Last Updated on April 9, 2021 by admin
सेवन किए गए आहार का ठीक तरह से पाचन न होना ही बदहजमी या अजीर्ण रोग के नाम से जाना जाता है।
बदहजमी या अजीर्ण क्यों होता है ? :
बदहजमी (अजीर्ण) कई कारणों से हो सकती है, जिसके प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं –
- गरिष्ठ आहार (पचने में भारी) का अधिक मात्रा में सेवन,
- असमय भोजन करना,
- आहार को अच्छी तरह चबाए बिना निगल जाना,
- मानसिक परिश्रम अधिक करना,
- शारीरिक परिश्रम की कमी,
- तंबाकू, शराब, चाय, कॉफी का अधिक मात्रा में सेवन,
- बासी भोजन करना,
- अत्यधिक तला-भूना व मिर्च-मसालेदार भोजन करना,
- देर रात तक जागना,
- मानसिक ग्लानि, भय, क्रोध और ईर्ष्या करना,
- जबरदस्ती अरुचिकर आहार का सेवन करना,
- भोजन करने के तुरंत बाद ज्यादा पानी पीने की आदत का होना।
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अजीर्ण (बदहजमी) के संकेत और लक्षण क्या होते हैं ? :
कुछ लक्षणों से बदहजमी या अजीर्ण का अंदाज़ा लगाया जा सकता है। जैसे –
- भूख का न लगना,
- जी मिचलाना,
- पेट फूलना,
- खट्टी डकारें आना,
- छाती में जलन होना,
- वमन होना,
- सर में भारीपन,
- हृदय की धड़कन का बढ़ना,
- शरीर में आलस्य छाना,
- जीभ पर मैल की तह जमना जैसे लक्षण पैदा होते हैं।
- जब रोग पुराना पड़ जाता है, तब पेट में गैस बनने की शिकायत होने लगती है।
( और पढ़े – बदहजमी के घरेलू इलाज )
अजीर्ण (बदहजमी) में क्या खाना चाहिये ? :
- सहीं समय पर पचने में हलका व संतुलित आहार करें।
- बिना पालिश के पुराने चावलों का भात खाएं।
- भोजन को अच्छी तरह चबा-चबाकर सेवन करें ।
- रात्रि का आहार सोने के 3 से 4 घंटे पूर्व ही कर लें।
- भोजन करने से पहले या बाद में आधा चम्मच नीबू के रस में आधा चम्मच अदरक का रस, चुटकी भर नमक मिलाकर सेवन करें।
- भोजन के साथ छाछ का सेवन करें ।
- हरी पत्तेदार शब्जियाँ, मूली, पपीता, गाजर, प्याज, नारियल का पानी, अनन्नास, नीबू, अदरक आदी का सेवन भोजन के साथ या बाद में नियमित करें।
- कच्चे पपीते, बथुआ का साग खाएं।
अजीर्ण या बदहजमी में क्या नहीं खाना चाहिये ? :
- अधिक तला-भूना, वसा युक्त, पचने में भारी, बासी, अधपका आहार सेवन न करें ।
- स्वाद के वश हो एक बार में आवश्यकता से अधिक भोजन न करें।
- बेसन की चीजें, खटाई मिर्च-मसाले
- अधीक मात्रा में चाय-कॉफी के सेवन से बचें ।
- पान, बीड़ी, सिगरेट, तंबाकू, शराब से परहेज करें।
- रात्रि में दही का सेवन न करें।
- भोजन करने के उपरांत अधिक मात्रा में पानी न पिएं।
रोग निवारण में सहायक उपाय क्या करें ? :
- सूर्योदय से पूर्व उठकर घूमने जाएं।
- नित्य आसान और व्यायाम करें।
- रोजाना शुबह खाली पेट कम-से-कम एक गिलास पानी पिएं।
- नित्य स्नान करें।
- भोजन के बाद हरड़ चूसने से पाचन क्रिया में लाभ होता है।
क्या न करें ? :
- देर रात तक न जागें।
- भोजन जल्दी-जल्दी न करें ।
- भोजन से पहले तथा बाद में अधिक पानी न पिएं।
- मानसिक उत्तेजना पैदा न हो, उसके लिए जल्दबाजी, हड़बड़ी में काम करना और गुस्सा करना छोड़ दें।