Last Updated on December 23, 2019 by admin
शिला प्रमेह वटी क्या है ? Shila Prameha Vati in Hindi
शिला प्रमेह वटी टैबलेट के रूप में एक आयुर्वेदिक औषधि है। शिला प्रमेह वटी एक ऐसा अद्भुत आयुर्वेदिक योग है जिसका उपयोग मधुमेह रोग (डायबिटीज) ,कमजोरी, थकावट, सुस्ती,नपुंसकता, सहित कई अन्य व्याधियों के उपचार के लिए किया जाता है।
मधुमेह आजकल आमतौर से पाया जाने वाला रोग हो गया है। हमारे देश में इस रोग के रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है और इसीलिए इसके निदान व उपचार की विधियों में नित नये आयाम स्थापित हो रहे हैं। ऐसे प्रयास किये जा रहे हैं जिनमें मधुमेह होते हुए भी रोगी सामान्य व्यक्तियों की भांति जीवन व्यतीत कर सके ।
मधुमेह रोग अपने साथ कई जटिलताएं और उपद्रव भी पैदा करता है। इस रोग के प्रति कोई जानकारी आम आदमी को होती नहीं इसलिए अज्ञानता और लापरवाही के कारण इस रोग का निदान और उपचार करने में देर हो जाती है जिससे हृदय, किडनी, रक्त नलिकाएं, लिवर, नेत्र ज्योति, स्मरणशक्ति, स्नायविक संस्थान आदि अंगों पर बुरा प्रभाव पड़ने लगता है और इन अंगों में कमज़ोरी तथा व्याधियां पैदा होने लगती हैं।
जो व्यक्ति रोग के प्रति सतर्क और जागरूक रहते हैं वे रोग के लक्षण यानी अस्वस्थता का अनुभव करते ही उचित निदान (Diagnosis) करवा कर तत्काल चिकित्सा और पथ्य का पालन एवं अपथ्य का त्याग करना शुरू कर देते हैं वे रोग को प्रारम्भिक अवस्था में ही खत्म कर देते हैं और शरीर व स्वास्थ्य को हानि पहुंचाने वाले प्रभाव तथा उपद्रव पैदा ही नहीं होने देते।
मधुमेह रोग के लक्षण देखते ही सावधान हो जाना चाहिए और इसको बढ़ने से रोकने के साथ इसको जड़ से समाप्त करने के लिए आवश्यक आहार-विहार और उचित चिकित्सा तत्काल शुरू कर देना चाहिए।
इस रोग पर सफलता पूर्वक नियन्त्रण रखने वाले आयुर्वेदिक योग – ‘शिला प्रमेह वटी’ के बारे में जानकारी प्रस्तुत की जा रही है।
शिला प्रमेह वटी के घटक द्रव्य : Shila Prameha Vati Ingredients in Hindi
✦ मधुमेह दमन चूर्ण – 20 ग्राम
✦ शुद्ध शिलाजीत – 10 ग्राम
✦ प्रमेह गज केसरी – 5 ग्राम
✦ गिलोय सत्त्व – 5 ग्राम
✦ आमलकी रसायन – 5 ग्राम
✦ तेजपान – 5 ग्राम
भावना द्रव्य –
✦ सालसारादिगण क्वाथ – 30 ग्राम
✦ कुटकी – 5 ग्राम
✦ हरिद्रा – 10 ग्राम
शिला प्रमेह वटी बनाने की विधि :
भावना द्रव्यों को जौ कुट करके एक गिलास पानी में डाल कर उबालें। जब पानी एक कप रह जाए तब उतार कर छान लें और ऊपर लिखे घटक द्रव्यों को कूट पीस कर बारीक चूर्ण करके खरल में डाल दें और उसमें भावना द्रव्यों का काढ़ा डाल कर तब तक घुटाई करें जब तक सारे द्रव्य मिल कर एक जान न हो जाएं। फिर आधा-आधा ग्राम की गोलियां बना कर छाया में खूब सुखा कर शीशी में भर लें।
उपलब्धता : यह योग इसी नाम से बना बनाया आयुर्वेदिक औषधि विक्रेता के यहां मिलता है।
शिला प्रमेह वटी की सेवन विधि और मात्रा : Dosage of Shila Prameha Vati
2-2 गोली सुबह शाम फीके दूध या ठण्डे पानी के साथ।
शिला प्रमेह वटी के लाभ : Shila Prameha Vati Benefits in Hindi
बढ़ती हुई शर्करा को नियन्त्रण करे शिला प्रमेह वटी का प्रयोग (Shila Prameha Vati Helps to Reduce Sugar Level)
इस योग के सेवन से मधुमेह रोग के कारण उत्पन्न होती और बढ़ती हुई शर्करा पर नियन्त्रण हो जाता है भले ही शर्करा केवल मूत्र में आती हो या रक्त में भी बढ़ी हुई हो।
( और पढ़े – शुगर लेवल बढ़ने के कारण और कम करने के उपाय )
पेंक्रियाज की मजबूती में शिला प्रमेह वटी का उपयोग फायदेमंद
इस योग के सेवन से अग्नाशय (पेंक्रियाज़) सबल हो कर पर्याप्त मात्रा में इन्सुलिन बनाने लगता है और शर्करा को सामान्य स्तर से ज्यादा नहीं होने देता।
( और पढ़े – आइये जाने क्या है इन्सुलिन ,इसके कार्य और कमी के दुष्परिणाम)
मधुमेह में लाभकारी है शिला प्रमेह वटी का सेवन (Shila Prameha Vati Uses in Controlling Diabetes)
मधुमेह रोग होने पर कुछ लक्षण प्रकट होते हैं जैसे मुंह सूखना, अधिक मात्रा में बारबार पेशाब आना, अधिक प्यास लगना, बहुत ज्यादा भूख लगना फिर भी वजन कम होते जाना, रात को पेशाब आना, शरीर में कमज़ोरी, थकावट और सुस्ती बनी रहना, त्वचा पर बार बार फोड़े फुँसी होना और जल्दी ठीक न होना, पैरों की एड़ियां फटना, घाव जल्दी न भरना, महिलाओं को मूत्र मार्ग में खुजली होना, पैरों व छाती में दर्द होना, नपुंसकता होना, नेत्र ज्योति कमज़ोर होना, शरीर पर सूजन आना, जोड़ों का दर्द, मुंह मीठा मीठा और दुर्गन्ध युक्त रहना आदि। इन लक्षणों को दूर करना ही मधुमेह पर नियन्त्रण करना है और यह काम शिला प्रमेह वटी सफलता पूर्वक कर दिखाती है।
( और पढ़े – डायबिटीज (शुगर) में क्या खाएं क्या नहीं )
शिला प्रमेह वटी के इस्तेमाल से वात प्रकोप में लाभ (Shila Prameha Vati Uses to Cure Arthritis Disease in Hindi)
मधुमेह में वात प्रकोप के कारण पूरे शरीर में दर्द होता है, रक्तवाहिनी नाड़ियों में वात प्रकोप होने से दर्द होने लगता है। चाल में लंगड़ापन और हाथ पैरों में कम्पन होने लगता है। इस योग में एक प्रमुख घटक द्रव्य है शिलाजीत जिसे आयुर्वेद ने शर्करा नियन्त्रण करने वाला श्रेष्ठ द्रव्य बताया है यथा- ‘न सोऽस्ति रोगो भुवि साध्य रूपः शिलाह्य यन्न जयेत प्रसह्य ।’ अर्थात् संसार में रसादि धातु की विकृति जन्य ऐसा कोई रोग नहीं है जो शिलाजीत का सेवन करने से नष्ट न हो जाता हो। इस तरह शिला प्रमेह वटी के सेवन से मधुमेह रोग, प्रमेह,धातु दौर्बल्य, मधुमेह जन्य नपुंसकता तथा अन्य यौन रोग भी नष्ट हो जाते हैं। इसके साथ सुबह शाम व्यास फार्मास्युटिकल्स द्वारा निर्मित ‘विगोजेम टेबलेट’ 1-1 गोली लेने से विशेष और जल्दी लाभ होता है। यह शिला प्रमेह वटी बाज़ार में । इसी नाम से बनी बनाई मिलती है।
( और पढ़े – शिलाजीत के फायदे और नुकसान )
शिला प्रमेह वटी का मूल्य : Shila Prameha Vati Price
Vyas pharmaceuticals Shila Prameha Vati – 160 Rs
यह शिला प्रमेह वटी के नुकसान : Shila Prameha Vati Side Effects in Hindi
शिला प्रमेह वटी लेने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श करें ।