उलट कम्बल के फायदे ,औषधीय गुण ,उपयोग और दुष्प्रभाव | Ulat Kambal Benefits & Side Effects in Hindi

Last Updated on May 30, 2023 by admin

उलट कम्बल (योनि पुष्पा) क्या है ? : Abroma Augusta in Hindi

उलट कम्बल एक पहाड़ी वृक्ष है । इसकी पत्तियाँ 4 या 5 इंच के व्यास में गोलाकार होती हैं तथा किनारे पर कटावदार होती हैं, किनारे पर सामने नुकीली होती हैं। इसका पुष्प योनि के आकार का होता है इसलिए इसको योनि पुष्पा भी कहते हैं। इसका फल लम्बाई लिए हुए गोलाकार होता है। इसका फूल लाल रंग का होता है।

उलट कम्बल का पौधा कहाँ पाया जाता है ? / उत्पत्ति स्थान :

उलट कम्बल (Abroma Augusta) का पौधा गर्म प्रदेशों की पहाड़ी भूमियों पर कुदरती तौर से बहुत पैदा होता है, और इसकी डालियाँ भी लगाने से लगती हैं ।

उलट कम्बल के फूल (पुष्प) और फल :

सर्दी के दिनों में इस पौधे पर लाल रङ्ग के छोटे फूल निकलते हैं तथा गरमी में इसके छत्राकार फल आते हैं । इन फलों के चारों तरफ छोटे २ पते आते हैं और इनके भीतर पीले रंग के बीज रहते हैं।

उलट कम्बल का विभिन्न भाषाओं में नाम : Name of Abroma Augusta in Different Languages

Abroma Augusta in –

  • संस्कृत (Sanskrit) – पिशाच, कार्पास, पीवरी, रितुमती, उच्चट, योनि पुष्पा
  • हिन्दी (Hindi) – उलट कम्बल
  • गुजराती (Gujarati) – उलट कम्बल, ओलकतंबोल
  • मराठी (Marathi) – उलटकम्बल, ओलकतम्बोल
  • बंगाली (Bangali) – ओलट कम्बल
  • तेलगु (Telugu) – गोगु, कीड़गोगु
  • लैटिन (Latin) – Abroma Augusta Linn
  • इंगलिश (English) – Devils cotton

उलट कम्बल के औषधीय गुण : Ulat Kambal ke Aushadhi Gun in Hindi

  1. उलट कम्बल तिक्त, कषाय तथा योनि रोग हर है।
  2. उलट कम्बल गर्भाशय विकार नाशक, कष्टार्तव नाशक, प्रदर नाशक तथा उदर शूल में लाभदायक है।
  3. यह अर्श नाशक, अध्मान निवारक और बाँझपन को दूर करता है।
  4. उलट कम्बल गर्भधारक, सुजाक नाशक, बहुमूत्र, इक्षुमेह और मधुमेह नाशक है।
  5. यह नपुंसकता नाशक तथा वीर्य वर्द्धक है ।

उलट कम्बल का रासायनिक विश्लेषण : Ulat Kambal Chemical Constituents

रासायनिक विश्लेषण पर इसमें फिक्स्ड ऑइल, राल, अलकोहल और कुछ पानी में घुलने वाले पदार्थ पाये जाते हैं।

उलट कम्बल के उपयोग : Abroma Augusta Uses in Hindi

  1. उलट कम्बल की जड़ का काढ़ा बनाकर सुबह-शाम सेवन करने से मासिकधर्म गत बीमारियाँ ठीक होती हैं।
  2. इसके फल का रोआ शरीर में लग जाने से भयंकर खुजली होती है इसलिए इसको सावधानी से छूना
    चाहिए।
  3. उलट कम्बल की पत्तियों का रस 2 या 3 चम्मच पीने से मासिकधर्म की सभी गड़बड़ी ठीक हो जाती हैं।
  4. इसकी पत्तियों के रस का सेवन बाँझ औरत को पुत्रवती बनाता है।
  5. इसके पंचांग के 5 ग्राम चूर्ण में थोड़ा मरीच चूर्ण मिला कर बाँझ औरत सेवन करें तो वह निश्चित रूप से पुत्रवती होती है।
  6. उलट कम्बल की पत्तियों का रस Over Bleeding को रोकता है।
  7. प्रदर तथा प्रमेह रोगों में इसका काढ़ा पीने से लाभ मिलता है।
  8. इसका काढ़ा या चूर्ण यौन रोग, नपुंसकता और गरमी की बीमारी को दूर करता है।
  9. उलट कम्बल के फल का चूर्ण अत्यन्त ही पौष्टिक होता है।

उलट कम्बल के फायदे और औषधीय प्रयोग : Abroma Augusta Benefits in Hindi

1. मासिक धर्म से होने वाले कष्ट में उलट कम्बल का उपयोग फायदेमंद (Benefits of Abroma Augusta in Dysmenorrhoea in Hindi) : इसके गुणों की खोज सबसे पहले सन् 1801 में डा० राक्सवर्ग के द्वारा हुई और उन्होंने इसे कष्टार्तव अर्थात् मासिक धर्म से होने वाले कष्ट के लिये उपयोगी बत नाया। तब से यह औषधि इस व्याधि के सम्बन्ध में बराबर कीर्ति प्राप्त करती आ रही है ।

भारतवर्ष के सुप्रसिद्ध ‘बंगाल केमिकल वर्क्स’ के विद्वान् संचालक इस औषधि का वर्णन करते हुए अपने केटलॉग में लिखते हैं-‘उकटकम्बल ने मासिक धर्म के समय की पीड़ा को नष्ट करने में रामबाण होने की ख्याति प्राप्त की है । इस औषधि का रासायनिक और वैद्यकीय अभ्यास करने के पश्चात् हम विश्वासपूर्वक कह सकते हैं कि इसका व्यहार कभी व्यर्थ नहीं जाता। ( और पढ़े – मासिक धर्म का दर्द इसके कारण और उपचार )

2. मासिक धर्म संबंधी रोगों में उलट कम्बल से फायदा (Abroma Augusta Uses in Menstrual problems in Hindi) : इण्डियन मेडिकल गजट में भुवन मोहन सरकार ने इसकी रजःप्रवत्तिनी शक्ति (संचालक या प्रवृत्त करने वाला) की ओर लोगों का ध्यान आकर्षित किया और इसके लिये उन्होंने इसके ताजे रस की तीस ग्रेन (1 ग्रेन = 0.060 ग्राम) की मात्रा निर्धारित की।

दी इकानमिक प्राडक्ट्स ऑफ इण्डिया के विख्यात लेखक सर जार्ज वॉट ने भी अपने प्रसिद्ध ग्रन्थ में इस औषधि के दिव्य रजःप्रवर्तक गुण का उल्लेख किया और इस पर कई नामी डाक्टरों की सम्मतियाँ भी उद्धृत की।

3. मासिक धर्म को नियमित करने में उलट कम्बल के प्रयोग से लाभ (Use of Ulat Kambal in Relief from Irregular Menstruation in Hindi) : डॉक्टर थार्नटन ने अमेरिकन मेडिकल साइन्स’ में इसकी जड़ की छाल के ताजे रस को बहुत प्रशंसा की और इसकी उपयोगिता को जाहिर किया। उन्होंने बतलाया कि रक्तसञ्चय और स्नायुशूल दोनों ही कारणों से होनेवाले रजःकष्ट में यह बड़ा उपयोगी है । यह मासिक धर्म को व्यवस्थित रूप में ला देता है। गर्भाशय के लिये यह एक पौष्टिक पदार्थ है।

के० सी० बोस के मतानुसार भी इसकी जड़ का छिलका मासिक धर्म को नियमित करने वाला और गर्भाशय के लिये पौष्टिक है । इसकी ताजी जड़ का रस और सूखी जड़, दोनों का ही रसायनशाला में परीक्षण हो चुका है। यह गर्भाशय पर अपना पौष्टिक और संकोचक असर दिखलाता है । इसलिये यह गर्भाशय का ठीक तौर से संकोचन करके मासिकधर्म को नियमित कर देता हैं । अलकोहल के साथ पिलाने से इस वनस्पति का असर नष्ट हो जाता इसलिये इसका ताजा रस या चूर्ण ही उपयोग में लेना चाहिये। ( और पढ़े – मासिक धर्म को नियमित करने के घरेलू उपाय )

4. स्त्रियों का बन्ध्यत्व को दूर करने में लाभकारी है उलट कम्बल का सेवन (Ulat Kambal Benefits in Infertility Treatment in Hindi) : स्त्रियों का आरोग्य, उनका सौन्दर्य और उनका स्वभाव सब बातें उनके मासिकधर्म की शुद्धता पर अवलम्बित रहता है । आँखों के आसपास काले दाग पड़ना, हमेशा सिर-दर्द रहना इत्यादि रोग कष्टार्तव की वजह से ही पैदा होते हैं। इस औषधियों के कुछ दिनों तक सेवन करने से यह व्याधि नष्ट हो जाती है और स्त्रियों का बन्ध्यत्व दूर होकर वे गर्भाधान के योग्य हो जाती हैं ।’ ( और पढ़े – बाँझपन का आयुर्वेदिक इलाज )

5. गर्भाशय के सभी दोष दूर करने में उलट कम्बल का उपयोग लाभदायक :

  •  कलकत्ते के प्रसिद्ध कविराज द्वारकानाथ विद्यारत्न इस औषधि के सम्बन्ध में लिखते हैं कि उलटकम्बल की जड़ की छाल का चूर्ण एक 2 ग्राम  की मात्रा में इक्कीस कालीमिर्च का चूर्ण मिलाकर मासिकधर्म के समय सात दिन तक सेवन करना चाहिये और भोजन में केवल दूध-भात लेना चाहिये । पति-समागम का बिलकुल त्याग करके पवित्र जीवन व्यतीत करना चाहिये । इस प्रकार दो-चार महीने तक प्रत्येक मासिकधर्म के समय सात दिन तक यह योग प्रयोग करने से गर्भाशय के सब दोष मिट जाते हैं। प्रदर और बन्ध्यात्व की यह सर्वोत्कृष्ट औषधि है ।
  • ‘जंगलनी जड़ी बूटी’ नामक ग्रन्थ के रचयिता कहते हैं कि हमने अनेक स्त्री-रोगियों पर इस औषधि का प्रयोग किया है और हमे विश्वास हो गया है कि गर्भाशय के रोगों पर यह अचूक औषधि है ।
  • आर० एन० खोरी के मतानुसार इसकी जड़ और उसका रस गर्भाशय को बल देनेवाला और आत्तव आर्तव-प्रवर्तक (मासिक धर्म को गति देने वाला) है। अवरोध सहित तथा वातिककृच्छ्र रजोरोग और रुके हुए मासिकधर्म में कालीमिर्च के साथ ऋतुकाल के समय में सप्ताह तक इसका व्यवहार होता है । यह हाइड्रास्टिस, वाईवर्नम और पलसेटिला की उत्तम प्रतिनिधि है । 
  • उलटकंबल की जड़ की छाल का रस गर्म कर लें। इस रस को 2 मिलीलीटर की मात्रा में रोजाना देने से हर तरह के कष्ट से होने वाले मासिक-धर्म में राहत मिलती है।
  • उलटकंबल की जड़ की छाल को 6 ग्राम की मात्रा में एक ग्राम कालीमिर्च के साथ पीस लें। इसका सेवन मासिक-धर्म से एक सप्ताह पहले से और जब तक मासिक-धर्म होता रहता है तब तक पीने से मासिक धर्म-नियमित होता है। इससे बांझपन दूर होता है और गर्भाशय को शक्ति प्राप्त होती है। ( और पढ़े – गर्भाशय की कमजोरी दूर करने के घरेलू उपाय )

6. गर्भस्थापना: उलटकंबल की जड़ की छाल 1.5 ग्राम, पान के डंठल 3 से 4 पीस और कालीमिर्च 3 पीस। इन सबको ताजे पानी के साथ पीसकर 50 मिलीलीटर पानी मिलाकर सुबह खाली पेट लें। इसके मासिक-धर्म के शुरू होने से 7 दिन पहले से प्रयोग करें। इससे गर्भ ठहरता है।

7. सूजाक: उलटकंबल के ताजे पत्ते और टहनियों की छाल को एक साथ बारीक पीसकर शीतल जल से छान लें। इसका सेवन सूजाक रोग में बहुत उपयोगी होता है।

8. बहुमूत्र इक्षुमेह और मधुमेह: 10 से 20 मिलीलीटर उलटकंबल का रस निकालकर सुबह-शाम सेवन करने से रोग में जल्द लाभ होता है।

9. योनि दर्द: उलटकंबल की जड़ का रस 5 और 10 मिलीलीटर चीनी को मिलाकर पीने से योनि के दर्द में आराम मिलता है।

10. अनियमित मासिक

  • धर्म के साथ ही, गर्भाशय, जांघों और कमर में तेज दर्द हो तो उलटकंबल की जड़ का रस 4 मिलीलीटर निकालकर चीनी के साथ सेवन करने से 2 दिनों में ही लाभ होता है।
  • उलटकंबल की पच्चास ग्राम सूखी छाल को जौ कूटकर 625 मिलीलीटर पानी में काढ़ा तैयार करें। यह काढ़ा उचित मात्रा में दिन में तीन बार लेने से कुछ ही दिनों में मासिक-धर्म उचित समय पर होने लग जाता है। इसका प्रयोग मासिक-धर्म शुरू होने से एक सप्ताह पहले से मासिक धर्म आरम्भ होने तक देना चाहिए।  
  • उलटकंबल की जड़ की छाल का चूर्ण 4 ग्राम और कालीमिर्च के 7 दाने सुबह-शाम पानी के साथ मासिक-धर्म के समय 7 दिनों तक सेवन करें। दो से चार महीनों तक यह प्रयोग करने से गर्भाशय के सभी दोष मिट जाते हैं। यह प्रदर और बांझपन की सर्वश्रेष्ठ औषधि है।

पथ्य : भोजन में केवल दूध और चावल लें तथा ब्रह्मचर्य से रहें।

उलट कम्बल के नुकसान : Ulat Kambal Side Effects in Hindi

उलट कम्बल लेने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श करें ।

अस्वीकरण : ये लेख केवल जानकारी के लिए है । myBapuji किसी भी सूरत में किसी भी तरह की चिकित्सा की सलाह नहीं दे रहा है । आपके लिए कौन सी चिकित्सा सही है, इसके बारे में अपने डॉक्टर से बात करके ही निर्णय लें।

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