के दर्द में आराम मिलता है।
  • नींबू को काटकर इसके टुकड़ों पर अजवायन और कालानमक डालकर धीमी आग पर गर्म करके चूसें। इससे पेट दर्द में काफी लाभ होता है।
  • 1 चम्मच नींबू और अदरक का रस मिलाकर चाटने से पेट के दर्द में आराम मिलता है।
  • आधे नींबू के रस में थोड़ा-सा सेंधानमक मिलाकर 100 मिलीलीटर पानी में डालकर पीने से पेट के दर्द में आराम होता है।
  • नींबू के रस में शहद और थोड़ा-सा जवाखार मिलाकर चाटने से लाभ होता है।
  • 12 मिलीलीटर  नींबू का रस, 6 ग्राम शहद और 6 मिलीलीटर अदरक के रस को 1 कप पानी में मिलाकर पीने से पेट के दर्द में लाभ मिलता है।
  • नींबू का रस 3 मिलीलीटर, चूने का पानी 10 मिलीलीटर, शहद 10 ग्राम तीनों को मिलाकर 20-20 बूंद लें। इससे पेट दर्द और अजीर्ण (मन्दाग्नि) दोनों बीमारियों में लाभ मिलता है।
  • कच्चे नींबू का छिलका दिन में 2 से 3 बार खाने से पेट में होने वाले बादी का दर्द मिटता जाता है।
  • नींबू की फांकों में कालानमक, कालीमिर्च और जीरा भरकर गर्म करके चूसने से पेट का दर्द ठीक हो जाता है और पेट के कीड़े खत्म हो जाते हैं।

25. डकार और जुलाब आने पर: बिजौरे की जड़, अनार की जड़ और केशर पानी में घोटकर पिलाने से डकार और जुलाब की बीमारी में आराम होता है।

26. पथरी :

  • बिजौरे नींबू के रस में सेंधानमक मिलाकर पिलाने से पथरी दूर होती है।
  • नींबू के रस में सेंधानमक मिलाकर कुछ दिनों तक नियमित पीने से पथरी गल जाती है।

27. शक्ति वर्धक :

  • 1 गिलास गर्म पानी में 1 नींबू को निचोड़कर पीते रहने से शरीर के अंग-अंग में नई शक्ति महसूस होती है। इससे आंखों की रोशनी बढ़ती है। मानसिक कमजोरी, सिर में दर्द और पुट्ठों में झटके लगना बन्द हो जाते हैं। अधिक मेहनत के कारण आई कमजोरी में बिना नमक या चीनी मिलाकर छोटे-छोटे घूंटों में पीने से कमजोरी नहीं रहती है। ध्यान रहे कि पथरी के रोगी को नींबू नहीं देना चाहिए।
  • 40 ग्राम किशमिश, 6 मुनक्का, 6 बादाम और 6 पिस्ते रात को आधे किलो पानी में कांच के बर्तन में भिगो दें। सुबह उठकर पीसकर, छान लें और 1 चम्मच शहद और 1 नींबू निचोड़कर भूखे पेट पीयें। इससे मानसिक व शारीरिक कमजोरी तथा थकान दूर होती है।

28. खून की कमी या बनना (रक्तक्षीणता) :

  • नींबू और टमाटर का रस सेवन करने खून की कमी दूर होती है। यदि पाचन अंग कार्य नहीं करते, भोजन नहीं पचता, पेट में गैस बनती हो तो एक गिलास गर्म पानी में एक नींबू का रस मिलाकर बार-बार पीते रहने से पाचन अंगों की धुलाई हो जाती है तथा खून और शरीर के समस्त विषैले पदार्थ पेशाब के द्वारा बाहर निकल जाते हैं।
  • 2 चम्मच नीबू के रस में आधा कप टमाटर का रस मिलाकर प्रतिदिन सुबह और शाम 20 दिन तक पीने से रोग में लाभ मिलता है।

29. खून के बहने पर (रक्तस्राव) :

  • 1 कप गर्म दूध में आधा नींबू को निचोड़कर दूध फटने से तुरन्त पहले पीने से खून का बहना बन्द हो जाता है। ध्यान रहे कि इस प्रयोग को 1 या 2 बार से अधिक न करें।
  • फेफड़े, आमाशय, गुर्दे, गर्भाशय और मूत्राशय से खून के आने पर नींबू का रस ठंड़े पानी में मिलाकर दिन में 3 बार पीने से खून का बहना बन्द हो जाता है।

30. खून की शुद्धि के लिए : नींबू को गर्म पानी में मिलाकर रोजाना दिन में 3 बार पीना चाहिए। पानी को चाय की तरह गर्म करके खून की सफाई होती है।

31. खूनी-पित्त के लिए : नींबू के 20 मिलीलीटर रस में चीनी मिलाकर रोजाना सेवन करने से खूनी-पित्त दूर होती है।

32. वमन (उल्टी) :

  • 250 मिलीलीटर शर्बत में नींबू निचोड़कर 2-3 बार पीने से उल्टी होना रुक जाती है।
  • ठंडे पानी में नींबू और शक्कर मिलाकर शर्बत बना लें। इस शर्बत को पीने से जी मिचलाना और उल्टी आना बन्द हो जाती है।
  • नींबू में शक्कर और कालीमिर्च भरकर चूसने से उल्टी आना बन्द हो जाती है।
  • गर्भावस्था में ज्यादा उल्टी होने पर सुबह नींबू के रस को पानी में मिलाकर स्वाद के लिए उसमें थोड़ी-सी मिश्री मिलाकर थोड़ा-थोड़ा पीने से उल्टी आना दूर हो जाती है।
  • पोदीना और नींबू दोनों को एक साथ खाने से उल्टी आना बन्द हो जाती है।
  • अगर बच्चा दूध पीने के बाद उल्टी कर देता हो तो नींबू के रस की थोड़ी बूंदे पानी में मिलाकर बच्चे को पिलाने से लाभ होता है।
  • 4 नींबू का रस, 50 ग्राम सेंधानमक और 125 ग्राम जीरा को पानी में डालकर भिगो दें। भीगते-भीगते जब नींबू का रस सूख जाये तो सूखा जीरा बाकी रह जाये तो उसे निकालकर शीशी में भर लें। इसको रोजाना सुबह, दोपहर और शाम को आधा-आधा चम्मच लेने से गर्भावस्था के समय की उल्टियां होना रुक जायेगी।
  • नींबू में इलायची भरकर चूसने से भी उल्टी में आराम होता है। उल्टी होने पर नींबू को गर्म करके सेवन नहीं करना चाहिए।
  • बच्चे को उल्टियां होने पर पानी में नींबू को निचोड़कर या पानी में थोड़ा सा नमक और शक्कर डालकर थोड़ी-थोड़ी देर में बच्चे को पिलाने से आराम आता है। ध्यान रहे कि बच्चे को 5 से 6 घंटे तक खाने को कुछ भी न दें।
  • अगर जी मिचलाने लगे तो तुरन्त ही नींबू चूस लेना चाहिए। इससे उल्टी नहीं होगी।
  • नींबू के रस में शक्कर, पिप्पली का चूर्ण और खील को मिलाकर खाने से उल्टी आने का रोग दूर हो जाता है।
  • नींबू के सूखे छिलकों को जलाकर या पीसकर रख लें। इसे लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग लेकर शहद में मिलाकर चाटने से उल्टी आना बन्द हो जाती है।
  • भोजन के बाद होने वाली उल्टी को रोकने लिए ताजे नींबू का रस 5-10 मिलीलीटर पीना चाहिए।
  • नींबू में चीनी और कालीमिर्च दोनों को भरकर चूसने से उल्टी और जी-मिचलाना बन्द हो जाता है।

33. अम्लपित्त (एसिडिटिज़) :

  • आधा लीटर पानी में एक पके हुए नींबू के रस को निचोड़कर उसमें 5 ग्राम चीनी (शक्कर) मिलाकर रोजाना दोपहर को भोजन से आधा घंटा पहले पी लें। इसका प्रयोग 30 से 15 दिनों तक लगातार जारी रखने से अम्लपित्त मिटता है। ध्यान रहें भोजन के बाद नहीं पीना चाहिए। क्योंकि जठर का रस अधिक खट्टा होता है और अम्लपित्त में बढ़ोत्तरी नहीं होती है।
  • नींबू के रस को गर्म पानी में डालकर शाम को पीने से अम्लपित्त समाप्त होता है।
  • नींबू को 1 गिलास गर्म पानी में निचोड़कर खाना खाने के लगभग 1 घंटे के बाद पीने से अम्लता का नाश होता है।
  • 1 गिलास पानी में आधा नींबू का रस निचोड़कर पी सकते हैं।
  • नींबू के रस में आधा चम्मच भुना हुआ जीरा और 1 चुटकी सेंधानमक मिलाकर पीना चाहिए।
  • नींबू के रस में शहद मिलाकर सेवन करने से अम्लपित्त समाप्त हो जाती है।

34. आमवात और रक्तपित्त (खूनी पित्त) : नींबू का 30 मिलीलीटर रस 4-4 घंटे के अन्तर के बाद सेवन करने से आमवात और खूनी पित्त मिटता है।

35. पेट में गड़बड़ी, दूध का पचना : 1 पके हुए नींबू का रस सुबह के समय पीने से लाभ होता है।

36. सिर का चकराना :

  • एक कप गर्म पानी में लगभग 2 चम्मच नींबू का रस मिलाकर पीने से लाभ मिलता है।
  • गर्मी के कारण होने वाली घुटन से छुटकारा पाने के लिए नींबू की शिकंजी का प्रयोग करना चाहिए और इसको लेने से दिमाग भी तरोताजा हो जाता है।

37. सिर का दर्द :

  • पेट में गैस बनने के कारण होने वाले सिर दर्द को खत्म करने के लिए नींबू के रस को हल्के गर्म पानी में मिलाकर पीना चाहिए। ऐसा करने से सिर दर्द दूर हो जाता है।
  • लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग नींबू के रस में, लाल फिटकरी पीसकर पानी के साथ पिलाने से सिर का दर्द ठीक हो जाता है।
  • नींबू की पत्तियों को पीसकर उनका रस निकालकर इस रस को नाक द्वारा सुंघने से सिर का दर्द सदा के लिए दूर हो जाता है।
  • सिर के जिस भाग की ओर दर्द हो उसी तरफ के कान में 2 या 3 बूंद कागजी नींबू का रस टपका देने से आधासीसी का दर्द ठीक हो जाता है।
  • नाक में कागजी नींबू के रस की दो बूंदें डालने से आधासीसी का दर्द (माइग्रेन) दूर हो जाता है।
  • नींबू के रस और तुलसी के रस को बराबर भाग में मिलाकर पीने से सिर का दर्द दूर हो जाता है।
  • नींबू की पत्तियों को नियमित रूप से सुंघने से सिर का दर्द दूर हो जाता है।
  • नींबू की चाय बनाकर पीने से सिर का दर्द ठीक हो जाता है।
  • चाय में नींबू को निचोड़कर पीने या नींबू की पत्तियों को कूटकर रस निकालकर रस सूंघने से लाभ मिलता है।

38. दाह और जलन : 10 मिलीलीटर नींबू के रस को 250 मिलीलीटर पानी में घोल लें, फिर इसमें चीनी को मिलाकर पीने से पित्त की बीमारी से उत्पन्न दाह और जलन शान्त होती है।

39. दिल का घबराना : नींबू के रस को ठंड़े पानी में मिलाकर पीने से दिल का घबराना और छाती में जलन आदि की शिकायतें दूर होती हैं।

40. खूनी बवासीर :

  • 250 मिलीलीटर ताजे दूध में आधा नींबू को निचोड़कर तुरन्त पीने से लाभ होता है। ताजा (धारोष्ण) दूध के न होने पर गर्म दूध का भी सेवन कर सकते हैं।
  • नींबू को काटकर आधे नींबू का रस गर्म दूध में मिलाकर अधिक तेज खूनी बवासीर में देने से तुरन्त ठीक होता है।

41. बवासीर (अर्श) :

  • नींबू का रस 1 चम्मच और जैतून का तेल 4 चम्मच लेकर इसे 4 ग्राम ग्लिसरीन के साथ मिलाकर शीशी में भर लें। इसे दिन में 4-5 बार गुदा के मस्सों पर रूई से लगायें।
  • नींबू को काटकर उसके दोनों फांकों में कत्था पीसकर भरें और उसे रातभर ओस में रखें। सुबह दोनों टुकड़ों को चूस लें। इससे बवासीर में खून का गिरना बन्द हो जायेगा।
  • 4 कप अलग-अलग गाय के दूध से भर लें, इनमें क्रमश: आधा-आधा नींबू को निचोड़कर पीते जाएं। इसे एक सप्ताह तक करने से प्रत्येक प्रकार की खूनी या वादी बवासीर नष्ट हो जाती है।
  • गर्म दूध में आधे-नींबू का रस डालकर हर 3 घंटे के बाद पिलाने से लाभ होगा।

42. गर्मी से घुटन होना : नींबू की शिंकजी पीने से मस्तिष्क ठंड़ा और फ्रेश रहता है।

43. मन्दाग्नि (पाचन शक्ति का कम होना) :-

  • एक नींबू के रस में थोड़ी अदरक और थोड़ा कालानमक मिलाकर सेवन करने से अजीर्ण और आमवात (जोड़ों का दर्द) नष्ट हो जाता है।
  • नींबू और अदरक की चटनी को खाने से लाभ मिलता है। मौसम के अनुसार धनिये की चटनी को खाने से भी फायदा करता है।

44. पाचनशक्ति का कमजोर होना : भोजन से पहले थोड़ा-सा सेंधानमक और कालीमिर्च, आधे नींबू में डालकर गर्म करके चूसने से लाभ मिलता है।

45. खट्टी डकारें आना :

  • 1 नींबू आधा गिलास पानी में निचोड़कर चीनी को डालकर अच्छी तरह से मिला लें। इसे रोजाना पीने से खट्टी डकारे, अजीर्ण (अपच) और अम्लपित्त की बीमारी में आराम मिलता है।
  • 1 चम्मच अदरक का रस नींबू और सेंधानमक 1 एक गिलास पानी में मिलाकर पीने से खट्टी डकारे, अजीर्ण (अपच) और अम्लपित्त में राहत मिलती है।
  • नींबू को काटकर उस पर सेंधानमक छिड़ककर भोजन के पहले चूसने से मन्दाग्नि कम होती है।
  • नींबू को आधा काटकर 2 टुकडे़ करके उस पर थोड़ी सोंठ और सेंधानमक को डालकर आग पर गर्म करके रस निकाल लें। इस रस को चूसने से अजीर्ण (मन्दाग्नि), उल्टी, खट्टी डकारें और पेट का फूल जाना आदि विकार मिट जाते हैं।

46. अरुचि (भोजन की इच्छा लगना) :

  • नींबू के शर्बत के 2 गुना पानी में 1 से 2 पीस लौंग और कालीमिर्च मिलाकर पीने से भूख का कम होना बन्द हो जाता है।
  • नींबू को काटकर कालानमक बुरक कर चाटने से लाभ होता है।
  • नींबू के रस को पीने से गर्मी कम होती है।
  • 1 चम्मच नींबू के रस में थोड़ी कालीमिर्च और सेंधानमक मिलाकर भोजन से पहले लेने से लाभ होता है।
  • कटे हुए आधे नींबू पर नमक और कालीमिर्च को छिड़कर गर्म करके चूसना हितकारी होता है।
  • नींबू को काटकर, सेंधानमक डालकर भोजन से पहले चूसने से अजीर्ण की बीमारी नष्ट होती है।

47. कृमि (कीड़े) : नींबू के रस के सेवन से आंतों के अन्दर टायफायड (मियादी बुखार), अतिसार (दस्त), हैजा (विसूचिका) आदि के कीटाणु मर जाते हैं।

48. पेट के कीडे़ :

  • नींबू का रस का सेवन करने से पेट के कीड़े मर जाते हैं और आमवात की शिकायत कम होती है।
  • नींबू के बीजों को पीसकर चूर्ण बना लें, इस चूर्ण को थोड़ा-सा लेकर गर्म पानी के साथ 7 दिनों तक सेवन करने से कीड़े मर जाते हैं।
  • बिजौरा नींबू के सूखे छिलकों का काढ़ा बनाकर पीने से पेट के कीड़े समाप्त हो जाते हैं।
  • 10 मिलीलीटर नींबू के पत्तों का रस और 10 ग्राम शहद मिलाकर 15-20 बार 1 दिन में पीने से पेट के कीड़े समाप्त हो जाते हैं।

49. कामला या पीलिया रोग :

  • प्रतिदिन आंखों में 2-3 बूंद नींबू का रस डालने से कामला रोग या पीलिया दूर हो जाता है।
  • कागजी नींबू का रस 1 गिलास पानी में रोजाना 2-3 बार सेवन करें।
  • 14-28 मिलीलीटर नींबू के फलों का रस दिन में सुबह-शाम दो बार दें।

50. यकृत (लीवर) उत्तेजक :

  • गुनगुने पानी में नींबू के रस और मिश्री को मिलाकर सुबह चाय की तरह पीने से लीवर की कार्य प्रणाली अच्छी होती जाती है।
  • यकृत (लीवर) और प्लीहा (तिल्ली) की बीमारी में भुनी हुई अजवायन, सेंधानमक और नींबू के रस को मिलाकर पीने से बहुत लाभ होता है।
  • नींबू के रस को पानी में मिलाकर उसमें कालीमिर्च का चूर्ण डालकर पीने से यकृत रोग में लाभ मिलता है।

51. मोटापे को कम करना :

  • सुबह-सुबह खाली पेट 200 मिलीलीटर गुनगुने पानी में 2 चम्मच नींबू का रस और 1 चम्मच शहद डालकर पीने से मोटापा कम होता है।
  • 1 नींबू के रस को 250 मिलीलीटर पानी में मिलाकर सुबह-शाम 1 से 2 महीने तक सेवन करें। इससे मोटापे में लाभ मिलता है। नींबू के रस में यदि शहद मिला हो तो नमक नहीं मिलाना चाहिए।

52. मसूढ़ों से खून के आने पर : नींबू के फल का छिलका पीसकर दिन में दो बार नियमित रूप से मसूढ़ों पर मलने से लाभ मिलता है।

53. दांतों के लिए :

  • नींबू का एक छोटा-सा टुकड़ा लेकर रोजाना दांतों पर मलने से दांत मोती जैसे चमकने लगते हैं।
  • नींबू के छिलकों को धूप में सुखाकर पीस लें और मंजन के रूप में प्रयोग करें। इस मंजन से दांतों को साफ करने से सांस की बदबू दूर होती है।
  • नमक, सरसों का तेल और नींबू का रस मिलाकर रोजाना मंजन करने से दांत-मजबूत होते हैं।
  • 1 नींबू के 4 टुकडे़ करके उन पर नमक डालकर एक के बाद एक गर्म टुकड़ों को लगातार दर्द वाले दांत-दाढ़ पर रखने से दांत में दर्द कम होता जाता है।

54. पायरिया :

  • नींबू के रस में शहद मिलाकर दांत एवं मसूढ़ों पर मलने से पायरिया रोग खत्म होता है।
  • नींबू का रस और शहद को मसूढ़ों पर मलने से खून और पीप का आना रुक जाता है और दांत मजबूत होते हैं।

55. हैजा (विसूचिका) :

  • रोजाना 2 नींबू के रस का सेवन भोजन करने से पहले करने से या रस में मिश्री मिलाकर पीने से हैजा दूर हो जाता है।
  • नींबू को गर्म करके चीनी में लगाकर चूसने से जी का मिचलाना और हैजा के विकार नष्ट हो जाते हैं।
  • नींबू, प्याज का रस, चीनी और पानी मिलाकर पीने से हैजे में आराम मिलता है।
  • नींबू का रस 10 मिलीलीटर, हरा पोदीना और प्याज का रस 5-5 मिलीलीटर को अच्छी तरह से मिलाकर पीना हितकारी होता है।
  • नींबू का अचार खाने से हैजा तथा संक्रमण रोग खत्म हो जाता है।
  • एक नींबू एक गिलास पानी में निचोड़कर रख लें, फिर मिश्री अथवा चीनी मिलाकर सुबह-सुबह पीना हैजा में लाभकारी है।
  • यदि रोगी के शरीर में पानी की कमी मालूम पड़े तो लगभग 1 लीटर उबले हुए पानी में आधा चम्मच नमक, आधा चम्मच मीठा सोडा, 1 चम्मच चीनी और थोड़ा-सा नींबू का रस मिलाकर कई बार पिलाना चाहिए।
  • हैजा के रोगी को नींबू पानी, उबला हुआ पानी ठंड़ा करके, गर्मी के दिनों में बर्फ चूसने के लिए, सौंफ का पानी या पानी में एलेक्ट्राल घोलकर बराबर देते रहना चाहिए। इसमें से किसी एक प्रयोग को करना चाहिए।

56. पित्त ज्वर :

  • नींबू के साथ नागदोन खाने से पित्त बुखार उतर जाता है।
  • एक नींबू के रस में 5 ग्राम मिश्री मिलाकर सेवन करने से पित्त शान्त होती है।

57. पेचिश (खूनी दस्त) :

  • आधा नींबू को आधा गिलास पानी में निचोड़कर दिन में 3 बार लेने से लाभ होता है। दूध में नींबू निचोड़कर पीने से भी लाभ होता है।
  • मिट्टी के बर्तन (शिकोरा) में 250 मिलीलीटर दूध, इच्छानुसार चीनी, आधा नींबू निचोड़कर मिला लें। इससे पेट में हल्की-सी जलन होगी और खून के दस्त बन्द हो जाएंगे।

58. अतिसार (दस्त) :

  • कागजी नींबू के रस को दिन में 30 मिलीलीटर की मात्रा में 2 से 3 बार देने से लाभ होता है।
  • कच्चे दूध में नींबू को निचोड़कर रोगी को देने से दस्त और आमातिसार में आराम मिलता है।
  • 1 गिलास पानी में नींबू को निचोड़कर प्रयोग करने से गर्मी के दिनों में होने वाले दस्तों में लाभ मिलता है।
  • दूध में 1 नींबू के रस को डालकर अतिसार के रोग से पीड़ित मरीज को पिलाने से पेट में दस्त की मरोड़ और आंव (एक प्रकार का सफेद चिकना पदार्थ जो मल के द्वारा बाहर निकलता हैं) दूर होती है।
  • 1 नींबू को निचोड़कर प्राप्त रस को 1 कप पानी में डालकर 1 दिन में लगभग 5 से 6 बार पीने से लाभ होगा।
  • कागजी नींबू के रस का शर्बत बनाकर पीने से अतिसार में लाभ मिलता है।
  • दूध में नींबू को निचोड़कर पीने से लाभ होता है। दस्त में मरोड़ हो, आंव आती हो तो नींबू का उपयोग करें। एक नींबू का रस एक कप पानी में मिलाकर 1 दिन में 5 बार देने से दस्त बन्द हो जाता है।
  • 1 बूंद नींबू का रस, 1 चम्मच पानी में जरा-सा नमक और चीनी मिलाकर 5 बार रोजाना पीने से दस्त बन्द हो जाते हैं।

59. आंव रक्त (पेचिश) :

  • नींबू का रस पीने से पेचिश के रोगी का रोग दूर हो जायेगा।
  • पेचिश के रोगी को गर्म पानी में नींबू को निचोड़कर पीने से रोगी को लाभ होता है।
  • एक नींबू का रस एक कप पानी में मिलाकर दिन में 5 बार पीने से आंव वाले दस्तों में लाभ होता है।
  • एक बूंद नींबू का रस, एक चम्मच पानी, जरा-सा नमक और चीनी मिलाकर रोजाना 5 बार सेवन करने से आंव का दस्त आना बन्द हो जाता है।

60. संग्रहणी (अधिक दस्त होना, पेचिश) :

  • नींबू को काटकर मूंग के बराबर इसमें अफीम को डालकर धागे से बांधकर आग में सेंक लें। इसे रोजाना 3 बार चूसने से लाभ मिलता है।
  • कागजी नींबू के रस का शर्बत सुबह-शाम सेवन करने से संग्रहणी का रोग दूर हो जाता है।

61. वायु गोला के दर्द होने पर : 6 ग्राम नींबू के रस आधा गिलास गर्म पानी में मिलाकर सेवन करने से वायु के गोले में आराम मिलता है।

62. पानी की कमी होने पर : नींबू के रस में नमक और खाण्ड को मिलाकर सेवन करने से पानी की कमी पूरी होती है।

63. प्लीहा वृद्धि (तिल्ली) :

  • भोजन करने से पहले दिन में 2 बार नींबू को बीच में से काटकर उसके ऊपर नमक लगाकर चूसने से बढ़ी हुई तिल्ली अपने स्वाभाविक आकार में आ जाती है।
  • लगभग 10-10 मिलीलीटर नींबू तथा प्याज का रस 14 दिनों तक निरन्तर लेने और दाल-चावल या खिचड़ी के अलावा और कुछ न खाने से तिल्ली खत्म हो जाती है।
  • नींबू के अचार को खाने से बढ़ी हुई तिल्ली में लाभ होता है।
  • कागजी नींबू और प्याज का 20 मिलीलीटर रस मिलाकर 14 दिनों तक सुबह-शाम पिलाने से बढ़ी हुई तिल्ली कम हो जाती है। इस प्रयोग के समय खाने में दाल का पानी पीना चाहिए।
  • एक गिलास पानी में एक नींबू को निचोड़कर दिन में 3 बार रोजाना पीने से तिल्ली की सूजन ठीक हो जाती है।

64. विषम ज्वर : नींबू के रस को तेज कहवा के साथ पीने से मलेरिया के बुखार में आराम मिलता है।

65. मौसमी बुखार होने पर : नींबू का रस 25 मिलीलीटर, चिरायते का काढ़ा 25 मिलीलीटर दोनों को मिलाकर थोड़ा-थोड़ा करके पीने से मौसमी बुखार दूर हो जाता है।

66. इन्फ्लुएंजा : नींबू की चाय (गर्म पानी में नींबू रस व मिश्री) पीने से लाभ होता है।

67. तैलीय त्वचा : तैलीय त्वचा वाले स्त्री-पुरुषों को रोजाना 2 बार साबुन लगाकर चेहरा धोने से आराम मिलता है। चेहरे पर नींबू को रगड़ने से तैलीय त्वचा में लाभ होता है।

68. दाद :

  • दाद को खुजलाकर दिन में 4 बार नींबू का रस लगाने से दाद ठीक होता है।
  • नींबू के रस में इमली का बीज पीसकर लगाने से दाद मिट जाता है।
  • दाद को साफ करके उस पर नींबू को रगड़ दें फिर तुलसी की पत्तियों को पीसकर 15 दिनों तक रोजाना 2 बार दाद पर लगाने से दाद ठीक हो जाता है।
  • नींबू के टुकड़े को काटकर दाद पर मलने से दाद की खुजली कम हो जाती है और थोड़े ही दिनों में दाद बिल्कुल ही मिट जाता है। शुरुआत में लगाने से कुछ जलन सी महसूस होती है।

69. चकत्ते, दाग-धब्बे :

  • सूती, ऊनी, सिल्कन या टैरीन आदि किसी भी कपड़ों पर नींबू का रस लगाकर मालिश करने से दाग-धब्बे दूर हो जाते हैं।
  • शरीर की त्वचा पर कहीं भी चकत्ते हों तो उस पर नींबू के टुकड़े को काटकर फिटकरी भरकर रगड़ने से चकत्ते हल्के पड़ जाएंगें और त्वचा निखर जाती है। हाथ धोकर नींबू का रस रगड़ने से हाथ नरम और नाखून सुंदर हो जाते हैं।
  • नींबू के रस में जैतून का तेल मिलाकर चेहरे और हाथ-पैरों पर मलने से चेहरे के दाग-धब्बे और मुंहासे नष्ट हो जाते हैं। इसका निरन्तर इस्तेमाल करने से झाइयां समाप्त होती हैं।

70. दारूणक (कठोर) रोग : नींबू के रस और सरसों के तेल को बराबर मात्रा में लेकर लगा लें और बाद में दही के साथ रगड़कर धोने से कुछ ही दिनों में सिर का दारूणक बीमारी दूर होती है।

71. वातरक्त (रक्तदोष) :

  • नींबू के रस और सरसों या तिल के तेल को बराबर मात्रा में मिलाकर पीड़ित व्यक्ति के शरीर पर मालिश करें। मालिश करने के बाद नहाने से और रोजाना उपयोग में आने वाले कपड़े को गर्म पानी और साबुन से धोने से खुजली का रोग मिटता है।
  • नींबू को काटकर दो भाग कर लें, फिर सेंधानमक डालकर सुखा दें। सूख जाने पर पीसकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण के सेवन से वातरक्त और खुजली में लाभ मिलता है।

72. पसीने की दुर्गन्ध : पानी में नींबू का रस और थोड़ा-सा सेंधानमक मिलाकर नहाने से शरीर से पसीने की दुर्गन्ध नष्ट होती है और त्वचा निखर जाती है।

73. घट्टा रोग (क्रोनस) :

  • घट्टा पर नींबू का रस लगाने से घट्टा नरम पड़ जाता है। इस पर नीबू के रस में रूई को भिगोकर बांध दें और घट्टे को नींबू के रस से गीला करके रख दें।
  • नींबू के रस को मलने से घट्टे नर्म पड़ जाते हैं। एक फांक नींबू की भी बांध सकते हैं।

74. त्वचा के रोग  :

  • दाद-खाज में नींबू के रस में करौन्दा की जड़ को पीसकर लगाने से त्वचा रोग में लाभ मिलता है।
  • नारियल के तेल में नींबू का रस मिलाकर मालिश करने से तथा नींबू को चूसने से खुजली में आराम होता है।
  • यदि खुजली में दाने हों तो नींबू के रस को नारियल के तेल में गर्म करके लगाना चाहिए।
  • नींबू में फिटकरी भरकर खुजली से पीड़ित भाग पर रगड़ने या गर्म पानी में नींबू को निचोड़कर नहाने से खुजली मिटती है।
  • नींबू का रस और गुलाबजल मिलाकर लोशन तैयार कर लें। इस लोशन को सोने से पहले लगाने से मुंहासे दूर हो जाते हैं और चेहरे पर दाग भी नहीं पड़ते हैं। नींबू के रस में रोमकूपों (छोटे-छोटे छिद्र) को साफ करके उनके अन्दर भरे मैल को निकालने की बहुत ही अदभुत क्षमता है। इसी के कारण से त्वचा अधिक साफ, सुंदर, मुलायम और चमकदार बन जाती है। ज्यादा मंहगे बाजार के लोशन के मुकाबले नींबू से बना लोशन बहुत ही लाभकारी है क्योंकि सर्दी के मौसम में बर्फीली हवाओं से त्वचा की रक्षा करने का बहुत ही अच्छा गुण इसमें मौजूद है। इसे हर मौसम में रात को सोते समय चेहरे, हाथों और पैरों पर लगा सकते है। सर्दी के मौसम में तो दिन में भी लगा सकते है। इसे चेहरा गोरा और चमकदार होने लगता है।
  • नींबू के रस को नारियल, तिल या चमेली के तेल में मिलाकर लगाने से त्वचा की खाज-खुजली दूर हो जाती है।
  • खाज, खुजली और त्वचा के दूसरे रोगों में नींबू का रस और तुलसी का रस बराबर मात्रा में मिलाकर लगाने से लाभ होता है।
  • त्वचा के हर तरह के रोगों में नींबू का रस बहुत ही लाभ करता है।

75. स्कर्वी :

  • 4 से 5-नींबू के रस का सेवन रोजाना सेवन करें तथा नींबू का रस मसूढ़ों पर मलें। गर्म पानी में नींबू को निचोड़कर कुल्ला करने से स्कर्वी, पायरिया, छाले और गले के दर्द में लाभ होता है।
  • नींबू का ताजा रस 100 मिलीलीटर, पौटेशियम क्लोरेट (लगभग) 400 ग्राम, कुनैन लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग और शक्कर (चीनी) एक साथ मिलाकर मिश्रण तैयार कर लें। इस मिश्रण को लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग की मात्रा में 3 से 4 बार लेने से स्कर्वी रोग में बहुत लाभ मिलता है। इस प्रयोग के दौरान रोगी को नींबू, अनार, जामुन, आंवला, टमाटर, संतरा आदि का प्रयोग करना चाहिए।

76. आमवात (जोड़ों का दर्द) : नींबू का रस 1-2 ग्राम 4-4 घंटे के अन्तर पर पीना चाहिए।

77. विषैले कीटों के काटने पर :

  • नींबू के रस को मच्छर, विषैले कीटों के दंश (कटे हुए भाग) पर लगाना चाहिए।
  • नींबू के रस को नमक के साथ मिलाकर बिच्छू, मकड़ी, बर्र या मधुमक्खी के द्वारा कटे भाग पर लगाने से आराम मिलता है।

78. उच्चरक्तचाप (हाईब्लडप्रेशर) :

  • नींबू का प्रयोग करने से रक्तवाहिनियों में लचक और कोमलता आती है और कठोरता कम होती है जिसकी मदद से हाई ब्लडप्रेशर के मरीज को लाभ मिलता है। इसका निरन्तर इस्तेमाल करने से बुढ़ापे तक दिल ताकतवर बना रहता है और हार्ट फेल होने का ड़र नहीं रहता है।
  • 100 ग्राम (आधा कप) पानी में आधा नींबू निचोड़कर दिन में 2-3 बार 2-2 घंटे के अन्तराल में पीने से उच्च रक्तचाप (हाईब्लड प्रेशर) में तुरन्त लाभ होता है।
  • नींबू का रस पीने से हार्ट-फेल का भय नहीं रहता क्योंकि इससे रक्तवाहिनियों में कोलेस्ट्राल जमा नहीं होने देता है।
  • शहद मिले शर्बत में नींबू रस की कुछ बूंदें डालकर रोजाना सेवन करना उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर) में फायदेमन्द है।
  • नींबू का रस पानी में मिलाकर पीने से उच्च रक्तचाप (हाईब्लडप्रेशर) में फायदेमन्द होता है।

79. बिच्छू का जहर : नींबू के बीजों की मींगी 10 ग्राम, सेंधानमक 8 ग्राम की फंकी देने से बिच्छू का विष उतरता है।

80. मलेरिया ज्वर (बुखार) ज्वर :

  • बुखार आने से 2 घंटे पहले कालीमिर्च, नमक और फिटकरी को बराबर मात्रा में पीसकर आधे नींबू पर लगाकर चूसें। नींबू को गर्म किये बिना और दूसरा आधा टुकड़ा इसी प्रकार एक घंटे के बाद चूसने से मलेरिया बुखार और मौसमी बुखार भी ठीक हो जाता है।
  • एक कप गर्म पानी में 2 नींबू निचोड़कर पिलाने से मलेरिया बुखार की गर्मी दूर होती है।
  • 2 नींबू काटकर 250 मिलीलीटर पानी में उबालें, पानी आधा शेष रह जाने पर छान लें। फिर इसमें 2 ग्राम सेंधानमक मिलाकर पी लें। इसी प्रकार दिन में 3 बार लें, भोजन न करें। 2-3 दिन तक इस प्रयोग को करने से लाभ होता है।
  • नमक, कालीमिर्च को नींबू में भरकर गर्म करके चूसने से ज्वर की गर्मी दूर हो जाती है। 2 नींबू का रस 250 मिलीलीटर पानी में मिलाकर मिट्टी की हांडी में रात को उबाल लें, पानी के आधा बचे रहने पर रख दें। सुबह इसे पीने से मलेरिया का बुखार आना बन्द हो जाता है।
  • नींबू और गन्ने का रस पीने से बहुत लाभ होता है।
  • आधे नींबू पर कालीमिर्च और कालानमक का चूर्ण लगाकर धीरे-धीरे चूसने से लाभ होता है।
  • आधे नींबू के रस में 4 चम्मच पानी और चीनी को मिलाकर दिन में 2 से 3 बार पिलाने से 3-4 दिन में ही मलेरिया ठीक हो जाता है।
  • 2 नींबू के छिलकों के सहित रस को 500 मिलीलीटर पानी में मिलाकर मिट्टी की हांडी या स्टील के भगोने (बर्तन) में रात को उबालकर आधा रहने पर रख दें। सुबह उठकर इसे पीने से मलेरिया के बुखार में आराम मिलता है।
  • नींबू के रस को पानी में इच्छानुसार चीनी मिलाकर पिलाने से मलेरिया बुखार 4 दिन में आना बन्द हो जाता है। कुनैन खाने से कानों में सांय-सांय की आवाज हो तो यह भी इससे ठीक हो जाती है। कुनैन के साथ नींबू और दूध का भी प्रयोग कर सकते हैं।

81. टायफाइड : नींबू को काटकर दो टुकडे़ कर लें। पहले भाग में पिसी हुई कालीमिर्च और सेंधानमक भरें तथा दूसरे भाग में मिश्री भरकर दोनों को गर्म करके चूसें। इससे वर्षा ऋतु के बाद आने वाला आन्त्रज्वर (टायफाइड) बुखार में लाभ मिलता है। 

82. लंबी उम्र के लिए : नींबू का रस रोजाना सेवन करने से आयु बढ़ती है। इसका अधिक सेवन करना चाहिए।

83. गुर्दे की बीमारी : एक ग्राम नींबू के पेड़ की जड़ का चूर्ण पानी के साथ सुबह-शाम सेवन करना चाहिए।

84. वात रोग : नींबू को 2 टुकड़ों में काटकर गर्म करके जोड़ों को सेंककर पीड़ित अंग पर लगाने से लाभ मिलता है।

85. यक्ष्मा (टी.बी.) : तुलसी की पत्ती, इच्छानुसार नमक, जीरा, हींग, एक गिलास गर्म पानी और 25 मिलीलीटर नींबू का रस एक साथ मिला लें। इस रस को 3 बार रोजाना कुछ दिनों तक पीने से टी.बी. में लाभ मिलता है।

86. नाखून का बढ़ना :

  • गर्म पानी में नींबू को निचोड़कर उसमें 5 मिनट तक अंगुलियां रखें, फिर तुरन्त ही हाथ ठंड़े पानी में डालकर रखने से नाखून बढ़ते हैं।
  • नींबू को अंगुलियों के आगे भाग पर लगाकर सुखा लेने से लाभ होता है। इससे नाखून मजबूत और सुंदर होते हैं।

87. खांसी : नींबू में नमक, कालीमिर्च और चीनी भरकर गर्म करके चूसने से खांसी, दमा और बुखार में लाभ मिलता है।

88. खांसी-जुकाम :

  • गुनगुने पानी में नींबू को निचोड़कर पीने से जुकाम ठीक हो जाता है। 1 गिलास उबलते हुए पानी में एक नींबू का रस शहद के साथ मिलाकर रात को सोते समय पीने से खांसी और जुकाम में लाभ मिलता है।
  • पके हुए 20 नींबू को लेकर कलई वाली कड़ाही में उनका रस निकाल दें। फिर उसमें 400 ग्राम शर्करा डालकर शहद की भांति गाढ़ा बना लें। बाद में उसमें 1 ग्राम इलायची के दाने का चूर्ण डालकर बोतल में भरकर मजबूत डॉट को लगाकर रख दें और प्रत्येक सप्ताह उसे छानते रहें। इस बने सिरके के सेवन से पित्त और खांसी दूर होती है और भूख बढ़ती है।

89. गले का बैठ जाना :

  • गर्म पानी में नींबू का रस और नमक डालकर गरारे करें।
  • गला बैठ जाए या गले में सूजन हो जायें तो ताजा पानी या गर्म पानी में नींबू निचोड़कर और उसमें नमक डालकर गरारे करने से जल्दी लाभ होता है।
  • ताजे या गर्म पानी में नींबू निचोड़कर नमक डालकर दिन में 3 बार और रात को सोते समय पीने से लाभ होता है।

90. गठिया की जनक यूरिक एसिड : सुबह खाली पेट 1 गिलास गर्म पानी में 1 नींबू का रस आधा चम्मच अदरक का रस मिलाकर सेवन करने से पेशाब के द्वारा शरीर में मौजूद सारा एसिड (विष) बाहर निकल जाता है। इससे शरीर में चमक आती है।

91. जोड़ों का दर्द (गठिया) व सूजन :

  • गठिया पर नींबू के रस को मलने से जोड़ों का दर्द और सूजन कम होती है।
  • एक गिलास पानी में नींबू निचोड़कर रोजाना पीते रहने से गठिया में लाभ होता है।

92. पेशाब में जलन : नींबू के रस में जवाखार मिलाकर देने से पेशाब की जलन कम हो जाती है और पेशाब अधिक मात्रा में आता है।

93. पेशाब के रुक जाने पर:

  • नींबू के बीजों को पानी के साथ पीसकर नाभि पर लेप करने से बन्द पेशाब खुल जाता है। मधुमेह (डायबिटीज) के रोगी को प्यास लगने पर नींबू के रस वाला ही पानी पीना चाहिए।
  • पेशाब में जलन होने पर रोगी को ठंड़े पानी में नींबू का रस मिलाकर पीने से लाभ होता है।

94. दमा या श्वास रोग :

  • दमा के रोगी को गर्म पानी में नींबू निचोड़कर दें तथा 2 चम्मच शहद और 1 चम्मच अदरक का रस दमा के रोगी को पिलाना चाहिए।
  • दमा का दौरा पड़ने पर गर्म पानी में एक नींबू निचोड़कर पीने से लाभ मिलता है। दमा के रोगी को प्रतिदिन एक कप नींबू का रस, 2 चम्मच शहद और 1 चम्मच अदरक के रस को मिलाकर 1 कप गर्म पानी में पीते रहने से बहुत लाभ मिलता है। यह हृदय रोग, ब्लडप्रेशर तथा पाचन संस्थान के लिए लाभकारी होता है।
  • एक नींबू को 2 चम्मच शहद और 1 चम्मच अदरक के रस को एक कप गर्म पानी में डालकर रोजाना सुबह पीने से बहुत लाभ होता है।
  • नींबू का रस 10 मिलीलीटर और अदरक का रस 5 मिलीलीटर मिलाकर हल्के गर्म पानी के साथ मिलाकर पीने से अस्थमा का रोग नष्ट हो जाता है।

95. आभिन्यास ज्वर : बराबर मात्रा में 14 से 28 मिलीलीटर नींबू का रस, पाषाण भेद, पाठा, एरण्ड, बेल का चूर्ण और कण्टकारी पंचांग (जड़, तना, पत्ती, फल और फूल) का काढ़ा बना लें, फिर इस काढ़े को 1 ग्राम सेंधानमक और 7 से 14 मिलीलीटर गौमूत्र (गाय का पेशाब) के साथ दिन में 3 बार लेना चाहिए।

96. धूम्रपान की आदत पर : बीड़ी, सिगरेट, जर्दे की सेवन की आदत हो तो इनका सेवन बन्द कर दें तथा तब जब भी इसका सेवन करने की इच्छा हो तो हमें नींबू चूसना चाहिए। कुछ बूंदे नींबू के रस की डालकर स्वाद को खट्टा कर लेना चाहिए। इससे इसके सेवन की इच्छा समाप्त हो जाएगी। इसलिए जब भी हमें धूम्रमान की इच्छा हो तो हमें नींबू का सेवन करना चाहिए।

97. बुखार :

  • नींबू को काटकर उस पर सेंधानमक और कालीमिर्च का चूर्ण डालकर, हल्का-सा गर्म करके चूसने से बुखार में लाभ होता है।
  • आधे नींबू के रस में चार चम्मच पानी तथा चीनी मिलाकर पिलाने से 3-4 दिन में मलेरिया का बुखार ठीक हो जाता है।
  • बिजौरी के नींबू के पत्तों को पीसकर गर्म कर लें। इसे 40 से 80 ग्राम रोजाना दिन में 2 बार पीने से लाभ मिलता है।

98. दांतों को साफ और चमकदार बनाना :

  • नींबू के छिलके को सुखाकर बारीक पीसकर मंजन बना लें। इससे रोजाना मंजन करने से सांस की बदबू दूर होती है तथा दांत साफ होते हैं।
  • नीबू के रस निचोड़े हुए टुकड़ों को दांतों पर रगड़ने से दांत साफ होते हैं।
  • सुबह दांत साफ करने से पहले आधा चम्मच नमक में नींबू का 4 से 5 बूंद रस मिलाकर दांत और मसूढ़ों पर मलें। 5 मिनट बाद कुल्ला करके दांतों को मंजन करें। इससे दांतों में पीले व काले रंग के दाग दूर हो जाते हैं।
  • दांतों में चमक लाने के लिए नमक, सरसों का तेल और नींबू का रस मिलाकर रोजाना मंजन करना चाहिए।

99. दांतों की बीमारी : पानी में नींबू का रस निचोड़कर कुल्ला करने से दांतों में लगे कीड़े, बदबू और दांतों का दर्द खत्म होता है।

100. बालों को काला करना :

  • दही और नींबू के रस का मिश्रण बनाकर बालों पर अच्छी तरह से लगाने से बाल काले और मुलायम बन जाते हैं।
  • नींबू के रस में सूखे आंवले को पीसकर बने बारीक चूर्ण को मिलाकर बालों पर लगातार लेप लगाने से सफेद बाल काले हो जाते हैं।
  • नींबू के रस को बालों में लगाने से बालों का पकना और गिरना बन्द हो जाता है।
  • नीबू के छिलके को नारियल के तेल में डुबोकर 8-10 दिन धूप में रख दें और इसके बाद इसे छानकर बालों की जड़ों में मालिश करें। इससे बाल काले और घने होते हैं।

101. वायु का विकार : 2 चम्मच नींबू के रस को 1 गिलास गर्म पानी में मिलाकर पीने से पेट की गैस में राहत मिलती है।

102. बालों का गिरना :

  • सिर में नींबू का रस मालिश करके धोने से बालों का झड़ना कम हो जाता है।
  • 1 गिलास पानी में 2 चम्मच चाय डालकर उसे उबाल लें और उसे ठंड़ा होने दें। ठंड़ा होने के बाद उसे छानकर उसमें नींबू निचोड़ लें। बालों को अच्छी तरह साफ कर लेने के बाद इस पानी से बालों को धोयें। इसके बाद साफ पानी से बालों को धोने से बाल चमकदार और मुलायम हो जाते हैं और उसके साथ ही बालों का झड़ना भी कम हो जाता है।

103. अफारा (पेट में गैस का बनना) : नींबू के रस को 200 मिलीलीटर पानी में थोड़ा-सा सेंधानमक मिलाकर धीरे-धीरे पीने पेट की गैस दूर हो जाती है।

104. जीभ और त्वचा की सुन्नता : जीभ के रोग में बड़े नींबू के रस में थोड़ा-सा सेहुंड़ का दूध मिलाकर जीभ पर लगायें। इससे जीभ की सुन्नता दूर होती है।

105. गैस्ट्रिक अल्सर :

  • 1 गिलास गर्म पानी में 1 कागजी नींबू को निचोड़कर पीने से लाभ होता है।
  • 1 गिलास में नींबू को छानकर 2 से 3 चम्मच शहद मिलाकर रोजाना 3 से 4 बार पीना चाहिए।

106. जूएं का पड़ना :

  • पानी में चौथाई भाग नींबू का रस मिलाकर घोल बना लें। इस बने घोल से रोजाना बालों को धोने से जूएं मर जायेंगे।
  • नींबू के रस को सिर की जड़ों में धीरे-धीरे मालिश करने से कुछ ही दिनों में जुएं मर जाते हैं।
  • नींबू का रस और लहसुन का रस दोनों को मिलाकर सिर में एक-दो बार मालिश करें। इसके बाद सिर को धो लें और शैंपू से साफ कर लें। इससे जूएं कम हो जाते हैं।

107. मसूढ़ों का रोग : ताजे पानी में नींबू निचोड़कर कुल्ला करें। इससे मसूढ़ें स्वस्थ होते हैं। नींबू के निचोड़े हुए टुकड़ों को दांतों पर रगड़ने से दांत साफ, सुंदर एवं चमकदार होते हैं।

108. सिर की रूसी :

  • 470 मिलीलीटर पानी में 1 कप नींबू का रस मिलाकर, इस घोल से सिर को पूरी तरह भिगोकर मालिश करने से धीरे-धीरे रूसी का बनना और बालों का गिरना कम होता है।
  • नींबू का रस चीनी के साथ मिलाकर लगाने के 5-6 घंटे बाद सिर को धो डालें। इससे रूसी मिट जाती है।
  • 2 नींबू के रस से 1 सप्ताह तक बालों को धोने से बालों की रूसी दूर हो जाती है।

109. पेट की गैस बनना :

  • आधे नींबू के रस में चौथाई चम्मच सोडा मिलाकर सेवन करने से पेट की गैस शान्त होती है।
  • नींबू के रस को गर्म पानी, सोडा और पिसा हुआ कालानमक मिलाकर पीने से लाभ होता है।
  • सुबह जल्दी उठकर गर्म पानी में आधा नींबू को निचोड़कर पीना चाहिए।

110. हिचकी :

  • कागजी नींबू के 10 मिलीलीटर रस में थोड़ा-सा नमक और शहद को मिलाकर चाटने से हिचकी बन्द हो जाती है।
  • नींबू के रस में कालानमक का चूर्ण मिलाकर शहद के साथ सेवन करने से हिचकी नहीं आती है।
  • 1 चम्मच नींबू का रस, शहद 1 चम्मच और इच्छानुसार कालानमक मिलाकर पीने से हिचकी आना बन्द हो जाती है।
  • नींबू, शर्करा की शिकंजी में थोड़ा सेंधानमक और कालीमिर्च का चूर्ण डालकर पीने से हिचकी की बीमारी में लाभ होता है। ध्यान रहे कि इसमें बर्फ नहीं मिलानी है।
  • नींबू को गर्म पानी में निचोड़कर पीने से हिचकी में लाभ होता है।
  • 10 मिलीलीटर बिजौरा नींबू के रस में 6 ग्राम शहद, 3 ग्राम कालानमक मिलाकर पीने से हिचकी मिट जाती है।
  • कागजी नींबू को काटकर जीभ पर रखकर चूसें इससे हिचकी में लाभ होगा।
  • गर्मी के मौसम में नींबू तथा बर्फ डालकर 1 गिलास गन्ने का रस पियें। इससे हिचकी में फायदा होगा।

111. जुकाम:

  • 1 नींबू को गर्म राख में 30 मिनट के लिए दबाकर रख दें। कुछ समय बाद इस नींबू को राख में से निकालकर और काटकर इसका रस पीने से जुकाम खत्म हो जाता है।
  • नींबू को 1 कप गर्म पानी में निचोड़कर और उसमें चुटकीभर सेंधानमक मिलाकर खाली पेट सुबह-शाम पीने से जुकाम ठीक हो जाता है।
  • ज्यादा तेज जुकाम होने पर 1 गिलास उबाले हुए गर्म पानी में 1 नींबू और स्वाद के अनुसार शहद मिलाकर रात को पीने से जुकाम मे लाभ होता है।
  • हल्के गर्म पानी में नींबू निचोड़कर पीने से जुकाम ठीक हो जाता है।
  • नींबू का रस, थोड़ा सा अदरक का रस और 1 चम्मच शहद को 1 गिलास गर्म पानी में मिलाकर पीने से जुकाम ठीक हो जाता है।
  • नींबू का शर्बत बार-बार पीयें।

112. मुंह का बिगड़ा स्वाद : नींबू को काटकर उसकी एक फांक में 2 चुटकी काला या सेंधानमक और कालीमिर्ची को भर लें। फिर धीमी आंच पर सेंककर चूसने से मुंह की कड़वाहट दूर होकर मुंह का स्वाद ठीक हो जाता है। इससे पेट की गड़बड़ी व बदहजमी की शिकायत मिटती है।

113. कान का दर्द : बकरे के पेशाब में सेंधानमक मिलाकर कान में डालने से कान का दर्द ठीक हो जाता है।

114. मुंह की दुर्गन्ध : रोज सुबह 1 गिलास पानी में 1 नींबू निचोड़कर कुल्ला करने से मुंह की दुर्गंध दूर होती है।

115. कान की खुजली : नींबू के रस में ग्लिसरीन को मिलाकर रूई के फोये से कान में लगाने से कान की खुजली दूर हो जाती है।

116. कमरदर्द : 1 चम्मच नींबू का रस, 1 चम्मच लहसुन का रस, 2 चम्मच पानी एक साथ मिलाकर पीयें। ऐसे 2 खुराक सुबह-शाम रोजाना पीयें। इससे कमर दर्द ठीक हो जायेगा।

117. कान के बाहर की फुंसियां : नींबू के रस में करंज के बीज को मिलाकर रोजाना 2-3 बार फुंसियों पर लगाने से लाभ होता है।

118. गर्भ में बच्चे का मर जाना (मृत्वत्सा दोष) : नींबू के पुराने पेड़ की जड़ को पीसकर घी मिलाकर खाने से गर्भ में बच्चा मरता नहीं है।

119. अग्निमान्द्यता :

  • नींबू के रस को एक गिलास पानी के साथ रोजाना पीने से लाभ होता है।
  • नींबू के रस में 1 चम्मच त्रिफला का चूर्ण मिलाकर सेवन करने से अग्निमान्द्यता में आराम होता है।

120. जिगर का रोग : नींबू के 4 भाग करें पर ध्यान रहें कि इसके टुकड़े अलग न होने पायें। इसके बाद पहले भाग में नमक, दूसरे में कालीमिर्च, तीसरे में सोंठ और चौथे में मिश्री या शक्कर लगा दें। इसे रात को प्लेट में रखकर ढक दें। सुबह तवे पर गर्म करके सेवन करें। इससे जिगर के रोग दूर होंगे और भूख भी बढे़गी।

121. आमाशय में दर्द : नींबू का रस 7 मिलीलीटर से 14 मिलीलीटर एक ग्राम यवक्षार के साथ दिन में दो बार सेवन करने से आमाशय के दर्द में लाभ मिलता है।

122. प्रसव (प्रजनन) सम्बंधी पीड़ा : गर्भ के आखिरी महीने में पानी में नींबू का रस डालकर रोज खाने से लाभ होता है।

123. लू लगना :

  • नींबू का रस जल में मिलाकर थोड़ा-सा सेंधानमक डालकर रोगी को बार-बार पिलाने से लू का प्रकोप खत्म हो जाता है।
  • रोगी को नींबू के रस की शिकंजी पिलाने से लू का प्रकोप कम हो जाता है।
  • लगभग 5 से 10 मिलीलीटर नींबू का रस पानी में मिलाकर सेवन करने से लू से होने वाले खतरों से बचा जा सकता है।
  • नींबू, नमक तथा शक्कर मिलाकर पीने से उलटी नहीं होती है।

124. गर्मी अधिक लगना : गर्मी के मौसम में अधिक प्यास लगने पर जम्भीरी नींबू या कागजी नींबू के रस को मिलाकर बने शर्बत को पीने से शरीर की गर्मी दूर होती है।

125. मोटापा (चर्बी) घटाना :

  • 25 मिलीलीटर नींबू के रस में 25 मिलीलीटर शहद और 100 मिलीलीटर गर्म पानी मिलाकर रोज सुबह-शाम पीने से मोटापा दूर होता है।
  • 1 नींबू का रस रोज सुबह-सुबह गुनगुने पानी में मिलाकर पीने से मोटापे की बीमारी नहीं होती है।
  • गुनगुने पानी में नींबू के रस और शहद को मिलाकर रोजाना पीने से मोटापा समाप्त होता है।
  • नींबू 25 मिलीलीटर रस और करेला का रस 15 मिलीलीटर मिलाकर कुछ दिनों तक सेवन करने से मोटापा नष्ट होता जाता है।
  • 250 मिलीलीटर पानी में 25 मिलीलीटर नींबू का रस और 20 ग्राम शहद के साथ 2 से 3 महीने तक सेवन करने से लाभ होता है।
  • नींबू के रस और शहद को बराबर भाग में लेकर 10 मिलीलीटर की खुराक के रूप में सुबह सेवन करने से मोटापे में आराम मिलता है।
  • 1 कप जितना गर्म पी सकें उतना पानी सुबह-शाम भोजन के बाद पीने से शरीर की चर्बी के कम होने के अलावा, गैस, कब्ज, कोलाइटिस (आंतों की सूजन) एमोबाइसिस और कीड़े में भी लाभ मिलता है।

126. पित्ताशय की पथरी : गर्म पानी में नींबू निचोड़कर पीने से पित्ताशय की पथरी में लाभ होता है।

127. गिल्टी (ट्यूमर) : नींबू के रस में चीते की जड़ को अच्छी तरह से घिसकर लेप बना लें। उसका लेप गिल्टी पर लगाने से गिल्टी मिट जाती है।

128. रक्तपित्त (खूनी पित्त) : नींबू का रस 2 से 3 बार पीने से रक्त बहना बन्द हो जाता है।

129. वातरोग : वात से होने वाले घुटने के दर्द, पैरों की सूजन और शरीर के मोटापे को कम करने के लिए रोगी को रोज सुबह उठकर कुल्ला करके 1 गिलास ठंड़े पानी में 1 नींबू को निचोड़कर पीना चाहिए।

130. दिल की धड़कन :

  • 1 नींबू के रस को 15 मिलीलीटर पानी में मिलाकर पीने से दिल में जलन और तेज दिल की धड़कन में बहुत लाभ होता है।
  • नीबू की शिकंजी बनाकर पीने से भी धड़कन सामान्य होती है।

131. चेहरे की त्वचा फटने पर :

  • समुद्र के झाग को पीसकर नींबू के रस में मिला लें। रात को चेहरे पर जहां धब्बे हो वहां पर इसे लगा लें थोड़े ही समय में धब्बे साफ हो जायेंगे। अगर समुद्र का झाग न मिले तो नींबू का रस ही चेहरे पर लगायें।
  • नींबू का रस और शहद को बराबर मात्रा में लेकर मिला लें फिर इसे चेहरे पर लगायें इससे त्वचा का रंग निखर जाता है।
  • नींबू के रस में थोड़ा सा बेसन और मलाई मिलाकर लगाने से चेहरे पर लगाने से चेहरा चमक उठता है और चेहरे की खुश्की दूर होती है।
  • नींबू के छिलके को गर्दन पर रगड़ने से गर्दन का कालापन दूर हो जाता है।

132. खाज-खुजली-

  • केले के गूदे को नींबू के रस में मिलाकर खुजली वाली जगह पर लगाने से खुजली दूर हो जाती है।
  • 20 मिलीलीटर नींबू के रस में 25 ग्राम मुल्तानी मिट्टी और 10 ग्राम कालीमिर्च को पीसकर उसका लेप करने से खुजली दूर हो जाती है।
  • चमेली के तेल में नींबू का रस बराबर मात्रा में मिलाकर शरीर पर मालिश करने से सूखी खुजली दूर हो जाती है।
  • चन्दन के तेल में नींबू का रस मिलाकर खुजली वाली जगह पर दिन में 6 से 7 बार लगाने से आराम आता है।

133. हृदय की दुर्बलता (कमजोरी) : हृदय की कमजोरी दूर करने हेतु नींबू में विशेष गुण है। इसके निरन्तर प्रयोग से रक्त वाहिनियों में लचक और कोमलता आ जाती है और इनकी कठोरता दूर हो जाती है। इसलिए हाईब्लडप्रेशर जैसे रोग को दूर करने में नींबू उपयोगी है। इससे बुढ़ापे तक हृदय शक्तिशाली बना रहता है एवं हार्टफेल होने का भय नहीं रहता है। दिल घबराने, छाती में जलन पर ठंड़े पानी में नींबू निचोड़कर पीने से लाभ होता है।

134. हृदय दर्द : धमनियों में अवरोध होने से दिल के दर्द की उत्पत्ति होती है। धमनियों के अवरोध को खत्म करने के लिए 250 मिलीलीटर पानी में 10 ग्राम मधु और नींबू का रस मिलाकर सेवन करना चाहिए।

135. नासूर (पुराना घाव) : रोज सुबह 2 नींबू निचोड़कर पीने से नासूर का रोग ठीक हो जाता है।

136. मिर्गी :

  • बिजौरा नींबू, नीम और निर्गुन्डी का रस मिलाकर 3 दिनों तक सुंघाने से मिर्गी की बीमारी कम होती है।
  • नींबू के साथ जरा-सी हींग चूसना हितकारी होता है।
  • नींबू के रस के साथ गोरखमुण्डी को खाने से मिरगी के दौरे आना बन्द हो जाते हैं।

137. फोड़े-फुंसी के लिए : नींबू के रस में चन्दन का चूर्ण डालकर फुंसियों पर लगाने से लाभ होता है।

138. हाथों का खुरदरापन :

  • गुनगुने पानी में नींबू का रस निचोड़कर हाथों को थोड़े समय तक उसमें डुबोकर रखें। इसके बाद हाथों को किसी तौलिए से अच्छी तरह साफ कर लें। इससे हाथों का सारा मैल धुलकर साफ हो जाएगा। उसके बाद हाथों पर लगाने वाली क्रीम लगा लें। लगातार ऐसा करने से हाथ कोमल और सुंदर हो जायेंगे।
  • नींबू के रस में 1 चम्मच चीनी मिलाकर हथेलियों को आपस में तब तक रगड़ते रहे जब तक चीनी उसमें घुल न जाए। इससे हाथों का खुरदरापन और झुर्रियां (सिलवटे) दूर हो जाएंगी।
  • रात को सोने से पहले थोड़ी सी दूध की मलाई में 1 चौथाई नींबू का रस, थोड़ी सी ग्लिसरीन, 1 चम्मच गुलाबजल और कुछ बूंदे रोगन बादाम की मिलाकर हाथों पर लगा लें। बाद में ग्लिसरीन वाला साबुन लेकर गुनगुने पानी से हाथों को धों लें। इससे हाथों में निखार आता है।

139. चेहरे के सांवलेपन को दूर करना  :

  • नींबू का रस, मलाई में मिलाकर रोजाना लगाने से सांवली त्वचा गोरी होने लगती है।
  • सुबह चेहरे पर कच्चे दूध को मल लें और थोड़ा सूख जाने के बाद खाने वाले नमक को चेहरे पर लगाकर रगड़ लें। इससे चेहरे पर जमी मैल और मरी हुई त्वचा बाहर निकल जायेगी। इसके बाद नींबू और शहद को मिलाकर पूरे चेहरे पर लगायें और सूखने के बाद हल्के गर्म पानी से चेहरे को धो लें। ऐसा करने से चेहरे का रंग निखर जाता है।
  • नींबू और टमाटर का रस बराबर मात्रा में मिलाकर चेहरे पर लगा लें और आधे घंटे के बाद चेहरे को धो लें। इसको लगाने से चेहरे पर एक नयी ही ताजगी महसूस होगी।

140. शारीरिक सौन्दर्यता :

  • नींबू से गर्दन को रगड़कर साफ करके गर्दन पर दूध मलने से गर्दन सुंदर दिखने लगती है।
  • त्रिफला के चूर्ण को नींबू के रस में भिगोकर चेहरे पर लेप करके आधे घंटे के बाद चेहरे को धोने से चेहरे की खूबसूरती बढ़ जाती है।
  • त्वचा ज्यादा तैलीय हो जाने पर चेहरे पर दाग-धब्बे और मुंहासे निकल आते हैं। तेलीय त्वचा को रोजाना 2 बार साबुन से धोना चाहिए। नींबू को चेहरे पर रगड़ने से भी तेलीय त्वचा ठीक हो जाती है।
  • कूठ को 7 दिनों तक नींबू के रस में भिगोकर रख दें फिर सात दिनों के बाद इसको पीसकर शहद के साथ मिलाकर कुछ दिनों तक चेहरे पर लगाने से चेहरा पूरी तरह चमकदार हो जाता है।
  • नारंगी और नींबू के छिलकों को बराबर मात्रा में लेकर छाया में सुखा लें और एक साथ मिलाकर पीस लें।
  • त्वचा के रोगों का मुख्य कारण है हमारे पेट की गर्मी है इसलिए हमें पेट की गर्मी को ठीक रखने के लिए खाने में नींबू और प्याज का ज्यादा उपयोग करना चाहिए।
  • नारियल के हल्के गर्म तेल में नींबू को निचोड़कर शरीर पर मालिश कर लें। इससे शरीर में जितनी तेल की कमी होती है वह पूरी हो जाती है और मांसपेशियो में कसावट आ जाती है।
  • 20 मिलीलीटर नींबू के रस को 2 बार कपड़े में छानकर, 20 ग्राम ग्लिसरीन और 20 मिलीलीटर गुलाबजल को बराबर मात्रा में मिलाकर इसका लेप बनाकर रख लें। इस लेप को रोजाना रात को सोने से पहले चेहरे पर हल्के-हल्के हाथ से लगाने से चेहरा रेशम के जैसा मुलायम और सुंदर बन जाता है। चेहरे के सारे दाग, कील, झांईयां और मुंहासे दूर होकर चेहरे की चमक को बढ़ाते हैं। इसे 15 से 20 दिनों तक रोजाना लगाने से ही कील-मुंहासे दूर हो जाते हैं और चेहरा बिल्कुल साफ होकर मुलायम बन जाता है।

141. बच्चों का पेट साफ होना : अगर बच्चे को अजीर्ण रोग हो, तो नींबू के रस में केसर को घिसकर चटा दें। अगर पेट में मल रुक रहा हो तो नींबू के रस में जायफल घिसकर चटाना चाहिए।

142. गले की सूजन : गर्म पानी में नींबू निचोड़कर उससे गरारे करने से गले की सूजन, लाली और गला बैठने की तकलीफ दूर होती है।

143. गले का दर्द :

  • 1 गिलास पानी में एक नींबू को निचोड़कर उससे कुल्ली और गरारे करने से आराम आता है या गर्म पानी में नींबू निचोड़कर पीने से भी आराम आता है।
  • 1 छोटे चम्मच नींबू के रस में एक बड़ा चम्मच शहद मिलाकर दिन में 2 से 3 बार थोड़ा-थोड़ा खाने से गले का दर्द ठीक हो जाता है।

144. शरीर में सूजन : नींबू के पत्तों और तिल के तेल को बराबर मात्रा में लेकर और इनको आपस में मिलाकर शरीर पर लेप की तरह से लगाने से शरीर की सूजन खत्म हो जाती है।

145. प्यास और जलन :

  • आधा किलो नींबू के रस में लगभग 1 लीटर पानी और 50 ग्राम चीनी मिलाकर चाशनी का शर्बत बनाकर रख लें। इसके पीने से दाह (जलन), तृषा (प्यास), अम्लपित्त (गैस), तथा रक्तपित्त (खून में गर्मी) आदि रोग शान्त हो जाते हैं।
  • लगभग 1 लीटर नींबू का रस, 125 ग्राम अदरक, 20 ग्राम सेंधानमक, 20 ग्राम कालानमक, 6 ग्राम हींग तथा 1 किलो के लगभग मिश्री मिलाकर शर्बत जैसी चाशनी बनाकर रोगी को पिलायें। इसको पीने से दाह (जलन), तृषा (प्यास), वमन (उल्टी), अरुचि (भूख न लगना), रक्तपित्त (खून में गर्मी) तथा अम्लपित्त (गैस) का अन्त होता है।

नींबू के नुकसान : nimbu ke nuksan in hindi

Nimbu ke Side Effect in Hindi

  • नींबू में सिट्रस ऐसिड होता है, जिसका उपयोग से दांत संवेदनशील हो जाते हैं।
  • जिन लोगों के पेट में घाव हो उन्हें इसका सेवन नही करना चाहिये
  • पैरों के जोड़ों में दर्द रहने पर इसके सेवन से परहेज करें |
  • गले की टॉन्सिल होने पर इसका सेवन ना करें ।
  • चक्कर आना तथा निम्न रक्तचाप वाले रोगियों को नींबू का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • कमजोर यकृत (लीवर) वाले रोगी यदि नींबू का सेवन करते हैं तो उनके हाथ पैरों में तनाव पैदा होता है और निर्बलता (कमजोरी) बढ़ती जाती है। यदि नींबू का सेवन जारी रहता है तो बुखार आता है।
  • खांसी होने पर खट्टी चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए। ऐसे करने से खांसी बढ़ती जाती है।

(अस्वीकरण : दवा ,उपाय व नुस्खों को वैद्यकीय सलाहनुसार उपयोग करें)

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