कदंब वृक्ष के फायदे, औषधीय गुण, उपयोग और दुष्प्रभाव : Kadam Tree Benefits & Side Effects in Hindi

Last Updated on August 31, 2024 by admin

कदंब का पेड़ कैसा होता है ? : Kadam Tree in Hindi

कदंब का पेड़ बहुत बड़ा होता है तथा यह भारत वर्ष में सभी जगह पाया जाता है। श्री कृष्ण भगवान् इसी विशाल पेड़ पर चढ़ा करते थे इसलिए इस वृक्ष को अत्यन्त पवित्र माना जाता है और इसकी पूजा की जाती है।

भारतवर्ष के अन्दर सुगन्धित पुष्पों में कदम्ब का बड़ा महत्व है। इसका पुष्प भगवान कृष्ण को बडा प्रिय था । यह एक प्रकार का मध्यम आकार का पेड़ होता है जो भारतवर्ष के पहाड़ों में स्वाभाविक तौर से बहुत पैदा होता है ।

कदम वृक्ष का फूल : Kadam Tree Flower

इसका पुष्प सफेद और कुछ पीले रंग का होता है। इस फूल पर पंखड़िया नहीं होती बहिक सफेद सफेद सुगन्धित तन्तु इसके चारो ओर उठे हुए रहते हैं ।

कदम वृक्ष का फल : Kadam Tree Fruit

इसका फल गोल नींबू के समान होता है ।

कदम्ब की कई तरह की जातियां होती हैं । जिसमें राजकदम्ब, धारा कदम्ब, धूलि कदम्ब, भूमिकदम्ब इत्यादि जातियां उल्लेखनीय हैं ।

कदम्ब वृक्ष का विभिन्न भाषाओं में नाम : Name of Kadamba Tree in Different Languages

Kadamba Tree in –

  • संस्कृत (Sanskrit) – कदम्ब, वृत्त पुष्य, नीम, आवृष्य चलना प्रिय
  • हिन्दी (Hindi) – कदंब, कदंब
  • मराठी (Marathi) – कलंब, राजकदम, कदंब
  • गुजराती (Gujarati) – कदंब,
  • बंगाली (Bangali) – कदंब गाछ,
  • लैटिन (Latin) – Antho Cephalus, cadamba, Soccocphalust Antho Cephalus indicus, Nauclea cadamba
  • इंगलिश (English) – Wild cinchona

कदम वृक्ष के औषधीय गुण : Kadamba ke Aushadhi Gun in Hindi

  • आयुर्वेदिक मत से इसकी छाल तेज, कड़वी, मृदु और कसली होती है।
  • यह कामोद्दीपक, शीतल, दुष्पच्य, दूध बढ़ाने वाली, संकोचक, विष निवारक और घाव को भरने वाली होती है।
  • गर्भाशय की शिकायतों, रक्त रोग, वात, कफ, पित्त और जलन में यह लाभदायक है ।
  • इसका फल गरम, कामोद्दीपक और पकने पर पित्तकारक होता है।
  • महर्षि चरक के मतानुसार इसकी छाल सर्पदंश में उपयोगी है ।
  • कोकन में इसके छिलके का ताजा रस बच्चों के मस्तक के ऊपर ब्रह्मरन्ध के बैठ जाने पर मालिश करने के काम में लिया जाता है ।
  • यह त्रिदोष नाशक, विष नाशक, रक्तस्तम्भक और शोथ नाशक है ।
  • कदम कास नाशक, शुक्र शोधन, मूत्र विरजनीय और पथरी को दूर करता है ।
  • कदम शर्करा हर, स्तन्य जनक, योनि विकार नाशक, कान्ति वर्द्धक तथा नाड़ी संस्थान को ठीक करने वाला होता है।
  • यह कटु पौष्टिक, धातु वर्द्धक, व्रण नाशक है।
  • यह लघु, रूक्ष, कटु, तिक्त, कषाय, विपाक में कटु और शीत वीर्य है।
  • कदम साँप विष नाशक, खाज-खुजली नाशक, सूजन, चोट और मोच नाशक है।
  • यह मुँह का छाला नाशक, दुग्ध वर्द्धक, अंग्रेजी दवा का Side effect नाशक और अत्यन्त पौष्टिक है।
  • यह बलबर्द्धक, चर्मरोग नाशक है।

यूनानी मतानुसार कदम वृक्ष के लाभ : Kadamba ke Labh in Hindi

  • यूनानी मत से इसकी कच्ची कोपलें सर्द और पचने में हलकी होती है ।ये बदहजमी के अन्दर फायदा पहँचाती है । बच्चों के बदन पर लाल चकते ( Arrisiples ) पड़ ने की बीमारी में भी यह फायदेमन्द है ।
  • इसके फल गरम, चिकने, क्षुधावर्धक और वीर्य तथा कफ को बढ़ाने वाले होते हैं।
  • इसके पके हुए फल बांदी, पित्त और कफ में लाभ पहुँचाते हैं ।
  • इस के फूल और पत्ते रक्त विकार और पित्त की बीमारी में लाभदायक हैं ।
  • फोड़े-फुंसी और गले के दर्द में भी ये लामदायक है ।
  • औरतों के स्तनों को भी ये पुष्ट और सख्त करते हैं।

कदंब वृक्ष के उपयोग : Kadamba Tree Uses in Hindi

  1. साँप काटे हुए रोगियों को इसके फल का काढ़ा सेवन करायें, इससे वह ठीक हो जाता है।
  2. खाँज-खुजली आदि चर्म रोगों में इसकी पत्तियों का रस अत्यन्त लाभकारी है।
  3. इसका फल अत्यन्त लाभकारी है।
  4. इसके फल का चूर्ण सेवन करने से कमजोरी दूर होती है।
  5. इसके पेड़ की छाल काढ़े से हाथ-पैरों की सेंकाई करने से सूजन, चोट और दर्द भाग जाता है।
  6. इसकी पत्तियों को चबाकर थूकने से मुँह के छाले ठीक हो जाते हैं।
  7. इसके फल का चूर्ण सेवन करें तो सभी तरह की कमजोरी दूर हो जाती है।
  8. इसके फलों का चूर्ण सेवन करने से नारी के स्तन का दूध बढ़ जाता है।
  9. यह मूत्रल है।
  10. इसके पंचाँग का काढ़ा बना कर सेवन करने से अंग्रेजी दवा के Side effects नहीं होते हैं।
  11. नेत्रों के प्रदाह में भी इसकी छाल के रस का अफीम और फिटकरी के साथ ऊपयोग किया जाता है ।
  12. इसके पत्तों का काढ़ा मुंह के छाले (मुख क्षत) और मुंह की सूजन में कुल्ले करने के काम में लिया जाता है ।
  13. कर्नल चोपरा के मतानुसार इसकी छाल पौष्टिक, ज्वर निवारक और संकोचक है।
  14. यह सर्प के विष में भी लाभदायक है ।
  15. इसमें सिन्कोटेनिक एसिड ( Cinchotannic Acid ) नामक संकोचक तत्व रहता है।
  16. सन्थाल और घोष के मतानुसार इसका फल ज्वर, तृषा और रक्त दोषों को निवारण करने वाला है ।
  17. आयुर्वेदिक चिकित्सक इसका उपयोग ज्वर की बीमारी में करते आये हैं । जहाँ आज कल सिकोना का प्रयोग होता है, ऐसी जगह पहिले इसका उपयोग होता था।

खुराक की मात्रा :

इसके पत्तों के ताजा रस की खुराक एक से दो ग्राम तक और पिसी हई छाल की खुराक आधा से एक ग्राम तक है ।

कदम के फायदे : Kadamba Tree Benefits in Hindi

1. बुखार: कदम्ब की छाल का रस निकालकर उसमें जीरा व मिश्री मिलाकर बच्चे को देने से बुखार व दस्त में लाभ होता है। कदम्ब के फलों का रस पीने से बुखार में अधिक प्यास लगना दूर होता है।

2. बच्चों का गला बैठना : कदम्ब की छाल को ठंडे पानी में कूटकर उसका रस निकाल लें और उसमें जीरा व चीनी मिलाकर बच्चे को पिलाएं। इस रस को सिर पर भी लगाने से आराम मिलता है। इसका प्रयोग 30 दिनों तक करें और बच्चे को 4 दिन पर नहलाएं। बच्चे के नहलाते समय पहले उसके सिर पर करेले का तेल लगाएं और फिर कदम्ब की छाल को पानी में घिसकर नहलाएं। इसके बाद बच्चे को साफ पानी से नहलाएं। इसके प्रयोग से बच्चे का गला बैठना ठीक होता है। यदि बच्चे को हल्का बुखार हो, कान के किनारे व नाक में धुकधुकी हो तो समझना चाहिए कि बच्चे का गला बैठ गया है।

3. मुंह के छाले: कदम्ब के पेड़ की छाल या पत्तों का काढ़ा बनाकर प्रतिदिन 2 से 3 बार गरारे करने से मुंह के छाले दूर होते हैं।

4. खूनी अतिसार (दस्त के साथ खून आना): कदम्ब की छाल का रस निकालकर इसके 10 से 20 ग्राम रस को जीरा व मिश्री के साथ मिलाकर सेवन करें। इसके सेवन से दस्त के साथ खून का आना ठीक होता है।

5. दाद: दाद होने पर कदम्ब के पत्तों का प्रयोग किया जाता है। दाद को हल्का खुजला कर उस पर कदम्ब के पतों को पीसकर बांधने से आराम मिलता है।

कदम वृक्ष के नुकसान : Kadamba Tree Side Effects in Hindi

कदम के औषधीय प्रयोग से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श करें ।

अस्वीकरण: इस लेख में उपलब्ध जानकारी का उद्देश्य केवल शैक्षिक है और इसे चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं ग्रहण किया जाना चाहिए। कृपया किसी भी जड़ी बूटी, हर्बल उत्पाद या उपचार को आजमाने से पहले एक विशेषज्ञ चिकित्सक से संपर्क करें।

Leave a Comment

Share to...