द्राक्षकल्प क्या है ? जानिए करने की विधि, लाभ और सावधानियां
द्राक्षकल्प क्या है ? : अंगूर के रस द्वारा रोगोपचार करने को ही द्राक्षकल्प कहते हैं। इसी प्रकार मट्ठा व दूध के भी कल्प होते हैं। रोगों की आवश्यकतानुसार विभिन्न फलों के कल्प कराये जा …
द्राक्षकल्प क्या है ? : अंगूर के रस द्वारा रोगोपचार करने को ही द्राक्षकल्प कहते हैं। इसी प्रकार मट्ठा व दूध के भी कल्प होते हैं। रोगों की आवश्यकतानुसार विभिन्न फलों के कल्प कराये जा …
विद्युत चिकित्सा क्या है ? (vidyut chikitsa kya hai) बहुत से प्राकृतिक चिकित्सकों का मानना है कि विद्युत चिकित्सा प्राकृतिक चिकित्सा का ही एक अंग है और यह `अग्नि चिकित्सा´ के अंर्तगत आती है …
पूर्व दिशा से चलने वाली वायु के गुण : पूर्वो∙निलो गुरु: सोष्ण: स्निग्ध: पित्तास्रदूषक:।विदाही वातल: श्रान्ति कफ शोषवतां हित:।।स्वादु पटुरभिष्यंदी त्वग्दोषाशों विषक्रिमीन्।सन्निपात ज्वर श्वास मामवातं प्राकेपयेत्। अर्थात् – पूर्व दिशा से चलने वाली वायु …
1. आयोडीन : आयोडीन थायरॉइड ग्रंथि की कार्यविधि के लिए आवश्यक है जो शक्ति का निर्माण करती है, हानिप्रद कीटाणुओं को मारती है और इसके हार्मोन्स थॉयरॉक्सीन की कमी को पूरा करते हैं। …
मासिक धर्म (पीरियड्स) क्या है ? : सामान्य भाषा में इसे पीरियड (डेट) के नाम से जाना जाता है। इसे रजोदर्शऩ भी कहते हैं। इस अवस्था में गर्भाशय से योनिमार्ग द्वारा हर महीने लाल …
ज्ञानेन्द्रिया क्या है ? : विभिन्न प्रकार की संवेदनाओं (sensations) के द्वारा ही किसी भी इंसान को बाह्य जगत के ज्ञान की प्राप्ति हो सकती है। संवेदना को तभी महसूस किया जा सकता है जब …
हल्के और ज्यादा जहरीले पदार्थ : बहुत से व्यक्ति जानकर या अनजाने में जहर जैसी खतरनाक चीज का सेवन कर लेते हैं जो शरीर में जाकर पेट में दर्द, जलन, दस्त, उल्टी, अनिद्रा, बेहोशी …
सरसों का तेल अपने देश में काफी मात्रा में पाया जाता है। खाना बनाने में भी इसका अधिक तौर पर इस्तेमाल होता है। शरीर पर मालिश करने में भी सरसों के तेल का ही …
शरीर के लिए आवश्यक खनिज लवण (मिनरल्स) : कैल्शियम, मैग्नेशियम, फॉस्फोरस, पोटैशियम और सोडियम पांच महत्वपूर्ण बुनियादी खनिज, शरीर के लिए महत्वपूर्ण हैं। महत्वपूर्ण सूक्ष्ममात्रिक तत्व – क्रोमियम, तांबा, आयोडिन, लोहा, मैंगनीज और जस्ता …
गर्भावस्था के दौरान जांच : pregnancy me kon kon se test hote hai – गर्भावस्था के दौरान गर्भवती स्त्री की विभिन्न प्रकार की शारीरिक जांचे की जाती हैं जैसे – 1. पेट की जांच : …