Last Updated on February 17, 2024 by admin
आधुनिक चिकित्सा विज्ञान ने मधुमेह के रोगी को टमाटर का सेवन करने से रक्त शर्करा नियंत्रित करने का गुण पाया है। टमाटर पाचनशक्ति को बढ़ाकर आंतों को ताकत देता है, कब्ज मिटाता है, जिससे आंतों की शुद्धि होती है। टमाटर का लाईकोपेन नामक तत्त्व कैंसर से बचाता है। टमाटर नेत्रों की शक्ति बढ़ाता है। हृदयाघात (हार्ट अटैक) का खतरा कम करता है। टमाटर रक्त-नलिकाओं में जमा यूरिक एसिड बाहर निकालता है। यूरिक एसिड तथा रक्त की अम्लता से उत्पन्न जैव विष (टॉक्सिन्स) को कम करता है।
टमाटर : एक प्राकृतिक स्वास्थ्य रक्षक
टमाटर को फल की तरह मानकर खाना अधिक लाभप्रद है। टमाटर एक अच्छा एंटिऑक्सीडेंट है। टमाटर में विटामिन ए, बी, सी, ई भरपूर मात्रा में पाया जाता है। सभी आवश्यक खनिज-लवण, पोषक तत्त्वों का भंडार है। टमाटर में विद्यमान विटामिन सी आयरन (लोहा) का अवचूषण बढ़ाता है, जिससे रक्त में हीमोग्लोबिन की मात्रा बढ़ती है। कैल्शियम-फास्फोरस की मात्रा अस्थिभंगुरता (आस्टियोपोरोसिस) से बचाती है। रक्तशोधक गुण होने से त्वचारोगों से मुक्ति दिलाकर त्वचा को कांतिमय बनाता है।
टमाटर को सलाद के रूप में सेवन करना या फल की तरह सेवन करना अधिक लाभप्रद होता है। जिनका पाचन कमजोर है, उन्हें भोजन के साथ कम मात्रा में सेवन करना चाहिए। टमाटर अधिक खट्टा न हो, इस तथ्य को ध्यान में रखा जाए।
टमाटर की सब्जी या चटनी में थोड़ा गुड़ या देशीखांड मिला देना चाहिए, जिससे टमाटर का खट्टापन कम हो जाए। मधुमेह के रोगी के लिए उपरोक्त प्रयोग न करें।
टमाटर के लाभ और उपयोग (Uses & Benefits of Tomato in Hindi)
टमाटर खाने के लाभ निम्नलिखित है –
1. भूख की कमी – जठराग्नि मंद पड़ने पर लाल टमाटर काटकर सोंठ चूर्ण तथा सेंधा नमक चूर्ण बुरककर सेवन करने से जठराग्नि तेज होती है, भूख खुलकर लगती है।
2. तृषा रोग (मुंह सूखना) – लाल टमाटर का ताजा रस 150 ग्राम निकालकर उसमें थोड़ी-सी देशी खांड या शक्कर तथा 1-2 नग लौंग पीसकर, मिलाकर पीने से तृषा रोग मिटता है।
3. त्वचा विकार – लाल टमाटर का रस 100-100 ग्राम सुबह-शाम पीने से त्वचा के विकार, जैसे-त्वचा पर लाल चकते, छोटी-छोटी फुसियां तथा त्वचा का रूखापन आदि का निवारण होता है। त्वचा रोगों में सफेद नमक को छोड़ देना चाहिए। आवश्यक हो तो सेंधा नमक का प्रयोग विकल्प के रूप में करना चाहिए।
4. जीर्ण कब्ज (kabj me tamatar khane ke fayde) – कब्ज के रोगी में टमाटर का सलाद के रूप में सेवन करने से तथा टमाटर का सूप या जूस (रस) सेंधा नमक, जीरा, काली मिर्च, काला नमक स्वाद के अनुसार मिलाकर नित्य सेवन करने से आंतों की नाड़ियों को बल मिलता है।
जटिल कब्ज के रोगियों को चोकरयुक्त आटे की रोटी तथा हरी पत्तेदार शाक-सब्जी का सेवन प्रतिदिन करना चाहिए। सलाद (कच्ची सब्जी) भी भोजन के साथ अवश्य सेवन करें।
5. मधुमेह (diabetes me tamatar khane ke fayde) – वर्तमान चिकित्साशास्त्रियों ने ताजे दही तथा टमाटर का सेवन रक्तशर्करा का स्तर कम करने में उपयोगी पाया है।
- नित्य 250 ग्राम लाल टमाटर सलाद के रूप में सेवन करना चाहिए। पथ्य के रूप में चोकरयुक्त आटे की रोटी तथा हरी सब्जी का सेवन करें । मेथी दाना की सब्जी, मेथी के पत्तों का साग, चने की दाल के साथ करेले की बनी सब्जी, पत्ता गोभी, मूली, बैंगन, टमाटर तथा पत्तेदार सभी साग-सब्जी का सेवन कर सकते हैं। गाजर, पालक, मटर, लोबिया, सेम, सहजना आदि भी उपयोगी हैं। शकरकंद, चावल, चीनी, गुड़, केला, आलू सभी मिठाईयां तथा मीठे फल का परहेज आवश्यक है।
- नित्य प्रातः 1 खीरा, 2 केला तथा 2 टमाटर का रस निकालकर पीने से रक्त शर्करा नियंत्रित रहती है।
6. एनिमिया (anemia me tamatar khane ke labh) – टमाटर का रस 100 ग्राम, 2 ग्राम काला नमक मिलाकर प्रतिदिन 2-3 बार पिलाने से लाभ होता है।
7. दांतों और मसूढ़ों के रोग – टमाटर का रस या सूप दिन में 2-3 बार पीने से सभी दंत रोगों में लाभ होता है। रक्त विकार से संबंधित रोग भी दूर होते हैं।
8. ज्वर के बाद कमजोरी – ज्वर के बाद पाचक रसों में कमी होने के कारण भूख तथा स्वाद का अभाव होने से अरूचि अनुभव होती है। टमाटर, मूली, अदरक को काटकर छोटे-छोटे टुकड़े कर लें एवं सेंधा नमक बुरक दें तथा नींबू का रस इन पर निचोड़ दें तथा रोटी के साथ खिलाएं।
9. मुंह में छाले – टमाटर के रस में पानी मिलाकर बार-बार कुल्ला कराने से लाभ होता है।
10. जिव्हा पर सफेदी या मैलापन – टमाटर के रस में पानी मिलाकर बार-बार कुल्ला कराने से लाभ होता है।
11. हृदय की धड़कन बढ़ने पर – 2 टमाटर का रस पानी में मिलाकर 4 ग्राम अर्जुन चूर्ण डालकर पिलाने से लाभ होता
12. अतिसार एवं संग्रहणी – 2 ग्राम कुटज चूर्ण टमाटर के बीच में चीरा लगाकर भर दें तथा टमाटर के आग पर सेंककर ठंडा करके खिलाने से लाभ होता है।
13. अपेन्डिसाइटिस – 250 ग्राम टमाटर के रस के साथ 1-2 ग्राम अदरक थोड़ा-सा सेंधा नमक के साथ सेवन करने से लाभ होता है। ग्रीष्मकाल में टमाटर का शर्बत बनाकर पीने से लाभ होता है।
14. फोड़ा – टमाटर के हरे पत्तों को पीसकर हल्दी के साथ घृत मिलाकर हल्का गरम कर पुलटिस बांधने से फोड़ा जल्दी पकता है तथा मवाद निकल जाता है।
15. आंत्रकृमि – टमाटर का सूप या ताजा रस एक गिलास मात्रा में निकालकर उसमें 2 रत्ती भुनी हुई हींग मिलाकर प्रातः निराहार नित्य पीने से लाभ होता है।
16. आस्टियोपोरोसिस – चार माह तक 2 कप टमाटर का रस नित्य पीने से आस्टियोपोरोसिस में लाभ होता है। एक कप टमाटर के रस में 15 मि. ग्रा. लाइकोपेन तत्त्व प्राप्त होता है, जो कमजोर अस्थियों को सशक्त बनाने में सक्षम है। विशेष रूप से नित्य शुद्ध वायु में प्राणायाम का क्रम अपनाएं तथा सफेद चीनी की जगह देशी खांड का सेवन करें। ताजे फलों का रस भी नित्य पीएं।
17. अजीर्ण – लाल टमाटर को थोड़ा सेंककर काली मिर्च चूर्ण तथा सेंधानमक लगाकर खाने से लाभ होता है।
टमाटर खाने में सावधानी (Tamatar Khane me Savdhani)
नियमित रूप से आग पर चढ़ाकर पके टमाटर की सब्जी से अपच, गैस, हाइपर एसिडिटी आदि दुष्प्रभाव पैदा हो जाएंगे। अतः इनसे बचने के लिए लाल टमाटर को पीसकर दाल एवं सब्जियों में पकाने के बाद ऊपर से मिलाकर सेवन करने से उपरोक्त दुष्प्रभावों से बचा जा सकता है। यह सर्वविदित है कि आग पर पकाने पर सब्जियों के विटामिन सी तथा बी नष्ट हो जाते हैं। टमाटर को फल मानकर फल की तरह खाएंगे तो अधिक लाभप्रद होगा। लाल टमाटर को पीसकर ताजी चटनी बनाकर भी दैनिक जीवन में उपयोगी बना सकते हैं। हाइपर एसिडिटी के रोगी को खट्टे टमाटर का सेवन नहीं करना चाहिए।