Last Updated on November 28, 2020 by admin
सूर्य के पराबैंगनी व अवरक्त प्रकाश में अधिक रह जाने से शरीर धूप में झुलस जाता है। शुरू में त्वचा पर लाल चकते नज़र आते हैं; बाद में त्वचा सूजी हुई व दर्दभरी हो जाती है।
ज़्यादातर तो धूप में झुलसी त्वचा बहुत साधारण स्तर पर झुलसी होती है व कुछ ही दिनों में अपने आप ठीक हो जाती है परंतु लगातार झुलसने से त्वचा का कैंसर हो जाने का जोखिम बढ़ जाता है।
आयुर्वेद के अनुसार सनबर्न के कारण (Sunburn ke Karan in Hindi)
आयुर्वेद के अनुसार सनबर्न पित्त दोष विकृति से होता है और उसकी चिकित्सा पित्तशामक द्रव्यों से की जाती है।
सनबर्न से बचने के प्राकृतिक उपाय (Sunburn se Bachne ke Upay in Hindi)
निम्न उपायों को अपनाकर धूप में झुलसने से बचा जा सकता है –
- धूप से झुलसने से बचना हो तो 12 बजे से 4 बजे तक बाहर निकलते समय मुँह व सिर पर नरम, सफेद व पतला कपड़ा लपेटकर निकलें क्योंकि इस समय धूप का असर सर्वाधिक होता है।
- आधे घंटे से अधिक धूप में रहना हो तो नीम तेल की कुछ बूंदें, तिल के तेल में मिलाकर लगाएँ ताकि धूपरोधी तह बन जाएँ।
- ग्रीष्मकाल में नारियल पानी, मट्ठा, छाछ, कैरी का पन्ना, ताजे फलों का रस इत्यादि खूब पीते रहें।
- धूप में झुलसने से बचाव व उपचार के लिए भी नीम का तेल बहुत उपयोगी है। नहाने से पहले व बाद में त्वचा पर नीम का तेल लगाएँ। कुछ बूंद तिल तेल इसमें मिलाकर लगाना और अच्छा रहेगा।
सनबर्न से बचने के नुस्खे (Sunburn se Bachne ke Nuskhe in Hindi)
धूप में झुलसने से बचने हेतु कुछ नुस्खे निम्नलिखित हैं –
- मसालेदार खाने व किण्वित (fermented) भोजन कम खाएँ तथा कार्बोनेटेड पेय कैफीन, तैलीय भोजन कम करें।
- ठंडे, मीठे खाद्यपदार्थ व पेय पदार्थों का सेवन करें, जैसे कि ताज़े व मौसमी फल, खीरा ककड़ी, कच्चा सलाद।
- त्वचा में पानी पर्याप्त रहे इसके लिए तरल पदार्थ अतिरिक्त मात्रा में लेते रहें।
- पानी को गर्म करके सामान्य होने के बाद पीएँ। पानी ठंडा होने के बाद अनंतमूल की जड़ इसमें डालें, इससे बहुत फायदा होगा।
- गर्माहट को दूर रखने के लिए रोज़ छाछ पीने की आदत बनाएँ।
- बाहर निकलने से पहले खूब पानी पीकर बाहर जाएँ, नींबू पानी, संतरे और तरबूज का जूस व नारियल पानी पीएँ क्योंकि ऐसा करने से शरीर के पानी का स्तर बना रहेगा एवं धूप के हानिप्रद प्रभाव कम से कम रहेंगे।
सनबर्न का आयुर्वेदिक इलाज (Sunburn ka Ayurvedic Ilaj in Hindi)
धूप से झुलसने पर आयुर्वेदिक उपचार में निम्न उपाय किए जा सकते हैं –
1) एलोवेरा – प्रभावित भाग में एलोवेरा का जेल लगाएँ। ( और पढ़े – एलोवेरा जेल के फायदे और लगाने का सही तरीका )
2) घी – प्रभावित भाग पर कुछ घी लगाएँ। इससे ठंडक मिलेगी एवं नमी आएगी। ऐसा करने से त्वचा की जलन से राहत मिलेगी एवं त्वचा को सामान्य होने में सहायता मिलेगी। ( और पढ़े – गाय के देसी शुद्ध घी के फायदे )
3) बर्फ – धूप में झुलसी त्वचा पर सीधे ही बर्फ लगाएँ।
4) चंदन – चंदन की पेस्ट बनाकर प्रभावित भाग पर लगाएँ। इससे त्वचा को आराम मिलेगा एवं परेशानी इतनी नहीं बढ़ पाएगी। ( और पढ़े – चंदन के औषधीय गुण और फायदे )
5) दही – दही, हल्दी व जौ (बार्ली) का मिश्रण बनाकर झुलसी सतह पर लगाएँ तो बड़ा असर नज़र आ ही जाएगा। ( और पढ़े – दही खाने के फायदे और सेवन में सावधानियां )
6) गोभी – गोभी के पत्तों को लें और उन्हें बर्फ के ठंडे पानी में भिगो दें। जब वे ठंडे हो जाते हैं तो इन्हें प्रभावित त्वचा पर रखें। गोभी के पत्ते झुलसाहट को प्रभावशाली रूप से ठीक करते हैं।
7) नीम – नीम के तने की बारीक पेस्ट बनाएँ और प्रभावित त्वचा पर सीधे लगा दें। बची हुई पेस्ट को बाद में लगाने के लिए रेफ्रिजरेटर में रखा जा सकता है। ( और पढ़े – नीम के 51 कमाल के फायदे )
(अस्वीकरण : दवा ,उपाय व नुस्खों को वैद्यकीय सलाहनुसार उपयोग करें)