आंखों की सुंदरता बढ़ाने के उपाय

Last Updated on September 27, 2021 by admin

आंखों की सुंदरता कैसे बढ़ाएं ? (How to Enhancing Beauty of Eyes in Hindi)

मनुष्य की पाँचों इन्दिर्यो इन्द्रियों में आँखें सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण हैं। सुन्दर बड़ी-बड़ी आँखें चेहरे की सुन्दरता को दुगना कर देती हैं। आंखों के सौन्दर्य के दो पक्ष हैं – स्वास्थ्य-सम्बन्धी व श्रृंगार-सम्बन्धी ।
आंखों का स्वस्थ होना शरीर के समान्य स्वास्थ्य से जुड़ा हुआ है। शरीर में विटामिन ‘ए’ और ‘डी’ की कमी से दृष्टि या बीनाई कमजोर पड़ जाती है। आंखों का कमजोर होना कभी-कभी आनुवंशिक भी होता है। यदि आँखें कमजोर हों, तो चश्मा लगाने में हिचकना नहीं चाहिए। सुन्दर डिजाइनों में उपलब्ध चश्मे से चेहरे की सुन्दरता बढ़ती है, कम नहीं होती।

यदि आंखों की कमजोरी विटामिन ‘ए’ और ‘डी’ की कमी के कारण हो, तो डाक्टरी उपचार के अतिरिक्त दूध, पनीर, मेवे और हरी शाक सब्जियाँ लेनी चाहिए।

आंखों में कोई विशेष बीमारी हो, जैसे-रोहे, आंखों से पानी आना आदि तो किसी नेत्र-विशेषज्ञ की सलाह लेना चाहिए।

आंखों की सुंदरता लिए आवश्यक उपाय और सावधानियां (Tips For Beautiful Eyes in Hindi)

आंखों को स्वस्थ बनाये रखने के लिए आवश्यक उपाय और सावधानियां –

  • जब कभी आप पढ़े-लिखें या कढाई-बुनाई करें, तो इस बात का ध्यान रखें कि प्रकाश यथोचित हो।
  • सप्ताह में एक या दो बार आंखों को किसी अच्छे आईं-लोशन से धोना चाहिए। इसके लिए त्रिफला का पानी अथवा गुलाब जल भी बहुत लाभदायक होता है और इससे आंखों में चमक आती है।
  • अत्यधिक रोशनी भी आंखों को हानि पहँचाती है। जब कभी तेज धूप में आप बाहर जायें, तो धूप के चश्मे का प्रयोग अवश्य करें।
  • दिन- भर की थकान के बाद जब कभी समय मिले, तो पलंग पर आँखें बन्द करके लेट जाइए और पलकों के ऊपर बर्फ के पानी में भीगे फाहे दस मिनट तक रखिए।
  • आंखों की थकान दूर करने के लिए एक उपाय इस प्रकार है। कुहनी मेज पर टिका कर हथेली से आँखें ढक लें और सिर का सारा बोझ हथेली पर पड़ने दें ।
  • चौबीस घण्टों में आंखों को लगभग आठ घण्टे विश्राम की आवश्यकता होती है और ऐसा न होने पर आँखें बोझिल-सी प्रतीत होती हैं।
  • धूम्रपान से आंखों का रंग पीला होता है।
  • पूरा विश्राम न मिलने पर आंखों में लाल-लाल डोरे नजर आने लगते हैं। बोझिल आंखों को ठीक करने के लिए बिस्तर पर सीधे लेट जाइए और दोनों आंखों पर खीरे का गोल टुकड़ा काट कर रखिए। लेकिन इस बात का ख्याल रहै कि पहले आंखों से सारा मेकअप साफ कर लेना चाहिए ।
  • रात में ही नहीं, दिन में भी आंखों को विश्राम की जरूरत होती है। आंखों में थकान महसूस होने पर आँखें मूंद कर इन पर हथेली रखें। आपको आंखों के सामने स्याह काला रंगा और उसमें रंगीन बेतरतीब आकृतियाँ नजर आने लगेंगी। थोड़ी देर आँखें खोल कर पुन: आँखें मूंद कर हथेली रखें। इसे क्रिया को कई बार दुहराने के बाद एक स्थिति ऐसी आयेगी कि अस्त-व्यस्त आकृतियाँ अपने-आप लुप्त हो जायेंगी और केवल काला रंग दिखायी देगा।
  • नींद की कमी के कारण प्राय: देखा गया है कि आंखों के नीचे काले निशान पड़ जाते हैं या कुछ माँस लटक जाता है। इसके लिए खीरे को कुचल कर बारीक कर लें और किसी साफ झीने कपड़े में लपेट कर आंखों पर लगभग पन्द्रह-बीस मिनट तक रखें। सप्ताह में दो बार ऐसा करने से बहुत लाभ होता है।
  • आंखों के आस-पास की त्वचा अत्यन्त कोमल व लोचदार होती है। आंखों में जलन अथवा खारिश होने पर रगड़ना नहीं चाहिए। इस स्थान पर क्रीम आदि रगड़ कर न लगायें अन्यथा त्वचा सिकुड़ जाने से झुर्रियाँ पड़ने लगती हैं। झुर्रियों के अतिरिक्त कई बार आंखों के आस-पास काले धब्बे भी दीखने लगते हैं।
  • आंखों के नीचे सिलवटें पड़ने पर इन्हें केवल शल्य-चिकित्सा द्वारा ही हटाया जा सकता है। इसके लिए है ‘एण्टी रिंकल क्रीम’ भी प्रयोरा की जा रुकती है।
  • आंखों की झुर्रियों व धब्बों से बचने के लिए आंखों के आस-पास बादाम रोगन (बादाम तेल) की हल्की मालिश करें।

आंखों की सुंदरता बढ़ाने के लिए व्यायाम (Eye Exercises for Beautiful Eyes in Hindi)

आंखों के सरल व्ययाम –

1). पलकें झपकने से आंखों का स्वाभाविक व्यायाम होता है। आंखों को भींच कर बन्द करें । फिर अधिक से अधिक खोलने की चेष्टा करें। इस क्रिया को लगभग दस बार दोहराएँ।

2). आंखों की पुतलियाँ लगभरा बीस बार बाईं ओर फिर बीस बार दाईं फिर तेजी से घुमाइए। दिशा परिवर्तन के समय पलकें बन्द रहनी चाहिए।

3). दस बार दोनों आँखें एक साथ तेजी से झपकाएँ । कुछ क्षण आँखें बन्द रखने के बाद झपकाने की क्रिया को पुनः दोहराएँ। इसे व्यायाम को लगभग दस बार करने से आंखों की पुतली में चिकनाहट आती है।

4). दर्पण के सामने अपने प्रतिबिम्ब की आंखों में आँखें डाल कर लगभग पांच मिनट देखते रहिए।

5). दूर किसी विशेष वस्तु पर अपनी दृष्टि केन्द्रित करें। लगभग दो मिनट बाद निकटतम किसी अन्य वस्तु को अपनी दृष्टि का निशाना बनायें। अब पुन: पहले वाली वस्तु पर अपनी दृष्टि केन्द्रित करें और इसे व्यायाम को लगभग पांच मिनट करें।

6). दृष्टि को धीरे-धीरे नीचे से ऊपर आसमान की ओर उठाते चले जायें। लगभग तीस सेकेण्ड दृष्टि स्थिर रखने के बाद धीरे-धीरे नीचे जमीन की ओर झुकाते चले जायें। इस व्यायाम को लगभग सात से आठ बार दोहराएँ।

7). चौड़े मुख वाले बर्तन में स्वच्छ ठण्डा पानी भर कर उसमें “गुलाबजल” को थोड़ी-सी मात्रा मिलायें। आँखें पानी में डुबोकर पूरी तरह खोल लें और पुतलियों को दायें-बायें व ऊपर-नीचे घुमायें। पुतली हिलाते समय बीच-बीच में पलकें झपकाते रहें। प्रारम्भ’ में यह व्यायाम करते समय असुविधा होती है, लेकिन नियमित अभ्यास से यह धीरे-धीरे सरल लगने लगता है। जैसा कि ऊपर बताया गया है, “गुलाबजल” मिले जल में आँखें डुबो कर पुतलियों को वृत्ताकार घुमाने थोड़ी देर विश्राम कर पुन: विपरीत दिशा में घुमाना शुरू कर दे। इस व्यायाम द्वारा आंखों पर लगे चश्में का नंबर कम होता है तथा इस्से नेत्र ज्योति बढती है ।

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