Last Updated on October 25, 2024 by admin
मशरूम (कुकुरमुत्ता / कवक) क्या है ? : Mushroom in Hindi
मशरूम (कुकुरमुत्ता / कवक) को लेकर हमेशा भ्रांति रहती है। विशेषतौर पर शाकाहारी इससे परहेज करते हैं। न तो ये पौधा है और न ही ये जीव-जंतु। प्राचीन काल में इन्हें जादुईमाना जाता था, क्योंकि यह पता नहीं था कि यह बार-बार कैसे पैदा हो जाते हैं। मशरूम तेजी से बढ़ते हैं, कई बार तो रात में ही तेजी से खड़े हो जाते हैं। इस में न तो जड़ होती है और न ही बीज रहते हैं। दिखने में स्प्रिंग की भांति रहते हैं।
क्या मशरूम शाकाहारी भोजन है ? :
वैज्ञानिक या तकनीकी रूप से देखा जाए तो मशरूम पौधा नहीं है। ये फंगई की श्रेणी में आता है, जो पौधा कतई नहीं है। तो प्रश्न उठता है कि शाकाहारियों को मशरूम खाना चाहिये या नहीं?
मशरूम जिस श्रेणी में है, वह वनस्पति और जीव-जंतु के वर्ग से अलग फंगई है । फंगई जेनेटिकली वनस्पतियों की बजाय जीव से ज्यादा संबंधित है। टेक्सोनॉमी के अनुसार भी ये शाकाहारियों के लिए नहीं है।
परिभाषा भी इसे वनस्पति नहीं मानती :
- पौधों की तरह यह अपना आहार नहीं बनाता । न इसमें पत्ते हैं न जड़े।
- पौधे सूर्य की रोशनी से पोषण ग्रहण करते हैं, फंगई और पशु नहीं । फंगई और पशु अपने आहार के लिए अन्य जीवों पर निर्भर रहते हैं, वह मृत वनस्पति या जीव कुछ भी हो सकता है।
- फंगई प्रजाति में चिटिन होता है जो ग्लूकोज का पोलिसेकराइड डेरिवेटिव है। यह कीटों में भी पाया जाता है। ऐसा सेल्यूलोज पौधों में नहीं होता।
- फंगई मानव जैसे ही श्वास लेते हैं , वे पौधों की तरह कार्बन डायऑक्साइड लेकर ऑक्सीजन नहीं देते।
- इसकी संरचना भी पशुओं के समान होती है।
मशरूम के प्रकार :
संसार में लगभग दस हजार प्रजातियां खाने योग्य मशरूम की पाई जाती हैं। भारतीय वातावरण में मशरूम की खेती की जाने वाली तीन मुख्य प्रजातियां है –
- बटन मशरूम
- सीप मशरूम (ओएस्टर मशरूम)
- पुआल मशरूम (पैडीस्ट्रा मशरूम)
मशरूम में मौजूद पोषक तत्व :
न्यूट्रीशन एक कप सफेद कच्चे मशरूम में –
- कैलोरी 15, फैट नहीं , प्रोटीन 2.2 ग्राम, कार्ब 2.3 ग्राम, फाइबर 0.7 ग्राम।
- मशरूम में आयरन , पोटैशियम, कॉपर, विटामिन बी, डी और सेलेनियम भरपूर मात्रा में होता है। आइये जाने क्या मशरूम शरीर के लिए अच्छे हैं ?
मशरूम के गुण :
मशरूम छत्रक जाति की वनस्पति है। मशरूम की आकृति छतरी की तरह होती है। यह डेढ़ से 2 सेंटीमीटर तक के आकार की होती है, जबकि उगने वाली मशरूम का आकार अधिक होता है। खून की वृद्धि होती है और शरीर में प्रोटीन की मात्रा विकसित होती है, क्योंकि मशरूम में प्रोटीन, दूध, आलू और मांस से भी 2 गुना मात्रा में होता है। मशरूम के सेवन से फोलिक अम्ल की कमी पूरी होती है। अनाजों की अपेक्षा मशरूम के प्रोटीन सरलता से पचकर भरपूर शक्ति देते हैं।
मशरूम के उपयोग :
- मशरूम में प्रोटीन तत्व अधिक मात्रा में होने के कारण शरीर में प्रोटीन की कमी से होने वाले रोग-विकारों से सुरक्षा होती है।
- मशरूम में पाए जाने वाले प्रोटीन एमिनों एसिड्स, लायसिन और ट्राइप्टोसिन आदि अति शीघ्र पच जाते हैं।
- मशरूम में विटामिन `बी´ की अधिकता से बेरी-बेरी रोग से सुरक्षा होती है।
- गर्भावस्था में मशरूम की सब्जी खाने से महिलाओं को पर्याप्त मात्रा में फोलिक अम्ल, नियासिन, वायमिन, राइबोफ्लेकिन तथा `बी´ कॉम्पलेक्स समूह के विटामिन प्राप्त होते हैं।
- मधुमेह रोग से पीड़ित स्त्री-पुरुषों को मशरूम के सेवन से अधिक लाभ होता है। मशरूम शारीरिक शक्ति को विकसित करता है।
- आधुनिक चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार मशरूम का सेवन करने से कैंसर रोग से सुरक्षा होती है, क्योंकि इसमें कैंसर विरोधी तत्व होते हैं।
- मशरूम का सूप बनाकर पीने से खून में वृद्वि होती है।
मशरूम के स्वास्थ्य लाभ : Mushroom ke Fayde in Hindi
1. जापानी शिताके और एनोकी से लेकर इटैलियन पोरसिनी बहुत सामान्य व्हाइट बटन मशरूम हैं । सर्वाधिक लोकप्रिय पोर्टाबेला को क्रिमिनी के रूप में भी पहचाना जाता है । ये विभिन्न प्रकार के मशरूम अलग स्वाद, आकार में पाए जाते हैं। अधिकांश मशरूम विटामिन बी, सी, सेलेनियम, आयरन और अन्य मिनरल्स का बेहतर स्रोत रहते हैं।
2. एंटीऑक्सीडेंट्स में ये हरी मिर्च, गाजर, हरा चना, टमाटर को भी पीछे छोड़ देते हैं। इसमें जो एंटीऑक्सीडेंट्स हैं, वे पकाने के दौरान न तो निष्क्रिय होते हैं, न ही नष्ट होते हैं।
3. मशरूम में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स बढ़ती उम्र के लक्षणों को कम करने के साथ वजन घटाने में मदद करते हैं।
4. मशरूम में मौजूद विटामिन डी हड्डियों को मजबूत बनाने में सहायक होता है।
5. कुछ स्टडी में यह भी बताया गया है की मशरूम का सेवन रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के साथ कैंसर होने की संभावना को भी कम करता है।
6. मशरूम से मोटापा नहीं होता है, साथ ही ये मधुमेह और दिल की बीमारियों के खतरे को भी कम करते हैं। यह रंग साफ करते हैं, बालों में चमक लाते हैं, मानव त्वचा की तरह सूर्य के संपर्क में आने पर विटामिन डी देते हैं।
7. मशरूम याददाश्त बढ़ाने के साथ मांसपेशियों की सक्रियता बढ़ाने में बेहद फायदेमंद होता है।
मशरूम खाने के दुष्प्रभाव : Mushroom Khane ke Nuksan
- आयुर्वेद इसे तामसिक मानता है, क्योंकि इसे पचाना आसान नहीं होता।
- मशरूम के सेवन के बाद संवेदनाएं शिथिल होने लगती हैं।
- जहरीले होने के कारण इसमें ई-कोलि वायरस भी होने का खतरा रहता है।
अस्वीकरण: इस लेख में उपलब्ध जानकारी का उद्देश्य केवल शैक्षिक है और इसे चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं ग्रहण किया जानाचाहिए। कृपया किसी भी जड़ी बूटी, हर्बल उत्पाद या उपचार को आजमाने से पहले एक विशेषज्ञ चिकित्सक से संपर्क करें।