नाखून का रंग ,बनावट और आपका स्वास्थ्य : Nail Color and Texture and Your Health

Last Updated on February 4, 2024 by admin

अपने नाखूनों को देखकर पहचान सकते हैं बीमारी :

सावधानी बरतने के क्रम में आप हमेशा अपनी हर अंगलियों के नाखूनों को बारीकी से देखते रहें और यह जानने की कोशिश करें कि कहीं उनका रंग बदल तो नहीं रहा है या उनकी चमक कम तो नहीं हो रही है। नाखून कैरेटिन नाम के पदार्थ से बनते हैं, कैरेटिन एक पोषक तत्व है, जो बालों और त्वचा में भी पाया जाता है। जब भी शरीर में पोषक तत्वों की कमी के चलते कोई बीमारी होना शुरू होती है, तब कैरेटिन की सतह प्रभावित होने लगती है। इससे नाखूनों के रंग एवं आकार में परिवर्तन होने लगता है।

आपके शरीर के अंदर क्या कुछ हो रहा है और आपकी सेहत कैसी है, यह जानकारी नाखूनों से भी मिलती है। आपके नाखूनआपकी सेहत के बारे में बहुत कुछ बता देते हैं। कई बार तो नाखून उन बीमारियों के बारे में भी बता देते हैं, जिनके बारे में आमतौर पर लोग अनभिज्ञ रहते हैं।

नाखून लालिमायुक्त सफ़ेद, साफ़-सुथरे और चमकीले होने चाहिए। अगर नाखून जल्दी टूट रहे हैं तो इसका अर्थ है कि ज़रूर शरीर में कोई ऐसी क्रिया हो रही है, जो देर-सबेर बीमारी के रूप में सामने आ सकती है। ऐसा भी हो सकता है कि शरीर में मिनरल्स और प्रोटीन समेत दूसरे पोषक तत्वों की कमी हो रही हो। थायरॉइड की समस्या, हार्मोन्स के असंतुलित होने का असर भी नाखूनों पर होता है।

नाखून के रंग से हमारे स्वास्थ्य व रोग की पहचान :

नाखून देखकर पहचाने अपनी सेहत समस्याएं –

1. पीला रंग के नाखून : हल्के पीले, फ़ीके या कमज़ोर नाख्न एनीमिया, कुपोषण, हृदय रोग और लिवर की बीमारी का संकेत देते हैं। फंगल इन्फेक्शन होने पर नाखून पीले हो जाते हैं। डायबिटीज़, पीलिया, सिरोसिस और थायरॉइड जैसी बीमारी में नाखून पीले हो जाते हैं। अगर पीले-मोटे नाखून धीमी गति से बढ़ रहे हैं, तो यह फेफड़े की बीमारी का संकेत हो सकता है।

2. सफ़ेद धब्बे या सफ़ेद रंग के नाखून : कभी-कभी नाखूनों पर सफ़ेद धब्बे नज़र आने लगते हैं, तो वहीं कई बार पूरा नाखून ही सफ़ेद नज़र आता है। नाखूनों में यह सफ़ेदी लिवर, हृदय और आँत के रोग होने का संकेत देती है। अत्यधिक वसा का स्तर शरीर में बढ़ने पर भी नाखून सफ़ेद हो जाते हैं, खून की कमी भी इसका एक कारण है।

3. गहरे लाल रंग के नाखून : जब नाखूनों का रंग गहरा लाल होने लगे, तो यह हाई ब्लडप्रेशर का संकेत हो सकता है। इसी तरह अगर नाखूनों का रंग जामुनी हो जाए, तो समझ जाएँ कि आप लो ब्लडप्रेशर की चौथी अवस्था से गुज़र रहे हैं।

4. पर्पल या नीले रंग के नाखून : अगर शरीर में ऑक्सीजन का संचार ठीक प्रकार से नहीं हो रहा है, तो नाखून का रंग नीला होने लगता है। यह फेफड़े में संक्रमण, दिल की बीमारी या न्यूमोनिया का संकेत देता है। पाचनतंत्र की गड़बड़ी, अनिद्रा, डिप्रेशन, जीर्ण डायरिया एवं क़ब्ज़ में भी नाखून लाल हो जाते हैं।

5. गुलाबी और सफ़ेद रंग के नाखून : जब आधे नाखून का रंग अचानक गुलाबी और आधे नाखून का रंग सफ़ेद हो जाए तो समझ लीजिए कि यह गुर्दे के रोग का संकेत है।

6. गुलाबी और चमकदार नाखून : गुलाबी और चमकदार तथा चिकने नाखन बेहतरीन स्वास्थ्य की निशानी हैं। यदि नाखूनों का यह रंग न हो, तो वह इंगित करता है कि स्वास्थ्य ख़राब है या ख़राब होने वाला है।

7. नाखूनों पर लकीरें : यह कार्बोहाइड्रेट, नमक एवं शुगर का अधिक मात्रा में सेवन करने की निशानी है। लिवर, किडनी एवं पाचनतंत्र कमज़ोर होने पर भी नाखूनों पर लकीरें बन जाती हैं।

8. नाखूनों के सिरों का फटना : यह हृदय, प्रजनन और तंत्रिका तंत्र की कमज़ोरी को सचित करता है। यह टेस्टीज़ और ओवरी की क्रियाविधि में गड़बड़ का एक भरोसेमंद सूचक है। जिस तरफ़ की ओवरी या टेस्टिकल की क्रियाविधि गड़बड़ होगी उस तरफ़ के अँगूठे के नाखून के सिरे फटे हुए होंगे।

9. नाखूनों पर गड्ढे : अचानक से डाइट में परिवर्तन करने से नाखूनों में गड्ढे दिखाई देते हैं। यदि हम किसी एक जगह से दूसरी जगह या किसी अन्य देश में बस जाते हैं, तो भी नाखूनों में ये परिवर्तन आ जाते हैं।

10. नाखूनों का छिलना : शुगर, जंक फूड्स, सॉफ्ट ड्रिंक्स, अत्यधिक दवाइयों का सेवन करने से शरीर में मिनरल्स की कमी हो जाती है और नाखून छिलने लगते हैं। माहवारी की समस्या, यौन रोग , अनिद्रा, थकान, डिप्रेशन और डर का भी एक लक्षण नाखूनों का छिलना है।

11. नाखूनों के बेस पर चंद्रमा बनना (व्हाइट मून) : यदि आपकी चयापचय या मेटाबॉलिक दर धीमी है तो मून छोटा बनेगा। यदि चंद्रमा बड़ा है तो यह बताता है कि मेटाबॉलिज़्म की दर तेज़ है। बुढ़ापे में यह मून दिखाई नहीं देता है। अत्यधिक बड़ा मून शारीरिक दुर्बलता की निशानी है। (आगे पढ़ने – नाखून अन्दर की ओर बढ़ना रोग का घरेलु उपचार )

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