कुमार कल्याण रस क्या है ? : Kumar Kalyan Ras in Hindi
कुमार कल्याण रस टेबलेट रूप में एक आयुर्वेदिक दवा है। इसका उपयोग बच्चों में बुखार, खांसी, पीलिया, दस्त ,दुर्बलता आदि के उपचार में किया जाता है।
बच्चे अगर निरोग रहें और उन्हें पौष्टिक आहार मिले तो वे उम्र के प्रभाव से किसी पौष्टिक योग यानी टॉनिक का सेवन किये बिना ही स्वस्थ, चुस्त और सुडौल शरीर वाले बने रहते हैं इसलिए उन्हें किसी टॉनिक यानी बलवर्द्धक नुस्खे का सेवन करने की ज़रूरत नहीं पड़ती। जो बच्चे किसी रोग या अन्य कारणों से दुबले पतले और कमज़ोर शरीर वाले हों उनके लिए एक हितकारी आयुर्वेदिक योग ‘कुमार कल्याण रस’ के विषय में उपयोगी विवरण इस लेख में प्रस्तुत किया जा रहा है।
कुमार कल्याण रस के घटक द्रव्य : Kumar Kalyan Ras Ingredients in Hindi
✦ रस सिन्दूर
✦ मोती भस्म
✦ स्वर्ण भस्म
✦ अभ्रक भस्म
✦ लोह भस्म
✦ स्वर्ण माक्षिक भस्म
सभी बराबर-बराबर की मात्रा में।
कुमार कल्याण रस बनाने की विधि :
सभी घटक द्रव्यों को लेकर मिला लें और घीकुआर (ग्वारपाठा) के रस में दिन भर घोंट कर आधी-आधी रत्ती की गोलियां बना लें। आयुर्वेद सारसंग्रह ग्रन्थ के अनुसार रस सिन्दूर के स्थान पर मकरध्वज लिया जाए तो अधिक गुणकारी योग बनता है ऐसा ग्रन्थकार का अनुभव है।
उपलब्धता : यह योग इसी नाम से बना बनाया आयुर्वेदिक औषधि विक्रेता के यहां मिलता है।
कुमार कल्याण रस की मात्रा और सेवन विधि : Dosage of Kumar Kalyan Ras
- सुबह शाम छोटे शिशु को आधी आधी गोली माता के दूध में पीस कर चटाएं और ऊपर से माता अपना दूध पिला दे।
- बड़े बच्चों को, 1-1 गोली पीस कर शहद में मिला लें और वच (वचा) का एक ग्राम महीन पिसा चूर्ण मिला कर, चटाएं व ऊपर से थोड़ा सा दूध पिला दें।
- यदि शिशु या बड़े बच्चे की हड्डियां कमज़ोर हों तो इसी खुराक में एक ग्राम प्रवालपिष्टी मिला लिया करें।
कुमार कल्याण रस का उपयोग : Kumar Kalyan Ras Uses in Hindi
☛ यह योग यथा नाम तथा गुण, बच्चों के लिए अत्यन्त कल्याणकारी है। यह बच्चों के सभी अंग-प्रत्यंगों के, जैसे फुफुस, हृदय, मस्तिष्क, यकृत, उदर, मूत्रसंस्थान आदि के, विकार नष्ट कर उन्हें स्वस्थ और बलवान रखता है।
☛ शिशु रोगों जैसे खांसी, उलटी-दस्त, डब्बा, श्वास कष्ट, दुर्बलता, क्षीणता आदि को नष्ट करने में कुमार कल्याण रस योग अत्यन्त उपयोगी है।
☛ कुमार कल्याण रस चेचक या मोतीझरे से बच्चे की रक्षा करता है।
☛ यदि अच्छे भले स्वस्थ बच्चे को भी 1-2 सप्ताह सेवन करा दिया जाए तो उसके शरीर को कुमार कल्याण रस और भी पुष्ट व सुडौल बना देता है।
☛ यह उत्तम रसायन होने के साथ-साथ योगवाही भी है इसलिए अन्य स्वास्थ्यरक्षक औषधि के साथ अनुपान के रूप में भी इसे दिया जा सकता है।
☛ कुमार कल्याण रस किशोर अवस्था तक के बालक-बालिकाओं को दिया जा सकता है। इसके कुछ विभिन्न प्रयोग प्रस्तुत हैं।
रोग उपचार में कुमार कल्याण रस के फायदे : Kumar Kalyan Ras Benefits in Hindi
बाल शोष में कुमार कल्याण रस का इस्तेमाल फायदेमंद
किसी रोग से ग्रस्त होने पर बच्चों की जीवनी-शक्ति (Vital force) बड़ी तेज़ी से कम होने लगती है और धातुओं का पोषण होना बन्द हो जाता है जिससे बच्चों के पाचक अंग यकृत (लिवर) आदि निर्बल हो जाते हैं। इससे पाचन क्रिया बिगड़ जाती है, खाया-पिया अंग नहीं लगता और रस, रक्त आदि धातुओं के निर्माण और विकास में रुकावट हो जाती है जिससे बच्चा दिन ब दिनं कमज़ोर और क्षीणकाय होता जाता है। इसे ‘बाल-शोष’ कहते हैं इस स्थिति को ठीक करने के लिए कुमार कल्याण रस एक उत्तम योग है।
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शिशु के शरीर को स्वस्थ और सुडौल बनाने में कुमार कल्याण रस का उपयोग लाभदायक
स्वास्थ्य-रक्षा सम्बन्धी पर्याप्त शिक्षा और जानकारी न मिलने या आर्थिक परिस्थितियों के कारण अधिकांश भारतीय माताओं के अस्वस्थ और कमज़ोर शरीर की होने या गर्भकाल में उचित और पर्याप्त मात्रा में पोषक आहार न मिलने से गर्भस्थ शिशु का शरीर स्वस्थ और सुडौल नहीं बन पाता और ऐसी माताएं एक कमज़ोर व दुर्बल शिशु को जन्म देती हैं। इन्हीं कारणों से वे शिशु को दूध भी नहीं पिला पातीं क्योंकि पर्याप्त मात्रा में उनके स्तनों में दूध आता ही नहीं और जो थोड़ा बहुत आता भी है वह पौष्टिक नहीं होता।
ऐसी स्थिति में बालक को इस रस के साथ 1-1 चम्मच अरविन्दासव पिलाया जाए और माता को कुमार कल्याण रस, प्रवाल पिष्टी और सितोपलादि चूर्ण- तीनों को समभाग मिला कर, दिन में तीन बार, 1-1 ग्राम मात्रा में, इस मिश्रण को थोड़े से शहद में मिला कर सेवन कराया जाए और आहार में दूध की मात्रा बढ़ा दी जाए तो शिशु का शरीर और स्वास्थ्य तेज़ी से सुधर सकता है।
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बच्चों में लिवर की कमजोरी मिटाए कुमार कल्याण रस का उपयोग
प्रायः 6-7 माह का होते होते शिशु को अन्नाहार खिलाना शुरू कर दिया जाता है। प्रायः आधुनिक रंग-ढंग वाली माताएं शिशु को दूध पिलाना बहुत जल्दी बन्द कर देती हैं जबकि जब तक बच्चे के दांत दाढ़ न निकल आएं तब तक माता को अपना ही दूध पिलाना चाहिए। माता के दूध से अधिक श्रेष्ठ और पोषक आहार अन्य कोई भी नहीं। यदि शुरू के 2-3 वर्ष में शिशु के शरीर का उचित पोषण नहीं किया जाए तो बाद में उपाय करना इतना गुणकारी नहीं रहता क्योंकि बुनियाद ही ग़लत हो जाती है। इसी के परिणाम स्वरूप प्रायः बच्चों का लिवर कमज़ोर हो जाता है या बढ़ जाता है।
ऐसी स्थिति में बच्चों को इस रस के साथ 1-1 चम्मच कुमार्यासव भी देना चाहिए। इस प्रयोग से धीरे-धीरे बच्चे का लिवर (यकृत) ठीक होने लगता है जिससे बच्चे के स्वास्थ्य में सुधार होने लगता है और बच्चे का दुबलापन दूर हो कर शरीर पुष्ट और सुडौल हो जाता है।
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बच्चों की रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाने में कुमार कल्याण रस करता है मदद
कुछ बालक विषमज्वर, मोतीझरा या डब्बा आदि रोग से ग्रस्त होने के बाद कमज़ोर हो जाते हैं और उनका शरीर पनपता नहीं। पौष्टिक आहार देने पर भी उन्हें लाभ नहीं होता क्योंकि आहार ठीक से हज़म ही नहीं होता। रोग प्रतिरोधक शक्ति क्षीण हो जाने की वजह से बच्चे को हमेशा सर्दी-जुकाम बना रहता है, नाक बहती रहती है, हलका हलका बुखार भी बना रह सकता है। ऐसे बच्चे स्वभाव से चिड़चिड़े और रोते रहने वाले हो जाते हैं।
ऐसे बालकों को पानी में सोंठ घिस कर, इस लेप के साथ, कुमार कल्याण रस शहद में मिला कर चटाने से थोड़े ही समय में रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ने लगती है, धातुएं पुष्ट होने लगती हैं और बच्चा हृष्ट पुष्ट हो जाता है। ऐसे बच्चों के शरीर पर नियमित रूप से तेल मालिश करने से और भी जल्दी लाभ होता है।
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बच्चे की शीत प्रकोप से रक्षा करने में लाभकारी है कुमार कल्याण रस का प्रयोग
जो बच्चे शीत और शीतल वायु का आघात नहीं सह पाते वे ज़रा-ज़रा में सर्दी, खांसी, फुफुस-शोथ (ब्रोंकाइटिस), गले की खराबी, टांसिलाइटिस, श्वास रोग आदि के शिकार हो जाते हैं। उनके गले से गढ़-गढ़ की आवाज़ आती रहती है सांस लेते समय भी गड़गड़ाहट होती है। ऐसे बच्चों के लिए बच और सोंठ घिस कर लेप तैयार करें और कुमार कल्याण रस शहद में मिला कर इस लेप (आधा चम्मच) के साथ सुबह शाम बच्चे को चटाएं। बहुत उत्तम उपाय है।
संक्षेप में इतना और कह कर यह विवरण समाप्त करते हैं कि कुमार कल्याण रस दरअसल शिशुओं
और बालक-बालिकाओं के लिए अमृत के समान योग है। अपने शिशु और किशोर अवस्था के बच्चों को इसका सेवन अवश्य कराएं। यह इसी नाम से बना-बनाया बाज़ार में मिलता है।
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कुमार कल्याण रस का मूल्य : Kumar Kalyan Ras Price in Hindi
- बैद्यनाथ कुमार कल्याण रस – 10 tablet – 1,460 रूपए
- डाबर कुमार कल्याण रस – 10 tablet – 1,100 रूपए
- धूतपापेश्वर कुमार कल्याण रस – 10 tablet – 1,404 रूपए
- झंडू कुमार कल्याण रस – 15 tablet – 800 रूपए
कुमार कल्याण रस के नुकसान : Kumar Kalyan Ras Side Effects in Hindi
1- कुमार कल्याण रस लेने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श करें ।
2- कुमार कल्याण रस को डॉक्टर की सलाह अनुसार ,सटीक खुराक के रूप में समय की सीमित अवधि के लिए लें।